जैसे ही मौसम बदलता है उसका असर त्वचा और शरीर पर दिखने लगता है और बात जब गर्मियों में शिशु की देखभाल (Baby care in summers) की हो, तो विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। दरअसल, गर्मियों में शिशु को इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए गर्मियों में शिशु की देखभाल कैसे की जाए? गर्मी में बेबी केयर टिप्स क्या हैं? अगर ये सवाल आपके भी हैं तो इसका जवाब इस आर्टिकल में मिल जाएगा। “हैलो स्वास्थ्य” से हुई बातचीत में डॉ. निखिल गुप्ता (अम्बा वीमेन एंड चिल्डर्न हॉस्पिटल, कानपुर) ने गर्मियों में शिशु की देखभाल (Baby care in summers) के 7 आसान टिप्स बताएं।
और पढ़ें : बेबी स्माइल ना करे, तो पेरेंट्स क्या करें?
गर्मियों में शिशु की देखभाल (Baby care in summers) के लिए टिप्स
हाइड्रेशन है जरूरी
गर्मियों में शरीर से पसीना निकलने की वजह से बॉडी को लिक्विड की ज्यादा जरूरत पड़ती है। अगर शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं तो जल्दी-जल्दी बच्चे को स्तनपान कराना सुनिश्चित करें। गर्मियों में शिशु की देखभाल (Baby care in summers) के लिए सबसे सही होगा कि शिशु को हाइड्रेटेड रखें। छह महीने से ज्यादा के बच्चों को ताजे फलों का रस भी दिया जा सकता है।
एक बच्चे को सामान्य रूप से अपने वजन के प्रति पाउंड 2 औंस दूध (Milk) की जरूरत होती है। हालांकि, बच्चे के शरीर की यह आवश्यकता गर्मियों के मौसम में 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। अगर सामान्य रूप से आप बच्चे को प्रतिदिन 20 औंस दूध पिलाती हैं, तो गर्मियों के मौसम में उसे 30 औंस दूध की खुराक दें। लेकिन, इसके साथ ही मां को भी अपने आहार का खास ध्यान रखना होगा। क्योंकि बच्चे को मिलने वाली खुराक मां से ही प्राप्त होती है, तो मां को अपनी गर्मियों की डायट में पोषक तत्वों के साथ-साथ ताजे फलों के जूस की मात्रा बढ़ानी चाहिए।
कपड़ों का चुनाव हो सही
गर्मियों में शिशु की देखभाल के लिए शिशु को ढीले कपड़े पहनाएं जिससे बच्चा आसानी से सांस ले सके। शिशु को हल्के रंग के कॉटन के कपड़े पहनाएं। कॉटन फैब्रिक आरामदायक होता है शरीर का पसीना यह आसानी से सोख लेता है। वहीं, धूप में बाहर निकलते समय शिशु को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं। सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे के बीच घर से बाहर निकलना अवॉयड ही करें।
खाना हो ताजा
अगर बच्चा सॉलिड फूड खाने लगा है तो उसे ताजा खाना ही खिलाएं। इस मौसम में बच्चों को पेट के इंफेक्शन (Stomach infection) की आशंका अधिक रहती है। वहीं, छह महीने के या इससे छोटे बच्चे का इम्यूनिटी कम होती है इसलिए शिशु को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है। पेट के इन्फेक्शन (Infection) को रोकने के लिए शिशु को उबला हुआ पानी पिलाएं।
घमौरियों से बचाव
गर्मियों में बच्चों को हीट रैशेज या घमौरियां होना काफी आम हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नहाने के पानी में दो चम्मच चंदन पाउडर डालकर शिशु को नहलाएं। शिशु को ढीले-ढाले कपड़े पहनाएं और ऑयली लोशन या क्रीम का उपयोग न करें, जिनसे रोम छिद्र बंद हो सकते हैं।
और पढ़ें : क्या आप अपने बच्चे को खिलाते हैं ये कलरफुल सुपरफूड ?
