म्यूजिक सुनने या समझने के लिए पूरे मस्तिष्क का उपयोग किया जाता है। यह संस्कृतियों समझने, सीखने की भाषा, स्मृति (याददाश्त) सुधारने, ध्यान केंद्रित करने के लिए, शारीरिक समन्वय और शारीरिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपर्ण है। इसीलिए नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुनने से गर्भवती महिला को मेंटल सपोर्ट मिलता है और जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान पोस्टनेटल डिप्रेशन के लक्षणों को भी कम करने में सहायक होता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान क्या कोई विशेष संगीत बच्चे के लिए बेहतर होता है? डॉक्टरों के अनुसार हल्की म्यूजिक बीट्स वाली म्यूजिक गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बेहतर होता है लेकिन, गर्भवती महिला द्वारा पसंद की जाने वाली म्यूजिक गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि आप इसे पसंद करती हैं और जो आप पसंद करेंगी वह शिशु के लिए बेहतर होगा। वैसे गर्भ में पल रहा शिशु मां की आवाज जन्म से पहले से सुनता है। गर्भ में पल रहे शिशु बाहर से आ रही आवाज पर अपनी एक्टिविटी भी दिखाता है।
और पढ़ें : 6 मंथ प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट : इस दौरान क्या खाएं और क्या नहीं?
प्रेग्नेंसी में म्यूजिक और फीटल डेवलप्मेंट में क्या है कनेक्शन?
गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में गर्भ में पल रहे शिशु का कान विकसित हो जाता है लेकिन, प्रेग्नेंसी के 16वें हफ्ते में पहुंचने के बाद ही बच्चे (fetal) की सुनने की क्षमता शुरू होती है। जबकि गर्भावस्था के 24वें हफ्ते के शुरू हने के बाद ही ये पूरी तरह से एक्टिव हो पाते हैं। प्रेग्नेंसी में अल्ट्रासाउंड की मदद से यह आसानी से समझा जाता है कि प्रेग्नेंसी के 16वें हफ्ते में शिशु गर्भ के बाहर की ध्वनि को सुन सकता है।
प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुनने का क्या है फायदा?
मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुनने से गर्भ में पल रहे शिशु का मेंटल हेल्थ स्ट्रॉन्ग होता है, सोचने-समझने की शक्ति तेज होती है, शारीरिक और मानसिक विकास वैसे बच्चों की तुलना में ज्यादा होती है जो महिला अपने प्रेग्नेंसी के दौरान म्यूजिक नहीं सुनती हैं। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुनने के निम्नलिखित फायदे होते हैं। जैसे-
- पेरेंटल बॉन्डिंग
बच्चे के साथ पेरेंटिंग बॉन्डिंग बनाने के लिए म्यूजिक सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। संगीत के साथ गर्भावस्था में रिलैक्स करने से मां और शिशु दोनों को ही फायदा मिलता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी पसंदीदा गाने सुनने से परहेज न करें। म्यूजिक आपको एनर्जेटिक रहने के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है। गर्भावस्था में सामान्य दिनों की तुलना में गर्भवती महिला को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है। इसलिए भी प्रेग्नेंसी के दौरान म्यूजिक का आनंद लेने से पीछे न हटें।
- फीटल के मस्तिष्क का विकास
प्रेग्नेंसी में अपनी पसंदीदा म्यूजिक का चयन किया जा सकता है। म्यूजिक के कारण फीटस के ब्रेन में डेवलप्मेंट होता है। रिसर्च के अनुसार गर्भावस्था के दौरान सुने गए म्यूजिक बेबी जन्म के बाद भी याद रख सकता है।
और पढ़ें :क्या हैं आंवला के फायदे? गर्भावस्था में इसका सेवन करना कितना सुरक्षित है?
प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुनने के महत्वपूर्ण टिप्स क्या हैं?
प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुनने के महत्वपूर्ण टिप्स निम्नलिखित हैं। जैसे-
1. गर्भावस्था में म्यूजिक: बहुत ज्यादा म्यूजिक न सुने
ऐसा नहीं है कि म्यूजिक से बच्चे के मस्तिष्क का विकास होता है, तो नौ महीने तक गाने सुनते रहें। हमेशा म्यूजिक सुनने से परेशानी भी हो सकती है। इसलिए अत्यधिक म्यूजिक न सुनें। म्यूजिक की आवाज भी बहुत तेज न रखें।
और पढ़ें : क्या आप जानते हैं गर्भावस्था के दौरान शहद का इस्तेमाल कितना लाभदायक है?
