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बच्चों में शर्मीलापन नहीं है कोई परेशानी, दें उन्हें उनका 'मी-टाइम'

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/07/2021

    बच्चों में शर्मीलापन नहीं है कोई परेशानी, दें उन्हें उनका 'मी-टाइम'

    बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) होना एक सामान्य बात है। वहीं, अगर आप बच्चे की तुलना किसी से करते हैं, तो ये उसकी गलती नहीं बल्कि आपकी गलती है। हो सकता है आपका बच्चा दूसरे बच्चों से अलग हो और वह दूसरे बच्चों के साथ खेलना-कूदना, बातें करना और समय बिताना पसंद नहीं करता हो। बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) होने पर ऐसे बच्चों को अक्सर इंट्रोवर्ट भी कह दिया जाता है, जिसका मतलब है कि वह ज्यादा लोगों से घुलना-मिलना पसंद नहीं करता है। हो सकता है आपका बच्चा भी इस श्रेणी में आता हो वह आपसे बात करता है। लेकिन, कई बार वह चुप रहता है और आपको पता नहीं चलता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है।

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    अगर आपके बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) है तो अलग-अलग तरह से आप उसकी मदद कर सकते हैंः

    बच्चे में शर्मीलापन (Shyness in child) कुछ असामान्य या शर्मनाक नहीं है

    एक बच्चों में शर्मीलापन होना कोई शर्म कि बात नहीं है। हमारे आस-पास बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्हें ज्यादा बात करना या दूसरों के साथ समय बिताना पसंद नहीं होता। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। हमारे पास बहुत से सफल नेता, मनोरंजनकर्ता, बिजनेस मैन के उदाहरण हैं, जो इंट्रोवर्ट रहे हैं जैसे कि बिल गेट्स, एम्मा वाटसन, जे.के. राउलिंग, अब्राहम लिंकन, मदर टेरेसा और महात्मा गांधी।

    बच्चे को नए लोगों और परिस्थितियों से परिचित कराएं (Introduce the child to new people and situations)

    बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) होने की वजह से अक्सर नए लोगों से मिलने और नई जगह पर जानें में वे चिंतित महसूस करते हैं। अगर आप किसी सोशल कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, तो अपने बच्चे से यह अपेक्षा ना करें कि वह लोगों से बात करेंगे या उस इवेंट का हिस्सा बनेंगे। अगर संभव हो तो जल्दी पहुंचें ताकि आपका बच्चा पहले से उस जगह को जान ले और ऐसा महसूस करे कि दूसरे लोग उस जगह आ रहे जिसको वह पहले से जानता है।

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    सोशल रिस्क लेने पर करें प्रशंसा

    बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) दूर करने के लिए उसे जाहिर करें कि आप उसकी प्रशंसा करते हैं। कुछ ऐसा कहे, जिससे उसकी तारीफ हो जैसे मैंने कल तुम्हें उस नए लड़के से बात करते हुए देखा। मुझे पता है कि यह तुम्हारे लिए मुश्किल होगा लेकिन तुमने जो किया मुझे उस पर गर्व है। बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) हैंडल करने का यह भी एक अच्छा टिप है।

    बच्चे को उसके विकास के बारे में बताएं

    बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) स्वभाव होना कोई चिंता की बात नहीं है। यदि आपका बच्चा शर्मीला है तो आप उसे किसी पार्टी में यदि लेकर जाएं तो उसको बताएं कि आपको लगा था कि वह पार्टी में ज्यादा इंज्वाय नहीं करेगा। लेकिन, उसने कुछ नए दोस्त बनाए हैं। इस तरह वह पॉजिटिव प्रेरणा के साथ अपने व्यवहार को बदलने की कोशिश करेगा। ऐसा करने से उसके अंदर से घबराहट और भय की भावनाएं कम होगीं।

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    खुद के लिए खड़े होना सिखाएं

    बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) होने पर उनके पेरेंट्स को इस स्थिति को बहुत अच्छे से हैंडल करना चाहिए। अपने बच्चे को अपनी मदद खुद करना सिखाएं। अगर कोई बच्चा उसके शर्मीलेपन का फायदा उठाने की कोशिश करे, तो उसे खुद के लिए स्टैंड लेने के लिए तैयार करें। उसे बताएं कि अगर स्कूल में कोई उसके साथ गलत व्यवहार करता है, तो उसे किसी बड़े को या अपने टीचर से शिकायत करनी चाहिए। बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) कोई बीमारी नहीं है और इसके लिए अपने बच्चे को बचपन से बताएं कि उनके लिए उनका साथ सबसे जरूरी है।

