स्ट्रेस यानी तनाव के कारण अपर गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल ट्रैक्ट (gastrointestinal tract) में घाव/छाले हो जाते हैं। यह घाव गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल (gastrointestinal) लाइनिंग को नुकसान पहुंचाता है और दर्द के साथ ही जलन भी महसूस होने लगता है, साथ ही यह संक्रमण के खतरे को भी बढ़ा देता है। गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल लाइनिंग को जलन के रूप में कम और बहुत अधिक ब्लीडिंग के रूप में गंभीर क्षति पहुंच सकती है। अल्सर को तनाव से जोड़कर भी देखा जाता है है। खासतौर पर पेट के अल्सर को स्ट्रेस अल्सर (Stress ulcer) की कैटेगरी में रखा जाता है। क्या है स्ट्रेस अल्सर (Stress ulcer) के कारण, लक्षण और इलाज जानिए इस आर्टिकल में।
स्ट्रेस अल्सर क्या है? (Stress ulcer)
अल्सर तब होता है जब मुंह, पेट, ग्रासनली (esophagus) या पाचन तंत्र के अन्य हिस्सों के टिशू (Tissue) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे उस हिस्से में इरिटेशन और सूजन हो जाती है, और इसके कारण वहां एक घाव बन जाता है। अल्सर के कारण ब्लीडिंग हो सकती है, इसलिए जिन्हें पेट का अल्सर या आंत का अल्सर हो उन्हें निगरानी की जरूरत होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सभी तरह के अल्सर और तनाव के बीच संबंध है-
स्ट्रेस अल्सर (Stress ulcers)- यह पाचन तंत्र के हिस्से में होता है (जैसे पेट और ग्रासनली)
पेपटिक अल्सर (Peptic ulcers)- यह पेट और छोटी आंत (Small intestine)के ऊपरी हिस्से में होता है।
माउथ अल्सर (Mouth ulcers)- यह होंठ के पीछे और मसूड़ों और जीभ के ऊपर होता है।
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तनाव और अल्सर (Stress and ulcers)
तनाव यानी स्ट्रेस कई प्रकार का हो सकता है, जैसे मेंटल स्ट्रेस, फिजिकल स्ट्रेस (Physical stress) या साइकोलॉजिकल स्ट्रेस (Psychological stress)। हालांकि तनाव का अल्सर से सीधा संबंध है यह बात किसी रिसर्च में साबित नहीं हुई है, लेकिन कुछ जानकार मानते हैं कि दिमाग के क्रियकलाप और आपके पाचन तंत्र की गतिविधियों में संबंध है। इस संबंध में विस्तृत रिसर्च की जरूरत है। विशेषज्ञों के मुताबाकि, स्ट्रेस अल्सर (Stress ulcer) का मुख्य कारण फिजिकल स्ट्रेस यानी शारीरिक तनाव है। यह कई रूप में हो सकता है जैसे-
- लंबे समय से कोई गंभीर बीमारी (Long-term illness)
- सर्जिकल प्रक्रिया (Surgical procedure)
- मस्तिष्क या शरीर को पहुंचा आघात (Trauma)
- गंभीर रूप से जलना (Serious burns)
- सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central nervous system) में चोट
दूसरे अल्सर जैसे पेप्टिक अल्सर और माउथ अल्सर के लिए सीधे तौर पर तनाव जिम्मेदार नहीं होता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि मानसिक तनाव इसे बढ़ा जरूर देता है। अल्सर और तनाव में दूसरा संबंध यह है कि खुद अल्सर के कारण स्ट्रेस पैदा हो जाता है। माउथ अल्सर तनावपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसकी वजह से बोलने, चबाने, खाने और कुछ पीने में भी दर्द होता है। पेप्टिक अल्सर (Peptic ulcers) अपने लक्षणों के कारण तनावपूर्ण हो सकता है।
स्ट्रेस अल्सर के कारण (Stress ulcer causes)
शारीरिक तनाव की वजह से स्ट्रेस अल्सर अचानक से हो सकता है। स्ट्रेस अल्सर और पेप्टिक अल्सर एक ही नहीं होते हैं। हालांकि दोनों में ही पेट और आंत की लाइनिंग में छाले/घाव हो जाते हैं। पेप्टिक अल्सर (Peptic ulcer) ही कई बार पेट का अल्सर (Stomach ulcer) कहते हैं। यह धीरे-धीरे विकसित होता है, दवा या किसी इंफेक्शन के कारण गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल लाइनिंग (Gastrointestinal lining) कमजोर हो जाती है, जबिक स्ट्रेस अल्सर तुरंत निकल आते हैं, आमतौर पर इसकी वजह साइकोलॉजिकल स्ट्रेस (Physiological stress) होता है।
