CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार हर साल विश्वभर में लगभग 30 लाख नवजात शिशुओं की मौत का कारण संक्रमण भी है। नवजात शिशु में संक्रमण बैक्टीरिया या वायरस की वजह से होता है। वहीं, प्री-मैच्योर (37 सप्ताह से पहले से जन्म) बेबीज और शिशुओं में जिनका जन्म के समय वजन कम रहता है, उन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
नवजात शिशु में होने वाले संक्रमण के लिए काफी हद तक उसके आसपास का वातावरण और लोग जिम्मेदार होते हैं। इसलिए, छोटे बच्चों में होने वाले इंफेक्शन को कुछ हद तक रोका जा सकता है। “हैलो स्वास्थ्य’ के इस आर्टिकल में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. आर. के. ठाकुर (आर. के. क्लिनिक, लखनऊ) बता रहे हैं कि न्यू पेरेंट्स कैसे छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर नवजात शिशु की देखभाल कर सकते हैं?
नवजात शिशु में संक्रमण को कैसे पहचानें?
दूध न पीना, चिड़चिड़ा होना, ज्यादा रोना, अत्यधिक नींद आना, व्यवहार में बदलाव आना, तेजी से सांस लेना आदि कुछ लक्षण नवजात शिशु में संक्रमण की ओर इशारा करते हैं। इंफेक्शन का पता लगाने के लिए ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
बच्चे का शिथिल पड़ना, दौरे पड़ना, बॉडी टेम्पेरेचर कम होना या अधिक बढ़ना, उलटी, पेट फूलना, शरीर में सूजन आदि लक्षण गंभीर इंफेक्शन की तरफ इशारा करते हैं। ऐसी स्थिति में देर किए बिना नवजात शिशु को बाल विशेषज्ञ के पास तुरंत ले जाना चाहिए। नवजात शिशु में संक्रमण तेजी से फैलता है और यह कुछ स्थितियों में जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए, जल्दी से रिकवरी के लिए डॉक्टर उन्हें दवाई इंजेक्शन के रूप में देते हैं। साथ ही इलाज कम से कम 10-21 दिन तक देना पड़ सकता है।
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नवजात शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए बेस्ट है स्तनपान कराना
ब्रेस्ट मिल्क (breast milk) में एंटीबॉडी, एंजाइम और व्हाइट ब्लड सेल्स (white blood cells) जैसे कई कारक पाए जाते हैं जो शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। इससे न्यू बॉर्न बेबी को कई तरह के रोगों और संक्रमणों से बचने में मदद मिलती है। जो शिशु स्तनपान करते हैं उनमें कान के संक्रमण, उल्टी, दस्त, निमोनिया, यूरिन इंफेक्शन की संभावना बहुत कम हो जाती है। एक अध्ययन के अनुसार मां के दूध में पाया जाने वाला एक खास किस्म का तत्व नवजात शिशु में संक्रमण के खतरे को कम करता है। साथ ही यह तत्व कई हानिकारक जीवाणुओं से भी शिशु की रक्षा करता है। इस शोध में सामने आया है कि मां के दूध एंटीबायोफिल्म की तरह काम करता है।
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नवजात शिशु में संक्रमण से बचाव के लिए गर्भवती महिला क्या करें?
नवजात शिशु में इंफेक्शन की संभावना को कम करने के लिए महिला को प्रेग्नेंसी पीरियड के दौरान ही कुछ बचाव कर लेने चाहिए जैसे-
- मां को गर्भावस्था के दौरान उपयुक्त आहार और आराम करना चाहिए।
- गर्भवती महिला को टिटनेस की सुई प्रेग्नेंसी के दौरान दो बार अवश्य लगवाने चाहिए। पहले चार से छह महीनों के बीच और दूसरी पहली के एक महीने के बाद ।
- प्रेग्नेंट महिला को डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
- वजायना की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीनो में सेक्स से परहेज करना चाहिए।
- गर्भवती महिला को संक्रमण होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए और उचित उपचार करवाना चाहिए।
- नवजात शिशु में संक्रमण को रोकने के लिए उसे उठाते या खिलाते समय हाथ अच्छी तरह से धोने चाहिए।
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बच्चे को इंफेक्शन से बचाने के लिए न्यू पेरेंट्स क्या टिप्स अपनाएं?