    कम दोस्त हैं तो चिंता न करें

    जिन बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) स्वभाव होता है उन्हें रिश्ते बनाने में समय लगाते हैं और वह अपने रिश्तों के लिए सही मापदंड करते हैं। वे दोस्तों के एक छोटे से ग्रुप को पसंद करते हैं और आमतौर पर भीड़ -भाड़ शोर-शराबे को पसंद नहीं करते हैं। हो सकता है आपके बच्चे का फ्रेंड सर्कल बहुत छोटा हो लेकिन उसका कोई न कोई दोस्त ऐसा जरूर होगा जिसके साथ उसे अच्छा महसूस होता होगा। अगर आपका बच्चा कुछ नया करने की कोशिश कर रहा है तो आप उसके उस दोस्त को भी वहां साथ लेकर जाएं जिससे उसे उस नई जगह पर अकेला महसूस न हो। अगर वह वहां अकेला होगा तो वह उस डरा और असहज महसूस करेगा। साथ ही न ही उस काम में दिलचस्पी ले पाएगा।

    अपने इंट्रोवर्ट बच्चे (introvert) को ‘मी-टाइम’ जरूर दें (Me time)

    ऐसे बच्चों को स्कूल जाना, दूसरों से मिलना-जुलना या यहां तक कि एक नया रुटिन फॉलो करना उनकी आंतरिक दुनिया से बाहर खींचता है और थका देता है। वहीं, जब वह बच्चा अपने कमरे में अकेले समय बिताता है, तो शायद वह किताब पढ़ता हो, कंप्यूटर पर गेम्स खेलता हो या कुछ अलग सोचता हो। बच्चे को खुद के साथ ही समय बिताने की आजादी जरूर दें यह उसका ‘मी-टाइम’ है। एक बार जब वह रिचार्ज हो जाता है, तो वह फिर से परिवार के साथ समय बिताना चाहता है।

    अपने बच्चे के टीचर से बात करें

    आप अपने बच्चे के बिहेवियर के बारे में उसके टीचर को बताएंगे तो इससे आपके बच्चे को समझना उसके टीचर के लिए आसान होगा। कई बार इंट्रोवर्ट बच्चे के कक्षा में कम बोलने को टीचर गलत समझ लेती हैं। उन्हें लगता है कि वो कक्षा में इंटरस्ट नहीं ले रहा व पार्टिसपेट नहीं कर रहा है। टीचर को अगर बच्चे के स्वभाव के बारे में पहले से मालूम होगा तो हो सकता है वो बच्चे से बात करके, उसको ग्रुप वर्क में शामिल करके व अन्य एक्टिविटीज के जरिए उसकी मदद करे।

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    इस बात से अवगत रहें कि आपका बच्चा आपसे मदद के लिए नहीं कहेगा

    इंट्रोवर्ट बच्चे यदि कोई परेशानी हो रही है तो जल्दी किसी से शेयर नहीं करते हैं। आपका बच्चा स्कूल में या दोस्ती में किसी कठिन स्थिति से गुजर रहा है तो वह इसके बारे में किसी से बात नहीं करेगा। हालांकि ऐसे में कुछ लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। आपको कभी महसूस हो आपका बच्चा आपसे कुछ छुपा रहा है या वह परेशान है तो उससे सवाल पूछें। लेकिन कभी भी इस तरह सवाल न करें कि उसे ऐसा लगे आप पूछताछ कर रहे हैं।

    एक्स्ट्रोवर्ट माता-पिता के लिए अपने इंट्रोवर्ट बच्चों के बारे में चिंता करना असामान्य नहीं है। उनके लिए इस बात से परेशान होना कि क्या उनका व्यवहार मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ है यह भी गलत नहीं है। बेशक जो बच्चे सबसे अलग रहते हैं, उनमें कुछ परेशानी हो सकती है, जिसका ध्यान रखना जरूरी है। बचपन के अवसाद के लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। कभी-कभी दोस्तों और परिवार से अलग रहना और एनर्जी की कमी होना किसी और परेशानी का कारण हो सकता है।

    हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बच्चों में शर्मीलापन (Shyness in children) से जुड़ी हर मुमकिन जानकारी दी गई है। शर्मीले बच्चे को कैसे हैंडल करें इससे संबंधित जानकारी मिल गई होगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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