स्तनपान (Breastfeeding) के दौरान मां जो भी खाती है सब दूध के जरिए बच्चे तक पहुंचता है। इसलिए मां दवा (Medicines) खाने से पहले सौ बार अपने बच्चे के बारे में सौ बार सोचती है। यह सच भी कोई भी दवा ऐसे ही नहीं ले लेना चाहिए, क्योंकि दवाओं का सभी पर अलग-अलग असर होता है। इसलिए अगर आप स्तनपान के दौरान दवाएं लेने के बारे में सोच रही हैं तो उसके लिए अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें, क्योंकि कई बार लोगों को दवा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती और वो अपनी मर्जी से कोई भी दवा ले लेते हैं। ऐसे में बच्चे के ऊपर क्या असर पड़ सकता है इस बारे में जानकारी होनी जरूरी है।
अगर आप या आपकी कोई परिचित महिला स्तनपान कराती है तो उन्हें इस बारे में जानकारी होनी जरूरी है कि स्तनपान के दौरान दवाएं लेने से क्या असर पड़ सकता है। इस आर्टिकल में आज हम इसी बारे में बात करेंगे। हम जानेंगे कि क्या स्तनपान के दौरान दवाएं ली जा सकती हैं या नहीं। अगर हां, तो स्तनपान के दौरान दवाएं लेते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। जानिए इस बारे में विस्तार से।
आपको बता दें कि इस विषय पर हैलो हेल्थ ने विशेषज्ञ से भी बात की। वाराणसी के काशी मेडिकेयर की स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. शिप्रा धर ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि “स्तनपान के दौरान मां कोई भी दवा अपने डॉक्टर की निगरानी में लें। इसके साथ ही कुछ रोगों में बच्चे को स्तनपान भी कराना सही नहीं है।”
चूंकि, डॉक्टर ने बताया है कि स्तनपान के दौरान दवाएं ली जा सकती हैं, लेकिन हमेशा डॉक्टर की सलाह से। लेकिन आपको कुछ बातों का ध्यान भी रखना है, जो स्तनपान के दौरान दवाएं लेने के समय आपके लिए जरूरी हैं।
और पढ़ें : क्या स्तनपान के दौरान शराब का सेवन सुरक्षित है?
स्तनपान के दौरान दवाएं लेने के टिप्स
स्तनपान के दौरान दवाएं लेते समय सतर्कता बरतनी चाहिए, जिससे मां-बच्चा दोनों सुरक्षित रहेंगे। अगर स्तनपान कराने वाली मां को कोई भी दवा लेनी है तो उन्हें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि-
दवाओं के असर को समझें
कुछ दवाएं का असर कम देर तक और कुछ का असर बहुत देर तक रहता है। ऐसे में आपको दवाओं के असर के बारे में जान लेना चाहिए। दवाएं अगर जल्दी असर करने वाली है तो आप शिशु को स्तनपान कराने के तुरंत बाद खा लें। जिससे दोबारा स्तनपान कराने तक दवाओं का असर मां के दूध में भी कम हो जाएगा। वहीं, अगर दवाएं देर में असर करती हैं तो उसे रात में लेना सही रहेगा, क्योंकि रात में शिशु सोएगा और स्तनपान कराने के समय भी अंतराल बढ़ जाएगा। जिससे दवा का असर अनेक बॉडी सिस्टम के कारण कम हे जाएगा। जिसका असर दूध पर नहीं पड़ेगा।
और पढ़ें : स्तनपान करवाते समय न करें यह गलतियां
[mc4wp_form id=’183492″]
दवाएं लेने के बाद बच्चे का रखें विशेष ध्यान
स्तनपान कराने वाली मां को दवाएं लेने के बाद बच्चे का विशेष ध्यान रखना होता है, क्योंकि बच्चे को दवाएं रिएक्ट (React) कर सकती हैं। ऐसे में बच्चे को स्तनपान के बाद अपनी निगरानी में रखें। दवाओं के रिएक्शन के कारण बच्चे की भूख में कमी हो सकती है। इसके अलावा, डायरिया (diarrhea), ज्यादा रोना, ज्यादा नींद आना और त्वचा पर रैशेज आदि भी हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में मां को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। साथ ही परिक्षण के दौरान डॉक्टर को अपने द्वारा ली गई दवाओं के बारे में जरूर बताना चाहिए।
हाई पावर दवाएं लेने से पहले
कभी-कभी डॉक्टर मां को कुछ ऐसी दवाएं देते हैं जो बच्चे के लिए नुकसानदायक होती है। ऐसी परिस्थित में मां द्वारा दवाएं लेने शुरू करने से पहले बच्चे के लिए तैयारियां कर लेनी चाहिए। दवाएं लेने से पहले मां को अपने दूध को स्टोर कर देना चाहिए। मां को ब्रेस्ट मिल्क पंप (Breast Milk Pump) या हाथों से स्तनों से दूध निकाल कर रेफ्रिजरेटर में स्टोर कर लेना चाहिए। जिससे आप दवाओं के साथ-साथ बच्चे को भी मां का दूध दे सकेंगी। लेकिन, हमेशा याद रखें कि जब भी दवा लें तो डॉक्टर से एक बार दूध को स्टोर करने के लिए जरूर परामर्श ले लें।
और पढ़ें : मां और बच्चे के लिए क्यों होता है स्तनपान जरुरी, जानें यहां
सर्दी-जुकाम, बुखार में नहीं कराना चाहिए स्तनपान?
