रागी को नाचनी या फिंगर मिलेट्स (Finger Millets) भी कहा जाता है। यह लाल और भूरे रंग के दाने होते हैं, जो देखने में बिल्कुल सरसों की तरह लगते हैं। रागी को पोषक तत्वों का खजाना भी कहा जा सकता है। क्योंकि इसमें आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह ग्लूटेन फ्री अनाज है यानी इस अनाज का सेवन वे लोग भी कर सकते हैं, जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी है। प्रेग्नेंसी में महिला को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। यह उसके और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए आवश्यक है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को रागी का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान रागी के सेवन से लाभ होता है। जानिए इस दौरान रागी से होने वाले लाभ के बारे में।
कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा
प्रेग्नेंसी के दौरान रागी लेना फायदेमंद है। रागी में कैल्शियम उच्च मात्रा में होता है, जो बच्चे के दांत और हड्डियों के विकास में मदद करता है। गर्भ में पल रहे बच्चे को उसका न्यूट्रिशन सिर्फ उसकी मां से मिलता है। इसलिए, एक गर्भवती महिला के शरीर में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए। कैल्शियम आपके और आपके बच्चे के दांत, हड्डियां और नाखूनों को मजबूत बनाता है। यानी इस समय कैल्शियम का सेवन करना आवश्यक है। इसके साथ ही शिशु के विकास में भी यह लाभदायक होता है। रोजाना इसका सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से छुटकारा मिलता है।
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फाइबर की सही मात्रा
गर्भावस्था में गर्भवती महिलाएं अक्सर कब्ज की समस्या से पीड़ित रहती हैं। इसके लिए उन्हें फाइबर युक्त आहार खाने की सलाह दी जाती है। एक कटोरी रागी में 16 ग्राम फाइबर होता है। यानी इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है जिससे कब्ज और पेट की अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है। खाने को पचाने में भी यह फायदेमंद है। इसमें मौजूद एल्कलाइनं तत्व खाने को जल्दी पचाने में मददगार हैं। इस दौरान होने वाली अपच, पेट दर्द और गैस की समस्या से भी राहत मिलती है।
डायबिटीज में लाभदायक
रागी में मौजूद फाइबर में बहुत कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होते हैं। जो पाचन क्रिया को धीमा कर देते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल सही और संतुलित अनुपात में रहती है। यही नहीं, जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। उनमें रागी के सेवन से इन्सुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है और यह टाइप 2 डायबिटीज के लोगों को शुगर लेवल नियंत्रित रखने में भी मददगार है। प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान रागी का सेवन करके डायबिटीज के खतरे में बचा जा सकता है।
दूध की मात्रा बढाएं
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सही मात्रा में रागी खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, प्रेग्नेंसी के दौरान रागी खाने से शरीर में दूध पर्याप्त मात्रा में बनता है। ऐसे में मां लम्बे और पर्याप्त समय तक शिशु को अपना दूध पिला सकती है। जिससे शिशु को पूरे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
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एनीमिया से बनाएं
गर्भवस्था में खून की कमी होना सामान्य है। इसलिए, डॉक्टर गर्भवती महिला को आयरन युक्त आहार और सप्लीमेंट का सेवन करने की सलाह देते हैं। रागी में भरपूर मात्रा में प्राकृतिक आयरन होता है। जिससे शरीर में खून की कमी नहीं होती। प्रेग्नेंसी के दौरान रागी से बने खाद्य पदार्थ कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा के कारण गर्भवती माताओं और बुजुर्गों के लिए अत्यधिक अनुकूल हैं।
वजन कम रखे
गर्भावस्था में वजन बढ़ने से अक्सर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या अन्य समस्याएं हो सकती है। लेकिन, रागी एक पूरा आहार है यानी इसे खाने के बाद जल्दी भूख नहीं लगती। जिसके कारण ओवरईटिंग से बचा जा सकता है। यह आहार धीरे पचता है और अधिक समय तक ऐसा लगता है कि पेट भरा हुआ है। यही नहीं, इसमें नेचुरल फैट होता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और इससे वजन नहीं बढ़ता।
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अनिद्रा से छुटकारा
