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Skin Ulcers: जानिए स्किन अल्सर के लक्षण, कारण और इलाज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/02/2022

    Skin Ulcers: जानिए स्किन अल्सर के लक्षण, कारण और इलाज

    बढ़ती उम्र को तो रोका नहीं जा सकता है, लेकिन उम्र बढ़ने या अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से होने वाली शारीरिक परेशानियों को रोका जा सकता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ स्किन अल्सर (Skin Ulcers) से जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे। अल्सर (Ulcer) की समस्या को हमेशा पेट से जुड़ी बीमारी समझी जाती है, लेकिन त्वचा में भी अल्सर की समस्या हो सकती है। 

    • स्किन अल्सर क्या है?
    • स्किन अल्सर के प्रकार क्या हैं? 
    • स्किन अल्सर के लक्षण क्या हैं?
    • स्किन अल्सर के कारण क्या हैं?
    • स्किन अल्सर का निदान कैसे किया जाता है?
    • स्किन अल्सर का इलाज कैसे किया जाता है?
    • स्किन अल्सर के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?

    चलिए त्वचा के अल्सर से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।    

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    स्किन अल्सर (Skin Ulcers) क्या है?

    त्वचा में अल्सर की समस्या विशेष रूप से इंजरी या ब्लड सर्क्युलेशन (Blood Circulation) ठीक तरह से नहीं होने की स्थिति में होती है। त्वचा में अल्सर अलग-अलग तरह के होते हैं।

    स्किन अल्सर के प्रकार क्या हैं? (Types of Skin Ulcers)

    स्किन अल्सर के प्रकार निम्नलिखित हैं। जैसे:

    1. वीनस स्किन अल्सर (Venous skin ulcers)
    2. आर्टेरियल स्किन अल्सर (Arterial [Ischemic] skin ulcers)
    3. न्यूरोपैथिक अल्सर (Neuropathic skin ulcers)
    4. बेडसोर या प्रेशर अल्सर (Bedsores or Pressure ulcers)
    5. बुरुली अल्सर (Buruli ulcer)
    6. स्टैसिस डर्मेटाइटिस (Stasis dermatitis)

    त्वचा में अल्सर इन ऊपर बताये 6 तरह की होते हैं। चलिए अब स्किन अल्सर के प्रकारों को समझने की कोशिश करते हैं। 

    1. वीनस स्किन अल्सर (Venous skin ulcers)

    खराब ब्लड सर्क्युलेशन की वजह से वीनस स्किन अल्सर की समस्या शुरू हो सकती है, जो खासकर पैर के निचले हिस्से में देखी जा सकती है। ब्लड सर्क्युलेशन (Blood Circulation) ठीक तरह से नहीं होने की स्थिति में पैर के वेन (Leg veins) ब्लड को वापस हार्ट (Heart) तक पहुंचने में बाधा डालते हैं। ऐसी स्थिति में ब्लड पैर के निचले हिस्से में जमा होने लगता है और धीरे-धीरे पैर में सूजन की समस्या शुरू हो जाती है। सूजन की वजह से पैर की त्वचा पर प्रेशर ज्यादा पड़ता है, जो धीरे-धीरे अल्सर का कारण बनने लगती है। 

    2. आर्टेरियल स्किन अल्सर (Arterial [Ischemic] skin ulcers)

    आर्टेरियल स्किन अल्सर समस्या तब शुरू होती है जब आर्टरी द्वारा ऑक्सिजन सप्लाई लोअर लिंब (Lower limbs) तक कम होने लगता है। ऑक्सिजन सप्लाई कम होने की वजह से टिशू डैमेज होने लगते हैं और अल्सर की समस्या शुरू होने लगती है। आर्टेरियल स्किन अल्सर विशेष रूप से एंकल (Ankle), फीट (Feet) और पैर की उंगलियों (Toes) में ज्यादा देखे जा सकते हैं।  

    3. न्यूरोपैथिक स्किन अल्सर (Neuropathic skin ulcers)

    सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार न्यूरोपैथिक स्किन अल्सर की समस्या तकरीबन 60 से 70 प्रतिशत  डायबिटीज मरीजों में देखी जाती है। न्यूरोपैथिक स्किन अल्सर (Neuropathic skin ulcers) ब्लड शुगर लेवल इम्बैलेंस होने के कारण होने वाली समस्या है। अगर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में ना रखा जाए, तो नर्व (Nerve) डैमेज होने लगते हैं और हाथ एवं पैरों की सेंसेटिविटी कम होने लगती है। 

