प्रेग्नेंसी में होने वाली मां कई शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करती है। इनमें मॉर्निंग सिकनेस, जी मिचलाना, मूड स्विंग्स आदि शामिल है। इस दौरान जहां कुछ महिलाएं फ़ूड क्रेविंग्स का अनुभव करती हैं, वहीं कुछ महिलाओं को इसके विपरीत महसूस होता है। यानी, उन्हें कुछ फूड बिलकुल पसंद नहीं आते हैं या भूख में बदलाव महसूस होता है। हालांकि, प्रेग्नेंसी में भूख में परिवर्तन बेहद सामान्य है, लेकिन इसके कारण हेल्दी ईटिंग चुनौतीपूर्ण हो सकती है। आज हम बात करने वाले हैं प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) के बारे में। सबसे पहले जानिए कि प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) सामान्य है या नहीं?
क्या प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) सामान्य है?
प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) बिलकुल सामान्य है। अगर कोई भी महिला इस दौरान भूख में कमी महसूस करती है, तो इसे लेकर परेशान नहीं होना चाहिए। भूख में कमी का कारण होने वाली मां के वजन में बदलाव भी हो सकता है। रिसर्च के अनुसार दस में से छह महिलाएं प्रेग्नेंसी में इस समस्या को अनुभव करती हैं। इन बदलावों के कारण के बारे में सही जानकारी नहीं है, लेकिन अधिकतर एक्सपर्ट इसके लिए हॉर्मोन्स, साइकोलॉजिकल और कल्चरल फैक्टर्स को कारण मानते हैं। यानी, अगर आपको प्रेग्नेंसी में अपनी भूख में कोई भी बदलाव नजर आता है, तो इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। बल्कि, यह पूरी तरह से सामान्य है। अब जानते हैं प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) के कारणों के बारे में।
प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस के कारण क्या हैं? (Causes of Appetite loss in Pregnancy)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) बहुत ही कॉमन है। क्योंकि, इस दौरान हमारा शरीर कई परिवर्तनों से गुजरता है। अगर आपकी भूख में कमी आई है, तो आप हर तरह के आहार को नापसंद करेंगे और खाने की इच्छा में भी परिवर्तन को महसूस करेंगे। ध्यान रखें कि भूख कम लगना कुछ खास खाद्य पदार्थों को खाने का मन न करने से बिलकुल अलग है। किसी भी चीज को खाने में रूचि का न रहना भी गर्भावस्था के दौरान काफी सामान्य है। प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
जी मिचलाना और उल्टी आना (Nausea and vomiting)
प्रेग्नेंसी में जी मिचलाना और उल्टी आना बेहद सामान्य है खासतौर पर पहले ट्रायमेस्टर में। हालांकि, कुछ महिलाओं को यह लक्षण उनकी प्रेग्नेंसी के पूरे समय के दौरान नजर आ सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान जी मिचलाना और उल्टी आने से फ़ूड इंटेक और भूख पर प्रभाव पड़ता है। यही नहीं, शोध से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान हार्मोन लेप्टिन (Hormones leptin) और ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (Human chorionic gonadotropin) में उतार-चढ़ाव से भूख कम हो सकती है और इससे जी मिचलाना व उल्टी की समस्या हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं पर की गई एक स्टडी के अनुसार जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी में जी मिचलाना और उल्टी आना जैसी समस्याएं होती हैं, उन महिलाओं की भूख में परिवर्तन आ सकता है। अगर आप गर्भवस्था में जी मिचलाना और उल्टी आना जैसी समस्याओं को अनुभव कर रही हैं, तो फैटी और स्पाइसी फ़ूड को लेने से बचें। इसके साथ ही कम मात्रा में और थोड़ी-थोड़ी देर के बाद आहार का सेवन करें। जंक फ़ूड, अधिक नमक युक्त या प्रोसेस्ड आहार भी आपके लिए पचा पाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, इस आहार का सेवन करने से भी बचें। अगर प्रेग्नेंसी में यह समस्या अधिक गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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मेंटल हेल्थ कंडिशंस (Mental health conditions)
कई हेल्थ कंडिशंस जिसमें एंग्जायटी और डिप्रेशन भी शामिल है, प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) का कारण बन सकती है। वास्तव में, प्रेग्नेंट महिलाओं में कुछ शारीरिक और बायोकेमिकल बदलावों के कारण कई मेंटल हेल्थ इशूज हो सकते हैं। डिप्रेशन के कारण कई ईटिंग हैबिट्स में भी बदलाव आ सकता है, जिसमें भूख में कमी आदि समस्याएं शामिल है। प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन को हेल्दी फूड्स के लिए भूख का कम होना और अनहेल्दी फूड्स के लिए क्रेविंग को बढ़ाना से जोड़ा जाता है। इसके अन्य कारणों में कुछ महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट्स जैसे फोलेट, फैटी एसिड्स, आयरन और जिंक आदि का कम सेवन करना भी शामिल है।
इसका भ्रूण और मां के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर्स (Mental Health disroders) का प्रेग्नेंसी के दौरान निदान मुश्किल हो सकता है। क्योंकि, महिलाएं इसके बारे में बात करना उचित नहीं समझती है। लेकिन, अगर आपको प्रेग्नेंसी या जीवन में कभी भी डिप्रेशन या एंग्जायटी का अनुभव हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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दवाईयां (Medications)
