अगर आप किसी को भी पूछे की आपके जीवन का सबसे बेहतरीन समय कौनसा था तो ज्यादातर लोग ‘बचपन’ यही जवाब देंगे। यह हर किसी के जीवन का सबसे बेहतरीन समय होता है। जहां एक तरफ भाई-बहन में झगड़े, लड़ाई और छोटी-छोटी बातों पर रूठना मनाना होता है वहीं दूसरी तरह वो एक दूसरे को उतना ही स्नेह और प्रेम भी देते हैं। पर हर माता-पिता यह चाहते हैं कि उनके बच्चे आपस में मेल मिलाप से रहें और भाई और बहन का रिश्ता और भी मज़बूत बने। तो आज हम आपको “हैलो स्वास्थ्य” के इस आर्टिकल में यही बताने जा रहे हैं कि कैसे बढ़ाए सिबलिंग बांड।
यदि आपके बच्चे एक-दूसरे के साथ कठिन समय बिता रहे हैं, तो स्वाभाविक है कि आप उन्हें शांतिपूर्वक मतभेदों को सुलझाने के लिए मदद करेंगे।
भाई और बहन का रिश्ता कैसे करें मजबूत ?
यहां कुछ बाल रोग विशेषज्ञ और रिलेशनशिप एक्स्पर्ट्स द्वारा बताए गए उपाय और तकनीक है जिनका पालन करके आप अपने बच्चों के बीच सिबलिंग बांड मजबूत कर सकते हैं। इन टिप्स से भाई और बहन का रिश्ता और भी मजबूत होगा-
दोनों बच्चों के लिए एक जैसे हों रूल्स
हर माता-पिता अपने बच्चों की छोटी से छोटी समस्या को भी अनदेखा में न करें। अपने दोनों बच्चों के लिए घर के नियम एक-जैसे होने चाहिए। मान लें अगर आप अपनी बेटी को भाई के लिए कुछ करने के लिए कह रहे हैं तो बेटे को भी बहन के लिए कुछ करने को कहें। इससे भाई और बहन का रिश्ता स्ट्रांग होगा।
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बताए एक-दूसरे के बारे में बेहतर
अपने बच्चों को एक-दूसरे के दोष, एक-दूसरे की ताकत और एक दूसरे की कमजोरियों को जानने दें। इससे उन्हें पता चलता है कि अगर कहीं गलती हो रही है तो उसे ठीक कैसे करें। इस टिप से से भी भाई और बहन का रिश्ता सुधरता है।
साथ रखें एक दूसरे को
अक्सर बच्चे आपस में लड़-झगड़ कर अलग-थलग रहने लगते हैं लेकिन, पेरेंट्स बच्चों को एक-साथ रहने पर मजबूर करें। बच्चे आपस में कितना भी नाटक करें साथ न रहने के लिए। लेकिन, इसके बावजूद भी उन्हें साथ रखें। इससे उनमें धीरे-धीरे यह आदत डेवलप होगी कि वे लड़ने के बाद भी साथ रहेंगे। इससे भाई और बहन का रिश्ता मजबूत्त होगा।
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परिवार है जरूरी
बच्चों में सिबलिंग बॉन्ड बढ़ाने के लिए उन्हें रिश्तों का मतलब समझाएं। अपने बच्चों को बताए कि दुनिया में परिवार सबसे ज्यादा दुखी होता है उनको परेशानी में देखकर।
अपने रिश्ते के बारे में बताएं
अपने बच्चे को यह समझाए कि कैसे उनके भाई/ बहन उनसे इतना प्यार और स्नेह करते हैं। इससे बच्चों में एक समझ विकसित होगी और भाई और बहन का रिश्ता सुधरता नजर आएगा।
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एक-दूसरे की तुलना न करें
अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों की आपस में तुलना करते हैं। ऐसा करना बहुत गलत है। इससे बच्चे के मन पर बुरा असर पड़ता है। आपस में एक-दूसरे के प्रति ईर्ष्या पनपने लगती है। इसलिए, माता-पिता अगर चाहते हैं कि भाई और बहन का रिश्ता प्यार भरा रहे तो यह न करें।
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मदद करना सिखाएं
