शिशु के जन्म के साथ-साथ पेरेंट्स के लिए शुरू हो जाती है उसके न्यूट्रिशन और ग्रोथ से जुड़ी हर महत्वपूर्ण बातों को जानना, समझना और उसे ठीक तरह से फॉलो करना। हालांकि कई बार बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर (Growth Disorders) से जुड़ी समस्या शुरू हो जाती है। आज इस आर्टिकल में बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) यानी बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर से रिलेटेड सारी जानकारी शेयर करेंगे।
- बच्चों में शॉर्ट स्टैचर की समस्या क्या है?
- बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के कारण क्या हैं?
- बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के लक्षण क्या हैं?
- बच्चों में शॉर्ट स्टैचर का निदान कैसे किया जाता है?
- बच्चों में शॉर्ट स्टैचर का इलाज क्या है?
- बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के कारण अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है?
- शॉर्ट स्टैचर से जुड़े फेक्ट्स क्या हैं?
चलिए अब एक-एककर बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) से जुड़े इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं।
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बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) की समस्या क्या है?
शॉर्ट स्टैचर उन लोगों के लिए एक सामान्य शब्द है, जिनकी हाइट उनके साथियों के हाइट की तुलना में औसत से काफी कम होती है। शॉर्ट स्टैचर बच्चों के शारीरिक विकास के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) को मेडिकल टर्म ने ग्रोथ डिसऑर्डर (Growth Disorders) के नाम से भी जाना जाता है। बच्चों में शॉर्ट स्टैचर का कारण जेनेटिकल भी हो सकता है। हालांकि कई बार बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिनके बारे में आर्टिकल में आगे जानेंगे।
बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के कारण क्या हैं? (Cause of Short Stature in kids)
दि नेमौरस फाउंडेशन (The Nemours Foundation) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार अगर किसी बच्चे में ग्रोथ हॉर्मोन (Growth hormone) के अलावा अगर बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) की समस्या देखी जाती है, तो ऐसे में इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:
- ब्रेन ट्यूमर (Brain tumors) से जुड़ी समस्या होना।
- हेड इंजरी (Head injuries) होना।
- रेडिएशन ट्रीटमेंट (Radiation treatment) करवाना।
- हायपोथायरॉडिसम (Hypothyroidism) की समस्या होना।
- लंग्स, हार्ट, किडनी, लिवर या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Gastrointestinal tract) से जुड़ी बीमारी होना।
- कोलाजेन (Collagen) और प्रोटीन (Proteins) का निर्माण कम होना।
- इंफ्लेमेंटरी डिसॉडर (Inflammatory disorders) की समस्या होना।
- माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज (Mitochondrial disease) होना।
इन ऊपर बताई गई तीन कारणों के अलावा जेनेटिकल या न्यूट्रिशन की कमी की वजह से भी बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) की समस्या देखी जा सकती है। शॉर्ट स्टैचर की समस्या से पीड़ित बच्चों में कई ऐसे लक्षण देखे जा सकते हैं, जिससे बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर (Growth Disorders in kids) की समस्या को डॉक्टर से कंसल्टेशन कर कम किया जा सकता है। इसलिए अब आर्टिकल में बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर के लक्षण को समझने की कोशिश करते हैं।
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बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Short Stature in kids)
बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- सामान्य एज ग्रुप के बच्चों से छोटा दिखना।
- दांत (Teeth) का देर से निकलना।
- मसल्स कमजोर (Muscle weak) होना।
- बच्चों (लड़कों) में पीनस का आकार सामान्य से कम होना।
- ब्लड शुगर लेवल कम (Low Blood Sugars) होना।
ये लक्षण बच्चों में शॉर्ट स्टैचर या ग्रोथ डिसऑर्डर (Growth Disorder) की ओर इशारा करते हैं। ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करें और डॉक्टर द्वारा बताये डायग्नोसिस जल्द से जल्द करवाएं।
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बच्चों में शॉर्ट स्टैचर का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Short Stature in kids)
बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले बच्चे की हाइट (Height), वेट (Weight) एवं लिंब (Limb) की लेंथ चेक करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर फेमिली एवं चाइल्ड मेडिकल हिस्ट्री भी पूछ सकते हैं। इसलिए बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के डायग्नोसिस के दौरान निम्नलिखित प्रश्न पेरेंट्स से पूछ सकते हैं। जैसे:
- परिवार में सदस्यों की एवरेज हाइट क्या है?
- कोई गंभीर बीमारी है?
- पेरेंट्स की प्यूबर्टी कब शुरू हुई थी?
- बच्चे का जन्म कैसे हुआ?
- बच्चे की डायट क्या है?
