वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भारत में तकरीबन 40 मिलियन लोगों में हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) के वायरस हैं। वहीं देश नॉर्थ-ईस्ट इलाकों में हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार हेपेटाइटिस बी एचआईवी के इंफेक्शन से भी ज्यादा खतरनाक है। इसलिए डॉक्टर्स हेपेटाइटिस बी वैक्सीन (Hepatitis B Vaccine) लेने की सलाह देते हैं। हेपाटाइटिस बी का टीका इस बीमारी से लड़ने या बचाव में सहायक माना जाता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में हेपेटाइटिस बी एवं हेपेटाइटिस बी वैक्सीन (Hepatitis B Vaccine) से जुड़े सभी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।
- हेपेटाइटिस बी क्या है?
- हेपेटाइटिस बी के लक्षण क्या हो सकते हैं?
- हेपेटाइटिस बी के कारण क्या हो सकते हैं?
- हेपेटाइटिस बी वैक्सीन क्या है?
- हेपेटाइटिस बी वैक्सीन की डोज क्या है?
- हेपेटाइटिस बी वैक्सीन किस उम्र में दी जाती है?
- हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं?
- हेपेटाइटिस बी से बचाव कैसे करें?
चलिए अब एक-एक कर हेपेटाइटिस बी एवं हेपेटाइटिस बी वैक्सीन से जुड़ी सभी इन्फॉर्मेशन आपके साथ शेयर करते हैं।
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हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) क्या है?
हेपेटाइटिस बी वायरस की वजह से होने वाली एक लिवर की बीमारी है। इसके 5 अलग-अलग तरह के वायरस होते हैं जैसे हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और ई। इन सभी में हेपेटाइटिस बी और सी सबसे पुराने प्रकार का वायरस है। हेपेटाइटिस बी का इंफेक्शन काफी तेजी से फैलता है। यह ध्यान दें कि तीव्र हेपेटाइटिस बी के लक्षण वयस्कों में तेजी से नजर आते हैं, तो वहीं शिशुओं में हेपेटाइटिस बी के लक्षण कम डेवलप हो पाते हैं। अब बच्चे में जैसे-जैसे विकास होगा या शिशु बड़ा होगा तो उसमें हेपेटाइटिस बी का इंफेक्शन उतना ही पुराना होता जायेगा। हालांकि हेपाटाइटिस बी का टीका इस बीमारी की रोकथाम में बेहद सहायक हो सकता हैं। यहां हम हेपाटाइटिस बी वैक्सीन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां आपके साथ शेयर करेंगे, लेकिन उससे पहले हेपाटाइटिस बी के लक्षण को समझ लेते हैं।
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हेपेटाइटिस बी के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Symptoms of Hepatitis B)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हेपेटाइटिस बी के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- मल का रंग हल्का पड़ना।
- यूरिन (Urine) गाढ़ा होना।
- शरीर में खुजली (Itching) होना।
- भूख (Low appetite) नहीं लगना।
- घबराहट महसूस होना।
- उल्टी (Vomiting) आना।
- हल्का बुखार (Fever) आना।
- थकान (Fatigue) महसूस होना।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द (Pain) महसूस होना।
- त्वचा पर ब्लड वेसेल्स के साफ-साफ नजर आना।
ये ऊपर बताये लक्षण हेपेटाइटिस बी के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए अगर आप ऐसे लक्षण महसूस कर रहें हैं, तो डॉक्टर से कंसलटेशन करें। क्योंकि अगर हेपेटाइटिस बी के इलाज में लापरवाही बरती गई तो लिवर सिरॉसिस (Liver cirrhosis) का खतरा बढ़ जाता है। वैसे ऐसी कोई परिस्थिति ना हो इसलिए हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लगाई जाती है। हेपेटाइटिस बी वैक्सीन जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे, लेकिन सबसे पहले हेपेटाइटिस बी के कारण को समझ लेते हैं।
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हेपेटाइटिस बी के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Hepatitis B)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हेपेटाइटिस बी के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- हेपेटाइटिस बी इन्फेक्टेड व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाना।
- इन्फेक्टेड सुई का इस्तेमाल करना।
- हेपेटाइटिस बी जन्म के दौरान इन्फेक्टेड मां से पैदा होने वाले बच्चे में ट्रांसफर हो जाता है।
यही हेपेटाइटिस बी के होने का मुख्य कारण माना गया है। चलिए अब जानते हैं हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के बारे में।
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हेपेटाइटिस बी वैक्सीन (Hepatitis B Vaccine) क्या है?
हेपेटाइटिस बी के वायरस से बचाव के लिए हेपेटाइटिस बी वैक्सीन नवजात शिशुओं को लगाई जाती है। वहीं 18 साल तक उम्र के बच्चों को भी हेपेटाइटिस बी का टिका लगाया जाता है। नवजात शिशुओं एवं किशोरों के अलावा हेपेटाइटिस बी का टिका उन वयस्कों को भी लगाई जा सकती है, जिन्हें डायबिटीज (Diabetes) की समस्या हो। इसके अलावा जिन्हें हेपेटाइटिस बी का खतरा ज्यादा होता है, उन्हें भी डॉक्टर हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं।
हेपेटाइटिस बी वैक्सीन को पहले एंटी-कैंसर वैक्सीन भी कहा जाता था, क्योंकि हेपेटाइटिस बी लिवर कैंसर का मुख्य कारण माना जाता है।
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हेपेटाइटिस बी वैक्सीन की डोज क्या है? (Dose of Hepatitis B)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हेपेटाइटिस बी वैक्सीन की डोज, उम्र के अनुसार निम्नलिखित तरह से दी जाती है। जैसे:
- पहली डोज – जन्म के बाद
- दूसरी डोज – नवजात के 1 से 2 महीने के बीच
- तीसरी डोज – नवजात के 6 से 18 महीने के बीच
ये डोज बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की जाती है। इसके अलावा वयस्कों को भी हेपेटाइटिस बी वैक्सीन दी जाती है।
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हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं? (Side effects of Hepatitis B Vaccine)
हेपेटाइटिस बी का टिका लगने के बाद निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं। जैसे:
- इंजेक्शन की जगह पर सूजन (Swelling) आना।
- बुखार (Fever) आना।
- चिड़चिड़ापन (Irritation) होना।
- कमजोरी (Weakness) महसूस होना।
- भूख कम (Low appetite) लगना।
- कमर दर्द (Back pain) होना।
- स्वाद नहीं लगना।
- सिरदर्द (Headache) होना।
- थकान महसूस होना।
- गले में दर्द होना।
- जी मिचलाना।
- नाक बहना (Running nose)।
हेपेटाइटिस बी का टिका लगने के बाद ऊपर बताई गई परेशानी हो सकती है।
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हेपेटाइटिस बी से बचाव कैसे करें? (Prevention from Hepatitis B)
हेपेटाइटिस बी से बचाव निम्नलिखित तरह से की जा सकती है। जैसे:
- पौष्टिक (Healthy) एवं संतुलित आहार का सेवन करें।
- आराम (Rest) करें।
- अन्य व्यक्ति के खून का स्पर्श ना करें।
- शारीरिक संबंध बनाने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें।
इन बातों को ध्यान में रखकर हेपेटाइटिस बी से बचाव संभव है।
हेपेटाइटिस बी की समस्या को नजरअंदाज ना करें। जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें और उनके द्वारा प्रिस्क्राइब्ड मेडिसिन पेशेंट को और उनके हेल्थ पर नजर बनाये रखें। अगर आप हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस बी वैक्सीन से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानने चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।
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