सिबलिंग बॉन्ड में मजबूती लाने के लिए बेस्ट है कि पेरेंट्स बच्चों को एक-दूसरे की सहायता करना सिखाएं। फिर चाहे वह स्कूल का होम वर्क हो या घर फिर काम।
उनके खेलने में बाधा न डालें
आपको शायद पुरानी कहावत याद होगी कि “कभी भी सोते हुए बच्चे को नहीं जगाना चाहिए। ऐसे ही सिबलिंग बॉन्ड बढ़ाने के लिए अगर वे एक-दूसरे के साथ खुशी से खेल रहे हैं तो उन्हें बाधित न करें। वो जो भी गेम खेल रहे हैं, उनमें आप भी हिस्सा लें।
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एक-दूसरे की लिसनिंग हैबिट को प्रोत्साहित करें
भाई-बहनों की बात सुनें और एक-दूसरे की राय और विचारों को समझने के लिए कठिन प्रयास करें। इसके लिए अपने बच्चों में अच्छी लिसनिंग हैबिट विकसित करें। जब बच्चे एक-दूसरे की बातें सही से सुनेंगे तो भाई और बहन का रिश्ता भी खिलेगा।
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स्पेशल टाइम सेट करें
अपने बच्चों के बीच एक स्पेशल समय सेट करें। बच्चों के लिए एक साथ बिताने के लिए प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट का समय तो निर्धारित कर ही दें। यह सिबलिंग बॉन्ड को बढ़ाने में विशेष रूप से उपयोगी है। अगर बचपन से ही बच्चों में ऐसी आदत डाल देंगे तो निश्चित रूप से उम्र के साथ-साथ भाई और बहन का रिश्ता और मजबूत होता जाएगा।
दोनों बच्चों को एक ही एक्टिविटी दें
मान लीजिए किसी दिन भाई-बहन में झगड़ा हो गया है तो पेरेंट्स होने के नाते उन दोनों की दोस्ती कराना आपकी ही रिस्पांसिबिलिटी है। इसके लिए बच्चों को एक साथ किसी काम में लगा दें। जैसे मान लें कि फादर्स डे आ रहा है तो बच्चों को बोले कि वे पापा के लिए अच्छे से रूम डेकोरेट करें।
क्यों है आपके भाई-बहन आपके सबसे बड़े साथी?
आज की इस भागती दुनिया में अगर आपके भाई-बहन आपके साथ खड़े हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी ताकत है। बच्चे छोटे पौधों की तरह होते हैं जिन्हें अगर एक बार अच्छी तरह से सींचना चाहिए। भाई-बहन एक-दूसरे को जीवन के छोटे पायदान पर ही बहुत कुछ सीखा सकते हैं। कभी-कभी तो जीवन के बहुमूल्य अनुभव भी प्रदान करते हैं। वे एक दूसरे को संवेदनशीलता, साझेदारी और प्यार सिखाते हैं। वे आपस में ही एक दूसरे से ऐसे कौशल सीखते हैं जो उन्हें बाक़ी लोगों के साथ समान व्यवहार करने में सक्षम बनाते हैं।
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निष्कर्ष:
अगर भाई-बहन को पेरेंट्स का सही मार्गदर्शन मिले तो उनके बीच की लड़ाई और ईर्ष्या की भावना मन में नहीं आएगी और वो आपस में भाई और बहन का रिश्ता बहुत ही मज़बूत रिश्ते को क़ायम करने में सफल होंगे। पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें अपने बच्चों को एक-दूसरे की भलाई और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बनाना चाहिए।
एक बार जब भाई और बहन का रिश्ता बचपन में स्ट्रांग होगा, एक-दूसरे के प्रति प्यार महसूस करने लगेंगे, तो वे एक दूसरे को स्नेह और सुरक्षा प्रदान करेंगे। इस तरह वे अपने भविष्य के संबंधों की जिम्मेदारी लेने के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपके पास भी कुछ टिप्स हैं तो कमेंट बॉक्स में हमारे साथ शेयर करें।