दर्द कोई भी हो पीड़ादायक होता है अब चाहे पेट दर्द, पैर दर्द, कान दर्द या फिर दांत का दर्द ही क्यों ना हो। वैसे दांत दर्द की समस्या आम है लेकिन दांत का दर्द बहुत खतरनाक होता है। क्यूंकि दांतों के नर्व का कनेक्शन दिल और दिमाग दोनों से होता है और दांत का दर्द की वजह से आप खाना-पीना भी ठीक से नहीं कर पाते हैं तो आप सेहत से भी कमज़ोरी महसूस कर सकते हैं।
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दांत का दर्द क्या है? (What is Toothache?)
दांत दर्द को अंग्रेजी में टूथएक कहते हैं। दांतों में होने वाले दर्द को ही दांत का दर्द कहते हैं। दांतों में सड़न के कारण दांत और मसूड़ों में दर्द होने लगता है। खानपान के कारण और दांतों का विशेष ध्यान न रखने पर ही टूथएक की समस्या होती है। दांत का दर्द किसी भी उम्र में हो सकता है। दांत का दर्द से पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा परेशान रहती हैं।
दांत का दर्द होने के कारण (Causes of toothache)
दांतों में सड़न होना बड़ों और बच्चों में दांत का दर्द का सबसे बड़ा कारण है। मुंह के बैक्टीरिया शुगर और स्टार्च के कारण दांतों में फैलने लगते हैं। ये बैक्टीरिया दांतों के प्लाक में चिपक जाते हैं। दांतों के प्लाक में बैक्टीरिया एसिड बनाने लगते हैं, जिससे दांतों में सड़न के कारण कैविटी हो जाती है। दांतों में सड़न का पहला लक्षण दर्द है, जिससे दांतों में ठंड या गर्म चीजें लगती हैं।
दांत का दर्द होने का और भी कई कारण हैं :
- दांत की जड़ों या दांत का फ्रैक्चर होने के कारण
- खाना खाने के बाद दांतों के बीच में जूठन फंसने के कारण
- दांत टीसने के कारण या दांत में घाव लगने के कारण
- मसूड़ों या दांत के जड़ों में संक्रमण होने के कारण
- कभी-कभी दांत के क्रैक हाेने के कारण दर्द
- अक्ल दाढ़ आने के कारण भी दर्द होता है
- साइनस इंफेक्शन के कारण भी दांत में दर्द महसूस होता है।
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दांत दर्द के क्या लक्षण है?
दांत दर्द के लक्षण निम्न हैं :
- जब दांत का दर्द होता है तो चुभन के साथ दर्द का एहसास होता है।
- दांत के आसपास सूजन आ जाती है
- बुखार
- सिरदर्द
- दांतों में संक्रमण हो जाता है
- खाना चबाने में परेशानी होती है
- गर्म या ठंडा खाते समय सेंसिटिविटी का एहसास होना
- मसूड़ों से खून आना
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दांत का दर्द के घरेलू इलाज क्या है? (Toothache Home remedies)
लौंग (Clove)
दांत का दर्द होने पर मुंह में लौंग रखने से फायदा मिलता है और तेज़ दर्द होने पर लौंग के तेल की कुछ बूंदें कॉटन (रुई) में लगाकर दांतों के पास रखने से आराम मिलता है। ध्यान रहें लौंग का तेल अगर ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करते हैं तो इससे नुकसान होगा।
दांत का दर्द का घरेलू उपचार – आलू (Potato)
आलू छील कर उसे प्रभावित दांतों पर रखने से आराम मिलेगा।
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नींबू (Lemon)
नींबू में विटामिन-सी की मात्रा ज्यादा होती है जो दांत का दर्द में राहत देता है। दर्द वाले हिस्से पर नींबू के रस को लगाने से फायदा होता है।
लहसुन (Garlic)
लहसुन की कली को नमक डाल कर दांतों पर लगाने से भी दांत का दर्द में राहत मिलती है।
बर्फ (Ice)
दर्द वाले हिस्से पर बर्फ से सिंकाई करने से भी फायदा मिलता है।
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प्याज (Onion for Toothache)
कच्चे प्याज के टुकड़े को दांतों पर रखने से भी फायदा होता है।
सरसों का तेल (Mustard Oil for toothache)
सरसों के तेल में नमक मिलकर इससे दांतों और मसूड़ों पर मसाज करने से भी फायदा मिलता है।
टी बैग (Tea bag for toothache)
