बच्चा जब से चलना-फिरना शुरू करता है तब से कई सारी आदतें सीखता है। लेकिन, बच्चे को यह नहीं पता होता है कि उसने कौन-सी आदतें सही सीखी हैं और कौन-सी गलत। कभी-कभी पेरेंट्स ध्यान नहीं देते हैं और बच्चों की गंदी आदतें (Bad habits) उसे बीमार बनाने के लिए काफी होती हैं। इन्हीं आदतों की वजह से बच्चा बीमार हो इससे पहले ही उसकी बच्चों की गंदी आदतें को बदल डालें। हैलो स्वास्थ्य ने इस संबंध में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर, डॉ. शरयु माकणीकर से बात की, जिन्होंने बच्चों की गंदी आदतें और उनके बारे में बताया।
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खाने के मामले में बच्चे का चूजी होना (Picky Eater)
बच्चों की गंदी आदतें कई मामलों में देखने को मिलती हैं। इनमें से एक बच्चे का खाने के मामले में चूजी होना भी है। आप उसके सामने कई सारी चीजें रख दें। लेकिन, जो चीज नहीं पसंद वह उसको छुएगा तक नहीं। चुनिंदा चीजें खाने से बच्चे को सही पोषण (Nutrishan) नहीं मिल पाता है। जिससे बच्चा अस्वस्थ हो जाता है। इस समस्या का समाधान पेरेंट्स के पास खुद है। जब भी बच्चा किसी चीज को खाने से मना करे, तो उसे उसी सामग्री से बना दूसरा व्यंजन खिलाएं। जैसे कि अगर बच्चा पालक (Spinach) की सब्जी या दाल नहीं पसंद करता है, तो उसे उसके पराठे बना कर खिला सकते हैं। इसके अलावा, बच्चे को प्यार से समझाएं कि जिस चीज को वह खाना नहीं पसंद कर रहा है, वो उसकी हेल्थ के लिए कितना जरूरी है। बच्चे को खाने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करें। इस तरह की बच्चों की गंदी आदतें समय रहते पहचान कर सुधारी जाएं, तो ही बेहतर हैं।
दांत पीसना
बच्चों की गंदी आदतें कई हो सकती हैं। इनमें से एक दांत पीसना भी हो सकता है। इस आदत को ब्रक्सिजम (Bruxism) कहते हैं। ये दांत पीसने की गलत आदत बच्चों में अक्सर रात में देखने को मिलती है। अगर बच्चा ज्यादा दांत पीसेगा, तो उसके दांतों के लिए (Tooth cleaning) यह अच्छा नहीं है। इससे बच्चे के दांत घिसने के कारण उसके जबड़ों और मुंह में दर्द भी हो सकता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए बच्चे के डॉक्टर या किसी डेंटिस्ट से मिलें। अक्सर डॉक्टर ऐसे मामलों में एक माउथ गार्ड देते हैं, जो बच्चे के दांतो को डैमेज होने से बचाता है। बच्चों की गंदी आदतें दूर करना पेरेंट्स के लिए चुनौती हो सकता है लेकिन उन्हें यह समझना जरूरी है कि यह उन्हीं जिम्मेदारी होती है।
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जरूरत से ज्यादा प्रतिस्पर्धी होना भी है गंदी आदत
कुछ बच्चों में जरूरत से ज्यादा प्रतिस्पर्धा की भावना होती है। उन्हें हमेशा जीत हासिल करने की आदत होती है। ऐसे में अगर वह कभी हार जाते हैं, तो मानसिक रूप से आहत होते हैं। इसके पीछे कहीं न कहीं पेरेंट्स की उम्मीदें भी जिम्मेदार होती है। ऐसे बच्चे डिप्रेशन (Depression) में भी चले जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे की जीत को जितना सकारात्मक तरीके से लेते हैं, उनकी हार भी उतनी ही सकारात्मक तरीके से लें। बच्चे को समझाएं कि उसने अपना 100 प्रतिशत दिया है, इसके लिए आप उसे विजेता मानते हैं। आपके ऐसा करने से बच्चे का मनोबल बढ़ेंगा। बच्चों में गंदी आदतें समय पर पहचानें नहीं तो ये आगे जाकर उनके लिए बड़ी समस्या बन सकती है। बच्चों की गंदी आदतें दूर करने के लिए पेरेंट्स को उनसे बात करने और समझाने की जरूरत होती है।
