शिशु की पुजिशन चेक करें
शिशु को स्तनपान या बोतल से दूध पिलाते वक्त बोतल को हमेशा हल्का सा ऊपर उठाएं ताकि उसमें हवा के बुलबुल ना पैदा हों। मां को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे का मुंह निप्पल को पूरी तरह कवर करे। साथ ही मां और बच्चे के बीच प्रॉपर अटैचमेंट रहे। स्तनपान कराते वक्त हमेशा एक तकिए का इस्तेमाल करें। इससे शिशु को सपोर्ट मिलता है। ऐसा करने से काफी हद तक शिशु के पेट में गैस बनने की समस्या का इलाज किया जा सकता है।
शिशु को डकार दिलाएं
स्तनपान के दौरान और इसके बाद शिशु को ठकार दिलाने से उसके पेट में बनने वाली गैस और दर्द गायब हो जाते हैं। इसके अलावा, आप शिशु को स्तनपान कराने के बाद कुछ समय के लिए बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दें। इसके बाद दोबारा उसे डकार दिलाने की कोशिश करें।
शिशु की बोतल बदलें
यदि शिशु को बोतल से दूध पिलाती हैं तो स्लो फ्लो वाला निप्पल लें। इससे शिशु के पेट में धीरे-धीरे दूध जाएगा। इस स्थिति में शिशु के पेट में हवा भरने की संभावना न्यूनतम होगी। गैस बनने से शिशु के पेट में दर्द होता है। यदि गैस की समस्या को ठीक कर दिया जाए तो पेट दर्द अपने आप ही ठीक हो जाएगा।
शिशु को एक्सरसाइज कराएं
शिशु की हल्की मसाज करें। उसके पैरों को आगे-पीछे की तरफ करें। शिशु को हल्के गुनगुने पानी से नहलाएं। इससे शिशु के पेट में गैस पास होने में मदद मिलती है।
अंत में हम यही कहेंगे कि शिशु के पेट में गैस बनना कोई गंभीर समस्या नहीं है। आमतौर पर शिशुओं को यह समस्या होती है लेकिन, अगर यह लंबे समय तक ठीक न हो और शिशु बार-बार और ज्यादा रोए तो एक डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।