कुछ दवाईयां हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन, उनके भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जिनमें भूख में कमी भी शामिल है। कुछ सेरोटोनिन रीएप्टिक इन्हिबिटर्स (Serotonin reuptake inhibitors) जैसे ज़ोलोफ़्ट (Zoloft) और प्रोज़ैक (Prozac) को गर्भवती महिलाओं को उन स्थितियों में दिया जाता है, जब उनमें डिप्रेशन और एंग्जायटी का निदान होता है। सेरोटोनिन रीएप्टिक इन्हिबिटर्स के कारण भूख कम हो सकती है। ऐसी ही कुछ अन्य दवाईयां भी प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) का कारण बन सकती है।
ईटिंग डिसऑर्डर्स (Eating Disorders)
कुछ गर्भवती महिलाएं इस दौरान कुछ ईटिंग डिसऑर्डर्स का अनुभव कर सकती हैं। जिनमें एनोरेक्सिया (Anorexia) और बुलीमिया (Bulimia) आदि शामिल हैं। हालांकि, इसकी संभावना कम रहती है। इस डिसऑर्डर्स के कारण भूख में बदलाव या खाना खाने की इच्छा का कम होना जैसी परेशानियां हो सकती हैं। अगर आप प्रेगनंट हैं और आपको ईटिंग डिसऑर्डर है, तो अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
अन्य कारण
- प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे ट्यूमर, हार्टबर्न और एडिसन’स डिजीज (Addison’s disease) आदि।
- इसके साथ ही स्ट्रेन अधिक होने से भी मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है, जिससे प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) हो सकता है।
- इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में महिलाओं को स्वाद और स्मेल में भी बदलाव आ सकता है। विटामिन B12 और आयरन आदि की कमी या अन्य समस्याएं भी गर्भवती महिला में एपेटाइट लॉस कर सकती हैं। अगर आपको इस दौरान एपेटाइट लॉस की समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अब जानते हैं कि इस समस्या का उपचार किस तरह से किया जा सकता है?
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प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस की समस्या से कैसे पाएं राहत?
यू.एस.डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज (U.S. Department of Health and Human Services) के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान आपको कुछ खास न्यूट्रिएंट्स जैसे प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड और आयोडीन की अधिक जरूरत होती है। इस दौरान पर्याप्त कैल्शियम का सेवन करना भी जरूरी है। इस दौरान कुछ स्मार्ट फूड चॉइसेज (Smart food choices) भी हेल्दी प्रेग्नेंसी में आपकी मदद कर सकती हैं। भूख में कमी के कारण मां को पर्याप्त न्यूट्रिशन नहीं मिल पाते हैं। इस समस्या से राहत पाने के तरीके इस प्रकार हैं:
सही आहार
अगर आपको भूख में कमी की समस्या महसूस हो रही है, तो आपको अपने आहार में परिवर्तन करने चाहिए। इस दौरान, अपने लिए ऐसे आहार का चुनाव करें जो साधारण हो। इसके साथ ही अपने आहार के पोरशन साइज पर भी ध्यान दें। आपका आहार फिलिंग और पेट के लिए हल्का भी होना चाहिए। यह आहार इस प्रकार होना चाहिए:
- प्रोटीन-रिच स्नैक्स (Protein-rich snacks): अपने आहार में प्रोटीन युक्त आहार को शामिल करें जैसे बॉयल्ड एग, ग्रीक योगर्ट, रोस्टेड चने आदि।
- सब्जियां (Vegetables): ऐसी सब्जियां जिनमें फाइबर अधिक हो जैसे चुकंदर, हरी बीन्स, पालक आदि को भी इस समस्या से राहत पाने के लिए अपने आहार में शामिल किया जा सकता है।
- मीठा (Sweets): गर्भावस्था में मीठे को नजरअंदाज न करें। लेकिन, मीठे में अनहेल्दी चीजों की जगह फ्रेश फ्रूट्स, मेवे, ओटमील आदि को आप ले सकते हैं।
- अनाज (Grains): साबुत अनाज का सेवन भी इस दौरान आपके लिए लाभदायक हो सकता है जैसे क्विनोआ (Quinoa), ब्राउन राइस (Brown rice) आदि। इसके साथ ही आप हेल्दी सूप और हेल्दी पेय पदार्थों का सेवन करना न भूलें।
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अन्य उपाय
अगर आपकी प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) का कारण जी मिचलना या उल्टी आना है, तो कम मात्रा में भोजन ग्रहण करें। इसके साथ ही मसालेदार और फैटी फूड्स का सेवन करने से बचें। यही नहीं, एक्यूपंक्चर को भी इसमें फायदेमंद माना जाता है। गंभीर जी मिचलाना और उल्टी की समस्या के लिए सही उपचार की जरूरत होती है। जिसमें दवाईयां या इंट्रावेनस (IV) फ्लुइड्स (Intravenous (IV) fluids) आदि शामिल हैं। अगर प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) का कारण न्यूट्रिएंट डेफिशियेंसी है, तो आपको इसके लिए आपको सप्लीमेंट की जरूरत भी हो सकती है। लेकिन, किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुरी है।
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यह तो थी प्रेग्नेंसी में एपेटाइट लॉस (Appetite loss in Pregnancy) के बारे में पूरी जानकारी। प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर को एडजस्ट होने में कुछ समय लगता है और इस दौरान वो कई समस्याओं का अनुभव कर सकती है। जिनमें भूख का कम होना भी एक है। हालांकि, यह समस्या सामान्य है। लेकिन, अगर यह समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है। अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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