परिचय
मस्तिष्क संक्रमण (Brain Infection) क्या है?
हमारा मस्तिष्क स्पाइनल कॉर्ड और उसके आसपास का ढांचा विभिन्न प्रकार के रोगाणुओं से संक्रमित हो सकता है। परजीवी, कवक (फंगी) और अन्य जीव केंद्रिया तंत्रिका तंत्र (CNS) को संक्रमित कर सकते हैं। संक्रमण फैलाने वाले रोगाणु प्रभावित हिस्से में सूजन का कारण बनते हैं। संक्रमण किस हिस्से में हुआ है, उसी के आधार पर उसे अलग-अलग नाम दिए जाते हैं।
मेनिंजाइटिस एक प्रकार का संक्रमण है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी (मेनिंजेस) के आसपास की मेंब्रेन की सूजन का कारण बनता है। इस मेम्ब्रेन के फ्लूड को सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड (CSF-सीएसएफ टेस्ट) कहा जाता है। इंसेफेलाइटिस भी दिमाग की एक सूजन है। मायलिटिस (Myelitis) भी fहकीकत में स्पाइनल कॉर्ड की इनफ्लेमेशन है। एब्सेस (Abscess) भी एक संक्रमण फैलाने वाला एक पदार्थ है। साथ ही यह एक सूक्ष्म जीव हैं, जो केंद्रिय तंत्रिका तंत्र (CNS) में कही भी हो सकता है।
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निम्नलिखित मस्तिष्क के अन्य सामान्य संक्रमण हैं:
- टोक्सोप्लास्मोसिस (Toxoplasmosis) इसे टोक्सो नाम से भी जाना जाता है। यह टोक्सोप्लाजमा गोंडी (Toxoplasma gondii) परजीवी से फैलता है।
- सेरेब्रल सिस्टिसेरकोसिस (Cerebral cysticercosis) पोर्क टेपवॉर्म (pork tapeworm) से फैलता है।
- ट्रिकोनोसिस (Trichinosis) राउंडवॉर्म ट्रिचिनेल्ला स्पिरलिस (roundworm Trichinella spiralis) से फैलता है।
- अमेरिका में मस्तिष्क का संक्रमण सबसे ज्यादा कीड़े से फैलता है, जिसे लायम डिजीज (Lyme disease) कहा जाता है।
- कोकिडिओआइडयल मेनिंजाइटिस (Coccidioidal meningitis) मस्तिष्क का संक्रमण है, जो गंभीर समस्याएं पैदा करता है।
- यह कोकिडिओमाकोसिस (वेली बुखार) (coccidiomycosis) (valley fever) से फैलता है। दक्षिण पश्चिम अमेरिका में यह एक सामान्य फंगल इंफेक्शन है।
- मेनिंजाइटिस मस्तिष्क संक्रमण फैलाने वाला एक असामान्य कारक है, जो कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है। यह एक प्रकार का कवक है, जो क्रप्टोकोकुस (Cryptococcus) परिवार से संबंध रखता है।
- टीबी, मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस ( Mycobacterium tuberculosis) यह लसीका से होते हुए आपके सीएनएस (मस्तिष्क) में फैल सकता है।
ब्रेन इंफेक्शन होना कितना सामान्य है?
हर मामले में मस्तिष्क संक्रमण के कारक अलग-अलग हो सकते हैं। मस्तिष्क संक्रमण की अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
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लक्षण
मस्तिष्क संक्रमण के क्या लक्षण हैं?
