महिला हो या पुरुष दोनों में आकर्षण स्वाभाविक माना जाता है हर पुरुष हर महिला को या हऱ महिला हर पुरुष को आकर्षित नहीं कर सकती है। आकर्षण का सिद्धांत बहुत सी चीजों पर निर्भर करता है।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
महिला हो या पुरुष दोनों में आकर्षण स्वाभाविक माना जाता है हर पुरुष हर महिला को या हऱ महिला हर पुरुष को आकर्षित नहीं कर सकती है। आकर्षण का सिद्धांत बहुत सी चीजों पर निर्भर करता है।
खूबसूरती की गणना को गोल्डन रेशियो कहा जाता है। यह 1.618.1 होता है और 1.618 को ही फी कहा जाता है। दुनिया में फूल हो, खूबसूरत महिला हो या पुरुष हर किसी की खूबसूरती को इस फी से तोलकर भी आकर्षण का सिद्धांत माना जाता है। इस गोल्डन रेशियो को फी रेशियो (Phi Ratio), फिबोनेसी रेशियो (Fibonacci Ratio), डिवाइन रेशियो (Divine Ratio), गोल्डन मीन (Golden Mean) और गोल्डन सेक्शन (Golden Section) भी कहा जाता है।
और पढ़ें : खरबों गंध (स्मैल) को पहचानने की ताकत रखती है हमारी नाक, जानें शरीर से जुड़े ऐसे ही रोचक तथ्य
ब्रिटिश जर्नल ऑफ सायकोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार खाना पसंद करने वाले पुरुषों को पतली के बजाए थोड़ी वजनी महिलाएं पसंद आती हैं। इनके आकर्षण का सिद्धांत शायद यह है कि महिलाएं यदि अपने कर्व पर ज्यादा ध्यान देंगी तो इसका मतलब होगा कि वह खाने को चाव से ना खाकर हेल्थ और फिगर मेंटेन करने के हिसाब से खाती हैं।
यहां बताने की जरूरत नहीं पर आकर्षण का सिद्धांत हमारे शरीर पर भी लागू होता है। तोंद निकलना स्वभाविक रूप से शरीर को बेडोल बना देता है। इससे खूबसूरती का गोल्डन रेशियो बिगड़ जाता है और बताना नहीं होगा कि इससे हमारी आकर्षण शक्ति कम हो जाती है। सीधे तौर पर कहें तो अगर आपकी तोंद निकली है तो ये एक नेगेटिव प्वाइंट बन सकता है।
इस बात को कोई नहीं नकार सकता कि महिला हो या पुरुष दोनों को ही तोंद वाले लोग पसंद नहीं आते हैं। आकर्षण का सिद्धांत जान गए हैं तो आज से जिम जाना शुरू कर दीजिए। इसके साथ ही एक ज्ञान की बात यह भी है कि जिन पुरुषों की तोंद होती है उनमें टेस्टोस्टरोन की कमी होती है, जिसके कारण फर्टिलिटी रेट भी कम होता है।
और पढ़ें : प्यार और मौत से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स
‘ओ लाल दुप्पटे वाली तेरा नाम तो बता’, ‘लाल छड़ी मैदान खड़ी, हम दिल से गए और जां से गए’। ऐसे ना जाने कितने गाने हम बॉलीवुड की मूवीज में सुन चुके हैं। वहीं लाल रंग को हर स्किन टोन और अंडर टोन का रंग माना जाता है। यानी आपका कलर कॉम्प्लेक्स जो भी हो लाल रंग की ड्रेस आपको बला की खूबसूरत बना देती है। लाल रंग अट्रैक्शन के बहुत काम आता है। शायद यही कारण है कि अधिकतर हिंदुओं में विवाह के समय दुल्हन को लाल रंग का जोड़ा दिया जाता है।
यदि आप किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उस चीज को आपसे मिलाने की साजिश रचती है। ‘ओम शांति ओम’ में शाहरूख खान ने यह बात कही भी है। इसलिए सबसे पहले तो जिस भी चीज को आप पाना चाहते हैं उस चीज को नहीं पा सकेंगे यह ना सोचें। मन में हमेशा हर चीज के प्रति और हर इंसान के बारे में पॉजिटिव ही सोचें। नेगेटिव सोचने पर आसपास की चीजें नकारात्मक ही नजर आती हैं। आकर्षण का सिद्धांत यही है कि जैसा सोचेंगे वैसा ही पाएंगे तो बी पॉजिटिव।
सेक्शुअल और रोमांटिक अट्रैक्शन में अंतर होता है। यह दोनों ही अलग-अलग हैं। पर दानों में से आपको कौन सा हुआ है यह कैसे जानें?
जब सेक्शुअल और रोमांटिक अट्रैक्शन में अंतर होता है। तो आप यह भी जानना चाहते होंगे कि आपको सिर्फ अट्रैक्शन हुआ है या प्यार? तो इस तरह समझ सकते हैं दोनों का अंतर। प्यार पूरी जिंदगी रहता है पर आकर्षण जितनी जल्दी होता है उतनी ही जल्दी खत्म भी हो जाता। आकर्षण का सिद्धांत प्यार से चलता है पर प्यार आकर्षण के सिद्धांत से नहीं। यानी अट्रैक्शन से प्यार की शुरुआत हो सकती है। पर अट्रैक्शन के कारण प्यार नहीं बचा रह सकता। प्यार में उस व्यक्ति की हर चीज से प्यार होता है। जबकि आकर्षण सिर्फ तब तक रहता है जब तक वो व्यक्ति सामने है। व्यक्ति के साथ ही आकर्षण का सिद्धांत भी समाप्त होने लगता है। जबकि प्यार में दूरी या नजदीकी मायने नहीं रखती है।
और पढ़ें : किसी के साथ प्यार में पड़ने से लगता है डर, तो हो सकता है फिलोफोबिया
आकर्षण का सिद्धांत किसी ना किसी चीज पर टिका होता है। चाहे बोली हो, सुंदरता हो या अन्य कोई बात पर प्यार बेवजह होता है। आकर्षण किसी व्यक्ति ही नहीं, वस्तु पर भी हो सकता है। सीधे शब्दों में समझा जाए तो कोई लड़का या लड़की बहुत मीठा बोलता है तो आप उसकी बोली के प्रति आकर्षित हो जाएंगे। जब आपको वैसा ही कोई दूसरा मिलेगा तो ये आकर्षण दूसरे के तरफ चला जाएगा। आकर्षण अस्थायी होता है और प्यार स्थायी। प्यार किसी चीज से नहीं होता। यही कारण है कि आकर्षण के खत्म होते ही लगता है कि प्यार भी खत्म हो गया।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।