टैल्कम पाउडर के इस्तेमाल में सावधानी बरतें
शिशु को नहलाने के बाद टैल्कम पाउडर (Talcum powder) का उपयोग बहुत ज्यादा मात्रा में न करें। अधिक मात्रा में टैल्कम पाउडर के इस्तेमाल से त्वचा के रोम छिद्र बंद हो सकते हैं। साथ ही इस बात का जरूर ध्यान रखें कि पाउडर इधर-उधर न उड़े, क्योंकि हो सकता है शिशु के सांस लेने के दौरान पाउडर अंदर चला जाए।
बाथ टाइम
गर्मियों में शिशु की देखभाल (Baby care in summers) के लिए रोजाना एक से दो बार नहलाया जा सकता है। बस याद रहे पानी न तो ज्यादा ठंडा हो न ही गर्म। साथ ही, हर दिन बच्चे के नहाने का समय निश्तिच करें।
जब बाहर हो जाना डायपर तभी लगाना
गर्मी में बेबी केयर के समय यह याद रखें कि बच्चे को डायपर (Diaper) तभी लगाएं जब बाहर जा रहे हों। दरअसल, गर्मियों के दौरान शिशु को स्किन रैशेज, इंफेक्शन, एलर्जी आदि का खतरा अधिक रहता है और इसकी वजह डायपर हो सकता है।
और पढ़ें : शिशु को डायपर रैशेज से बचाने के लिए घरेलू उपाय
शिशु के लिए ए.सी. का टेम्प्रेचर कितना होना चाहिए?
नवजात शिशु के लिए कमरे के तापमान सामान्य होना आवश्यक है। एसी का तापमान शिशु के लिए 25 डिग्री ही उचित रहेगा। शिशु को सीधी ठंडी हवा से बचाएं। वहीं, अगर एयर कूलर का इस्तेमाल कर रही हैं तो, सुनिश्चित करें यह साफ रहे और कूलर का पानी समय-समय पर बदला जाए। गंदे पानी में मच्छर पनपेंगे और डेंगू की संभावना बढ़ जाएगी।
और पढ़ें : बच्चों के लिए मिनिरल सप्लिमेंट्स हो सकते हैं लाभकारी, लेकिन डॉक्टर से कंसल्टेशन के बाद
गर्मियों में शिशु की मालिश कर सकते हैं?
शिशु की देखभाल के लिए तेल की मालिश की जाती है लेकिन, गर्मियों में ऑयल मसाज (Oil massage) से त्वचा के रोम छिद्र बंद हो सकते हैं। इससे नवजात शिशु को सांस लेने में समस्या हो सकती है। हालांकि, न्यू बॉर्न बेबी की कभी-कभी तेल की मालिश ऐसे तेल से की जा सकती है जिसको बाद में आसानी से धोया जा सके।
गर्मियों में शिशु की देखभाल (Baby care in summers) के दौरान पसीने के लक्षणों पर भी दें ध्यान
बच्चे के शरीर की ग्रथियों का विकास धीरे-धीरे होता है। जन्म के कुछ समय बाद तक शिशुओं में पसीने की ग्रंथियों का विकास जारी रहता है, इसलिए बच्चे को गर्मी लगने के संकेत सीधे तौर पर पसीने के जरिए नहीं मिल सकता है। गर्मी लगने पर आपको बच्चे की हरकतों को पहचाना चाहिए। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो आपका शिशु बहुत गर्म महसूस कर सकता है:
- अगर बच्चे की शारीरिक गतिविधियां दैनिक से आसमान्य हो यानी बच्चा बहुत सुस्त लग रहा हो
- बच्चे का बर्ताव चिड़चिड़ा हो गया हो
- बच्चे की त्वचा सामान्य से अधिक रूखी या कठोर महसूस हो रही हो
- अगर बच्चा बार-बार दूध पीने से मना करे
- बच्चा पेशाब न कर रहा हो या बहुक कम मात्रा में कर रहा हो
- ऐसी कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्मी में बेबी केयर टिप्स में सबसे पहले शिशु को डीहाइड्रेशन और गर्मियों में होने वाले संक्रमण से बचाना जरूरी होता है। ऊपर बताए गए नवजात शिशु की देखभाल के टिप्स फॉलो करके गर्मियों को अपने नन्हे-मुन्ने के लिए आसान बनाया जा सकता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
बच्चों के लिए मां का दूध सर्वोत्तम माना जाता है। नीचे दिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें और हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए ब्रेस्टमिल्क एवं फॉर्मूला मिल्क (Breast milk and formula milk) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
[embed-health-tool-vaccination-tool]