स्तनपान कराने वाली मां अक्सर हल्के सर्दी जुकाम में भी बच्चे को दूध पिलाना बंद कर देती है। डॉ. शिप्रा धर ने हैलो हेल्थ को बताया कि डायरिया, सर्दी, जुकाम आदि के बैक्टीरिया और वायरस मां के दूध के द्वारा बच्चे तक नहीं पहुंचते हैं। उल्टा ये सभी रोगों के बैक्टीरिया और वायरस एंटीबॉडी का काम करते हैं। ये अगर दूध के द्वारा बच्चे के अंदर जाते हैं तो बच्चे के शरीर को इन रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा तंत्र (Immune system) विकसित करते हैं।
कुछ रोगों में भूल कर भी न कराएं स्तनपान
डॉ. शिप्रा धर ने बताया कि कुछ रोगों में डॉक्टर मां को खुद स्तनपान कराने से मना करते हैं। एचआईवी एड्स, टीबी, स्वाइन फ्लू, कैंसर आदि घातक रोगों में डॉक्टर खुद ही मां को स्तनपान कराने से मना करते हैं, क्योंकि इन रोगों की दवाएं बच्चे पर बुरा असर डालती हैं। अगर मां की कीमोथेरिपी भी चल रही है तो भी बच्चे को स्तनपान नहीं कराना चाहिए।
और पढ़ें : स्तनपान के दौरान पेट में ऐंठन क्यों होती है?
क्या स्तनपान के दौरान गर्भ निरोधक दवाएं ली जा सकती है?
कई महिलाएं स्तनपान कराने के दौरान गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल करने लगती हैं जो कि गलत है। जब मां डिलिवरी के बाद स्तनपान कराती है तो उसके शरीर में प्रोलैक्टिन हॉर्मोन (Prolactine Hormone) बनता है। ये हॉर्मोन मां को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करता है और दुग्ध उत्पादन में मदद करता है। प्रोलैक्टिन हॉर्मोन बनने से ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन, फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हॉर्मोन, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन नहीं बन पाते हैं। ये सभी हॉर्मोन गर्भधारण के लिए उत्तरदायी होते हैं। गर्भनिरोधक दवाएं लेने से प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन की अधिकता हो जाती है, जो कि प्रोलैक्टिन हॉर्मोन को कम कर देता है। जिससे दूध बनने की गति धीमी और कम हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में अपने साथी को कंडोम का प्रयोग करने के लिए कहें। इसके अलावा, डिलिवरी के तीसरे महीने बाद आप अस्थायी गर्भनिरोधक उपायों (कॉपर-टी, गर्भनिरोधक इंजेक्शन आदि) का प्रयोग अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए कर सकती है।
डॉक्टर की सलाह है सबसे जरूरी
डॉक्टर कभी भी गलत सलाह नहीं देते हैं। इसलिए स्तनपान के दौरान दवाएं लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। चाहे आपको बुखार ही क्यों न हो। ऐसा करने से आप और बच्चा दोनों सुरक्षित व स्वस्थ रहेंगे। दवा चाहे एलोपैथी, होमियोपैथी हो या आयुर्वेदिक हो सभी को डॉक्टर के परामर्श के बाद ही लें। डॉक्टर आपके और बच्चे के हिसाब से ही दवाओं का डोज तय करेंगे। इसके बाद आप डॉक्टर की सलाह पर स्तनपान के दौरान दवाएं खा सकती हैं।
[embed-health-tool-vaccination-tool]