इनसभी सवालों का जवाब जानने के बाद डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। जैसे:
- एक्स-रे (X-ray)-एक्स-रे की सहायता से ग्रोथ प्लेट्स की जानकारी मिलती है।
- सीबीसी (CBC)- कम्प्लीट ब्लड काउंट की मदद से ब्लड से जुड़ी बीमारियों की जानकारी मिलती है।
- डीएनए (DNA)- डीएनए एनालिसिस की मदद से लड़कियों में टर्नर सिंड्रोम (Turner syndrome) या अन्य जेनेटिक डिजीज की जानकारी मिलती है।
- ब्लड टेस्ट (Blood test)- ब्लड टेस्ट की सहायता से थायरॉइड (Thyroid), लिवर (Liver), किडनी (kidney) या बीमारी का पता लगाया जाता है।
- इमेजिंग स्कैन (Imaging scans)- ट्यूमर की जानकारी के लिए इमेजिंग स्कैन की मदद ली जाती है।
बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) की जानकारी के लिए इनसभी टेस्ट को करवाना जरूरी बताया गया है, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद। इन टेस्ट रिपोर्ट्स के अनुसार ही बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के लिए ट्रीटमेंट शुरू की जाती है।
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बच्चों में शॉर्ट स्टैचर का इलाज क्या है? (Treatment for Short Stature in kids)
बच्चों में शॉर्ट स्टैचर का इलाज नैचुरली भी किया जा सकता है, लेकिन अगर बच्चों में शॉर्ट स्टैचर किसी कारण या डिजीज की वजह से है तो ऐसे में इलाज कारणों को ध्यान में रखकर किया जाता है। जैसे थायरॉइड की समस्या होने पर थायरॉइड हॉर्मोन रोपलेस्मेंट (Thyroid Hormone Replacement) का विकल्प अपनाया जा सकता है, जिससे हायपोथायरॉडिसम (Hypothyroidism) की समस्या दूर हो सके।
नोट: अगर बच्चे को उनके शॉर्ट स्टैचर की वजह से टीज किया जाता है, तो ऐसी स्थिति बच्चे को अत्यधिक परेशान कर सकती है। इसलिए बच्चे को ऐस जगह पर अकेले ना छोड़े या अन्य बच्चों को समझाएं की वो ऐसा ना करें।
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बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर या शॉर्ट स्टैचर के कारण अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है?
बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर की वजह से निम्नलिखित कॉम्प्लिकेशन देखी जा सकती है। जैसे:
- बढ़ती उम्र में अर्थराइटिस (Arthritis) की समस्या होना
- मोबिलिटी डेवलपमेंट (Mobility development) की समस्या होना।
- दांतों (Dental) से जुड़ी समस्या होना।
- सुनने (Hearing problems) में परेशानी होना।
- हाइड्रोसेफालुस (Hydrocephalus) यानी ब्रेन केविटी (Brain cavities) में फ्लूइड लेवल बढ़ जाना।
- लिंब (Limb) से जुड़ी समस्या होना।
- स्लीप एप्निया (Sleep apnea) की समस्या होना।
- वजन बढ़ना (Weight gain)।
- स्पीच (Speech) एवं (Language) प्रॉब्लेम होना
अगर बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) की समस्या होने पर इलाज ठीक तरह से ना करवाया जाए, तो भविष्य में ऊपर बताई गई परेशानियों का खतरा बना रहता है।
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शॉर्ट स्टैचर से जुड़े फेक्ट्स क्या हैं? (Facts of Short Stature)
शॉर्ट स्टैचर से जुड़े फेक्ट्स निम्नलिखित हैं। जैसे:
- माता-पिता की हाइट (Height) कम होना।
- बच्चों में मालन्यूट्रेशन (Malnutrition) की समस्या होना।
- जेनेटिक कंडिशन (Genetic condition) होना।
- शॉर्ट स्टैचर की समस्या प्रोपोर्शोनेट भी हो सकती है, जिसे प्रोपोर्शोनेट शॉर्ट स्टैचर (Proportionate short stature) भी कहते हैं।
- ग्रोथ हॉर्मोन (Growth hormone) की समस्या की वजह से शॉर्ट स्टैचर की समस्या हो सकती है।
- लॉन्ग टर्म मेडिकल कंडिशन की वजह से शॉर्ट स्टैचर (Short Stature) की समस्या देखी जा सकती है।
बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) होने पर पेरेंट्स को घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन ठीक तरह से डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह को ध्यान में रखना आवश्यक है। हालांकि जेनेटिकल कारणों को ध्यान में रखकर इलाज पर विचार किया जाता है। इसलिए बच्चे की पूरी हेल्थ कंडिशन (Babies health condition) को ध्यान में रखकर बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) यानी ग्रोथ डिसऑर्डर (Growth Disorders) का इलाज किया जाता है।
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