आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। जिसमें कई प्रकार की बीमारियों का इलाज और विभिन्न तरीके उपलब्ध है। आयुर्वेद में पांच तत्वों आकाश, अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी का विशेष महत्व है। हमारा शरीर इन्हीं तत्वों से मिलकर बना है। मर्म पॉइंट्स (Marma Points) बॉडी में स्थित वे स्पेसिफिक पॉइंट हैं, जिनके माध्यम से इन तत्वों की ऊर्जा प्रवाहित होती है। मर्म पॉइंट थेरिपी (Marma point therapy) में मसाज के द्वारा इन पॉइंट या स्पॉट को स्टिम्यूलेट (Stimulate) किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति के शरीर में 107 मर्म बिंदु हैं। जहां प्राण ऊर्जा की अधिकता रहती है। यह ऊर्जा शरीर के सभी कार्यों को नियंत्रित करती है। साथ ही मानसिक कार्यों पर भी नियंत्रण रखती है। जब इस ऊर्जा में अवरोध पैदा होता है तो बीमारियां उत्तपन्न होती है। मर्म पॉइंट्स थेरिपी (Marma Points Therapy) में इन्हीं 107 पॉइंट को दबाया जाता है।
मर्म पॉइंट को आसान भाषा में समझें तो ये शरीर के बिंदु या डॉट। चाइनीज मेडिसिन में इन्हें एक्यूपंक्चर (Acupuncture) और एक्यूप्रेशर पॉइंट (Acupressure Point) कहा जाता है तो आयुर्वेद में मर्म पॉइंट्स। आयुर्वेद और चीनी चिकित्सा दोनों के अनुसार ऊर्जा इन बिंदुओं से स्थित हो सकती है। दोनों पद्धतियों में इस ऊर्जा को रिलीज, स्टिम्यूलेट और कंट्रोल करने के लिए पद्धतियां मौजूद हैं। फिर चाहे वह मर्म पॉइंट मसाज थेरिपी हो या एक्यूपंक्चर या एक्यूप्रेशर। ऐसा भी माना जाता है कि मर्म पॉइंट्स में लगने वाली किसी प्रकार की चोट हेल्थ को नुकसान पहुंचाती है। यहां तक कि वह व्यक्ति की मृत्यू का कारण भी बन सकती है।
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मर्म पॉइंट्स (Marma points) कहां स्थित होते हैं?
ऐसा माना जाता है कि 107 मर्म पॉइंट्स बॉडी में अलग-अलग जगहों पर स्थित होते हैं।
- 11 मर्म पॉइंट्स पैर और बांह में होते हैं।
- 26 मर्म पॉइंट्स सिर और गर्दन के आसपास होते हैं।
- 33 मर्म पॉइंट्स बॉडी में अन्य जगहों पर स्थित होते हैं।
इन पॉइंट्स को स्टिम्यूलेट करने के लिए मर्म पॉइंट्स थेरिपी का उपयोग किया जाता है। इस थेरिपी एक्सपर्ट का लाभ की मदद से लिया जा सकता है। इसके अलावा कई लोग इस थेरिपी को सीखकर खुद भी अपना इलाज करते हैं।
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मर्म पॉइंट्स थेरिपी (Marma points Therapy)
‘मर्म’ का मतलब होता है ऐसा पॉइंट जो आपको मार सकता है (a point that can kill) या मौत का कारण बन सकता है। इसलिए कुछ मर्म पॉइंट का यूज मार्शल आर्ट्स में किया जाता है। हालांकि मर्म पॉइंट्स थेरिपी (Marma Points Therapy) या कहें कि मर्म पॉइंट मसाज (Marma Point Massage) में इन पॉइंट्स का उपयोग उपचार के लिए किया जाता है। इन पॉइंट्स को न्यूरोलिम्फेटिक पॉइंट्स (Neuroliphatic points) भी कहा जाता है जिनको स्टिम्यूलेट करके लिम्फ (Lymph) को हटाने के साथ ही शरीर के अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाया जाता है। मर्म पॉइंट्स थेरिपी का मुख्य उद्देश्य उर्जा पर नियंत्रण करना है, लेकिन यह साथ ही स्टिफ मसल्स (Stiff Mussels) से राहत देने और सर्क्युलेशन को बढ़ाने में भी मददगार है। मर्म पॉइंट्स थेरिपी में मसाज के द्वारा मर्म पॉइंट को स्टिम्यूलेट किया जाता है। इसमें उपयोग किए जाने वाले ऑयल का उपयोग व्यक्ति के आयुर्वेदिक दोष (Ayurvedic Dosha) (वात, पित्त, कफ दोष) के आधार पर किया जाता है। यह मसाज प्रशिक्षित मसाज थेरेपिस्ट के द्वारा दी जाती है। जिनको मर्म पॉइंट्स की लोकेशन और फंक्शन के बारे में अच्छा ज्ञान होता है।
