हमारे शरीर में हर अंग का अपना काम होता है जैसे आंखों का देखने, कानों का सुनने, पैरों का चलने का। ऐसे ही हमारे शरीर में ब्लैडर का काम है शरीर से हानिकारक पदार्थों को यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकालना। अगर ब्लैडर में कोई समस्या है, तो यह कई यूरोलॉजिक डिजीज यानी मूत्र संबंधित परेशानियों का कारण बन सकता है। ऐसा ही एक रोग है जिसे यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) कहा जाता है। इस रोग में पीड़ित व्यक्ति को मूत्र त्याग में समस्या होती है। आज इस लेख में हम आपको यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) के बारे में पूरी जानकारी देंगे। जानिए क्या और कैसे होती है यह समस्या। इससे जुड़े घरेलू नुस्खों के बारे में जानना न भूलें।
यूरिनरी हेसिटेंसी क्या होती है? (What is Urinary Hesitancy)
यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) की समस्या उसे कहा जाता है जब किसी को मूत्र त्याग करने में और यूरिन स्ट्रीम को बनाए रखने में समस्या होती है। हालांकि, यह बीमारी किसी भी उम्र के पुरुष या महिला को हो सकती है लेकिन बुजुर्ग पुरुषों को एन्लार्जड प्रोस्टेट के कारण यह समस्या अधिक होने की संभावना होती है। कई मामलों में यह समस्या यूरिनरी रिटेंशन (urinary retention) का कारण भी बन सकती है। ऐसा तब होता है जब आप मूत्र त्याग के लिए पूरी तरह से असमर्थ हों और यह स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। अगर किसी को भी इस समस्या के लक्षण नजर आते हैं तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि इसके अंडरलाइंग कारणों को दूर किया जा सके। जानिए, क्या होते हैं यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) के लक्षण।
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यूरिनरी हेसिटेंसी के लक्षण (Symptoms of Urinary Hesitancy)
यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) का मुख्य लक्षण है यूरिन को शुरू करने और यूरिन स्ट्रीम को बनाए रखने में समस्या होना। समय के साथ यह समस्या बढ़ सकती है। यही नहीं, कुछ समय के बाद रोगी अपने ब्लैडर को पूरी तरह खाली करने में असमर्थ रहता है। जब व्यक्ति ब्लैडर को पूरा खाली करने में असमर्थ रहता है तो इसे यूरिनरी रिटेंशन (Urinary Retention) कहा जाता है। इसके कारण ब्लैडर में सूजन आ सकती है और यह एक आपातकालीन स्थिति है। यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) से पीड़ित व्यक्ति को इनमें से कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए:
- मूत्र त्याग में असमर्थता (Inability to Urinate at all)
- बुखार (Fever)
- कंपकपी (Shaking)
- कमर के निचले हिस्से में दर्द (Lower back pain)
- ठंड लगना (Chills)
- उल्टी आना (Vomiting)
यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) विभिन्न प्रकार की चिकित्सा स्थितियों के परिणामस्वरूप हो सकती है। इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। जानिए क्या हैं इसके कारण
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यूरिनरी हेसिटेंसी के कारण क्या हैं? (Causes of Urinary Hesitancy)
यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ महिलाओं को तो कुछ पुरुषों को प्रभावित करते हैं। इसके कारणों के अनुसार ही इसका सही उपचार संभव है। यूरिनरी हेसिटेंसी के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
- एक्सीडेंट, स्ट्रोक, डायबिटीज या ब्रेन डैमेज के कारण नर्व डैमेज (Nerve Damage from Accidents, Strokes, Diabetes, or Brain Damage)
- सर्जरी के दौरान एनेस्थेसिया (Anesthesia from Surgery)
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infections)
- किडनी और ब्लैडर में स्टोन (Kidney or Bladder Stones)
- कुछ दवाईयां जैसे डिकंजेस्टेंट (Medications, such as Decongestants)
- सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस (Sexually Transmitted Infections)
- कैंसर का ट्यूमर एक ब्लॉकेज का कारण बनता है (Cancerous Tumor Causing a Blockage)
- मनोवैज्ञानिक स्थितियां (Psychological Conditions)
- ब्लैडर मसल डिसऑर्डर (Bladder Muscle Disorders)
- वोयडिंग डिस्फंक्शन (Voiding Dysfunction)- वोयडिंग डिस्फंक्शन एक ऐसी टर्म है, जिसका उपयोग यूरिनरी ट्रैक्ट में ब्लैडर मसल और मूत्रमार्ग के बीच कोआर्डिनेशन में गड़बड़ी की स्थिति का को बताने के लिए किया जाता है।
यह तो थे, इस बीमारी के कुछ सामान्य कारण। लेकिन,पुरुषों और महिलाओं में इस रोग का अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
पुरुषों में इस रोग के कारण (Causes of Urinary Hesitancy in Men)
पुरुषों में यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) का एक सामान्य कारण है और वो है बिनाइन, एन्लार्जड प्रोस्टेट (Enlarged Prostate)। यह किसी भी उम्र के पुरुषों में हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों में इसकी संभावना अधिक होती है।
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महिलाओं में इस रोग के कारण (Causes of Urinary Hesitancy in Women)
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) की संभावना कम होती है। लेकिन, महिलाओं में गर्भावस्था और शिशु के जन्म के बाद यह समस्या हो सकती है। इन स्थितियों के कारण महिलाओं को शिशु के जन्म के बाद यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) रोग हो सकता है:
- एपीसीओटॉमी (Episiotomy)
- पेरिनियल टेयरिंग (Perineal Tearing)
- प्रसव के दौरान फोरसेप्स या वैक्यूम का उपयोग (Use of Forceps or Vacuum during Childbirth)
- एपिड्यूरल का उपयोग (Epidural Use)
- शिशु का वजन 4000 ग्राम से अधिक होना (Baby Weighing over 4000 Grams)
यूरिनरी हेसिटेंसी की समस्या शिशु के जन्म के बाद ब्लैडर या यूरिनरी ट्रैक्ट के आसपास की नर्वस को चोट लगने से हो सकती है। उचित पोस्टपार्टम ब्लैडर केयर (Proper Postpartum Bladder Care), जिसमें मूत्राशय को हर 6 घंटे में एक बार खाली करना शामिल है, बच्चे के जन्म के बाद यूरिनरी हेसिटेंसी(Urinary Hesitancy) को रोकने और इससे राहत पहुंचाने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, महिलाओं में इस रोग का अन्य सामान्य कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शंस (Urinary Tract Infections) हो सकते हैं।
यूरिनरी हेसिटेंसी से जुड़ी जटिलताएं (Complications of Urinary Hesitancy)
यूरिनरी हेसिटेंसी के सामान्य मामलों में भी वीक यूरिन फ्लो या यूरिनेशन को शुरू करने में समस्या पर ध्यान न देना या सही समय पर इलाज न कराना, परेशानी को बहुत अधिक बढ़ा सकता है। ऐसे में सबसे जरूरी है इसके लक्षणों को सही समय पर पहचान कर इसका उपचार कराना। हालांकि, यूरिनरी हेसिटेंसी के लक्षण इंफेक्शन के समान भी हो सकते हैं जैसे बुखार या दर्द। लेकिन किसी भी स्थिति में आपको इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
यूरिनरी हेसिटेंसी का निदान (Diagnosis of Urinary Hesitancy)
यूरिनरी हेसिटेंसी के निदान के लिए डॉक्टर आपसे इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) के अंडरलाइंग कारकों और मूत्र त्याग से जुडी अन्य समस्याओं के निदान के लिए आपसे मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी जाना जाएगा। डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री को जानने के लिए आपसे इन सवालों को पूछ सकते हैं:
- आप इस समस्या का अनुभव कितने समय से कर रहे हैं?
- क्या यह परेशानी आपको एकदम शुरू हुई या आप पहले भी इस समस्या के लक्षणों को महसूस कर रहे थे?
- क्या आपका यूरिन फ्लो कमजोर है?
- कोई चीज इस समस्या से आपको आराम पहुंचाती है या किसी चीज से यह बदतर होती है?
- क्या यूरिन ट्रैक्ट से संबंधित आपको कोई अन्य समस्या भी है?
इन सब जवाबों को जानने के बाद आपके डॉक्टर आपको कुछ मेडिकल टेस्ट्स कराने के लिए भी कह सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- यूरिन टेस्ट (Urine Test)
- ब्लैडर का अल्ट्रासाउंड (Ultrasound of the Bladder)
- सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy)
- यूरोडायनामिक टेस्टिंग (Urodynamic Testing)
- इलेक्ट्रोमायोग्राफी (Electromyography)
- प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (Prostate-Specific Antigen)
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यूरिनरी हेसिटेंसी का उपचार (Treatment of Urinary Hesitancy)
यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) का उपचार इसके अंडरलाइंग कारणों पर निर्भर करता है। हालांकि, इसके कुछ मामलों में घरेलू उपचार भी लाभदायक हो सकते हैं। लेकिन, इस समस्या के स्टैंडर्ड उपचार इस प्रकार हैं:
- इंफेक्शन के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं (Antibiotics for Infections)
- डॉक्टर एंलार्जड प्रोस्टेट के लिए दवाईयां दे सकते हैं (Medicines for Enlarged Prostate)
- प्रोस्टेट ब्लॉकेज से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी की जाती है (Surgery to Relieve a Prostate Blockage)
- मूत्रमार्ग को डायलेट करने की प्रोसीजरस की भी सलाह दी जा सकती है (Procedures to Dilate the Urethra)
- मूत्रमार्ग से स्कार टिश्यूस को निकाला जा सकता है (Removal of Scar Tissue within the Urethra)
घरेलू उपाय (Home Remedies for Urinary Hesitancy)
यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) के कई मामलों में होम रेमेडीज यानी घरेलू उपाय बेहद लाभदायक हो सकते हैं। जैसे अपने पेट के निचले हिस्से पर गर्म पानी का सेक देने से मसल्स को आराम मिलता है और यूरिन फ्लो सुधरता है। जानिए ऐसे ही कुछ अन्य घरेलू नुस्खों के बारे में:
- अपने यूरिनेशन पैटर्न को ट्रैक करें और समय-समय पर अपने डॉक्टर से इस बारे में जांच कराएं। उन सब चीजों से बचें जो इस समस्या को बढ़ाती हैं।
- ब्लैडर के ऊपरी हिस्से पर हल्के प्रेशर के साथ मालिश करें। इसे ब्लैडर को खाली होने में मदद मिलती है।
- यूरिनेशन को बढ़ाने के लिए गर्म पानी से स्नान करें या शावर लें। इससे भी आपको फायदा होगा।
- जितना अधिक हो सके अधिक पानी पीएं।
अन्य उपाय (Other Tips)
कुछ अन्य उपाय अपनाने से भी यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) ही नहीं बल्कि आपको पूरी तरह से स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी। इसके लिए आपको कुछ हेल्दी हैबिट्स को बनाना होगा, जो इस प्रकार हैं
- खुद को एक्टिव रखें (Keep yourself active) : फिजिकल एक्टिविटीज न करने से आपको मूत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए सैर करें, जॉगिंग,योग, साइकिलिंग या स्विमिंग करें। कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) भी आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
- मेडिटेट करें (Meditate) : चिंता और तनाव भी इस समस्या का कारण हो सकता है। इससे बचने के लिए मेडिटेट करें और खुश रहें। अगर यह समस्या अधिक हो तो डॉक्टर की सलाह लें। पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है। दिन में कम से कम आठ घंटे की नींद लें।
- देर न करें (Don’t delay) : जब भी आपको मूत्र त्याग का मन हो, तो सबसे पहले अपने ब्लैडर को खाली करें। ब्लैडर को खाली करने में देरी करना भी आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
- कैफीन या एल्कोहॉल का सेवन न करें (Avoid Caffeine and Alcohol) : कैफीन और एल्कोहॉल दोनों ही ब्लैडर के लिए हानिकारक हैं और यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) का कारण बन सकती हैं। इसलिए, इनका सेवन कम से कम करें।
- सही आहार लें (Eat Right Food) : अनहेल्दी आहार लेने से आपकी यह समस्या बढ़ सकती है। इसलिए अपने भोजन में फल, सब्जियों, साबुत अनाज आदि को शामिल करें। अनहेल्दी चीजों को खाने से बचें।
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यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) की समस्या को हल्के में न लें। अगर आप इस या यूरिन फ्लो से जुड़ी किसी भी समस्या को हल्के में लेते हैं तो इसके लक्षण बदतर हो सकते हैं। यह समस्या गंभीर और दर्द भरी हो सकती है। जब आप मूत्र त्याग से संबंधित कोई भी समस्या या लक्षण नोटिस करते हैं तो उसी समय मेडिकल हेल्प लें। आपके डॉक्टर इसके कारणों को जानकर लक्षणों को बदतर होने से बचा सकते हैं।