    4. बेडसोर या प्रेशर अल्सर (Bedsores or Pressure ulcers)

    बेडसोर या प्रेशर अल्सर को मेडिकल टर्म में डीक्यूबिटस अल्सर (Decubitus ulcers) भी कहा जाता है। बेडसोर या प्रेशर अल्सर की समस्या स्किन पर लगातार दवाब पड़ने या घर्षण की वजह से शुरू हो जाती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार स्किन सिर्फ 30-32 मिलीमीटर मर्क्युरी (30 to 32 Millimeters of mercury) तक ही दवाब सह सकती है। अगर इससे ज्यादा स्किन पर प्रेशर पड़ता है, तो बेडसोर की तकलीफ शुरू हो सकती है। वहीं अगर बेडसोर या प्रेशर अल्सर (Bedsores or Pressure ulcers) का इलाज ठीक तरह से ना करवाया जाए, तो टेंडॉन्स (Tendons), लिगामेंट्स (Ligaments) और मसल टिशू (Muscles tissue) डैमेज हो सकते हैं। 

    5. बुरुली अल्सर (Buruli ulcer)

    अगर कोई व्यक्ति माइकोबैक्टीरियम अल्सरंस बैक्टीरिया (Mycobacterium ulcerans bacteria) की समस्या का शिकार है, तो उनमें बुरुली अल्सर (Buruli ulcer) की संभावना ज्यादा होती है। बुरुली अल्सर लेग और आर्म्स पर ज्यादा देखे जा सकते हैं। अगर बुरुली अल्सर का इलाज ना करवाया जाए तो इससे परमानेंट फिजिकल डैमेज (Physical damage) और डिसेबिलिटी (Disability) हो सकती है। 

    6. स्टैसिस डर्मेटाइटिस (Stasis dermatitis)

    स्टैसिस डर्मेटाइटिस को मेडिकल टर्म में ग्रेविटेशनल डर्मेटाइटिस (Gravitational dermatitis) भी कहा जाता है। ऐसा ब्लड सर्क्युलेशन ठीक तरह से नहीं होने वाली समस्या है। दि नैशनल एग्जिमा एसोसिएशन (The National Eczema Association) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं एवं पुरुषों में स्टैसिस डर्मेटाइटिस (Stasis dermatitis) की समस्या सामान्य है। 

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    स्किन अल्सर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Skin Ulcers)

    स्किन अल्सर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं –

    त्वचा का रंग सामान्य स्किन टोन (Skin tone) से अलग होना। 

    • त्वचा में खुजली (Itching) होना। 
    • त्वचा पर निशान (Scabbing) नजर आना। 
    • अल्सर वाले हिस्से पर सूजन (Swelling) आना। 
    • अल्सर के आसपास की त्वचा रूखी (Dry skin) होना। 
    • अल्सर के कारण दर्द (Pain) महसूस होना। 
    • अल्सर से डिस्चार्ज (Discharge) होना। 
    • अल्सर या घाव से स्मेल (Odor) आना। 
    • अल्सर वाली जगह के पास हेयर लॉस (hair loss) होना।

    इन लक्षणों के नजर आने पर या महसूस होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। 

    स्किन अल्सर के कारण क्या हैं? (Cause of Skin Ulcers)

    त्वचा में अल्सर का मुख्य कारण ब्लड सर्क्युलेशन ठीक तरह से नहीं होने के कारण या डायबिटीज जैसी बीमारियों को माना गया है। स्किन अल्सर के शुरुआती स्टेज में ज्यादा परेशानी नहीं हो सकती है, लेकिन अगर इसका इलाज समय पर ना करवाया जाए, तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है। इसलिए स्किन अल्सर के प्रकार को समझकर डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं। 

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    स्किन अल्सर का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Skin Ulcers)

    स्किन अल्सर के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री और स्किन अल्सर के लक्षणों को समझने की कोशिश करते हैं। इसके साथ डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। जैसे:

    • ब्लड टेस्ट (Blood test)
    • टिशू या फ्लूड कल्चर टेस्ट (Tissue or fluid culture)
    • एक्स-रे (X-ray)
    • सीटी स्कैन ( CT scan)
    • एमआरआई ( MRI)

    बीमारी की गंभीरता और पेशेंट की हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर स्किन अल्सर का इलाज शुरू किया जाता है। 

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    स्किन अल्सर का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Skin Ulcers)

    स्किन अल्सर का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:

    1. ड्रेसिंग (Dressing) 

