backup og meta

गुस्से का प्रभाव बॉडी के लिए बुरा, हो सकती हैं पेट व दिल से जुड़ी कई बीमारियां

गुस्से का प्रभाव बॉडी के लिए बुरा, हो सकती हैं पेट व दिल से जुड़ी कई बीमारियां

कहते हैं न कि क्रोध में इंसान दूसरों का कम और अपना ही नुकसान ज्यादा करता है। गुस्से का प्रभाव हेल्थ पर बुरा पड़ता है। संयमित क्रोध आपके लिए उपयोगी हो सकता है जो आपको सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है। दूसरी ओर क्रोध एक शक्तिशाली भावना है जिसे सही रूप में नहीं संभाला गया, तो यह आपके लिए विनाशकारी परिणाम भी दे सकती है। अनियंत्रित क्रोध से व्यक्ति तर्क-वितर्क, शारीरिक झगड़े, शारीरिक शोषण, मारपीट तक करके खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। आज हम इस लेख में शरीर पर गुस्से का प्रभाव कैसे पड़ता है इस विषय में समझने की कोशिश करेंगे।

क्रोध के दुष्परिणाम

हल्का-फुल्का गुस्सा करना लाजमी है, लेकिन अत्यधिक क्रोध करने से इसका दुष्परिणाम शरीर और मन दोनों पर पड़ता है।

गुस्से का प्रभाव आपके दिल पर भी

क्रोध और शत्रुता जैसी भावनाएं आपको लड़ाई करने के लिए उकसा सकती हैं। जब ऐसा होता है, तो एड्रेनालीन और कोर्टिसोल स्ट्रेस हार्मोन, हृदय गति और श्वास गति को बढ़ा देते हैं। इससे एनर्जी लेवल बढ़ता है और आपकी रक्त वाहिकाएं कस जाती हैं। जिससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यदि ऐसा अक्सर होता है, तो इससे आपकी धमनी की दीवारों पर बुरा असर पड़ता है। इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।

एक रिपोर्ट में, शोधकर्ताओं ने पाया कि स्वस्थ लोग जो अक्सर गुस्से में या शत्रुतापूर्ण होते हैं, उन्हें हृदय रोग होने की संभावना शांत लोगों की तुलना में 19% अधिक होती है।

यह भी पढ़ें : क्या गुस्से में आकर कुछ गलत करना एंगर एंजायटी है?

दिमाग पर गुस्से का प्रभाव

क्रोध आने पर मस्तिष्क में ऐसे रासायनिक तत्व बनते हैं, जिनका शरीर के साथ-साथ मेंटल हेल्थ पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। जो लोग ज्यादा गुस्सा करते हैं उनमें ब्रेन स्ट्रोक की संभावना ज्यादा होती है।

गुस्से का प्रभाव ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है

जब हम किसी बात को लेकर बहुत जल्द प्रतिक्रिया करने लगते हैं तो धीरे-धीरे शरीर में रक्त का प्रभाव तेजी से होने लगता है। जो आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी को जन्म देता है।

यह भी पढ़ेंः मेंटल हेल्थ वीक : आमिर खान ने कहा दिमागी और भावनात्मक स्वच्छता भी उतनी ही जरूरी है, जितनी शारीरिक

गुस्से का प्रभाव दिमाग पर

छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने से आप तनाव और डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। जिसके चलते आप खुश रहने की बजाय उदास और मायूस रहने लगते हैं या फिर अपना गुस्सा हमेशा दूसरों पर निकालने की सोच रखते हैं।

यह भी पढ़ेंः आखिर क्यों कुछ लोगों को अकेले रहने में मजा आता है?

गुस्से का प्रभाव डाइजेस्टिव सिस्टम पर

ज्यादा गुस्सा करने से आपकी पाचन शक्ति कमजोर होती है। रिसर्च में भी यह पाया गया है कि जो लोग अधिक गुस्सा करते हैं या फिर मन में नकारात्मक बातें रखते हैं उनमें दूसरों की तुलना में खाना तीन से चार घंटे बाद पचता है। उनमें पाचन संबंधी अन्य समस्याएं जैसे पेट दर्द भी हो सकती हैं।

यह भी पढ़ें : चिंता और निराशा दूर करने का अचूक तरीका है गार्डनिंग

नींद पर गुस्से का प्रभाव

स्वस्थ जीवन के लिए साउंड स्लीप बहुत जरुरी है। मगर जो लोग अत्यधिक गुस्सा करते हैं, उनके दिमाग की कोशिकाएं इतनी स्ट्रेस में आ जाती हैं कि उनके लिए चैन की नींद ले पाना मुश्किल काम हो जाता है और अनिद्रा की समस्या जन्म ले लेती है।

कुछ छोटी और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं जिन्हें गुस्से से जोड़ा गया है, उनमें शामिल हैं:

  • सिर दर्द
  • डिप्रेशन
  • त्वचा की समस्याएं, जैसे एक्जिमा

यह भी पढ़ेंः क्यों कुछ लोगों को लगता है बार-बार होता है उन्हें सच्चा प्यार?

