बच्चे की डिलिवरी हो जाने के बाद मां को रिकवर होने में थोड़ा समय लगता है। जिन महिलाओं की नॉर्मल डिलिवरी हुई है, डिलिवरी के बाद वजायना (Vagina changes after childbirth) में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। प्रसव के बाद योनि के आकार में बदलाव के साथ ही कुछ समस्याएं भी आ सकती है। डिलिवरी के बाद एपिसिओटमी (Episiotomy) के कारण महिलाओं को यूरिन या स्टूल पास करने में भी कुछ समय तक परेशानी हो सकती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि डिलिवरी के बाद वजायना (Vagina changes after delivery)में क्या बदलाव आता है?
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डिलिवरी के बाद वजायना स्ट्रेचिंग (Vagina changes after childbirth)
डिलिवरी के दौरान वजायना कितनी स्ट्रेच होगी, ये कुछ कंडिशन पर निर्भर करता है जैसे-
- बेबी का साइज। बेबी का साइज जितना बड़ा होगा उतनी ही वजायना स्ट्रेच होगी।
- चाइल्डबर्थ के पहले पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज की है या फिर नहीं,
- बच्चा किस तरह से पैदा हुआ है?( वैक्यूम डिलिवरी या फिर फॉरसेप्स डिलिवरी)
- पहले कितनी डिलिवरी हो चुकी हैं? (अगर पहले भी डिलिवरी हो चुकी है तो वजायना के स्ट्रेच होने की ज्यादा संभावना रहेगी)।
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डिलिवरी के बाद वजायना में ड्राईनेस महसूस होना (Vagina dryness after childbirth)
डिलिवरी के बाद शरीर में ईस्ट्रोजन (Estrogen) का लेवल कम हो जाता है। आपको महसूस होगा कि वजायना पहले के मुकाबले ड्राई हो गई है। इस वजह से परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर सेक्स के समय ड्राई वजायना की वजह से दिक्कत हो रही है तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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डिलिवरी के बाद वजायना (Vagina after childbirth) में यूरिन प्रॉब्लम होना
डिलिवरी के बाद वजायना मे बदलाव से संबंधित ये आम समस्या है। कुछ एक्टिविटी जैसे खांसने, छींकने या फिर जंप करने से भी यूरिन निकल जाती है। ये वजायना के आकार में आए परिवर्तन की वजह से भी हो सकता है। आप पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Pelvic floor exercises) से मसल्स को टाइट कर सकती हैं। बेहतर होगा कि एक बार अपने डॉक्टर से प्रॉब्लम डिस्कस करें।
डिलिवरी के बाद वजायना में बदलाव (Vagina changes after childbirth)
डिलिवरी के बाद वजायना का साइज बड़ा महसूस होता है। साथ ही आपको वजायना लूज,सॉफ्ट और अधिक खुली हुई महसूस होगी। आपको इसके रंग में परिवर्तन दिखने लगेगा। डिलिवरी के बाद वजायना (Vagina after childbirth) का रंग अधिक भूरा हो जाता है। प्रसव के बाद वजायना में आने वाला बदलाव समस्या का कारण नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। अगर फिर भी आपको लगता है कि योनि के साइज में परिवर्तन आने से आपको कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।
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डिलिवरी के बाद वजायना में दिख सकती है सूजन
डिलिवरी के बाद वजायना (Vagina after childbirth) और वजायनल ओपनिंग कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बच्चे को जन्म देने के बाद वजायना के आसपास स्वेलिंग महसूस हो सकती है। ये बदलाव सी-सेक्शन (C-section) होने के बाद भी दिख सकता है। लेबर के दौरान की परिस्थतियां कई बार बदलाव को कम या फिर ज्यादा कर सकती हैं।
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डिलिवरी के बाद वजायना में बड़े टेम्पॉन्स (Tampons) की पड़ेगी जरूरत?