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मर्म पॉइंट्स थेरिपी या मर्म पॉइंट मसाज कैसे की जाती है? (Process of Marma Point therapy)
मर्म पॉइंट्स (Marma Points) की लोकेशन के बारे में जानकारी होने पर आप उनका उपयोग कर सकते हैं। इन पॉइंट्स पर हल्के हाथ से मसाज करके आप उन्हें स्टिम्यूलेट कर सकते हैं। हालांकि इन बिंदुओं को दबाने की अलग-अगल विधि है। हर एक बिंदु को दबाने के लिए अगल उंगली का उपयोग किया जाता है। .8 सेकंड की गति से इन बिंदुओं पर दबाव डाला जाता है, और ऐसा करीब 15-17 बार किया जाता है। जिसका असर लगभग 5 घंटे तक रहता है। असर कम होने पर दोबारा यह तकनीक अपनाई जाती है। एक बार इसका अच्छा ज्ञान होने के बाद या किसी प्रशिक्षित से इस थेरिपी को सीखने के बाद घर पर इसका अभ्यास किया जा सकता है।
- इसमें उंगली से मर्म पॉइंट्स पर पांच मिनट तक मसाज किया जाता है या इसको दबाया जाता है।
- पॉइंट पर सर्कुलर मोशन में मसाज किया जाता है।
- मसाज के लिए हर्बल या एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जाता है।
इसके लिए मर्म पॉइंट्स की सही जानकारी होना जरूरी है। जानते हैं कुछ मर्म पॉइंट्स के बारे में।
तलहृदय पॉइंट
इस पॉइंट को हाथ का दिल कहा जाता है। यह पॉइंट हथेली के बीच में पाया जाता है। यह पॉइंट हार्ट चक्र से जुड़ा होता है। पूरी बॉडी में सर्क्युलेशन को प्रोत्साहित करने में यह महत्वपूर्ण बिंदु माना जाता है। इसका संबंध फेफड़ों और रेस्पिरेटरी हेल्थ (Respiratory Health) से भी है। इस पॉइंट पर पांच मिनट के लिए सर्क्युलर मोशन में मसाज करें। इसके लिए एसेंशियल ऑयल जैसे कि यूकेलिप्टस का उपयोग किया जा सकता है। यह ब्लॉक साइनस (Sinus) से राहत देने के साथ ही हाथ को ऊर्जा प्रदान करता है।
इंद्रबसती
यह पॉइंट पिंडलियों के मसल्स के सेंटर में होता है। आयुर्वेद के अनुसार यह पॉइंट हमारे डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive System) और स्माल इंटेस्टाइन (Small Intestine) की गतिविधयों को कंट्रोल करता है। इस पॉइंट पर 5 मिनट तक स्ट्रॉन्ग मसाज करने से डायजेस्टिव फायर (Digestive Fire) में वृद्धि होती है। जिससे डायजेशन में सुधार होता है। अगर मसाज के लिए सौंफ, अदरक, दालचीनी और काली मिर्च वाले एसेंशिएल ऑयल का उपयोग किया जाए तो रिजल्ट और बेहतर आता है।
फन
यह पॉइंट नोजस्ट्रिल (Nostrils) के साइड में होते हैं, जो नाक के बाहर स्थित होते हैं। यह पॉइंट्स प्राण ऊर्जा को कंट्रोल करते हैं। इस पॉइंट पर 5 मिनट तक स्ट्रॉन्ग मसाज सर्क्युलर मोशन में की जाती है। जब इस पॉइंट पर इंडेक्स फिंगर का उपयोग किया जाता है तो यह सिर दर्द के लक्षणों और साइनस कंजेशन (Sinus congestion) को दूर करने में मदद करता है। इसका प्रभाव तब बढ़ जाता है जब यूकेलिप्टस, पिपरमिंट और कपूर वाले ऑयल का उपयोग किया जाता है।
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अन्य मर्म पॉइंट (Other Marma point)
