के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
हेपेटाइटिस ए एक वायरस जनित रोग है जो हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV) के कारण फैलता है, यह वायरस मुख्य रूप से लीवर को प्रभावित करता है, जिससे लीवर में सूजन होती है। हेपेटाइटिस ए ऐसी बीमारी है जो दूषित भोजन ग्रहण करने, दूषित जल ग्रहण करने, संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाने, असुरक्षित सेक्स (Unprotected sex) करने, संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सूई के संपर्क में आने से फैलती है।
इसके अलावा Hepatitis A माँ से उसके नवजात बच्चे में भी फैलता है। हालाँकि हेपेटाइटिस ए हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) की तरह क्रॉनिक नही होता है, और ज्यादातर मामलों में वायरस खुद-ब-खुद चला जाता है। लेकिन फिर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इसके कई गंभीर मामलों में हर साल हजारों लोगों की मौत भी होती है।
हेपेटाइटिस ए के चार चरण होते है-
तीव्र चरण में थकान, भूख न लगना, पीलिया आदि जैसे लक्षण दिखाई देते है। हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) का संक्रमण होने पर शुरूआती 6 महीनों में इस तरह की तकलीफें तीव्र होती है। हालाँकि ज्यादातर मामलों में कुछ सप्ताहों में ही इसके लक्षण खत्म हो जाते है और व्यक्ति स्वस्थ्य हो जाता है जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है उन लोगों के लिए यह लगातार चलने वाली बीमारी का रूप ले सकता है।
क्रोनिक चरण में हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) फैलने के बाद इसके लक्षण नजर आने में सालों लग जाते है। शुरूआत में लिवर में सूजन और लिवर कोशिकाएं कम होने जैसे लक्षण दिखाई देते है।
इस चरण में संक्रमित व्यक्ति के लिवर में ऊतकों की जगह स्थाई रूप से घाव दिखाई देते जो कि अपने आप ठीक नही होते है। जिस वजह से लिवर ठीक से काम नही कर पाता और शरीर के विषैले पदार्थ बाहर नही निकल पाते है और खून में घुल जाते है जिससे मस्तिष्क कोशिकाओं (Brain cells) को क्षति होने का खतरा रहता है।
हेपेटाइटिस ए के अंतिम चरण में पूरा लिवर क्षतिग्रस्त हो सकता है और थकान, पीलिया (Jaundice), भूख न लगना, पेट में सूजन, दिमागी असंतुलन जैसे लक्षण दिखाई देते है। इस बीमारी के अंतिम चरण में हेपेटाइटिस सी होने का खतरा भी रहता है जिससे लिवर खराब हो जाता है और लिवर कैंसर (Liver cancer) और मौत भी हो सकती है।
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हेपेटाइटिस ए का संक्रमण फैलने पर किसी व्यक्ति में निम्न लक्षण दिखाई देते है –
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यदि आपको हेपेटाइटिस ए के लक्षण दिखाई देते हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। संक्रमण के संपर्क में आने के 2 हफ्तों के अंदर वैक्सीन या एंटीबॉडी का इंजेक्शन लगवाने से वायरस को रोका जा।
अपने डॉक्टर या स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से अपने हेपेटाइटिस ए की वैक्सीन (Hepatitis A Vaccine) का टीककरण के बारे में जानकारी लें। ऐसे करना निम्न परिस्थितियों में और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है –
व्यक्ति को हेपेटाइटिस ए संक्रमण तब होता है जब वह इस संक्रमण के संपर्क में आते हैं। यह वायरस आमतौर पर मल के जरिए आहार या तरल पदार्थ को दूषित करता है जिसके सेवन से व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकता है।
एक बार इस वायरस के संपर्क में आने पर यह रक्त धारा के जरिए लिवर तक फैल जाता है, जहां यह सूजन और जलन विकसित करने लगता है।
वायरस से दूषित आहार या पानी के सेवन के अलावा यह वायरस संक्रमित वयक्ति के संपर्क में आने से आपको भी संक्रमित कर सकता है। हेपेटाइटिस ए वायरस एक संक्रामक बीमारी है जो संक्रमित व्यक्ति के जरिए अन्य स्वस्थ व्यक्ति के अंदर संचारित हो सकती है। इसके फैलने का तरीका काफी हद तक कोरोना वायरस की तरह होता है।
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एक ही घर में संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से अन्य लोगों को भी यह रोग हो सकता है।
आप हेपेटाइटिस ए वायरस की चपेट में निम्न तरीको से आ सकते हैं –
अगर आप वायरस के संपर्क में आते हैं तो आप लक्षणों के दिखाई देने से 2 हफ्ते पहले ही संक्रामक हो जाते हैं। संक्रामक अवधि लक्षणों के दिखाई देने के एक सप्ताह बाद समाप्त होती है।
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हेपेटाइटिस ए आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाता है जो इसे एक खतरनाक संक्रामक रोग बना देता है। हालांकि, कुछ विशेष प्रकार के जोखिम कारक इस वायरस के संपर्क में आने के खतरे को बड़ा सकते हैं। जैसे की –