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नाखून चबाने (Nail biting) की आदत
बच्चों की नाखून चबाने (Nail biting) की आदत उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक है। नाखूनों में मौजूद गंदगी और उसे पेट संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, साथ ही उसके दांत भी खुदर सकते हैं। पेरेंट्स को समझना होगा कि बच्चा जब नर्वस होता है तभी नाखूनों को चबाता है। बच्चा जब भी ऐसा करे, तो उसे मना करें, धीरे-धीरे उसकी आदत ठीक हो जाएगी। अगर बच्चा आदत न छोड़े, तो आप डॉक्टर से मिल कर परामर्श ले सकते हैं। बच्चों में गंदी आदते समय के साथ और खराब होती जाती है।
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बच्चे का चाय या कॉफी का शौकीन होना ठीक नहीं
बच्चों की गंदी आदतें अक्सर खाने को लेकर भी होती हैं। ऐसे में बच्चे को चाय (Tea) या कॉफी (Coffee) पीने की भी आदत हो सकती है, ये वे बड़ों को देख कर सीखते हैं। इसलिए अक्सर वे भी बड़ों के साथ चाय या कॉफी पीते हैं। इस तरह के पेय पदार्थों में कैफीन (Caffeine) होता है, यह बच्चे की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। पेरेंट्स बच्चे को चाय या कॉफी के बजाए फलों के जूस या दूध पीने की आदत डालें। जब बच्चे को स्नैक्स दें, तो उसे फ्रूट जूस (Fruit juice) ऑफर करें, इससे बच्चे में एक हेल्दी आदत विकसित होगी। बच्चों की गंदी आदतें विकसित न हो इसकी जिम्मेदारी पेरेंट्स को समझनी जरूरी होती है।
बच्चे को अनहेल्दी स्नैक्स (Unhealthy snacks) से रखें दूर
बच्चों की गंदी आदतें हेल्दी खाने के अलावा अनहेल्दी चीजें खाने की भी हो सकती हैं। ऐसे में वे अनहेल्दी स्नैक्स (Unhealthy snacks) लेना पसंद करते हैं। क्योंकि, उनका स्वाद उन्हें अच्छा लगता है। अनहेल्दी स्नैक्स खाने से बच्चे की भूख कम होने लगती है और उसे सही पोषण नहीं मिल पाता है। ऐसी आदत को खत्म करने के लिए पेरेंट्स को बच्चे का स्नैक्स शेड्यूल तय करना होगा। बच्चे को स्नैक्स में फलियां, सूखे फल, खजूर और फल दें।
स्कूल (School) का डर
आपके बच्चे का स्कूल जाने का मन नहीं करता है और वह स्कूल न जाने के बहाने तलाशता है। उसके एग्जाम में भी नंबर कम आते हैं। यहीं नहीं वह अपने पेरेंट्स को भी स्कूल के बारे में जानकारी नहीं देता है और स्कूल की बातें भी उससे छिपाता है। यही नहीं, रात को डरावने सपने (Dream) आने पर बेड भी गीला कर देता है। वह घर का खाना खाने के बजाय स्कूल के खाने को प्राथमिकता देता है। वह स्कूल से जब घर आता है, तो उसके कपड़े गंदे या फटे होते हैं, तो आप समझ जाइये कि बच्चे का स्कूल में ठीक नहीं चल रहा है।
बच्चों की गंदी आदतें उनके स्वास्थ्य और आपका बजट दोनों को बिगाड़ सकती हैं। अगर आपका बच्चा ऐसा कर रहा है तो उसे अच्छी आदतें सिखाएं, जिससे बच्चा स्वस्थ और हमेशा एक्टिव रहे।
बच्चों के लिए हेल्दी हैबिट्स (Healthy habits) एवं हेल्दी डायट (Healthy diet) के साथ-साथ अच्छी नींद (Sound sleep) भी जरूरी है। बच्चों की नींद से जुड़ी खास जानकारियों के लिए नीचे दिए इस क्विज को खेलें।
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