ब्रेन इंफेक्शन के विभिन्न प्रकारों में अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं। मस्तिष्क संक्रमण के लक्षण व्यक्ति की उम्र, बैक्टीरिया और संक्रमण के प्रकार पर निर्भर करता है। इसी के साथ ही इसके लक्षण बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करते हैं।
सामान्यतः गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन में निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं:
- तेज बुखार
- गंभीर सिर दर्द
- गर्दन में जकड़न
- उबकाई
- उल्टी
- चमकदार रौशनी में देखते वक्त असहजता का अहसास।
- उनींदापन
- मतिभ्रम
- नवजात और शिशुओं में इसके लक्षण चिड़चिड़ापन और अधिक नींद आना हो सकते हैं। वह सही तरीके से फीड भी नहीं करते हैं। साथ ही वह गोद में लेने पर असहज रहते हैं। हालांकि, मस्तिष्क संक्रमण बढ़ने के बाद उन्हें दौरे पड़ सकते हैं।
- गंभीर मेनिंजाइटिस बैक्टीरिया, विशेषकर मेनिंगोकोककल (meningococcal) से आप पूरी तरह से होश खो देते हैं। इसके अतिरिक्त, आप कोमा में भी जा सकते हैं। इसके लक्षण चेहरे पर बैंगनी रंग के रैशेज के रूप में भी आते हैं।
- नवजात और शिशु को मस्तिष्क संक्रमण होने पर उसके सिर पर ‘सॉफ्ट स्पॉट्स’ या धब्बे पड़ सकते हैं। साथ ही उसकी बाजुओं और पैरों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। वायरल मस्तिष्क संक्रमण में व्यक्ति कम बीमार नजर आता है। उसकी बॉडी में फ्लू जैसे हल्के लक्षण और संकेत नजर आ सकते हैं।
- मस्तिष्क संक्रमण में कुछ ऐसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप मस्तिष्क संक्रमण के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर से परामर्श करें।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ब्रेन इंफेक्शन का शुरुआती दौर में पता लगाकर इलाज करना काफी जरूरी है। हालांकि, मेनिंजाइटिस और सीएनएस के अन्य संक्रमणों का कारण अन्य दवाइयां हो सकती हैं। ऐसे में घबराने की आवश्यकता नहीं है। कम उम्र के बच्चों में मेनिंजाइटिस के लक्षण काफी नजर आ सकते हैं। मस्तिष्क संक्रमण में बच्चा काफी रो सकता है। वह खाना-पीना कम कर सकता है। बच्चा चिड़चिड़ा रह सकता है। शायद वह उदास भी हो सकता है। मेनिंजाइटिस या मस्तिष्क के अन्य प्रकार के संक्रमण का शक होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यदि ब्रेन इंफेक्शन में व्यक्ति के होश खो बैठने, तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी, उल्टी, दौरे और तेज सिर दर्द जैसी समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, यदि बच्चा खाना-पीना कम कर दे और तेज बुखार और उल्टी होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
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कारण
ब्रेन इंफेक्शन के क्या कारण हैं?
बैक्टीरिया और वायरस मस्तिष्क संक्रमण के सामान्य कारण हैं।
निम्नलिखित बैक्टीरिय मस्तिष्क संक्रमण को फैला सकते हैं:
- स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया (Streptococcus pneumonia) (निमोकोकल मेजिंनाइटिस) (pneumococcal meningitis)
- नेइससेरिया मेनिंजाइटिस (मेनिंगोकोकल मेनिंजाइटिस) Neisseria meningitidis (meningococcal meningitis)
- हेमोफिलस इनफ्लूएंजा टाइप बी (Hib) Haemophilus influenza type b (Hib)
- वेस्ट निले वायरल और इंसेफेलाइटिस फैलानी वाली अन्य प्रजातियों के बैक्टीरिया (लुइस इंसेफेलाइटिस, वेस्टर्न इंसेफेलाइटिस, ईस्टर्न इंसेफेलाइटिस, ला इंसेफेलाइटिस) (Louis encephalitis, western equine, eastern equine encephalitis, and La Crosse encephalitis)
- हर्पीस प्रजाति के वायरस (हर्पीस सिंप्लेक्स टाइप 1 और टाइप 2, वेरिसेल्ला जोस्टर, इपस्टेइन-बार के साथ-साथ साइटोमेगालोवायरस) (herpes simplex types 1 and 2, varicella zoster, Epstein-Barr, cytomegalovirus)
- एक छोटा पोलिओवायरस (poliovirus)
- रुबेला वायरस (rubella virus)
- रेबीज
- एचआईवी
- जीका वायरस (Zika virus)
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जोखिम
मस्तिष्क संक्रमण के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
ब्रेन इंफेक्शन में निम्नलिखित जोखिम हो सकते हैं:
- क्रॉनिक ओटिटिस (Otitis) या साइनोसाइटिस
- दांत, जबड़ों, चेहरे या स्काल्प में संक्रमण
इसके अलावा आप मस्तिष्क संक्रमण में जोखिमों की विस्तृत जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ब्रेन इंफेक्शन का निदान कैसे किया जाता है?
- अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के समान ही मस्तिष्क संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। क्रॉनिक या पार्शियली मेनिंजाइटिस, इंसेफेलाइटिस जैसे या अन्य दुर्लभ संक्रमण में हल्का ब्रेन इंफेक्शन होने पर इसका पता लगाना मुश्किल होता है।
- मस्तिष्क संक्रमण का पता लगाने के लिए डॉक्टर इसके क्लीनिकल लक्षणों की जांच कर सकता है।
- चेतना के साथ बर्ताव और पर्सनैलिटी में तेज बुखार के साथ परिवर्तन आने पर यह सीएनएस का संभावित लक्षण होता है। विशेषकर किसी व्यक्ति में मेनिंजाइटिस चिड़चिड़ेपन के साथ तेज बुखार, गर्दन में दर्द या अकड़न या घुटनों के विस्तार में कठोरता आना। यह स्थिति मस्तिष्क संक्रमण का लक्षण हो सकती है। हिप्स और गर्दन में इनवॉलेंट्री फ्लेक्सन होना मस्तिष्क संक्रमण का संकेत हो सकता है।
- ब्रेन इंफेक्शन का पता लगाने के लिए डॉक्टर आंख की मेन नर्व की जांच कर सकता है। पुतली की प्रतिक्रिया और आंखे के मूवमेंट की जांच की जा सकती है। यह इंट्राक्रेनायल प्रेशर (intracranial pressure (ICP)) का संकेत भी हो सकते हैं। जो एब्सेस या एडवांस्ड मेजिंनाइटिस या इंसेफेलाइटिस में नजर आते हैं। साथ ही न्यूरोलॉजी से संबंधित सभी टेस्ट भी किए जा सकते हैं। इससे डॉक्टर को नर्वस सिस्टम में समस्या के संकेत और लक्षणों का पता लगाने में मदद मिलती है।
- इसके अलावा, ब्रेन इंफेक्शन का पता लगाने के लिए सामान्य ब्लड टेस्ट और यूरिन का नमूना लिया जा सकता है। साथ ही नाक, ब्लड, यूरिन या रेस्पिरेटरी सिक्रेशन (respiratory secretions) या म्युकस का विशेष कल्चर टेस्ट किया जा सकता है।
सीटी स्कैन और एमआरआई से जांच
- इमेजिंग अध्ययनों जैसे सिर का सीटी स्कैन कॉन्ट्रास्ट (विशेष डाई के साथ, जिसे दिमाग को स्पष्ट रूप से देखने के लिए इंजेक्शन के जरिए डाली जाती है) या एमआरआई स्कैन कॉन्ट्रास्ट के साथ किया जा सकता है। इन दोनों ही जांच से मस्तिष्क के भीतर दबाव बनने के कारण का पता लगाया जा सकता है। साथ ही यह मेनिंजाइटिस की जटिलताओं को भी दिखाता है।
- मस्तिष्क संक्रमण की जांच स्पाइनल फ्लूड का नमूना लेकर भी की जाती है। इस टेस्ट में लुंबर सेक्शन से फ्लूड लिया जाता है, जिसे हम स्पाइनल टैप के नाम से जानते हैं। इस जांच में एक छोटी सुई को लोअर बैक की वर्टिब्रा में डाला जाता है, जहां पर स्पाइनल कैनाल में फ्लूड आसानी से उपलब्ध होता है। इसके बाद स्पाइनल फ्लूड के नमूने को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाता है। प्रयोगशाला में सीएनएस संक्रमण का पता लगाया जाता है। यहां पर बैक्टीरियल और अन्य प्रकार के संक्रमण के अंतर का पता लगाया जाता है। साथ ही मस्तिष्क संक्रमण किस सूक्ष्म जीव से फैला है, इस कारण का भी पता लगाया जाता है।
- लुंबर पंक्चर की प्रक्रिया काफी सुरक्षित माना जाती है। मस्तिष्क संक्रमण का पता लगाने के लिए इसमें स्पाइनल कॉर्ड के अंत में सुई डाली जाती है। इसमें किसी भी प्रकार की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं नहीं आती हैं।
