कई बार आपने दोस्तों को ब्लोटिंग की शिकायत करते हुए सुना होगा। कई बार पेट भरा होने का एहसास होने पर ही हम कह देते हैं कि ब्लोटिंग हो गई है। एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) तब होती है जब गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Gastrointestinal tract) गैस और एयर से भर जाता है। कई लोग ब्लोटिंग को फुल और टाइट होने का एहसास और एब्डोमिन की सूजन की तरह ड्रिस्क्राइब करते हैं। कई बार ये इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) की वजह से भी हो सकती है। इसके अलावा भी इसके कईअन्य कारण हैं। ब्लोटिंग की समस्या एडल्ट्स और बच्चों दोनों के बीच कॉमन है। कई बार यह परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि लोगों की सोशल और डेली एक्टिविटीज को प्रभावित करने लगती है। इस आर्टिकल में ब्लोटिंग के सभी पहलुओं पर नजर डाली जा रही है।
एब्डोमिनल ब्लोटिंग के कारण (Causes of Adnominal bloating)
एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) के कुछ कारण निम्न प्रकार हैं।
गैस (Gas)
गैस एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) के सबसे आम कारणों में से एक है खासकर खाना खाने के बाद। गैस डायजेस्टिव ट्रैक्ट में तब बनती है जब बिना पचा हुआ भोजन टूटता या व्यक्ति हवा को निगल लेता है। हर व्यक्ति खाने और पानी पीने के द्वारा हवा को निगलता है, लेकिन कुछ लोग इसे दूसरों से ज्यादा निगल लेते हैं। खासकर जब वे बहुत जल्दी खाते या पीते हों, च्यूइंगम खाते हों, स्मोकिंग करते हो या ढीला डेंचर पहनकर रखें हो। डकार की वजह से हवा पेट के अंदर जाना एक कॉमन कारण है।
कब्ज (Constipation)
एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) के दूसरे कॉमन कारणों में कब्ज शामिल है। कब्ज का शिकार होने के बाद भी कई बार लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है। सामान्य की तुलना में कम बॉवेल मूवमेंट होना कब्ज का पहला लक्षण है। कई बार रेगुलर बॉवेल मूवमेंट होने के बावजूद भी व्यक्ति कब्ज का शिकार हो सकता। कब्ज के अन्य लक्षणों में निम्न शामिल है:
- मल त्याग शुरू करने या समाप्त करने के लिए प्रेशर लगना
- स्टूल का कड़ा होना
- बॉवेल मूवमेंट के बाद पेट खाली का एहसास ना होना
कब्ज पेट दर्द और ब्लोटिंग में योगदान कर सकता है। स्टूल कोलोन में जितना अधिक समय तक रहता है, उतना ही अधिक समय बैक्टीरिया को अधिक ग्रो करने का मौका मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक गैस और सूजन होती है।
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मेडिकल कारण (Medical causes)
एब्डोमिनल ब्लोटिग (Abdominal Bloating) के दूसरे कारणों में कुछ मेडिकल कंडिशन्स भी शामिल हैं। जो निम्न प्रकार हैं।
- इरिटेबल बॉबेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome) (IBS)
- इंफ्लामेटरी बॉवेल डिजीज (Inflammatory bowel disease) जिसमें अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग शामिल हैं
- दूसरे फंक्शनल गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर्स
- सीने में जलन
- फूड इंटॉलरेंस
- वजन का बढ़ना
- महिलाओं में हॉर्मोनल फ्लक्स
- ईटिंग डिसऑर्डर्स
- मेंटल हेल्थ फैक्टर्स जिसमें तनाव, चिंता और अवसाद शामिल है
अन्य कारण (Other causes of Abdominal bloating)
ब्लोटिंग के अन्य कारण भी हो सकते हैं। चलिए उनके बारे में भी जान लीजिए।
छोटी आंत में बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (Small intestinal bacterial overgrowth)
अधिकांश स्वस्थ लोगों की छोटी आंत में अपेक्षाकृत कम बैक्टीरिया होते हैं। जिन लोगों की आंतों की सर्जरी हुई है और/या डायरिया के साथ (IBS) है उनमें (SIBO) होने की संभावना अधिक होती है, जो ब्लोटिंग का कारण बन सकते हैं।
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गैस्ट्रोपेरिसिस (Gastroparesis)
इस स्थिति में पेट के खाली होने में देरी होती है, जिससे ब्लोटिंग, मतली और यहां तक कि बॉवेल ब्लॉकेज (Bowel blockage) भी हो सकता है।
स्त्री रोग की स्थिति (Gynecological conditions)
महिलाओं में ओवरी और यूटेरस से जुड़ी समस्याओं के चलते भी ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। एनुअल चेकअप में पेल्विक एग्जाम को जरूर कराना चाहिए।
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एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal bloating) से राहत कैसे पाई जा सकती है?
एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) के कारण को जानने के बाद डॉक्टर इसके लिए उचित ट्रीटमेंट रिकमंड करता है, लेकिन आप कुछ होम रेमेडीज के बारे में जानना चाहते हैं जो ब्लोटिंग से राहत प्रदान करती हैं तो निम्न को ट्राय कर सकते हैं।
हर्बल चाय (Herbal tea)
पेपरमिंट, केमोमाइल, अदरक, हल्दी और सौंफ पाचन में मदद करती हैं और गैस की प्रॉसेसिंग में मदद करती हैं। डेंडेलियन टी (Dandelion tea) वॉटर रिटेंशन (Water retention) में राहत प्रदान करती है।
पेपरमिंट ऑयल कैप्सूल (Peppermint Oil Capsules)
ये कैप्सूल नैचुरल एंटीस्पासमोडिक (Antispasmodic) होते हैं। यानी ये इंटेस्टानइल मसल्स को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। यह रुकी हुई गैस और स्टूल को पास करने में मदद करते हैं। खासकर जब परेशानी मोटेलिटी की वजह से हो।
ईसबगोल की भूसी (Psyllium husks)
ईसबगोल पॉपुलर फायबर सप्लिमेंट है जो पूप को पास करने में मदद करता है। एक गिलास पानी में डालकर पिया जाता है।
रेगुलर एक्सरसाइज (Regular exercise)
अपनी कोर बॉडी स्ट्रेंथनिंग पर ध्यान देकर एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) से राहत प्राप्त की जा सकती है। एब्डोमिनल ब्लोटिंग से कैसे बचा जा सकता है। साथ ही कब्ज की समस्या से भी राहत प्राप्त की जा सकती है।
एब्डोमिनल ब्लोटिंग को रोकने का तरीका और इसका उपचार (Treatments to prevent or relieve bloating)
अगर एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) का संबंध डायट और लाइफस्टाइल है, तो इसमें कुछ बदलाव करके इसको रोक सकते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
पर्याप्त मात्रा में फायबर का सेवन करें (Eat enough fiber)
अगर डायट में बहुत सारा फायबर शामिल नहीं कर पा रहे हैं तो धीरे-धीरे इसकी मात्रा को बढ़ाएं। शुरुआत में फायबर के कारण ज्यादा गैस बन सकती है, लेकिन जब यह आपके डायजेस्टिव सिस्टम में सेट हो जाएगा तो यह फंसे हुए स्टूल को निकालने में मदद करेगा। फायबर का सेवन बॉडी को अधिक मात्रा में पानी का सेवन करने के लिए प्रेरित करेगा।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (Drink enough water)
यह पूरे डायजेस्टिव ट्रैक्ट में मोटेलिटी को बनाकर रखता है। साथ ही स्टूल को हार्ड होने से रोकने में मदद करता है। यह व्यक्ति को मील्स के बीच में फुल रखने में मदद करता है।
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प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से बचें (Avoid processed foods)
प्रोसेस्ड फूड में फायबर कम और नमक और फैट अधिक होता है। नमक वॉटर रिटेंशन का कारण बनता है और फैट डायजेस्टिव प्रॉसेस को धीमा कर देता है क्योंकि इसको पचने में अधिक समय लगता है। ये सभी चीजें कब्ज और ब्लोटिंग का कारण बनती हैं। प्रोसेस्ड फूड्स में पोषक तत्वों की मात्रा भी काफी कम होती है इसलिए इनके माध्यम से अधिक मात्रा में कैलोरीज कंज्यूम करने के बाद भी भूख का एहसास हो सकता है और परेशानी बढ़ सकती है।
माइंडफुल ईटिंग (Mindful eating) का अभ्यास करें
खाने को आराम से चबाएं और फुल होने के पहले ही खाना खाना बंद कर दें। पेटा भरा हुआ महसूस करना एक विलंबित प्रतिक्रिया है क्योंकि आपके द्वारा खाए गए भोजन को वास्तव में आपके पेट तक पहुंचने में थोड़ा समय लगता है। अधिकांश लोग पेट भरने के लिए पर्याप्त खाते हैं जबकि उनका पेट पहले ही भर चुका होता है।
संवेदनशीलता (Sensitivities) पर ध्यान
कुछ लोग किसी स्पेशल फूड के प्रति अधिक सेंसटिव होते हैं। इनमें मौजूद इंग्रीडिएंट उनके लिए परेशानी का कारण बन जाते हैं। इसलिए उन फूड आइटम्स को नोट कर लें जो गैस या ब्लोटिंग की वजह बनते। फिर उनका सेवन बंद कर दें और ध्यान दें कि क्या लक्षणों में कोई परिवर्तन होता है या नहीं।
मेडिकेशन (Medication)
डॉक्टर की सलाह लें अगर लाइफस्टाइल और डायट्री चेंजेंस के बाद भी एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) में राहत नहीं मिल रही हो डॉक्टर ब्लोटिंग के मेडिकल कारणों की जांच करके मेडिकल ट्रीटमेंट रिकमंड करेंगे। ट्रीटमेंट्स में एंटीबायोटिक्स, एंटीडिप्रेसेंट्स या एंटीस्पास्मोडिक्स की मदद ली जा सकती है। डॉक्टर निम्न दवा और सप्लिमेंट्स भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।
एंटासिड (Antacids)
एंटासिड का उपयोग इंफ्लामेशन से राहत दिलाने और गैस को पास करने में मदद करती हैं। एंटासिड में अक्सर सिमेथिकोन एक्टिव इंग्रीडिएंट (Simethicone) के रूप में उपलब्ध होता है।
मैग्नीशियम सप्लिमेंट्स (Magnesium supplements)
मैग्नीशियम सप्लिमेंट्स भी एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) को कम करने में मदद करते हैं। ये पेट के एसिड को न्यूट्रलाइज करने और इंटेस्टाइनल मसल्स को रिलैक्स करते हैं। मैग्नीशियम में नैचुरल लैक्सेटिव इफेक्ट होता है, जो फायदेमंद होता है, लेकिन अगर बार-बार इसका यूज किया जाए तो इसकी आदत पड़ सकती है।
प्रोबायोटिक्स (Probiotics)
प्रोबायोटिक्स गट बैक्टीरिया को रिबैलेंस करने में मदद करते हैं। कुछ खाने को ठीक से पचाने में मदद करते हैं और कुछ अधिक मात्रा में मौजूद गैसेस को एब्जॉर्ब करने में मददगार होते हैं। इन्हें डॉक्टर की सलाह पर कुछ दिन के लिए लिया जा सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको एब्डोमिनल ब्लोटिंग (Abdominal Bloating) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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