कुछ एसिडिक फूड अल्सर को और गंभीर बना देते हैं। इसके अलावा किसी चोट या संक्रमण के कारण होने वाला तनाव भी इसे बढ़ा सकता है, क्योंकि तनाव के कारण स्टमक एसिड बढ़ जाता है। स्ट्रेस अल्सर (Stress ulcers) जानलेवा भी हो सकता है, क्योंकि आमतौर पर यह बहुत अधिक बीमार लोगों को ही प्रभावित करता है, जबकि तनाव के कारण पेट के अल्सर के गंभीर होने का खतरा कम ही होता है। पेट भोजन को पचाने के लिए कुदरती तरीके से एसिड उत्पन्न करता है, जब पेट में एसिडिक वातावरण बदल जाता है और यह बहुत अधिक एसिडिक हो जाता है, तो व्यक्ति को अल्सर के लक्षण दिखने लगते हैं।
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स्ट्रेस अल्सर के लक्षण (Stress ulcers symptoms)
स्ट्रेस अल्सर के लक्षण भी बाकी अल्सर की तरह ही होते हैं यानी दर्द और जलन महसूस होती है। स्ट्रेस अल्सर में दर्द होता है, जो खाने के दौरान कम या अधिक हो सकता है। मामूली अल्सर में किसी तरह के लक्षण नहीं दिखते हैं, जबकि अल्सर गंभीर होने पर तेज दर्द और जटिलताएं हो सकती हैं। क्योंकि स्ट्रेस अल्सर बीमार लोगों को ही होता है, ऐसे में अल्सर के लक्षणों और दूसरी बीमारी के लक्षणों में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। स्ट्रेस अल्सर (Stress ulcer) के लक्षणों में शामिल है-
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- खाने के बाद दर्द बढ़ जाना
- पेट फूला या भरा होने का एहसास
- मितली या उल्टी
- एनीमिया (Anemia) के लक्षण जैसे सांस उखड़ना या स्किन का
कुछ अल्सर के कारण बहुत ब्लीडिंग हो सकती है, जिससे खतरनाक रूप से रक्त की हानि हो सकती है। ऐसे लोग जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से लड़ रहे हैं, ब्लीडिंग उनके लिए जानलेवा हो सकती है।
तेजी सी ब्लीडिंग (bleeding) होने वाले अल्सर के लक्षणों में शामिल है-
- लाल रंग की उल्टी करना
- रेड या मरून रंग का मल त्याग करना
- सिर चक्कराना या चक्कर आना।
स्ट्रेस अल्सर से होने वाली जटिलताएं (Stress ulcer complications)
सभी को इससे गंभीर जटिलताएं हो जरूरी नहीं है, लेकिन इससे होने वाली कुछ गंभीर जटिलताओं के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। कुछ माउथ अल्सर दरअसल कैंसर का एक प्रकार हो सकते हैं। ऐसा अल्सर जो उपचार के बाद भी ठीक नहीं होता और आपकी जीभ, गाल के बीज और मसूड़ों या चीभ के अंदर हो, वह मुंह के कैंसर का संकेत हो सकता है।
यदि पेप्टिक अल्सर (Peptic ulcer) या स्टमक अल्सर (Stomach ulcer) का इलाज न कराने पर कई बार यह गंभीर लक्षण पैदा कर सकते हैं जैसे-
- भूख न लगना (loss of appetite) और वजन घटना (weight loss)
- सांस लेने में तकलीफ (difficulty breathing)
- चक्कर आना (faintness)
- उल्टी (vomiting)
- मितली (nausea)
- काला टैरी मल (black tarry stools)
- आंतरिक रक्तस्राव (internal bleeding)
- गैस्ट्रिक ऑब्स्ट्रक्शन (gastric obstruction)
स्ट्रेस अल्सर (Stress ulcer) आमतौर पर तभी होता है जब किसी गंभीर बीमारी, ट्रॉमा या इंजरी के लिए आपका इलाज चल रहा हो या कोई सर्जिकल प्रक्रिया चल रही हो। स्ट्रेस अल्सर के कारण आपकी मौजूदा मेडिकल कंडिशन को और कॉप्लिकेटेड बना सकती है। पेप्टिक या स्टमक अल्सर के कारण ब्लीडिंग या ऑब्स्ट्रक्शन के कारण जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
