कामेच्छा की कमी (Low Libido) के भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कारण
कई भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कारण भी मनुष्य की सेक्स करने की इच्छा पर असर डालते हैं। अगर मनुष्य को तनाव, थकावट,चिंता,आत्मविश्वास में कमी आदि दिमागी समस्याएं हों, तो इससे उसकी सेक्सुअल गतिविधियों में रुचि कम हो सकती है। इसके साथ ही पार्टनर के साथ रिश्ते में समस्या के कारण भी कामेच्छा की कमी हो सकती है।
एल्कोहॉल या ड्रग का सेवन
अगर आप बहुत अधिक अल्कोहल या ड्रग्स का सेवन करते हैं तो इससे आपका नर्वस सिस्टम बिगड़ सकता है और इससे थकावट अधिक होती है। ऐसे, में सेक्स के बारे में सोचना या उत्तेजित होना मुश्किल है। जिन ड्रग्स का सेक्स ड्राइव (sex drive) पर प्रभाव पड़ता है, उनमें एक है मारिजुआना। पिट्यूटरी ग्रंथि टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को नियंत्रित करती है और मारिजुआना पिट्यूटरी ग्रंथि को प्रभावित करती है। इस प्रभाव के कारण सेक्स के प्रति रूचि कम हो सकती है।
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हॉर्मोन संबंधी समस्या
हालांकि, ऐसा होना दुर्लभ है। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि कम कामेच्छा एक अंडरएक्टिव थायरॉयड के कारण हो सकता है। यह वहां होता है जहाँ हमारी थायरॉयड ग्रंथि होती है। इसके कारण शरीर पर्याप्त हॉर्मोन्स नहीं बना पाता। अंडरएक्टिव थाइरोइड के सामान्य लक्षण हैं थकान, वजन का बढ़ना और तनाव आदि। यह कामेच्छा पर भी बुरा असर डालता है। इसके साथ ही हाइपरप्रोलैक्टिनामिया नामक एक हार्मोनल समस्या भी सेक्स ड्राइव (sex drive) पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
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डिप्रेशन या तनाव
महिलाओं और पुरुषों में सेक्स ड्राइव का न होना (no sex drive in men) तनाव या डिप्रेशन के कारण भी हो सकता है। तनाव से बचने के लिए हमारे शरीर से कुछ हार्मोन निकलते हैं। गंभीर और लंबे समय तक तनाव होने से शरीर के हार्मोन लेवल पर असर होता है, जिससे कामेच्छा की कमी(Low Libido) हो सकती है। तनाव आपकी कामेच्छा को कम कर आपको विचलित कर सकता है। इसके साथ ही जब व्यक्ति डिप्रेशन में होता है तो वो सेक्स के बारे में नहीं सोच पाता। यही नहीं, जिन दवाइयों का प्रयोग डिप्रेशन के उपचार के लिए किया जाता है, यौन इच्छा में कमी उनका एक साइड इफेक्ट है। अगर आप ऐसी कोई दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर से इस बारे में राय अवश्य लें।
रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज
ऐसा माना जाता है कि महिलाएं मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति के बाद कई यौन समस्याओं का सामना करती है। मेनोपॉज के कारण महिलाओं के हार्मोन यानी एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन में कमी आ जाती है। महिलाओं में सेक्स ड्राइव की कमी (low sex drive in women) के कारण यौन इच्छाएं भी कम होती है। यही नहीं, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन लेवल में कमी के कारण योनि में रुखापन भी हो सकता है। जिससे सेक्स करना दर्दभरा और असुविधाजनक हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति सेक्स के दौरान असहज महसूस करे, तो वो सेक्स में रूचि खो सकता है।
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