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क्या अश्वगंधा का सेवन बढ़ाता है टेस्टोस्टेरोन?

क्या अश्वगंधा का सेवन बढ़ाता है टेस्टोस्टेरोन?

अश्वगंधा एक असामान्य औषधि वनस्पति है। इसके विशेष गुण इसे अन्य पौधों से अलग करते हैं। प्राचीन भारत में, आयुर्वेद काल से ही इसका उपयोग किया जाता रहा है। अश्वगंधा का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, बढ़ते कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखता है, मेमोरी  को बेहतर बनता है। पर अश्वगंधा के लाभ सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं।

अश्वगंधा का सेवन शरीर में टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) नामक हॉर्मोन की मात्रा पर भी असर डालता है। पुरुषों के शरीर में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरोन एक ऐसा प्रमुख सेक्स हॉर्मोन है जो प्रजनन के लिए ज़िम्मेदार होता है। एक अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा के उपयोग से शरीर में 10-22% तक टेस्टोस्टेरोन की वृद्धि पायी गयी। इस अध्ययन में भाग लेने वालों में से 14% पुरुषों की साथी महिलाएं गर्भवती होने में सफल रहीं।

कैसे बढ़ता है अश्वगंधा का सेवन टेस्टोस्टेरोन का स्तर?

अश्वगंधा एक एडाप्टोजेन (Adaptogen) है, जो कि हमारे अडेरेनल ग्रंथि को मजबूत करता है। अडेरेनल ग्रंथि हमारे शरीर में स्ट्रेस से लड़ने का काम करती है। कोर्टिसोल का स्तर, स्ट्रेस के स्तर से सीधे जुड़ा हुआ है। शरीर में कोर्टिसोल का अधिक स्तर बहुत ही हानिकारक होता है। यह रक्तचाप को बढ़ा देता है और उच्च रक्तचाप नपुंसकता का एक प्रमुख कारण है। यह स्ट्रेस को कम करके, शरीर को ज्यादा रिलैक्स रखता है। यह हमारे शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को सामान्य रखता है जिससे रक्तचाप का स्तर भी नियंत्रण में रहता है।

अश्वगंधा का सेवन शरीर में स्पर्म काउंट को बढ़ाता है। इसके  प्रयोग से रक्त में ऐंटीआक्सिडंट का स्तर भी बढ़ता है जो कि एक स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत ही जरूरी है। खून में ऐंटीआक्सिडंट का सही स्तर स्पर्म की क्वालिटी को भी बेहतर करता है। फटीग (थकान) और डिप्रेशन को घटाने के लिए भी अश्वगंधहा का प्रयोग किया जा सकता है।

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अश्वगंधा का इस्तेमाल कैसे करें?

बाजार में यह कई रूपों में उपलब्ध है। लेकिन सबसे ज्यादा अश्वगंधा पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अश्वगंधा चूर्ण खाने का तरीका बहुत आसान है। पानी, शहद या फिर घी में मिलाकर अश्वगंधा चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा चाय और अश्वगंधा का रस भी मार्केट और ऑनलाइन आसानी से मिल जाता है। इसके सही मात्रा और उपयोग के बारे में पहले से ही डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। डॉक्टर समस्या और शारीरिक जरूरत के अनुसार अश्वगंधा का सेवन करना बताएंगे।

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सेहत के लिए अश्वगंधा के फायदे

अश्वगंधा को यदि डॉक्टर की सलाह से एक निश्चित मात्रा में लिया जाए तो इसके कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं जैसे-

