मानसिक बीमारी और व्यक्तित्व विकार ये ऐसे विषय हैं जिनके बारे में बहुत ही कम लोग बात करते हैं। अक्सर इस स्थिति के शिकार खुद ही इसका अंदाजा नहीं लगा पता हैं। लेकिन इसका असर हमारी पर्सनल लाइफ और वर्क लाइफ पर पड़ता है। इसमें इंसान की कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। मानसिक बीमारी और व्यक्तित्व विकार जैसी स्थितियों के कुछ खास लक्षण और कारण यहां पर हम बता रहें हैं।
1. मानसिक बीमारी (Mental Illness) क्या है?
मानसिक बीमारी जिसे मानसिक स्वास्थ्य विकार (mental health disorders) भी कहा जाता है। इसमें ऐसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं जिससे व्यक्ति की मनोदशा, सोच और व्यवहार प्रभावित होता है। जैसे- डिप्रेशन, चिंता विकार, सिजोफ्रेनिया, ईटिंग डिसऑर्डर, पर्सनालिटी डिसऑर्डर आदि। कई लोगों को समय-समय पर घर, ऑफिस या पैसे से संबंधित मानसिक चिंताएं होती हैं लेकिन यही मानसिक चिंताएं जब काफी समय तक चलती रहती हैं तो ये मानसिक विकार में बदल जाती हैं। मेंटल डिसऑर्डर से ग्रसित इंसान को उपचार के लिए मनोरोग चिकित्सा के साथ-साथ परिवार और दोस्तों के साथ की भी आवश्यकता होती है।
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मानसिक बीमारी (Mental Illness) के क्या कारण हो सकते हैं?
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के आनुवांशिक, वातावरण, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक आदि कारण हो सकते हैं। इनमें से मुख्य कारण निम्न प्रकार से हैं:
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आनुवंशिक कारण
मानसिक बीमारी होने की शंका उन लोगों में बढ़ जाती है जिनके परिवार में किसी को पहले मानसिक बीमारी रही हो। जैसे-पर्सनालिटी डिसऑर्डर्स, मंदबुद्धि होना, सिजोफ्रेनिया आदि रोग उन लोगों में ज्यादा मिलते हैं, जिनके परिवार में पहले कोई इन बीमारियों से पीड़ित हुआ हो।
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वातावरण
गर्भ के दौरान लिया गया ज्यादा स्ट्रेस, विषाक्त पदार्थों का सेवन, शराब या ड्रग्स कभी-कभी बच्चे में मानसिक बीमारी का कारण बनते हैं।
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मनोवैज्ञानिक कारण
आपसी संबंधों में तनाव की स्थिति, किसी प्रिय व्यक्ति की मौत, शादी/प्यार में असफलता आदि मनोरोगों के कारण बन सकते हैं।
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न्यूरोट्रांसमीटर
मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का एक कारण न्यूरोट्रांसमीटर में आया हुआ परिवर्तन भी हो सकता है। दरअसल, न्यूरोट्रांसमीटर मस्तिष्क रसायन हैं जो संकेतों को आपके मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों तक ले जाते हैं। जब इन रसायनों से जुड़ा नर्वस सिस्टम ठीक से काम नहीं करता है, तो मानसिक विकार जन्म लेते हैं।
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मानसिक विकार के सामान्य लक्षण क्या हैं?
अधिकतर मानसिक रोगों से ग्रसित लोगों के लक्षण लगभग समान ही होते हैं। ये इस प्रकार हैं:
- सामाजिक लोगों से कटाव और अकेले रहना
- याददाश्त कमजोर होना
- उदास महसूस करना
- ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी
- किसी भी गतिविधि में भाग लेने के लिए इच्छा की कमी
- अपने आप से ही कटा-कटा महसूस करना
- कामकाज में असामान्यता
- खेल आदि में अरूचि
- एकाग्रता में समस्या
- अत्यधिक क्रोध आना
- डर या दूसरों के प्रति शक
- मनोदशा में अत्यधिक परिवर्तन
- हिंसक व्यवाहार
- हमेशा नर्वस महसूस करना
- शराब या नशीली दवाओं का सेवन करना
- अजीब व्यवहार करना
इन लक्षणों से भी पहचानें कही आप मानसिक रोग के शिकार तो नहीं
- खुद से नफरत करने लगना
- खुद को खत्म करने की भावना आना
- ये याद न रहना कि आप आखिरी बार कब खुश थे
- बिस्तर से उठाना या नहाने जैसे कार्यों को करना बहुत बड़ा काम लगने लगना
2. पर्सनालिटी डिसऑर्डर (व्यक्तित्व विकार) क्या हैं?
