के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
आपका शिशु 11 सप्ताह का हो गया है और अब उसका काफी विकास भी हो गया होगा। आपका शिशु अब हाथ-पांव चलाने लगा होगा। ऐसी एक्टिविटीज से शिशु की मांसपेशियां (Muscles) मजबूत होती हैं। 11 हफ्ते के बच्चे में कुछ निम्नलिखित बाते आप नोटिस कर सकती हैं।
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शिशु जितनी खुली जगह पर खेलेगा, उतना ही उसका अच्छा विकास होगा। इसके लिए फर्श पर मैट बिछाकर अपने शिशु को उस पर खेलने के लिए छोड़ दें। इससे उसकी मांसपेशियां तेजी से विकसित होंगी।
आपके शिशु के स्वास्थ के अनुसार डॉक्टर आपके शिशु के लिए परिक्षण समय निर्धारित कर सकता है। शिशु के टेस्ट रिजल्ट और परिक्षणों के आधार पर शिशु को आगे क्या ट्रीटमेंट दिया जाए, यह निर्धारित होता है।
अगर आपका शिशु में कुछ असामान्य बदलाव आपको दिखाई देते हैं जैसे कि हल्का बुखार (Fever), पेशाब (Urine) कम करना, चकत्ते होना, आंख (Eye) या कान (Ear) से पानी बाहर आना इत्यादि। तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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जब भी आपके शिशु को बुखार (Fever) हो तो घबराएं न, इसे एक बीमारी की तरह न लेकर इस तरह से सोंचे कि बुखार (Fever) आपके बच्चे के शरीर से कीटाणुओं को बाहर निकालने का एक जरिया है। जब भी आप अपने शिशु को डॉक्टर के पास ले जाएं, शांत रहें और अपने डॉक्टर को बताएं कि शिशु को बुखार कब से है, डॉक्टर को दिखाने से पहले आपने शिशु को क्या प्राथमिक उपचार दिया है इत्यादि जानकारियां भी अपने डॉक्टर से साझा करें। बच्चों में बुखार आना एक बहुत ही आम समस्या है और इसके कई कारण हो सकते हैं।
यहां कुछ चीजें हैं, जो अपने 11 हफ्ते के बच्चे के बारे में आपको पता होनी चाहिए, जैसे कि:
यह सिर में त्वचा (Skin) की सूजन (Swelling) का एक प्रकार है, जो छोटे बच्चों में आम है। स्कैल्प सेबोरिक डर्मेटाइटिस की सूजन से छुटकारा पाने के लिए लुब्रिकेंट ऑइल और मिनरल ऑइल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे आपके शिशु के सिर को आराम मिलता है और डेंड्रफ (Dandruff) की समस्या भी दूर होती है। इसके अलावा, सल्फर युक्त शैम्पू का भी प्रयोग कर सकती हैं, लेकिन याद रहे कि कई बार इन शैंपू में मौजूद केमिकल स्थिती को और भी बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
इसके आलावा यदि शिशु के स्कल्प पर ज्यादा पसीना आता है तो सिर में त्वचा की सूजन (Skin swelling) ज्यादा गंभीर रूप ले सकती है, इसलिए हमेशा अपने शिशु (Kids) के सिर को साफ़-सुथरा रखें और जरुरत न होने पर शिशु को टोपी न पहनाएं।
आमतौर पर यह बीमारी शिशु के पहले वर्ष में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन, कुछ शिशुओं में लंबे समय तक रह सकती है।
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लैग कर्ल में शिशु के पैर सिकुड़ जाते हैं। इसके दो कारण होते हैं। पहला, कुछ बच्चे पैदा होते ही अपने पैर सिकुड़ लेते हैं और दूसरा, कई बार मां के गर्भाशय में ऐंठन के कारण शिशु के पैर सिकुड़ जाते हैं। जन्म के कुछ सप्ताह बाद आपका शिशु पैरों को ऊपर-नीचे, दायें-बाएं करना शुरू करता है, तब वे धीरे-धीरे सामान्य होने लगते हैं। आपको बस थोड़ा सा ध्यान अपने शिशु के पैरों की विकास पर देना जरूरी है। आमतौर पर अलग से इसका इलाज करने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन कुछ शिशुओं में आपको डॉक्टर की सलाह लेनी पड़ सकती है।
आपके शिशु के यौन अंग गर्भाशय (Ovary) में ही विकसित होने लगते हैं। वहीं टेस्टिकल्स का विकास कई बार जन्म के बाद कुछ महीनों तक भी चल सकता है। टेस्टिक्युलर श्रिंकेज यानि की आपके शिशु के अंडाशयों का सही जगह पर न होना या सही आकार में न होना है। वैसे टेस्टिक्युलर श्रिंकेज हजार में से तीन या चार शिशुओं को ही होता है। इसे सर्जरी द्वारा ठीक किया जा सकता है।
लेकिन, कई बार आपको सिर्फ भ्रम भी हो सकता है। जैसे कि, टेस्टिकल्स स्पर्म (Sperm) की सुरक्षा के लिए कई बार बाहरी वातवरणानुसार अपना आकार कम ज्यादा करते रहते हैं और यह सामान्य है। इसके अलावा क्योकि दायां टेस्टिकल बाएं टेस्टिकल के थोड़ा नीचे होता है इसलिए कई बार आपको उसको छोटे होने का अभास हो सकता है। फिर भी अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
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11 हफ्ते के बच्चे को अभी भी सही से बोलने में परेशानी हो रही है, तो उससे ज्यादा से ज्यादा बात करने की कोशिश करें। अगर वह किसी से बात नहीं करते हैं तो इससे उनकी बोलने की क्षमता में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन, कई बार उनके विकास पर इसका फर्क पड़ सकता है। इसलिए उनसे कभी भी यूं ही बात करती रहें। उनसे कुछ भी कहें, सवाल करें। इससे आपके शिशु की श्रवण शक्ति, संवाद कौशल्य (Calcium) और समझ तेजी से विकसित होने में मदद मिलेगी।
यदि आप आमतौर पर एक स्तन से स्तनपान कराती हैं, तो आप अपने दुसरे हाथ का प्रयोग अन्य गतिविधियों के लिए कर सकती हैं। जैसे कि खाने के लिए, किताब पकड़ने के लिए, फोन पर बात करने के लिए इत्यादि। जिस स्तन से आप दुग्धपान कराती हैं, उससे दूध का रिसाव ज्यादा होता है और वह आकार में भी बड़ा हो जाता है। हो सकता है कि दूसरे स्तन से दूध (Milk) का रिसाव कम हो। लेकिन,निश्चिंत रहें ये बदलाव काफी छोटे होते हैं सिर्फ आपको ही नजर आते हैं। इसके अलावा अगर आप नए पेरेंट बने हैं, तो बच्चे के पिता को भी ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी होना जरूरी है।
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