भारत में 26 नवंबर राष्ट्रीय दूध दिवस (National Milk Day) के रूप में मनाया जाता है। यह विश्व दूध दिवस (World Milk Day) से अलग है, जो एक जून को मनाया जाता है। भारतीय डेयरी संघ (IDDB), नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), भारतीय स्टेट एसोसिएशन (IDA) के साथ 22 राज्य स्तरीय दूध संघ 26 नवंबर को नेशनल मिल्क डे मनाने पर सहमत हुए। इस दिन भारत के वाइट रिवॉल्यूशन के फादर डॉ वर्घीज कुरियन का जन्मदिन होता है। यह देश में दूध की आपूर्ति पर इनके द्वारा किए गए प्रयासों का नतीजा था, जिसकी वजह से इस दिन को मनाया जाता है।
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कुछ समय से विश्व भर में एक बड़ा तबका वीगन डायट को अपनाने लगा है। इस डायट में दूध या किसी भी अन्य डेयरी प्रोडक्ट का सेवन नहीं किया जाता है। वीगन डायट को फॉलो करने वाले मानते हैं कि इस डायट को फॉलो करने वालों का जल्दी वेट लॉस होता है। ऐसा माना जाता है कि दूध में काफी मात्रा में लैक्टोज होता है, जो कि शुगर का ही एक रूप है। इस कारण दूध को लो कार्ब डायट में शामिल नहीं किया जा सकता है। वहीं यह भी समझना जरूरी है कि दुनिया भर में दूध सदियों से लोगों की ट्रैडिशनल डायट का हिस्सा रहा है, जिसका अक्सर लोग दिन की शुरुआत करने और दिन को खत्म करते समय सेवन करते हैं।
वहीं न्यूट्रीनिस्ट और संतुलित (Santulitt) की फाउंडर डॉ. अंशुल जयभारत कहती हैं कि, ‘कई शोधों में पाया गया है कि जो लोग डेयरी डायट फॉलो करते हैं उनकी तुलना में ऐसे लोग जो डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करते के स्टूल सैंपल्स को चेक करने से पता चलता है कि डेयरी प्रोडक्डट्स का सेवन करने वाले लोगों के स्टूल में ज्यादा मात्रा में फैट पाया जाता है। दूध में पाया जाने वाला कैल्शियम बॉडी से फैट को बाहर निकालने में मदद करता है। लेकिन साथ ही अंशुल यह भी कहती हैं कि अपनी बॉडी के लिहाज से ही दूध की मात्रा को डायट में शामिल करें। इस बात का भी ख्याल रखें कि बाजार में आज मिलावटी दूध भी बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है। ऐसे में विश्वनीय जगह से सही क्वालिटी का ही दूध लें।’