मानसिक बदलाव (Mental Change) : इस दौरान बेबी ब्लूज होना सामान्य है। लेकिन यह प्रसवोत्तर अवसाद से अलग होता है। इस दौरान आप दुख और एंग्जायटी से बाहर आने लगेंगी। अगर आपको सोने,खाने में समस्या हो रही है, आप अपने शिशु से बॉन्ड नहीं बना पा रही हैं या आपके मन में सुसाइडल विचार आ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह लें।
चरण 3 : अंतिम के दिन (Phase 3 : Last Days)
शारीरिक बदलाव (Physical Changes): इस समय गर्भाशय अपने पुराने आकार में वापस आ जाता है।अब आप आराम से व्यायाम कर सकती हैं और सेक्शुअल गतिविधियों में इन्वॉल्व हो सकती हैं।
मानसिक बदलाव (Mental Changes) : इस दौरान भी आपका थका हुआ महसूस करना सामान्य है। लेकिन, अगर आप तनाव या एंग्जायटी महसूस कर रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूरी है।
पोस्टपार्टम पीरियड के दौरान मेंस्ट्रुएशन (Menstruation/period during postpartum period)
प्रसव के बाद जहां आपके शरीर को रिकवर को कुछ वक्त लगता है। वहीं अधिकतर महिलाएं प्रसव के बाद अपने पीरियड्स को लेकर भी चिंतित रहती हैं। नौ महीने पीरियड ना आने से एक तरह से इस मामले पर निश्चिंत रहने के बाद अब परेशानी की वजह यह होती है कि अब पीरियड कब आएंगे। जानिए पोस्टपार्टम पीरियड (Postpartum Period) के दौरान मेंस्ट्रुएशन के बारे में।
प्रसव के बाद पीरियड कब आना शुरू होते हैं?
शिशु के जन्म के बाद पहली बार पीरियड कब आएंगे, इसमें आपका ब्रेस्टफीडिंग स्टेटस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा प्रोलैक्टिन (Prolactin) नामक हार्मोन के कारण होता है, जो ब्रेस्ट-मिल्क को बनाने और ओव्यूलेशन स्प्रेस्स करने के लिए जिम्मेदार होता है। जो महिलाएं शिशु को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती हैं, उन्हें शिशु के जन्म के चार से लेकर आठ हफ्तों के बीच पीरियड आ जाते हैं। लेकिन, जो महिलाएं ब्रेस्टफीड कराती हैं उन्हें फिर से पीरियड आने में अधिक हफ्ते या महीने लगते हैं। वैसे भी प्रसव के बाद पीरियड फिर से आने से छे महीने या इससे अधिक समय लगना सामान्य है।