2. बहुत तेज म्यूजिक न सुने
लाऊड म्यूजिक से गर्भ में पल रहे बच्चे को परेशानी महसूस हो सकती है और आपको भी। इसलिए ज्यादा तेज आवाज आपको परेशान कर सकती है।
3. गर्भावस्था में म्यूजिक: खुद भी गुनगुनाए
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को खुद भी गाना गुनगुनाए। ऐसा करना आपके लिए और शिशु के लिए अच्छा होगा। प्रेग्नेंसी के दौरान खुद भी गाना गुनगुनाना ठीक पौष्टिक आहार के सेवन करने जैसा है। इसलिए खुद भी गाने से रुके नहीं।
और पढ़ें :5 मंथ प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट, जानें इस दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं?
गर्भावस्था में म्यूजिक: कैसे समझें की गर्भ के अंदर शिशु म्यूजिक सुन रहा है या नहीं?
प्रेग्नेंसी के दौरान आप अपनी पसंद की म्यूजिक सुने लेकिन, आपके समझने और गर्भ में पल रहे शिशु के समझने में अंतर होता है। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने म्यूजिक सिस्टम को अपने गर्भ के पास लाएं और आवाज कम ही रखें। प्लासेंटा की मदद से बच्चे तक वो ध्वनि आसानी से पहुंच जाती है। अगर प्रेग्नेंसी का 16वा हफ्ता है, तो बच्चे में हो रहे मूवमेंट को समझा जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुन रहें हैं, तो म्यूजिक की आवाज कितनी तेज होनी चाहिए?
- म्यूजिक सिस्टम का वॉल्यूम 65 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- अगर आप ज्यादा वक्त के लिए म्यूजिक सुनना चाहते हैं, तो अपने म्यूजिक स्पीकर की आवाज 50 डेसीबल ही रखें।
- गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक तेज म्यूजिक सुनने से नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में समय से पहले भी शिशु का जन्म हो सकता है, जो शिशु के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का खुश रहना बेहद जरूरी होता है और म्यूजिक कई विकल्पों में से एक सबसे बेहतर, आसान बिना खर्च वाला विकल्प है जिसे सुनकर गर्भवती महिला खुश हो सकती हैं। इसलिए भी प्रेग्नेंसी में म्यूजिक मां और शिशु दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
गर्भावस्था के शुरुआत के साथ ही महिला में कई सारे शारीरिक बदलाव आते हैं। इन्हीं शारीरिक परेशानियों में से एक है मूड स्विंग होना। लेकिन, गर्भावस्था में म्यूजिक सुनना गर्भवती महिला के लिए किसी थेरिपी से कम नहीं होता है। क्योंकि म्यूजिक की वजह से तनाव दूर होता है, मानसिक तौर से महिला स्वस्थ रहती हैं, गर्भवती महिला की सेहत अच्छी रहती है और गर्भ में पल रहा शिशु फिट रहता है।
और पढ़ें : क्या है गर्भावस्था के दौरान केसर के फायदे, जिनसे आप हैं अनजान
प्रेग्नेंसी के इस पीरियड को एंजॉय करें। संगीत सुनना आराम करने और सकारात्मक महसूस करने का सबसे शानदार तरीका है। म्यूजिक आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के ग्रोथ के लिए भी पॉसिटिव स्टेप है। ऐसा संगीत चुनें जिससे आपको आराम और सकून मिले।
प्रेग्नेंसी में म्यूजिक के साथ-साथ आहार पर भी गर्भवती महिला को खास ध्यान रखना चाहिए। पौष्टिक आहार के सेवन से बच्चे तक सही पोषण पहुंच सकता है।अगर आप अपनी गर्भावस्था से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। गर्भावस्था के दौरान अगर आप कोई भी नई गतिविधि अपनाने जा रहे हो तो उससे पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श करना उचित रहेगा। ऐसा करने से आप किसी भी मूमेंट को बिना किसी चिंता के एंजॉय कर सकते हैं।
[embed-health-tool-due-date]