- न्यूनतम मात्रा में फ्लूड नमूने के तौर पर लिया जाता है। यह तकनीक ऐसी होती है, जिससे इंफेक्शन होने की संभावना कम होती है। इसके ज्यादातर साइड इफेक्ट्स में सिर दर्द और सुई वाले हिस्से पर हल्की टेंडरनेस आती है।
- एक्स-रे या अन्य किसी चिकित्सा जांच में दिमाग में दबाव के सुबूत मिलते हैं तो लुंबर पंक्चर टेस्ट नहीं किया जाता है।
मस्तिष्क संक्रमण का इलाज कैसे होता है?
डॉक्टर की सलाह पर निम्नलिखित उपयुक्त तरीकों से इलाज किया जाता है:
- नस के जरिए एंटीबायोटिक्स दवाइयां दी जाती हैं। साथ ही बुखार और सिर दर्द में मस्तिष्क संक्रमण के इलाज की दवाइयां दी जाती हैं। सांस लेने में मस्तिष्क संक्रमण में सांस लेने में परेशानी होने पर उसे ऑक्सीजन दी जाती है। साथ ही उसे मॉनिटर किया जाता है।
- उल्टी और उबकाई में IV फ्लूड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स रिप्लेसमेंट दिया जाता है। दौरे का इलाज करने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं।
- चिड़चिड़े या हल्के बेचैन लोगों को मामूली नशीली दवाइयां दी जाती हैं।
- मस्तिष्क में सूजन के साक्ष्य मिलने पर स्टेरॉयड दिया जाता है। हालांकि, मेनिंजाइटिस में अडल्ट्स को स्टेरॉयड देने पर अभी भी आम राय नहीं है। बच्चों में हिब मेनिंजाइटिस के कुछ मामलों, IV स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल किया जाता है। इससे संभावित बहरेपन को कम किया जाता है।
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इलाज का तरीका
- बैक्टीरियल सीएनएस संक्रमण शक वाले गंभीर रूप से बीमार लोगों का एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया जाता है। आमतौर पर यह दवाइयां सूक्ष्म जीवों को टारगेट करती हैं। आपातकालीन विभाग में डॉक्टर के इसका पता लगाने के 30 मिनट के भीतर पहला डोज दिया जाता है। इसके अलावा, लुंबर पंक्चर से पहले यदि संभव होता है तब उस स्थिति में भी यह डोज दिया जाता है। लुंबर पंक्चर जांच के नतीजे आने पर सूक्ष्म जीवों की पहचान हो जाती है। इसके बाद सबसे ज्यादा प्रभावकारी एंटीबायोटिक्स दवाइओं से उपचार शुरू किया जाता है।
- ब्रेन एब्सेस का इलाज काफी जटिल है। ब्रेन एब्सेस एक प्रकार का मस्तिष्क संक्रमण है। एब्सेस संक्रमण का इलाज इसके आकार और जगह पर निर्भर करता है। ऐसे में न्यूरोसर्जन के द्वारा ड्रेनेज का सहारा भी लिया जा सकता है। बैक्टीरियल मेनिंजाइटिस में इस्तेमाल की जाने वाली थेरेपी एंटीबायोटिक थेरेपी के समान ही होती है।
- वायरल इंफेक्शन: ब्रेन इंफेक्शन में ज्यादातर वायरल इंफेक्शन अपने आप ही ठीक हो जाती हैं। इसमें किसी विशेष इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, हर्पीस वायरस इसमें एक अपवाद है। इस प्रकार के मस्तिष्क संक्रमण में विशेष एंटिवायरल ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह मस्तिष्क संक्रमण हर्पीस वायरस के कारण होता है, जिसका इलाज इस तकनीक से किया जाता है।