छोटे बच्चे को इंफेक्शन से बचाने के लिए नए पेरेंट्स को भी काफी ध्यान देना चाहिए। उनको भी नीचे बताए गए ये टिप्स फॉलो करने चाहिए।
हाथों की साफ-सफाई है जरूरी
जन्म के 72 घंटों के अंदर होने वाला बैक्टीरियल इंफेक्शन नवजात शिशुओं के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इसलिए, पेरेंट्स जब भी न्यू बॉर्न बेबी के सम्पर्क में आएं, तो सुनिश्चित करें कि हाथ साफ रहें। कोई अन्य भी शिशु को छुएं तो उन्हें अपने हाथ धोने के लिए कहें। हाथों की साफ-सफाई अक्सर संक्रमण की आशंका को बहुत कम कर सकती है। यदि आपके घर में शिशु की देखभाल आया करती है, तो सुनिश्चित करें कि वह भी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखे। उसे रोजाना नहाना चाहिए, उसके नाखून कटे होने चाहिए। साथ ही शिशु को छूने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद हर बार उसे अपने हाथ धोने चाहिए।
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डिस्पोजेबल टिश्यू का उपयोग करें
नवजात शिशु की आंख या नाक को पोंछने के लिए डिस्पोजेबल टिश्यू का उपयोग करें। एक टिश्यू पेपर का प्रयोग एक ही बार करके उसे डस्टबिन में ही फेंके। इससे संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।
अपने बच्चे के आसपास की जगह को साफ रखें
खिलौने और फर्श को नियमित रूप से साफ करें क्योंकि रोगाणु इनकी सतह पर 48 घंटे तक जिंदा रह सकते हैं। इंफेक्शन की संभावना को कम करने के लिए ऐसे एंटी-बैक्टीरियल क्लीनर (bacterial cleaner) उपयोग करें जो बेबी-फ्रेंडली हो।
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ऐसे लोगों से दूर रहें जो अस्वस्थ हैं
बच्चे को सभी तरह के संक्रमणों के संपर्क में आने से रोकना संभव नहीं है। हालांकि, नवजात शिशु को अगर इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है, तो उसे ऐसे लोगों से दूर रखें जिनमें सर्दी-जुखाम जैसे लक्षण हों।
शिशु का टीकाकरण करवाएं
खसरे, मेनिन्जाइटिस (Meningitis), पोलियो (Poilo) आदि संक्रमण जनित रोगों से शिशु को बचाने के लिए नियमित रूप से वैक्सिनेशन करवाएं। कुछ बीमारियां जैसे- खांसी और इन्फ्लूएंजा शिशु के जन्म के पहले महीने में खतरनाक साबित हो सकती हैं। इसलिए परिवार के सदस्यों और केयरटेकर का टीकाकरण हो रखा हो, यह भी सुनिश्चित करने की जरुरत है। इससे वे छोटे-मोटे इंफेक्शन से बचे रहेंगे, जिससे शिशु के संक्रमित होने के चांसेज कम हो जाएंगे।
संक्रमण (इंफेक्शन) नवजात शिशुओं की सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन है। न्यू बॉर्न बेबीज में होने वाले कुछ संक्रमणों की रोकथाम की जा सकती है। ऊपर बताए गए बेबी हेल्थ केयर टिप्स को अपनाकर डिलिवरी के बाद होने शिशु में इंफेक्शन की संभावना को कम किया जा सकता है। ऊपर बताए गए टिप्स आपको कैसे लगे? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपका इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें।
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