    त्वचा पर हुए घाव को जल्दी भरने के लिए या ठीक होने के लिए सबसे पहले डॉक्टर उसे क्लीन करते हैं और फिर उस एरिया को ड्रेसिंग करते हैं। ड्रेसिंग भी स्किन अल्सर के टाइप पर निर्भर होती है। इसलिए मॉइस्ट ड्रेसिंग (Moist dressings), हाइड्रोजेल (Hydrogels), हाइड्रोकोलॉयड (Hydrocolloids), कोलेजन वून्ड ड्रेसिंग (Collagen wound dressings), और एंटीमाइक्रोबाइल ड्रेसिंग (Antimicrobial dressings) का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप खुद से या नॉन मेडिकल पर्सन अल्सर एरिया को क्लीन कर रहें हैं, तो डॉक्टर से क्लीन करने के प्रोसेस को समझें। 

    2. एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)

    अल्सर को कम करने के लिए और इसे जल्द ठीक होने के लिए एंटीबायोटिक प्रिस्क्राइब की जाती है, जिससे इंफेक्शन को फैलने से रोकने में मदद मिलती है। 

    3. दर्द की दवाएं (Pain medication)

    स्किन अल्सर में दर्द की तकलीफ को दूर करने के लिए मेडिसिन प्रिस्क्राइब की जाती है। वहीं त्वचा में अल्सर होने के बाद भी दर्द जैसी तकलीफ नहीं होती है, तो ऐसे में दर्द की दवा नहीं दी जा सकती है। 

    4. सर्जरी (Surgery)

    वैसे तो स्किन अल्सर के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन ट्रीटमेंट के बावजूद घाव कम ना होने की स्थिति में स्किन ग्राफ्ट (Skin graft) की जरूरत पड़ सकती है। 

    इन अलग-अलग तरहों से स्किन अल्सर का इलाज किया जाता है। 

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    स्किन अल्सर के लिए घरेलू उपाय क्या हैं? (Home remedies for Skin Ulcers)

    स्किन अल्सर के लिए घरेलू उपाय में निम्नलिखित विकल्पों को शामिल किया गया है। जैसे:

    • स्किन अल्सर की समस्या अगर पैर में हुई है, तो ऐसे में लेग एलिवेशन (Leg elevation) मरीज के लिए बेहतर विकल्प माना गया है। लेग एलिवेशन आसान तरीका है और इसके लिए लेटने के दौरान पैर को चेस्ट ऊपर की लेवल में रखना चाहिए। इसलिए आप एक या दो तकियों को अपने पैर के नीचे रखें। 
    • पैर के सूजन को कम करने के लिए कम्प्रेश्ड सॉक्स (Compression socks) का इस्तेमाल किया जा सकता है। 
    • स्किन अल्सर को क्लीन करने के लिए सेलाइन सलूशन (Saline solution) का इस्तेमाल पानी में मिलाकर करना चाहिए। 
    • घाव को जल्द ठीक करने के लिए हल्दी (Turmeric) का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल हल्दी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल (Antimicrobial), एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) और एंटीइंफ्लामेटरी (Anti-inflammatory) प्रॉपर्टीज मौजूद होते हैं, जो घाव को जल्द ठीक होने में मददगार हो सकते हैं।  इसलिए स्किन अल्सर के लिए घरेलू उपाय में हल्दी को शामिल कर सकते हैं। 
    • स्किन अल्सर के लिए घरेलू उपाय में शहद (Honey) को भी शामिल किया जा सकता है। शहद में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल (Antimicrobial) एंटी इंफ्लामेटरी (Anti-inflammatory) प्रॉपर्टीज अल्सर को जल्द ठीक होने में सहायक हो सकते हैं। 

    त्वचा में अल्सर से राहत पाने में ये घरेलू उपाय लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से भी कंसल्ट करना जरूरी होता है।  

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    किन-किन लोगों में स्किन अल्सर की संभावना ज्यादा हो सकती है? (Risk factor of Skin Ulcers)

    स्किन अल्सर की संभावना निम्नलिखित स्थितियों में ज्यादा होती है। जैसे:

    इन ऊपर बताई स्थितियों में त्वचा में अल्सर की समस्या ज्यादा हो सकती है। इसलिए अगर इसके लक्षण नजर आएं तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

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    त्वचा (Skin) या त्वचा में अल्सर से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए घरेलू उपायों की मदद ली जा सकती है, लेकिन अगर जल्द फायदा नजर नहीं आने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन, मेडिकल हिस्ट्री और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज करते हैं।   

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