गर्म पानी में टी बैग डीप कर लें और फिर उसे दर्द वाली जगह पर रखकर सिंकाई करें इससे दर्द धीरे-धीरे कम होगा।
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दांतों के साथ लापरवाही न करें
- डेंटिस्ट से रेग्यूलर दांतों का चेकअप कराते रहें।
- दांत में हो रहे किसी भी समस्या पर (मामूली दांत का दर्द होने पर भी) तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- दांतों या मसूड़ों में हो रही परेशानी को डॉक्टर से छिपाए नहीं।
- दांतों की सफाई नियमित रूप से और सही तरीके से करें।
- जरूरत से ज्यादा टूथ पिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे चोट लगने की संभावना बनी रहती है।
- ढाई से तीन महीने में अपना टूथ ब्रश बदल दें।
दांत का दर्द होने पर डॉक्टर से मिलना होगा लाभकारी
- दर्द की वजह से खाने-पीने में ज्यादा परेशानी होना।
- खाने में स्वाद नहीं मिलना।
वैसे अक्सर ये देखा जाता है की दांत का दर्द होने पर घरेलू नुस्खे अपना कर या पेनकिलर की मदद से कुछ वक्त या दिनों के लिए तो राहत मिल जाती है लेकिन फिर से दर्द होने का खतरा बना रहता है। लेकिन अगर ये ज्यादा दिनों तक ठीक ना हो तो ऐसी स्थिति में इलाज करवाना जरूरी होता है। क्योंकि कोई भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पुरानी होने के साथ-साथ एक नई समस्या खड़ी कर देती है।
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दांत का दर्द दूर रहने के लिए ओरल हाइजीन का रखें ध्यान
दिन में दो बार करें ब्रश
दांत दर्द से दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका है कि दांतों को दिन में दो बार ब्रश करना। इससे प्लाक के जमने की संभावना बहुत कम हो जाती है। प्लाक दांतों और मसूड़ों के बीच एक चिपचिपी परत की तरह जमता चला जाता है, जो आगे चल कर दांत दर्द का कारण बनता है। जो दांतों व मसूड़ों को खराब कर कैविटी और सूजन का कारण बनता है। नियमित रूप से ब्रश न करने पर यह परत और भी ठोस होने लगती है, जिसे टार्टर कहते हैं।
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टूथब्रश का करें सही चुनाव
टूथब्रश का चुनाव करते समय हमेशा याद रखें कि ब्रश के ब्रिसल्स सॉफ्ट हों। जिससे दांतों की सफाई भी हो जाए और मसूड़ों को नुकसान भी न हो। वहीं, हर तीन महीने में अपना ब्रश जरूर बदल लें। लेकिन अगर ब्रश के ब्रिसल्स उससे पहले भी हार्ड हो जाते हैं तो उसे बदलने में देरी न करें।
टूथपेस्ट चुनें वही, जो दांतों के लिए हो सही
उसी टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें, जिसमें फ्लोराॅइड की मात्रा पाई जाती हो। इससे दांतों की बाहरी परत इनेमल को मजबूती मिलती है और दांतों को सड़न से बचाने में भी मदद मिलती है। अच्छा टूथपेस्ट दांत दर्द से भी बचाव करता है। अगर माउथवॉश चुन रहे हैं, तब भी फ्लोराइड युक्त माउथवॉश चुनें।
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फ्लॉसिंग को न करें इग्नोर
मुंह में दांतों और मसूड़ों को तो हम ब्रश से साफ कर लेते हैं। लेकिन इसके अलावा कई जगहों पर ब्रश नहीं पहुंच पाता है। इन जगहों की सफाई के लिए फ्लॉसिंग की जाती है। फ्लॉसिंग एक बेहतर विकल्प है। जो दांतों के बीच के हिस्से में पहुंचकर जूठन को बाहर निकालता है।
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सही तरीके से करें ब्रश
दांत दर्द से दूर रहने के लिए ब्रश करने का सही तरीका अपनाएं। ब्रश करने का सही तरीका ब्रश को दांतों के इनेमल यानी जोड़ पर ऊपर से नीचे और दाएं से बाएं की ओर करना है। इसके अलावा दांतों की साफ-सफाई के साथ जीभ की सफाई का भी ध्यान रखें।
हैलो स्वास्थ्य किसी तरह का मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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