गर्भावस्था में नींद कम आने की समस्या भी हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान रागी का सेवन करने से प्राकृतिक रूप से शरीर को आराम मिलता है। इससे तनाव, चिंता या नींद की समस्या यानी अनिद्रा से बचा जा सकता है। रागी में अमीनों एसिड होता है। जिसे ट्रिप्टोफैन कहा जाता है। यह अनिद्रा को कम करने में सहायक है। इसके साथ प्रेग्नेंसी के दौरान रागी खाने से माइग्रेन की समस्या भी दूर होती है।
प्रोटीन की मात्रा
रागी में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। यह आसानी से शरीर में पच जाता है। गर्भावस्था में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा में होना भी शिशु के विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसलिए भी रागी को गर्भावस्था में एक अच्छा आहार माना जाता है।
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मिनरल
रागी में मिनरल्स होते हैं। जैसे इसमें अन्य अनाजों की तुलना में पांच से तीन गुना अधिक कैल्शियम होता है। इसके साथ ही यह फॉस्फोरस, पोटाशियम और आयरन का भी अच्छा स्त्रोत है। हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में कैल्शियम एक महत्वपूर्ण घटक है। प्रेग्नेंसी के दौरान रागी से लाभ होता है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस या कम हीमोग्लोबिन की समस्या हो। रागी फाइबर, प्रोटीन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और आयरन का एक अच्छा स्रोत है। रागी सबसे पौष्टिक अनाज में से एक है। इसके साथ ही रागी में ट्रिप्टोफैन, सिस्टीन, मेथियोनीन और अमीनो एसिड भी सही मात्रा में होते हैं।
ग्लूटेन से एलर्जी
कुछ गर्भवती महिलाएं ग्लूटेन युक्त चीजों को अपने आहार में शामिल नहीं करती। क्योंकि, उन्हें इससे एलर्जी होती है। लेकिन रागी में ग्लूटेन नहीं होती। ऐसे में वो प्रेग्नेंसी के दौरान रागी का सेवन कर सकती हैं। इस दौरान रागी का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है। जिन खाद्य पदार्थों में ग्लूटेन नहीं होता वो भी शिशु के विकास के लिए लाभदायक भी होते हैं। इसलिए अगर आप गर्भवती हैं तो रागी का सेवन करना न भूलें।
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अन्य लाभ
यह तो आप जान गए होंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान रागी से क्या फायदे होते हैं। लेकिन इसके कुछ अन्य लाभ भी हैं, जानिए उनके बारे में:
- रागी में एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर होते हैं। इन एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण अत्यधिक ऑक्सीकरण नहीं होता। अत्यधिक ऑक्सीकरण से कैंसर की संभावना रहती है ।
- रक्तचाप, अस्थमा, लिवर संबंधी समस्या आदि को दूर करने में भी रागी प्रभावी है।
- अगर रागी का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो कुपोषण, अपक्षयी रोगों या समय से पहले बूढ़ा होने की समस्या को दूर होने में मदद मिल सकती है।
- सही मात्रा में बाजरा का सेवन शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद मिलती।
- यह ब्लड प्लेटलेट क्लंपिंग को रोकने के लिए रक्त को पतला कर देता है, जिससे सनस्ट्रोक और कोरोनरी धमनी विकार का खतरा कम हो जाता है।
- रागी मे मौजूद अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा से बॉडी को आराम मिलता है।
- रागी में मेथिओनीन और लाइसिन एमिनो एसिड होने की वजह से त्वचा को खूबसूरत और जवान बने रहने में मदद मिलती है।
रागी का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल के उच्च स्तर भी कम हो सकता है। इसमें मौजूद एमिनो एसिड से लाइव से अतिरिक्त वसा निकल जाती है जिससे कोलेस्ट्रोल का लेवल कम होता है।
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रखें इन बातों का ध्यान
प्रेग्नेंसी के दौरान रागी का सेवन लाभदायक है। यह बात तो आप जान गए होंगे, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें:
- किसी भी चीज का जरूरत से अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ऐसे ही अधिक मात्रा में रागी का सेवन करने से शरीर में आक्जैलिक एसिड का स्तर बढ़ता है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- अगर किसी को गुर्दे की पथरी की समस्या है तो उसे भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- रागी का सेवन इसके छिलकों को निकालकर ही करना चाहिए, क्योंकि इसके छिलके पचाने में मुश्किल होते हैं। इसलिए रागी को पकाने या प्रयोग करने से पहले इसे अच्छे से धो लें। इसकी बाहर की परत को निकाल कर ही इसका सेवन करें।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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