डब्लूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार जो बच्चे कम स्वच्छता वाले देश में पैदा होते हैं उनमें 10 वर्ष की उम्र तक हेपेटाइटिस ए वायरस के होने के आशंका 90 फीसदी होती है।
हेपेटाइटिस ए की जांच के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और वायरल सीरोलॉजी टेस्ट किया जाता है। हेपेटाइटिस ए इंफेक्शन (Hepatitis A Infection) होने पर इसके लक्षण 15 से 45 दिन में सामने आते है ऐसे में डॉक्टर लक्षणों के आधार पर जांच करने की सलाह देते है।
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ऐसे करें हेपेटाइटिस ए की रोकथाम
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अगर आप किसी ऐसी जगह की यात्रा करने वाले हैं जहां हेपेटाइटिस एक महामारी है तो ऐसे में आपको कई सेफ्टी प्रीकॉशन लेने की जरूरत पड़ सकती है। नीचे कुछ ऐसी ही टिप्स मौजूद हैं जिनकी मदद से आप यात्रा करते समय भी खुद को हेपेटाइटिस वायरस से बचा सकेंगे।
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हेपेटाइटिस ए के अधिकतर मामलों में यह छह महीनों के अंदर स्वत: ही ठीक हो जाता है। अभी तक हेपेटाइटिस ए के लिए कोई विशेष इलाज उपलब्ध नही है लेकिन फिर भी इसके गंभीर मामलों में इसके लक्षणों को नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है और निम्न तरह से इलाज किया जाता है –
हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) का संक्रमण होने पर व्यक्ति थका हुआ और बीमार महसूस करता जिसके फलस्वरुप डॉक्टर संक्रमित व्यक्ति को पर्याप्त आराम करने की सलाह देते है।
मतली और उल्टी की वजह से डिहाइड्रेशन (Dehydration) होने लगता है जिसे रोकने के लिए फलों का रस, दूध और अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) से ग्रस्त व्यक्ति का लिवर प्रभावित होता है इसलिए डॉक्टर द्वारा कोशिश की जाती है कि व्यक्ति का लिवर ठीक से काम करें। शराब और दवाओं का सेवन लिवर को प्रभावित करता है इसलिए इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर से उचित सलाह लेना जरूरी है।
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हां, हेपेटाइटिस ए का टीका उपलब्ध है और इसका टीका उन लोगों को लगवाने की सलाह दी जाती है जो –
हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) को रोकने और अपने आप को बचाने के लिए सबसे अच्छा है आप हेपेटाइटिस ए का टीका (Vaccine for Hepatitis A) लगवाएं। यदि आप किसी हेपेटाइटिस ए से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते है तो दो सप्ताह के भीतर इम्यून ग्लोब्यूलिन दवा का सेवन करें।
अपने आसपास स्वच्छता रखें, दूषित भोजन और दूषित पानी का सेवन नही करें, शौचालय जाने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं।
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अन्य प्रकार के हेपेटाइटिस संक्रमण की तरह हेपेटाइटिस ए लंबे समय तक लिवर को खराब नहीं करता है और न ही यह क्रोनिक बीमारी का रूप लेता है।
हेपेटाइटिस ए के बेहद दुर्लभ मामलों में लिवर अचानक कार्य करना बंद कर सकता है। ऐसा आमतौर पर बुजुर्गों या पुरानी लिवर की बीमारी (Chronic liver disease) से ग्रस्त लोगो में होता है।
एक्यूट लिवर फेलियर (Liver failure) की स्थिति में मरीज को अस्पताल में रुकने की जरूरत पड़ सकती है। जहां डॉक्टर उसे मॉनिटर कर सकें और उनका सही समय पर इलाज कर सकें। कुछ लोगों को लिवर फेलियर होने पर लिवर ट्रांसप्लांट की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A)एक खतरनाक रोग है, जिसका कोई औपचारिक इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, यह एक कम समय के लिए रहने वाला संक्रमण है इसलिए यह अपने आप ही ठीक हो जाता है।
हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) जैसी बीमारी से बचने का केवल एक ही तरीका है और वह है परहेज। अगर आप भी हेपेटाइटिस ए के संपर्क में आने से बचना चाहते हैं तो संक्रमित व्यक्ति के साथ न रहते, क्योंकि ऐसा करने है आपको हेपेटाइटिस ए होने का जोखिम रहता है। ऐसे व्यक्ति जो संक्रमित के साथ यौन संबंध बनाते है उन लोगों को हेपेटाइटिस ए होने का खतरा रहता है। ऐसे देश की यात्रा करना जहां हेपेटाइटिस ए फैला हुआ है। इंजेक्शन द्वारा ड्रग लेने वाले लोगों को हेपेटाइटिस ए का खतरा रहता है। समलैंगिक के साथ संबंध बनाने वाले लोगों को भी हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) होने का खतरा रहता है। इन सभी से परहेज या अधिक सावधानी बरतने से आप खुद को इस संक्रमण से बचा सकते हैं।
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