शोध बताते हैं कि डोपामाइन में कमी एडीएचडी का एक कारक है। डोपामाइन मस्तिष्क में एक रसायन है, जो संकेतों को एक तंत्रिका से दूसरे तक ले जाने में मदद करता है। यह भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करने में एक भूमिका निभाता है। जो महिला गर्भावस्था के दौरान असंतुलित भोजन (Unhealthy food), धूम्रपान (Smoking), एल्कोहॉल (Alcohol) आदि का अत्यधिक सेवन करती है, जिस वजह से उनके गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। जो कई बार एडीएचडी का कारण बन जाता है। कई बार किसी दुर्घटना के कारण बच्चे के मस्तिष्क के सामने वाले हिस्से पर लगने वाली चोट के कारण भी इस तरह के विकार उत्पन्न होने की संभावना होती है। गर्भावस्था के दौरान कुछ पर्यावरणीय टॉक्सिक पदार्थों जैसे पोलीक्लोरीनयुक्त बायफनील (PCB) के कॉन्टैक्ट में गर्भवती महिला के आने से भी बच्चे में एडीएचडी के लक्षण दिख सकते हैं। वहीं, समय से पहले जन्म होना भी इसका एक कारण हो सकता है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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एडीएचडी के उपचार (ADHD Treatment)
एडीएचडी के लिए उपचार में आमतौर पर व्यवहार चिकित्सा, दवा या दोनों शामिल होते हैं। बच्चे की जांच करने के बाद ही डॉक्टर तय करते हैं कि बच्चों को किस तरह का उपचार देने की जरूरत है। अगर डॉक्टर बच्चे को दवा दे रहे हैं तो समय पर बच्चों को दवा का सेवन जरूर कराएं और साथ ही
एडीएचडी के उपचार के रूप में टॉक थेरेपी (Talk therapy)
मनोचिकित्सा या टॉक थेरिपी द्वारा इसका इलाज किया जा सकता हैं। टॉक थेरिपी एडीएचडी वाले बच्चों या वयस्कों को उनके व्यवहार की निगरानी और प्रबंधन करने में मदद कर सकती है। टॉक थेरिपी लेने से बच्चों को बोलने में समस्या नहीं होती है। आप एक्सपर्ट से भी इस बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं।
एडीएचडी के उपचार के रूप में दवा (Medecine)
एडीएचडी वाले बच्चे या वयस्क के लिए दवा भी बहुत मददगार हो सकती है। एडीएचडी के लिए दवाएं एक तरह से मस्तिष्क रसायनों को प्रभावित करने के लिए डिजाइन की गई हैं, जो आपको आवेगों और कार्यों को बेहतर नियंत्रण करने में सक्षम बनाती हैं। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) उत्तेजक सबसे अधिक निर्धारित एडीएचडी दवाएं हैं।
ये दवाएं मस्तिष्क के रसायनों डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन की मात्रा बढ़ाकर काम करती हैं। इन दवाओं के उदाहरणों में मेथिलफेनिडेट (रिटेलिन) और एम्फैटेमिन-आधारित उत्तेजक (एडडरॉल) शामिल हैं। एडीएचडी दवाओं के कई लाभ हो सकते हैं, साथ ही साथ साइड इफेक्ट भी। इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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एडीएचडी के उपचार: रेगुलर एक्टिविटी पर दें ध्यान
आप जब तक बच्चों के लिए किसी भी काम को करने का तरीका नहीं बताएंगी, बच्चा अपने अनुसार या उसे जो आसान लगेगा, वो वहीं करेंगे। बेहतर होगा कि आप एक लिस्ट तैयार करें कि एडीएचडी से ग्रसित बच्चे को दिनभर (Daily activity) में क्या काम करना है। आपको रूटीन सेट करना होगा और साथ ही बच्चे को उसे अपनाने के लिए प्रेरित भी करना होगा।