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स्ट्रेस अल्सर का उपचार (Stress ulcer treatment)
पेप्टिक या स्टमक अल्सर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि अल्सर का कारण क्या है। यदि अल्सर एच.पाइलोरी बैक्टीरिया (H. pylori bacteria) के कारण हुआ है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) और एसिड ब्लॉकिंग (Acid-blocking ) दवाओं से इलाज करता है।
नॉन स्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लामेट्री ड्रग्स (Nonsteroidal anti-inflammatory drugs) के कारण यदि पेट का अल्सर हुआ है, तो ओवर द काउंट दवा या डॉक्टर द्वारा की गई दवा से उपचार होता है। इसके उपचार में शामिल है-
- नॉन स्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लामेट्री ड्रग्स (Nonsteroidal anti-inflammatory drugs) का सेवन बंद करना
- प्रोटॉन पंप अवरोधक (proton pump inhibitors) का इस्तेमाल, जो आपके पेट को कम नेचुरल एसिड बनाने और इलाज में मदद करता है
- एच2 रिसेप्टर एंटागॉनिस्ट(H2-receptor antagonists) जो प्रोटॉन पंप अवरोधक की तरह की काम करता है।
माउथ अल्सर (Mouth ulcers) का इलाज जीवनशैली में बदलाव करके किया जा सकता है।
- कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करें जैसे नमकीन, सख्त, एसिडिक, तीखा, गरम और एल्कोहलिक
- मुंह से जुड़ी किसी मेडिकल कंडिशन या संक्रमण का इलाज
- स्ट्रेस लेवल को मैनेज करें
- तंबाकू प्रोडक्ट्स का सेवन बंद करें या कम करें
- स्ट्रॉ से लिक्विड का सेवन
- दांतों को दिन में 2 बार धीरे-धीरे ब्रश करें
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) लें या डॉक्टर द्वारा बताए मेडिकेटेड माउथ वॉश का इस्तेमाल करें।
महिलाओं में कुछ माउथ अल्सर पीरियड के बाद होने वाले हार्मोनल बदलाव से खत्म हो जाते हैं। तनाव कम करने से अल्सर के इलाज में मदद मिलती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, तनाव आपके इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर देता है।
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स्ट्रेस अल्सर से बचाव (Stress ulcers prevention)
स्ट्रेस अल्सर (Stress ulcers) इंमरजेंसी और इन्सेंटिव केयर सेटिंग के मरीजों में बहुत आम है। गभीर रूप से जले हुए और मस्तिष्क आघात (head trauma) वाले अधिकांश मरीजों को चोट लगने के 72 घंटे के अंदर स्ट्रेस अल्सर हो सकता है। इसलिए कुछ अस्पताल इससे बचाव के लिए मरीज को पहले ही दवा दे देते हैं और नियमित जांच करते हैं। अमेरिकन सोसायटी ऑफ हेल्थ सिस्टम फार्मासिस्ट निम्न स्थितियों में मरीज को प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (preventive treatment) की सलाह देती है।
- ब्लड थिनर का इस्तेमाल करने पर
- वेंटीलेटर का इस्तेमाल 48 घंटे से अधिक किया गया हो
- पहले भी अल्सर हुआ हो
- गैस्ट्रोइन्टेस्टाइल ट्रैक्ट (gastrointestinal tract) में पहले ब्लीडिंग हुई हो
- सिस्टमेटिक इंफेक्शन और सेप्सिस (sepsis)
अल्सर चाहे किसी भी प्रकार का हो उसका इलाज किया जा सकता है, बस आपको समय पर डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत है और उसकी सलाह पर अमल करना जरूरी है। डॉक्टर पहले अल्सर के संभावित कारण का पता लगाता है, उसके बाद इलाज करना आसान हो जाता है। हालांकि सभी विशेषज्ञ अल्सर और तनाव में सीधा संबंध नहीं मानते हैं, लेकिन इतना तो तय है कि तनाव कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है, इसलिए बेहतर होगा कि तनाव को कम करने की कोशिश करें।
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