सामान्य प्रसव या फिर नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) के बाद महिलाओं को लगता है कि वजायना लूज हो गई है। ऐसे में कुछ महिलाओं को बड़े टेम्पॉन्स की जरूरत पड़ सकती है। वहीं कुछ महिलाएं ये महसूस करती हैं कि साइज में कोई परिवर्तन नहीं आया है। डॉक्टर महिलाओं को डिलिवरी के बाद अक्सर कीगल एक्सरसाइज करने की राय देते हैं ताकि पेल्विस फ्लोर (Pelvic floor) में कमजोर हो गई मसल्स को मजबूती मिल सके। कीगल एक्सरसाइज (Kegel workout) की मदद के से यूरिन करने के दौरान होने वाली मसल्स की प्रॉब्लम से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
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डिलिवरी के बाद वजायना में क्या सेक्स (Sex) के दौरान हो सकती है समस्या?
नॉर्मल डिलिवरी के बाद वजायना के आसपास कुछ समय के लिए दर्द होता है। जब बात सेक्स की आती है तो कई बार महिलाओं को सोचना पड़ता है कि डिलिवरी के कितने समय बाद तक सेक्स करना चाहिए या फिर सेक्स (Sex) के दौरान वजायना में क्या किसी तरह की दिक्कत हो सकती है? आमतौर पर डॉक्टर डिलिवरी के चार से छह सप्ताह बाद ही सेक्स की सलाह देते हैं। कुछ महिलाओं को सेक्स के दौरान दर्द की समस्या हो सकती है।
वहीं जिन महिलाओं को डिलिवरी के दौरान सीरियस टियरिंग हुई थी, उन्हें ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जिन महिलाओं को डिलिवरी के समय टियरिंग (Perineal laceration) की नहीं हुई थी, उन्हें सेक्स के दौरान किसी भी तरह की समस्या होने की संभावना कम रहती है।
डिलिवरी के बाद वजायना में फॉरसेप्स इंजुरी (Forceps injury)
नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) के दौरान अगर आपके डॉक्टर को फॉरसेप्स की जरूरत पड़ी होगी तो हो सकता है कि आपको फॉरसेप्स इंजुरी हो गई हो। डॉक्टर इंजुरी के कारण ही फॉरसेप्स का ज्यादा यूज नहीं करते हैं, लेकिन कुछ खास परिस्थितयों में फॉरसेप्स का यूज करना पड़ जाता है। अगर डिलिवरी के एक से ज्यादा हफ्ते के बाद भी आपको वजायना के आसपास दर्द की समस्या हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं।
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डिलिवरी के बाद वजायना की देखभाल के टिप्स (Care tips for Vagina after childbirth)
- वजायना की सही ढंग से सफाई करें।
- सेनेटरी पैड्स को समय-समय पर बदलते रहें। इससे इंफेक्शन (Infection) की संभावना कम होगी।
- अगर प्रसव के बाद योनि के आस-पास सूजन आदि है तो प्रभावित हिस्से को गुनगुने पानी से भी साफ किया जा सकता है, ताकि स्वेलिंग और दर्द (Pain) में राहत मिल सके।
- वजायना में दर्द (Vaginal pain) से निजात पाने के लिए डॉक्टर की सलाह से बर्फ की सेंकाई भी की जा सकती है।
- डॉक्टर प्रसव के बाद टांकों पर एन्टीसेपटिक लगाने की सलाह देते हैं। इसके लिए सावधानी से वजायना और टांको पर इसे लगाएं।
- सुबह फ्रेश हो जाने के बाद वजायना की सफाई पर खास ध्यान दें।
- एक बार आपके टांके हो जाएं तो पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Pelvic Floor workout) करना शुरू कर सकती हैं। इससे वजायना में ब्लड फ्लो सही तरीके से होगा। इंफेक्शन से बचने का यह सबसे प्रभावी तरीका है।
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नॉर्मल डिलिवरी और सी-सेक्शन के बाद महिलाओं की वजायना में बदलाव अलग भी दिख सकते हैं। अगर आपको किसी भी तरह का बदलाव दिख रहा तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डिलिवरी के बाद वजायना (Vagina changes after childbirth) में बदलाव दिखने से हो सकता है कि कोई समस्या न भी हो, लेकिन जानकारी के लिए आप एक बार अपनी समस्या डॉक्टर से जरूर शेयर करें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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