नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? बच्चों से लेकर वयस्कों के लिए वैक्सीन या टीकाकरण एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। जब भी हमारा शरीर बीमार पड़ता है, तो शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र उस बीमारी से लड़ने में मदद करता है। किसी भी एंटीजन के लिए शरीर में एंटीबॉडी बनाना शुरू हो जाता है। इन्फ्लुएंजा (फ्लू) एक वायरल संक्रमण (Viral infection) है, जो लंग के एयर पैसेज को प्रभावित करता है। इस कारण से फीवर, बुखार, शरीर में दर्द, खांसी और अन्य लक्षण दिखाई पड़ते हैं। यह सर्दी के मौसम की सबसे गंभीर और आम वायरल बीमारियों में से एक है। फ्लू के कारण बच्चे एक सप्ताह तक या उससे अधिक समय के लिए बीमार रहते हैं।
कुछ बच्चों में फ्लू की बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है, वहीं कुछ बच्चों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फ्लू से फेफड़ों में संक्रमण (निमोनिया) जानलेवा भी साबित हो सकता है। बच्चों को फ्लू से बचाने के लिए नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) अपना असर दिखाती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको फ्लू के लिए नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें भी शेयर करेंगे।
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नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) का इस्तेमाल
नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) या फ्लू के लिए वैक्सीन का इस्तेमाल करने से इंफ्लूएंजना जैसे खतरनाक संक्रमण से बचा जा सकता है। इनएक्टिव फ्लू की कुछ मात्रा को नाक के माध्यम से शरीर में पहुंचाया जाता है, जिससे शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनने लगती है। वैक्सीन लेने से शरीर की इम्यूनिटी वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाती है। नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine)या फ्लू के लिए वैक्सीन का इस्तेमाल ठंड या कोल्ड सीजन (Cold season) के पहले किया जाता है। इस वैक्सीन को नाक के माध्यम से दिया जाता है। डॉक्टर आपके एक नॉस्ट्रिल को बंद करने की सलाह देंगे और दूसरे नॉस्ट्रिल से तेज सूंघने के लिए कहेंगे। ऐसा करने से दवा शरीर के अंदर चली जाती है। दोनों नॉस्ट्रिल के माध्यम से दवा को शरीर के अंदर पहुंचाया जाता है। दवा की अधिकतम मात्रा: 0.5 एमएल होती है। आप डॉक्टर से इस बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं।
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नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) कैसे काम करती है?
नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) या टीकाकरण के माध्यम से इनएक्टिवेटेड इन्फ्लूएंजा वैक्सीन यानी निष्क्रिय इन्फ्लूएंजा की कुछ मात्रा में शरीर में पहुंचाया जाता है और शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र (Body’s immune system) धीमे-धीमे वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है। शरीर में जब एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती है, तो फ्लू का संक्रमण होने पर भी शरीर उससे लड़ने के लिए पहले से ही तैयार हो चुका होता है। वैक्सीन लेने से फ्लू का संक्रमण (Flu infection) गंभीर समस्या पैदा नहीं कर पाता है और शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है। इंफ्लूएंजा का स्ट्रेन समय-समय पर बदलता रहता है, इसलिए हर साल नई वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। बच्चे को फ्लू वैक्सीन कब देनी है फिर कितने अंतराल में देनी है, आपको ये जानकारी डॉक्टर से लेनी चाहिए।
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नैसोवेक वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Nasovac vaccine side effects)
नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) लेने के बाद कुछ दुष्रभाव भी हो सकते हैं। ऐसा वैक्सीन में मौजूद इंग्रीडिएंट्स के कारण होता है। जरूरी नहीं है कि सभी लोगों को वैक्सीन लेने के बाद साइड इफेक्ट्स दिखें। कुछ लोग वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का अनुभव करते हैं, जबकि कुछ लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है।
चूंकि वैक्सीन नाक के माध्यम से दी जाती है, तो नाक संबंधी परेशानी का अधिक सामना करना पड़ सकता है। छींकने की समस्या, बहती नाक, ठंड लगना और चेहरे की सूजन आम परेशानियों में शामिल है। जानिए नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) के सामान्य साइड इफेक्ट्स क्या हैं।
- एलर्जिक रिएक्शंस (Allergic reactions)
- गले में खराश
- फीवर (Fever)
- बेचैनी (Malaise)
- चक्कर आना (Dizziness)
- सांस लेने में समस्या (Difficulty breathing)
- डायरिया (Diarrhea)
- शरीर में दर्द (Body ache)
- उल्टी (Vomiting)
अगर आपको उपरोक्त दुष्प्रभाव में से किसी का भी अनुभव हो, तो आप अपने डॉक्टर से जानकारी लें और दुष्रभाव को ठीक करने के लिए दवाओं का सेवन करें। वैक्सीन लगने के बाद बच्चे के शरीर में हो रहे बदलावों पर ध्यान जरूर दें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं।
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फ्लू के लिए वैक्सीन: बच्चों को वैक्सीन लगवाने के पहले जरूर ध्यान रखें ये बातें!
नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) को लेने से पहले अपने डॉक्टर को कोई हेल्थ कंडीशन या फिर फिर उन सभी मेडिसिंस के बारे में बताएं , जो आप बच्चे को दे रही हैं। आप बच्चों को दी जाने वाली विटामिन्स (Vitamins) या फिर अन्य दवाओं के बारे में भी जानकारी दे सकती हैं। ठंडियों के मौसम में या मौसम बदलने पर बच्चों को फ्लू का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में बच्चों को फ्लू का वैक्सीन लगवाना जरूरी हो जाता है। आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लें, कि बच्चों को डोज कब देनी है और किन सावधानियों को बरतना है। एक बात का ध्यान रखें कि फ्लू वैक्सीन बच्चों को आम सर्दी-जुखाम की समस्या से सुरक्षा नहीं प्रदान करता है। वैक्सीन लेने के करीब दो सप्ताह बाद ही वैक्सीन का असर होता है, अगर ऐसे में बच्चे को इंफेक्शन हो जाता है, तो आपको बच्चे में संक्रमण के लक्षण नजर आएंगे, जो कि गंभीर हो सकते हैं। फ्लू वैक्सीन सही समय पर लगवाना बहुत जरूरी होता है। अगर वैक्सीन लेने के बाद बच्चे को किसी तरह की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।
बच्चों में वैक्सिनेशन के दौरान कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, जैसे कि बच्चा उस समय बीमार न हो, उसे फीवर, वॉमिट या अन्य किसी प्रकार का संक्रमण न हो। ऐसे स्थिति में वैक्सिनेशन से बचने की सलाह दी जाती है।। आप बच्चे की बीमारी के बारे में डॉक्टर को जानकारी दे सकते हैं। डॉक्टर आपको बताएंगे कि कब टीका लगवाया जा सकता है। दो साल के बच्चे से लेकर वयस्कों को नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) लगाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर से इस बारे में जानकारी लें और उचित सावधानियां भी बरतें।
किन लोगों को दी जाती है नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine)
नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) उन लोगों को लगवाने की सलाह दी जाती है, जिन्हें इंफ्लूएंजा का अधिक खतरा रहता है। ये वैक्सीन 6 माह के बच्चे से लेकर प्रेग्नेंसी के दौरान या एल्डर पर्सन को दी जा सकती है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, डॉक्टर जांच के बाद उन्हें वैक्सीन की सलाह दे सकते हैं लेकिन ये जरूरी नहीं है।फिलहाल महामारी के दौरान लोग वायरस के संक्रमण को लेकर सचेत हो चुके हैं। आप डॉक्टर से फ्लू इंफेक्शन को लेकर जानकारी ले सकते हैं और वैक्सीन के सही डोज के बारे में पता कर सकते हैं। अगर आप फ्लू का टीकाकरण कराना चाहते हैं, तो भी डॉक्टर को इस बारे में जरूर पूछें। गर्भावस्था में वैक्सीन (Vaccine in pregnancy) दी जाती है या नहीं, इस बारे में आपको डॉक्टर सही जानकारी दे सकते हैं।
नैसोवेक वैक्सीन: फ्लू की वैक्सीन कैसे की जाती है स्टोर?
वैक्सीन का असर सही तरह से हो, इसलिए वैक्सीन का रख रखाव सही तरह से किया जाना जरूरी होता है। फ्लू की वैक्सीन को रेफ्रिजरेटर में 20 से 8 डिग्री सेल्सियस (68 डिग्री एफ – 35.6 डिग्री एफ) टेम्परेचर में स्टोर किया जाता है। डॉक्टर ही बच्चों या वयस्कों को वैक्सीन देते हैं, इसलिए आपको वैक्सीन को घर में रखने की जरूरत नहीं है। आप इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको नैसोवेक वैक्सीन (Nasovac vaccine) या फ्लू का टीकारण के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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