छठे महीने में एक्सरसाइज करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें
कहते हैं फिट रहने के लिए वर्कआउट जरूर करना चाहिए। इसलिए बच्चों से लेकर बड़ों तक गर्भवती महिलाएं भी व्यायाम करती हैं। वैसे प्रेग्नेंसी की शुरुआत के साथ अक्सर गर्भवती महिलाएं इस बात को लेकर दुविधा में रहती हैं कि क्या करें और क्या नहीं। ऐसा सोचना जायज भी है क्योंकि उनकी गतिविधि, आहार और सकारात्मक विचारों का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। गर्भावस्था की हर स्टेज में गर्भवती महिला में शारीरिक बदलाव होते हैं। साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होता है। ऐसे में आज जानेंगे प्रेग्नेंसी के छठे महीने में एक्सरसाइज के बारे में जिसे नहीं करना चाहिए। छठे महीने में एक्सरसाइज करें, लेकिन कुछ एक्सरसाइज नहीं करने की सलाह दी जाती है।
प्रेग्नेंसी के छठे महीने में एक्सरसाइज करना क्यों जरूरी है और कौन-कौन सी एक्सरसाइज नहीं की जानी चाहिए?
दरअसल गर्भावस्था के दौरान बॉडी को एक्टिव रखना जरूरी है। इससे डिलिवरी के वक्त आसानी होती है और नॉर्मल डिलिवरी की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि प्रेग्नेंसी के 24वें हफ्ते और 25वें हफ्ते में बेबी बंप दिखने के साथ-साथ ही शिशु का शारीरिक विकास जैसे फेफड़े सर्फैक्टेंट बनना शुरू होता है। फेफड़े सर्फैक्टेंट (फेफड़े का विकास) के कारण ही नवजात जन्म लेते ही सांस लेना शुरू कर देता है। इसलिए गर्भावस्था के छठे महीने में एक्सरसाइज करना चाहिए लेकिन कुछ ऐसे भी वर्कआउट हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए।
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गर्भावस्था के छठे महीने में एक्सरसाइज: किस तरह के वर्कआउट नहीं करें?
- पेट के बल या पेट पर दवाब पड़ने वाले किसी भी तरह के व्यायाम जैसे एडवांस्ड एब्डॉमिनल मूव्स वर्कआउट न करें। क्योंकि ऐसा करने से यूट्रस पर प्रेशर बढ़ेगा जिससे मां और शिशु दोनों को समस्या हो सकती है।
- पीठ के बल लेटकर कोई भी व्यायाम न करें। पीठ के बल लेटकर वर्कआउट करने से ब्लड फ्लो बढ़ सकता है जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है।
- एक्सरसाइज करने के दौरान बॉडी का मूवमेंट ज्यादा होता है। ऐसे में झुककर करने वाले एक्सरसाइज न करें। झुकने वाले वर्कआउट से इंजुरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
- कूदने वाले वर्कआउट या अत्यधिक तेजी से की जाने वाली एक्सरसाइज का चयन न करें, लेकिन सावधानी से एरोबिक एक्सरसाइज की जा सकती हैं।
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- ऐसे कई वर्कआउट हैं जिसे करने के लिए ब्रीदिंग होल्ड करनी पड़ती है। गर्भावस्था के दौरान सांस रोकने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यह प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु को और गर्भवती महिला दोनों के लिए लाइफ थ्रेटनिंग हो सकती है।
- छठे महीने में एक्सरसाइज के तौर पर वॉक करें,लेकिन इस दौरान कार्डियो वर्कआउट या साइक्लिंग न करें। इससे पूरे शरीर के साथ-साथ पैर और पेट पर अत्यधिक प्रेशर पड़ेगा और बहुत ज्यादा थकावट महसूस होगी। ऐसे में गर्भवती महिला को चक्कर आने की संभावना बढ़ जाती है।
- गर्भावस्था के छठे महीने में आसान एक्सरसाइज करें। इस दौरान वैसे योगा भी न करें जिससे शरीर पर प्रेशर पड़ता हो या बॉडी स्ट्रेच होती हो।
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छठे महीने में एक्सरसाइज के लिए जरूरी टिप्स
निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर ही व्यायाम करें नहीं तो प्रेग्नेंसी के छठे महीने में एक्सरसाइज न करें
- अत्यधिक गर्मी वाली जगहों पर वर्कआउट न करें।
- वजन उठाने वाले एक्सरसाइज न करें।
- थकावट महसूस होने पर एक्सरसाइज न करें।
- एक्सरसाइज करने के दौरान आरामदायक कपड़े पहनें।
- बॉडी को डिहाइड्रेट न होने दें।
- वजायनल ब्लीडिंग होने पर वर्कआउट न करें।
- अकेले वर्कआउट न करें।
- प्लासेंटा नीचे की ओर होने पर वर्कआउट न करें।
गर्भावस्था का छठा महीना हो या कोई और इस दौरान निम्नलिखित एक्ससाइज नहीं करना चाहिए
वजन कम करने वाले व्यायाम
गर्भधारण के बाद 11 से 16 किलो तक वजन बढ़ाने की आवश्यकता होती है। हालांकि, भावनात्मक और शारीरिक रूप से आपके लिए यह कठिन हो सकता है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ना गर्भ में पल रहे शिशु के सेहत के लिए जरूरी है। इसलिए इस समय ऐसे कोई भी वर्कआउट न करें जिनसे वजन कम हो।
वेटलिफ्टिंग
गर्भावस्था के दौरान वेटलिफ्टिंग न करें या अन्य कोई भी भारी सामान न उठाएं। इससे मस्तिष्क कोशिका और कार्डियोवस्कुलर सिस्टम पर काफी स्ट्रेस पड़ता है, इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान वेटलिफ्टिंग न करें।
उछलने वाली एक्सरसाइज
गर्भावस्था के दौरान जोड़ों में ढ़ीलापन आ जाता है जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई इम्पैक्ट एरोबिक्स, रस्सी कूदना और किकबॉक्सिंग जैसे अन्य वर्कआउट भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
हाई इंटेंसिटी वर्कआउट
हाई इंटेंसिटी वर्कआउट की प्रक्रिया के दौरान हार्ट को ब्लड की अधिक जरूरत पड़ती है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने से हृदय गति काफी बढ़ जाती हैं जो कि होने वाली मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकती है।
पीठ या पेट पर दबाव डालने वाले व्यायाम
प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसी कोई भी एक्सरसाइज नहीं करें जिससे पीठ या पेट पर दबाव पड़ता हो। कुछ मिनटों के लिए पीठ के बल व्यायाम करना तो ठीक है, लेकिन जैसे-जैसे गर्भाशय भारी होने लगता है शिशु तक ब्लड सर्क्युलेशन पहुंचना बंद हो सकता है। ऐसे योगा पोज, क्रंचेस और अन्य गतिविधियों से बचें जिसमें पीठ के बल एक-दो मिनट से ज्यादा दबाव पड़ता हो। 16 सप्ताह के बाद पीठ के बल व्यायाम करने से कुछ महिलाओं को लो ब्लड प्रेशर और चक्कर की समस्या भी हो सकती है।
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कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स
कोई भी खेल जिसको खेलते समय आपका शरीर दूसरे के संपर्क में आता हो उसे कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स कहते हैं जैसे-बास्केटबॉल, बेसबॉल, फुटबॉल, आइस हॉकी आदि। इन स्पोर्ट्स को खेलने से आपको पेट पर चोट लग सकती है इसलिए, गर्भावस्था के दौरान हाई इम्पैक्ट स्पोर्ट्स से दूर रहें। खासतौर पर पहली तिमाही (एक सप्ताह से बारह सप्ताह) के बाद इन खेलों को खेलने से बचें क्योंकि इस समय तक पेट का साइज बढ़ जाता है। इन खेलों को खेलने से प्लेसेंटा के टूटने से लगता भ्रूण को खतरा हो सकता है।
बॉडी को फिट रखने के लिए वर्कआउट जरूरी है लेकिन, अगर आप छठे महीने में एक्सरसाइज से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी के छठे महीने में एक्सरसाइज को लेकर जानकारी दी गई है। यदि आपका इससे जुड़ा कोई प्रश्न है, तो आप उसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों के प्रश्नों का उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।
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