मानसिक रूप से अस्वस्थ इंसान के सोचने, भावनाओं को महसूस करने और व्यवहार करने का तरीका आम व्यक्ति से बिल्कुल अलग होता है। आमतौर पर ऐसा इंसान हर समय एक जैसा ही व्यवहार करता है। पर्सनालिटी डिसऑर्डर भी ऐसा ही एक मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति के व्यवहार में बहुत ज्यादा बदलाव आ जाते हैं। इन बदलावों की वजह से रोगी की दिनचर्या बहुत बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है। इस तरह के मानसिक विकारों की खास बात यह होती है कि खुद पीड़ित व्यक्ति को एहसास नहीं होता कि वह किसी मानसिक समस्या का शिकार हुआ है। पैरानोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर, एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर, बॉर्डर पर्सनालिटी डिसऑर्डर, मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर, नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर कुछ मुख्य व्यक्तित्व विकार हैं।
व्यक्तित्व विकार के कारण क्या हैं?
व्यक्तित्व विकार की वजह आनुवांशिकता, वातावरण, पालन-पोषण के तरीके और सामाजिक परिवेश आदि हो सकते हैं।
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आनुवांशिक
जिन लोगों के करीबी रिश्तेदारों में व्यक्तित्व विकार की समस्या रही है, आगे आने वाली पीढ़ी में भी इस समस्या के होने की संभावना बढ़ जाती है।
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वातावरण का योगदान
जिनका अतीत दर्दनाक घटनाओं जैसे-बचपन में यौन उत्पीड़न, शारीरिक प्रताड़ना आदि से भरा हो, ऐसे लोगों में व्यक्तित्व विकार होने की संभावना होती है।
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दिमागी संरचना
जिन लोगों में व्यक्तित्व विकार होता है, उनका भावनात्मक बर्ताव और लोगों से काफी अलग होता है। ऐसे में दिमागी संरचना या दिमागी रसायन में गड़बड़ी, व्यक्तित्व विकार का एक महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। ऐसी स्थिति में दिमाग का वह हिस्सा जो भावनाओं व निर्णय लेने की क्षमताओं को नियंत्रित करता है वह शरीर के बाकी हिस्सों के साथ तालमेल नहीं कर पाता है यानि सूचनाएं आगे नहीं भेज पाता है।
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व्यक्तित्व विकार के लक्षण क्या हैं?
किसी व्यक्ति में पर्सनालिटी डिसऑर्डर तो नहीं है, यह जांचने के लिए व्यक्ति में दिखने वाले कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- किसी के व्यवहार में अचानक से बहुत ज्यादा बदलाव आ जाना
- दूसरे लोगों पर बहुत अधिक निर्भर रहने लग जाना
- सामाजिक रूप से अलग-थलग रहना
- हर किसी से घुलना मिलना बंद कर देना
- अचानक बहुत अधिक गुस्सा करना
- अचानक बहुत शांत हो शाना
- हमेशा डरे-डरे रहना
- अपने ऊपर नियंत्रण न रख पाना
- अच्छे व्यक्तिगत रिश्ते न बना पाना
- अपने आस पास लोगों को शक की नजरों से देखना
- बात करने में कतराना
- भीड़ में जाने से डरना आदि।
पर्सनालिटी डिसऑर्डर हो या अन्य कोई मानसिक बीमारी, डॉक्टर की हिदायतों के अनुसार इलाज करवाने के साथ ही दिनचर्या को संतुलित बनाए रखें। नियमित तौर पर एक्सरसाइज, भरपूर नींद, सही मात्रा में पौष्टिक भोजन आदि से जल्द रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में मानसिक बीमारी और व्यक्तित्व विकार से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको खुद में या अपने किसी करीबी में ये लक्षण नजर आते हैं तो उनका अच्छे से ख्याल रखें। मानसिक बीमारी और व्यक्तित्व विकार से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।