गुस्से पर कंट्रोल करना सीखें

  • यदि आप गुस्से को नियंत्रण से बाहर महसूस करते हैं, तो उस स्थिति से बाहर निकलने का प्रयास करें जब तक की वह स्थिति सामान्य ना हो जाए।
  • भावना को जीवन का हिस्सा मानें और स्वीकार करें।
  • आप जिन कारणों से गुस्सा महसूस करते हैं, उनके सटीक कारणों को खोजने की कोशिश करें।
  • एक बार जब आप समस्या की पहचान कर लेते हैं, तो, उन बातों पर विचार करें जिससे उन्हें ठीक किया जाना चाहिए।
  • किसी ऐसे करीबी व्यक्ति से बात करें और बताएं कि आप क्या महसूस कर रहे हैं।
  • अगर आपको लगता है कि आपका गुस्सा आप पर हावी हो रहा है तो किसी भी प्रकार का व्यायाम जैसे दौड़, स्विमिंग, साइकिलिंग, योग, मार्सल आर्ट्स, नाचना, बॉक्सिंग नियमित रूप से प्रतिदिन करें। शारीरिक गतिविधि आपके मन में उत्पन्न होने वाले तनाव को कम करती है।
  • यह ना सोच कर कि क्या आपको गुस्सा दिलाता है यह सोचें कि क्रोध को आप कैसे काबू कर सकते हैं और इसके समाधान क्या हो सकते हैं? जैसे कि हो सकता है आपका साथी आपको समय ना दे पा रहा हो अपने ऑफिस के कुछ कामों के कारण तो साथ बिताने के लिए हफ्ते में कुछ विशेष समय फिक्स करें।
  • बातों और दिमाग की गर्मी में कुछ लोगों को यह ध्यान नहीं रहता की बोल क्या रहे हैं। अपने मुख से निकले हुए हर एक शब्द को सोच-समझ कर बोलें क्योंकि सोच समझकर बोलने वाला व्यक्ति कभी भी गुस्सा या क्रोधित नहीं होता है।
  • अच्छी नींद लें। सोने से आपका मन शांत होता है। अगर आपको नींद की समस्या है तो तुरंत अपने डॉक्टर से इस विषय में बात करें।
  • अगर आप जानते हैं कि आपको गुस्सा बहुत आता है तो ज्यादातार आपको खुशी देने वाली चीजों के विषय में सोचें या फिर आप कोई ऐसा चीज भी कर सकते हैं जिससे आपका मन खुश होता है।

यह भी पढ़ें : चिंता VS डिप्रेशन : इन तरीकों से इसके बीच के अंतर को समझें

कई लोग अपने गुस्से को अनुचित और हानिकारक तरीकों से व्यक्त करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

क्रोध विस्फोट –

कुछ लोगों का अपने क्रोध पर बहुत कम नियंत्रण होता है। ऐसे लोग शारीरिक शोषण या हिंसा तक कर सकते हैं। जो इंसान अपने स्वभाव को नियंत्रित नहीं कर पाता है, वह अपने आपको परिवार और दोस्तों से अलग कर लेता है। कुछ लोग जो गुस्सैल होते हैं, उनमें आत्म-सम्मान कम होता है। वे अपने क्रोध का उपयोग दूसरों को परेशान और खुद को शक्तिशाली महसूस कराने के लिए करते हैं।

यह भी पढ़ें: Peripheral Vascular Disease: पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज क्या है?

क्रोध दमन

कुछ लोग मानते हैं कि क्रोध एक अनुचित या ‘बुरा’ भाव है और इसे दबाने की कोशिश करते है। हालांकि, बोतलबंद गुस्सा अक्सर अवसाद और चिंता में बदल जाता है। कुछ लोग बच्चों या पालतू जानवरों पर अपना गुस्सा निकालते हैं।

यह भी पढ़ें : दिमाग नहीं दिल पर भी होता है डिप्रेशन का असर

गुस्से को कंट्रोल करने के टिप्स

अपने गुस्से की निगरानी के लिए एक डायरी रखें। उन बातों पर गौर करने की कोशिश करें कि आपको क्यों गुस्सा आता है। उनको लिखें और समाधान का प्रयास करें। गुस्से को आप अपने आत्मबल से रोक सकते हैं। गुस्से के वीभत्स रुप को आप शांत कर सकते हैं। छोटे-छोटे प्रयासों से आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं। एंगर मैनेजमेंट के प्रशिक्षण पर विचार करें।

उम्मीद है कि शरीर पर गुस्से का प्रभाव कैसा होता है यह तो आप समझ गए होंगे। अगर आपको भी बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो आज से ही उसे कंट्रोल में रखने की कोशिश करें। ताकि आप सेहत से जुड़ी इन परेशानियों से बच पाएं। गुस्से का प्रभाव विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।

और पढ़ें:-

संयुक्त परिवार (Joint Family) में रहने के फायदे, जो रखते हैं हमारी मेंटल हेल्थ का ध्यान

न्यू ईयर टार्गेट्स को पूरा करने की राह में स्ट्रेस मैनेजमेंट ऐसे करें

सनकीपन क्या है, महिलाओं और पुरुषों में क्या अलग होता है पागलपन ?

खुश रहने का तरीका क्या है? जानिए खुशी और सेहत का संबंध

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Anger – how it affects people . https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/anger-how-it-affects-people. Accessed on 28 Aug 2019

Anger management. https://www.helpguide.org/articles/relationships-communication/anger-management.htm. Accessed on 28 Aug 2019

Anger management. https://www.healthdirect.gov.au/anger-management. Accessed on 28 Aug 2019

Anger as a Basic Emotion and Its Role in Personality Building and Pathological Growth: The Neuroscientific, Developmental and Clinical Perspectives. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5681963/. Accessed on 28 Aug 2019

 

Current Version

07/06/2020

Smrit Singh द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Nidhi Sinha


संबंधित पोस्ट

Rumination Syndrome: जानिए रुमिनेशन सिंड्रोम क्या है? जानिए रुमिनेशन सिंड्रोम के लक्षण, कारण और इलाज क्या है! 

Ways to Stop Overthinking: ओवर थिंकिंग से बचने के उपाय में फॉलो करें सिर्फ 5 आसान टिप्स! 


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Smrit Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/06/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement