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7 वजहें जिनके कारण शिशु के पेट में गैस बन सकती है, ऐसे करें दूर

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Mayank Khandelwal


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/06/2020

    7 वजहें जिनके कारण शिशु के पेट में गैस बन सकती है, ऐसे करें दूर

    शिशु के पेट में गैस बनना एक आम समस्या है। इस स्थिति में पेट या आंत में गैस के छोटे-छोटे बबल्स बन जाते हैं। कुछ मामलों में इससे पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे दर्द का अहसास होता है। कुछ बच्चों को गैस से परेशानी नहीं होती लेकिन, कुछ मामलों में शिशु जब तक वह गैस पास नहीं कर लेता तब तक वह बेचैन रहता है और रोता रहता है।

    इस स्थिति में कुछ घरेलू उपाय इस समस्या को ठीक कर सकते हैं। साथ ही पीडियाट्रीशियन से इस संबंध में बात करके इस परेशानी से बचा जा सकता है। आज हम इस आर्टिकल में शिशु के पेट में गैस और दर्द से राहत के उपायों के बारे में बताएंगे।

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    शिशु के पेट में गैस बनने और दर्द का कारण

    पेट में हवा भरना

    गलत तरीके से स्तनपान करने से शिशु के पेट में हवा चली जाती है। इसके अलावा, गलत पुजिशन में बॉटल से दूध पीने पर भी शिशु के पेट में हवा चली जाती है। जिससे गैस बनने लगती है।

    शिशु का ज्यादा रोना

    रोते वक्त शिशु के पेट में हवा चली जाती है। इससे उसके पेट में गैस बन जाती है। आपने सुना होगा कि रोने के बाद अक्सर शिशु गैस पास कर देते हैं। शिशु के लगातार रोने के पीछे कारण पता लगाना मुश्किल होता है। दरअसल गैस और उसके कारण होने वाले दर्द की वजह से बच्चा रोता है।

    डाइजेशन की समस्या

    शिशु के पेट में गैस बनने का कारण खराब डाइजेशन भी हो सकता है। यह एक प्रकार की रिफलक्स की समस्या हो सकती है। यदि शिशु के पेट में गैस की समस्या ज्यादा गंभीर है तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

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    कोलिक से बनती है शिशु के पेट में गैस

    चौथे महीने के दौरान शिशु एक हफ्ते में तीन दिन तक तीन घंटे से ज्यादा रोता है। ऐसा तीन हफ्तों तक चलता है। इसे कॉलिक कहा जाता है। हालांकि, कोलिक के पीछे शिशु के पेट में गैस का बनना कारण नहीं होता है। यदि आपका बच्चा कोलिक में है तो वह ज्यादा रोएगा, जिसकी वजह से उसके पेट में ज्यादा हवा भी जाएगी। इसके परिणामस्वरूप पेट में गैस बनेगी। रोते वक्त शिशु के पेट पर दबाव पड़ता है। कोलिक में ज्यादा रोने से उनके पेट में दर्द हो सकता है।

    नए फूड से शिशु के पेट में बनती है गैस

    एक वर्ष या इससे अधिक अवधि के शिशु सॉलिड फूड खाते हैं। खाने में उन्हें नया फूड देने से शिशु के पेट में गैस बन सकती है। कुछ शिशु खाने को लेकर अतिसंवेदनशील होते हैं। ऐसे में उन्हें नया फूड ऑफर करने से उनके पेट में बार-बार गैस बन सकती है। उससे शिशु के पेट में दर्द होता है।

    फॉर्मुला दूध पिलाने का तरीका

    आमतौर पर जब दूध की बोतल से बच्चे को फॉर्मूला दूध पिलाया जाता है, तो उस बोतल को लोग हिलाकर ही बच्चे को दूध को पिलाते हैं। ऐसे करने से दूध में झाग के रूप में हवा इकट्ठी हो जाती है। जिसे पीने के बाद बच्चे को गैस की समस्या हो सकती है।

    मां का आहार

    बच्चे के आहार और दूध के साथ-साथ में को भी अपने आहार का पूरा ध्यान रखना चाहिए। मां जो कुछ भी खाती है, उसी आहार का पोषण मां के ब्रेस्ट मिल्क के जरिए शिशु का आहार बनता है। ऐसे में अगर मां कुछ ऐसा खाती है, जो गैस बनने का कारण हो सकता है, तो उससे शिशु के पेट में गैस की समस्या हो सकती है।

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    शिशु के पेट में गैस की समस्या होने के लक्षण क्या हैं?

    निम्न लक्षणों के जरिए आप अपने शिशु के पेट में गैस के लक्षणों का पता लगा सकते हैंः

    बच्चे की घबराहट और चिड़चिड़ापन

    गैस की समस्या होने का यह पहला संकेत हो सकता है। पेट में गैस होने पर बच्चे को घबराहट हो की समस्या हो सकती है और चिड़चिड़ा बर्ताव भी कर सकता है।

    पेट से आवाज आना

    गैस की समस्या होने पर बच्चे के पटे से गुड़गुड़ाहट की आवाज आ सकती है। इस आवाज को अपने आस-पास शांत माहौल पर सुन सकते हैं।

    ब्लोटिंग की समस्या

    गैस की समस्या होने पर बच्चे का पेट फूला हुआ नजर आ सकता है और पेट भी कड़ा महसूस कर सकते हैं।

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    गैस और दर्द की समस्या का इलाज

    शिशु की पुजिशन चेक करें

    शिशु को स्तनपान या बोतल से दूध पिलाते वक्त बोतल को हमेशा हल्का सा ऊपर उठाएं ताकि उसमें हवा के बुलबुल ना पैदा हों। मां को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे का मुंह निप्पल को पूरी तरह कवर करे। साथ ही मां और बच्चे के बीच प्रॉपर अटैचमेंट रहे। स्तनपान कराते वक्त हमेशा एक तकिए का इस्तेमाल करें। इससे शिशु को सपोर्ट मिलता है। ऐसा करने से काफी हद तक शिशु के पेट में गैस बनने की समस्या का इलाज किया जा सकता है।

    शिशु को डकार दिलाएं

    स्तनपान के दौरान और इसके बाद शिशु को ठकार दिलाने से उसके पेट में बनने वाली गैस और दर्द गायब हो जाते हैं। इसके अलावा, आप शिशु को स्तनपान कराने के बाद कुछ समय के लिए बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दें। इसके बाद दोबारा उसे डकार दिलाने की कोशिश करें।

    शिशु की बोतल बदलें

    यदि शिशु को बोतल से दूध पिलाती हैं तो स्लो फ्लो वाला निप्पल लें। इससे शिशु के पेट में धीरे-धीरे दूध जाएगा। इस स्थिति में शिशु के पेट में हवा भरने की संभावना न्यूनतम होगी। गैस बनने से शिशु के पेट में दर्द होता है। यदि गैस की समस्या को ठीक कर दिया जाए तो पेट दर्द अपने आप ही ठीक हो जाएगा।

    शिशु को एक्सरसाइज कराएं

    शिशु की हल्की मसाज करें। उसके पैरों को आगे-पीछे की तरफ करें। शिशु को हल्के गुनगुने पानी से नहलाएं। इससे शिशु के पेट में गैस पास होने में मदद मिलती है।

    अंत में हम यही कहेंगे कि शिशु के पेट में गैस बनना कोई गंभीर समस्या नहीं है। आमतौर पर शिशुओं को यह समस्या होती है लेकिन, अगर यह लंबे समय तक ठीक न हो और शिशु बार-बार और ज्यादा रोए तो एक डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Mayank Khandelwal


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