- स्थपनी मर्म पॉइंट- यह वह बिंदु होता है जहां महिलाएं बिंदी लगाती हैं। इस पॉइंट को दबाया जाए या मसाज की जाए तो व्यक्ति की याद्दाश्त (Memory) अच्छी होती है।
- भोंहों के शुरुआत से लेकर आखिर तक दबाने तक सिर दर्द और तनाव कम होता है। भोंह के आखिर में अपांग मर्म पॉइंट होता है। यह डिप्रेशन (Depression) को दूर करने में मददगार होता है।
- तलवों के एकदम मध्य में मर्म पॉइंट्स होते हैं जो फेफड़ों की सेहत (Lung Health) को बेहतर करते हैं।
- चिन के बीच में मर्म पॉइंट्स होते हैं जो आंख, नाक, कान, जीभ और शरीर की कई नर्व्स (Nerves) को प्रभावित करते हैं।
इन पॉइंट्स के अलावा दूसरे मर्म पॉइंट्स पर मसाज करने पर भी कई फायदे होते हैं। कई मर्म पॉइंट्स थेरिपिस्ट का दावा है कि इस थेरिपी से हायपरटेंशन (Hypertension) और डायबिटीज (Diabetes) जैसी बीमारियों को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
मर्म पॉइंट्स थेरिपी के फायदे (Marma Points Therapy Benefits)
मर्म पॉइंट्स थेरिपी (Marma Points Therapy) को लेकर ज्यादा साइंटिफिक रिसर्च मौजूद नहीं है। कुछ स्टडीज में इस चिकित्सा के फायदे सामने आए हैं। एनसीबीआई (NCBI) में छपी एक स्टडी में कोहनी में पाए जाने वाले मर्म पॉइंट्स का महत्व बताया है। ऐसा माना जाता है कि इस मर्म पॉइंट्स में चोट लगने पर हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। इस स्टडी में 80 पार्टिसिपेंट जिन्होंने इस मर्म पॉइंट पर इंजरी का अनुभव किया उन्हें हाथ के बाकी हिस्सों में काफी नुकसान पहुंचा। इसके साथ ही एनसीबीआई (NCBI) एक दूसरी स्टडी के अनुसार ही मर्म पॉइंट्स थेरिपी से स्ट्रोक (Stroke) रोगियों को भी लाभ पहुंचा है। मर्म पॉइंट्स थेरिपी (Marma Points Therapy) के अन्य लाभ बताए गए हैं जो निम्न हैं।
- दर्द से छुटकारा दिलाने में सहायक
- शरीर टॉक्सिन्स (Toxins) को निकालने में मददगार
- डायजेशन (Digestion) और एब्जॉर्प्शन सुधारने में फायदेमंद
- बॉडी के ऑर्गन्स के फंक्शन को सुधारने में मददगार
- स्किन हेल्थ को बेहतर बनाती है
- बॉडी के तापमान को संतुलित करने के साथ ही दोषों को संतुलित करने में मददगार
- इम्यूनिटी (Immunity) बढ़ाने में सहायक
- सेरोटॉनिन, मेलाटॉनिन (Serotonin, melatonin) जैसे न्यूरो कैमिकल्स को रिमूव करने मददगार है। जिससे मेंटल एबिलिटी में सुधार होता है। जिससे अच्छी नींद भी आती है।
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मर्म पॉइंट्स थेरिपी (Marma points Therapy) एक पारंपरिक आयुर्वेदिक मालिश थेरिपी है जो आपके पूरे शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करती है। आपके शरीर के चारों ओर 107 मर्म बिंदु स्थित हैं। कहा जाता है कि इन बिंदुओं को उत्तेजित करने से अंगों का स्वास्थ्य से लेकर हॉर्मोन के उत्पादन तक सब कुछ प्रभावित होता है।
यदि आप मर्म पॉइंट थेरेपी का लाभ उठाना चाहते हैं तो किसी प्रमाणित आयुर्वेदिक मसाज थेरिपिस्ट संपर्क करना ठीक होगा। एक बार अच्छी जानकारी होने के बाद आप इस तकनीक खुद अपना सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और मर्म पॉइंट्स थेरिपी और मर्म पॉइंट्स मसाज थेरिपी के फायदों से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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