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे ब्रेन इंफेक्शन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
- यदि किसी व्यक्ति में मस्तिष्क संक्रमण के किसी भी प्रकार का शक होता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही उनके दिशा निर्देशों का पालन करें।
- मस्तिष्क संक्रमण में मरीज को ठंडा रखने के लिए तापमान कम करने वाली दवाइयां दी जानी चाहिए। यह दवाइयां बुखार को कम करती हैं।
- यदि मस्तिष्क संक्रमण में व्यक्ति को उल्टी हो रही है तो उसे एक तरफ से लिटाएं। ऐसा करने से वह उल्टी को निगल या चोक नहीं कर पाएंगे।
- मस्तिष्क संक्रमण में किसी भी प्रकार की हैवी या तेज एक्सरसाइज या एक्टिविटी न करें। मरीज को बिस्तर पर आराम करने के लिए कहें। हमेशा डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
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रोकथाम के उपाय
- ब्रेन इंफेक्शन की रोकथाम में हिब (Hib) वैक्सीन काफी सुरक्षित और कारगर साबित होता है। हालांकि, बच्चों के टीकाकरण में इस वैक्सीन को दिया जाता है। आपको वैक्सीनेशन के वक्त यह सुनिश्चित करना है कि आपके बच्चो को हिब वैक्सीन समय पर दिया गया है या नहीं।
- निमोकोककल मेनिंजाइटिस (pneumococcal meningitis) के खिलाफ लड़ने वाला एक वैक्सीन काफी कारगर साबित हो सकता है। यह इस प्रकार के मस्तिष्क संक्रमण को फैलने से रोकता भी है। हालांकि, दो वर्ष से छोटे बच्चों में यह वैक्सीन कारगर नहीं होता है। साथ ही यह दो वर्ष से लेकर 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को इस वैक्सीन की सलाह दी जाती है।
- मेनिंजाइटिस से संक्रमित किसी व्यक्ति के श्वसन अंग जैसे गले से निकलने वाला सलाइवा, बलगम, नाक के म्युकस के संपर्क में आने से यह फैल सकता है। इसके अलावा, यह किसिंग (Kissing) या चीजों को साझा करने से भी फैल सकता है। आप इस प्रकार के मस्तिष्क संक्रमण को रोक सकते हैं। इसके लिए संक्रमण के संपर्क में आने वालीं चीजें जैसे पानी की बोतल, ग्लास, स्ट्रॉ, दांतों के ब्रश, लिपस्टिक या सिगरेट को साझा न करें।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखें। इनके छींकने या खांसने से बैक्टीरिया आपके संपर्क में आ सकता है। इससे आपको मस्तिष्क संक्रमण होने की संभावना ज्यादा रहेगी।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं। इम्यून सिस्टम हेल्दी है, यह सुनिश्चित करने के लिए आपको एक संतुलित और पौष्टिक डायट लेनी पड़ेगी। हरी पत्तेदार सब्जियां और फल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करते हैं। इससे बॉडी बैक्टीरिया से आसानी से लड़ सकती है।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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