  • नींद न आने से परेशान हैं, तो डॉक्टर के परामर्श पर अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। 2017 में जापान की त्सुकुबा यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट द्वारा की गई एक रिसर्च के अनुसार, अश्वगंंधा के पत्तों में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक होता है, जो गहरी नींद में सोने में मदद कर सकता है।
  • इसमें एंटीआक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं। जिसकी वजह से अश्वगंधा का सेवन ह्रदय से संबंधित कई तरह की समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है। इसके उपयोग से खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस के शोध में भी पुष्टि की गई है कि अश्वगंधा में प्रचुर मात्रा में हाइपोलिपिडेमिक पाया जाता है, जो ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार हो सकता है।
  • इस आयुर्वेदिक औषधि में मौजूद हाइपोग्लाइमिक प्रॉपर्टी, ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में मददगार है। दरअसल, साल 2009 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोल्यूकूलर साइंस ने मधुमेह ग्रस्त चूहों पर इसकी जड़ और पत्तों का इस्तेमाल कर शोध किया था। कुछ समय बाद चूहों में पॉजिटिव चेंजेस नजर आए। इससे कहा जा सकता है कि कुछ हद तक डायबिटीज से बचाव में अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है।
  • स्ट्रेस के कारण कई बीमारियों का शिकार लोग हो रहे हैं। चूहों पर किए गए शोध की माने तो तनाव और चिंताग्रस्त जीवन के साइड इफेक्ट्स से बचाने में आयुर्वेदिक औषधि काफी मददगार साबित हो सकती है। इसमें मौजूद सिटोइंडोसाइड (Sitoindosides) और एसाइलस्टरीग्लुकोसाइड्स (acylsterylglucosides) शरीर में एंटी-स्ट्रेस के रूप में काम करते हैं। इससे तनाव से निजात मिल सकती है।
  • प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में भी अश्वगंधा टेबलेट या पाउडर का सेवन किया जा सकता है। इसमें मौजूद इम्यूनमॉड्यूलेटरी गुण शरीर की जरूरत के हिसाब से इम्युनिटी में बदलाव करते हैं।
  • एक शोध अनुसार अश्वगंधा थायराइड हार्मोंस को भी संतुलित कर सकते हैं। साथ ही हाइपोथायराइड (hypothyroid) रोगियों पर हुए अध्ययन में भी अश्वगंधा का सेवन थायराइड में लाभकारी पाया गया।
  • इसका उपयोग मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकने में भी कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे-अर्थराइटिस, इंफेक्शन को कम करने, वजन नियंत्रण आदि में भी इसका इस्तेमाल प्रभावी रूप से किया जाता है।

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अश्वगंधा के नुकसान क्या हैं?

अश्वगंधा के फायदे हैं तो कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसके साइड इफेक्ट्स शरीर को इसकी अधिक मात्रा में सेवन की वजह से ही होता है। इसलिए, आपको इसकी निश्चित मात्रा का ही सेवन करना चाहिए। अश्वगंधा के दुष्प्रभाव कुछ इस प्रकार हैं:

  • इसकी ज्यादा खुराक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम, दस्त और उल्टी का कारण बन सकती है।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन करने से कुछ नुकसान हो सकते हैं। माना जाता है कि इसकी अधिक मात्रा बतौर गर्भनिरोधक का काम कर सकती है।
  • इसके अत्यधिक प्रयोग से केंद्रीय तंत्रिक तंत्र में अवसाद पैदा हो सकता है। इसलिए, इसके इस्तेमाल के समय शराब और अन्य मादक पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

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क्या है अश्वगंधा की सही मात्रा?

इसके सेवन की कोई भी स्टैंडर्ड मात्रा अभी तक नहीं बनायीं गयी है। कुछ लोगों के अनुसार जो नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन करते हैं, बताते हैं कि पूरे दिन में इसको 1-6 ग्राम तक लिया जा सकता है। वहीं कुछ लोग 3 ग्राम अश्वगंधा को गरम दूध में मिला कर पीने की भी सलाह देते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में अश्वगंधा की जड़ें, बीज और फल भी खाये जाते हैं।

इसका उपयोग एक बहुत ही अच्छे पूरक के रूप में किया जा सकता है। ना सिर्फ टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में बल्कि स्ट्रेस और डिप्रेशन को भी कम करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने वाले सभी उत्पादों में अश्वगंधा का प्रयोग यह सिद्ध करता है कि, अश्वगंधा शरीर में टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने में मदद करता है।

तो यदि आप कम टेस्टोस्टेरोन, स्ट्रेस या डिप्रेशन की परेशानी से निपट रहें हैं तो आप अपने डॉक्टर की सलाह से अश्वगंधा का सेवन शुरू कर सकते हैं।

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Current Version

22/06/2020

Pawan Upadhyaya द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj

Updated by: Nidhi Sinha


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Pawan Upadhyaya द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/06/2020

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