के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
इस भाग-दौड़ वाली लाइफस्टाइल में अपने आप के लिए वक्त निकाल पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन अपने आपको फिट रखने के लिए सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। ऐसे में संतुलित और पौष्टिक आहार तो लोग मैनेज कर लेते हैं, तो कुछ लोग जिम जाना भी शुरू करते हैं, लेकिन समय की कमी की वजह से रोजाना जाना संभव नहीं हो पाता है। आज समझने की कोशिश करेंगे कि घर में ही कैसे एक्सरसाइज कर के बेली फैट को कम किया जा सकता है।
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार भारत जैसे देश में लोगों का वजन बढ़ना एक चिंता का विषय है। यह रिसर्च शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में की गई थी, जहां ज्यादातर लोग बेली फैट की समस्या से परेशान थें। बहरहाल इस आर्टिकल हम बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी एक्सरसाइज जिनसे बेली फैट कम किया जा सकता है, लेकिन सबसे पहले समझने की कोशिश करते हैं की बेली फैट आने के कारण क्या हैं?
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बेली फैट या टमी फैट (Belly fat) के कारण इस प्रकार हैं:
स्ट्रेस- तनाव की वजह से कई तरह की शारीरिक परेशानी दस्तक दे देती है। इन्हीं परेशानियों में शामिल है पेट की चर्बी या बेली फैट। स्ट्रेस की वजह से बॉडी से कोर्टिसोल हॉर्मोन रिलीज होता है, जिसकी वजह से मेटाबॉलिज्म पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है, जिसका सबसे पहले साइड इफेक्ट्स पेट के आसपास पड़ता है। ऐसी स्थिति में बेली फैट तेजी से बढ़ने लगता है।
फिजिकल एक्टिविटी- कुछ लोगों की हमेशा कुछ न कुछ खाने की आदत होती है। ऐसे में जरूरत से ज्यादा कैलोरी कंज्यूम कर लेना कोई बड़ी बात नहीं। इसी के साथ अगर आप फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं, तो आपके लिए और भी ज्यादा परेशानी की बात है। फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने की वजह से बेली फैट होना भी सबसे सामान्य है।
एल्कोहॉल का सेवन- एल्कोहॉल के सेवन से सिर्फ दिल या लिवर से संबंधित बीमारियों का खतरा बना रहने के साथ-साथ बेली फैट की समस्या शुरू हो सकती है। जरूरत से ज्यादा एल्कोहॉल के सेवन से कैलोरी की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है, जिसका असर पेट के आसपास की बढ़ी हुई चर्बीयों से अंदाजा लगाया जा सकता है।
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अनहेल्दी डायट- अनहेल्दी डायट की वजह से बेली फैट होना तय माना जाता है। डायट में फास्ट फूड या जंक फूड का सेवन सेहत के लिए कई तरह के खतरे को इन्वाइट करने का काम आसानी से करता है।
डायजेशन ठीक न होना- किसी भी शारीरिक परेशानी या बढ़ती उम्र की वजह से डायजेशन से संबंधित परेशानी शुरू हो सकती है। डॉक्टर्स के अनुसार अगर डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्या लगातार बनी रहे, तो पेट की चर्बी बढ़ सकती है। इसलिए पाचनतंत्र को स्वस्थ्य बनाये रखें।
इम्बैलेंस हॉर्मोन लेवल- यह परेशानी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है। दरअसल जब महिलाओं में मेनोपॉज की शुरुआत होती है, तो ऐसी स्थिति में एस्ट्रोजोन हॉर्मोन का लेवल कम हो जाता है और एंड्रोजन हॉर्मोन का लेवल बढ़ जाता है, जिसकी वजह से पेट की चर्बी भी बढ़ने लगती है।
इन कारणों की वजह से पेट की चर्बी का खतरा बना रहता है। कभी-कभी बीमारियों की वजह से भी पेट के आसपास एक्स्ट्रा फैट बढ़ जाता है। रिसर्च के अनुसार जिन लोगों को पेट की चर्बी की परेशानी लंबे वक्त से बनी हुई है, उनमें बिना बेली फैट वाले लोगों की तुलना में हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाय ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, अस्थमा, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर जैसी अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है। लेकिन इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है, सिर्फ नियमित वर्कआउट और हेल्दी डायट फॉलो करने की जरूरत है, तो चलिए जानते हैं बेली फैट कम करने के लिए कौन-कौन से वर्कआउट किये जा सकते हैं।
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पेट चर्बी या बेली फैट कम करने के लिए निम्नलिखित एक्सरसाइज किये जा सकते हैं। इनमें शामिल है:
बेली फैट (पेट की चर्बी) कम करने के लिए बोट स्टाइल एक्सरसाइज करने की एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं। इसे करने के लिए हल्का सा पीछे की ओर बेंड होते हुए बैठ जाएं। फिर सिर के लेवल तक पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें। अब आगे की ओर झुकते हुए पैर के दोनों पंजों को हाथों से छूने की कोशिश करें। इस एक्सारसाइज को दिन में तीन बार करने से पेट पर आई अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे कम हो सकती है।
पेट की चर्बी को कम करने के लिए कठिन से कठिन एक्सरसाइज की जाती है, जिसे हर कोई नहीं कर सकता है। ऐसी स्थिति में कैटल बॉल स्विंग एक्सरसाइज करने से फायदा मिल सकता है। कैटल बॉल स्विंग एक्सरसाइज करने के लिए झुक कर खड़ा होकर दोनों पैरों में थोड़ा गैप रखें। फिर कैटल बॉल्स को दोनों हाथों से पकड़कर पैरों के बीच में होते हुए कंधों तक उठाकर स्विंग करें।
एक मैट बिछा लें और मैट पर कमर के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ लें। अब दोनों हांथों की उंगलियों को कान के पास रखें और धीरे-धीरे सिर को घुटनों की ओर लाएं।
क्रॉस लेग करने के लिए भी मैट पर कमर के बल लेट जाएं और पैरों को क्रॉस करके थोड़ा ऊपर उठाएं और उंगलियों को कान के पीछे रखें और फिर धीरे-धीरे बॉडी को ऊपर घुटनों की तरफ उठाएं।
माउंटेन क्लाइंबर को आसान भाषा में समझा जाए, तो यह पहाड़ पर चढ़ने जैसा है। इसलिए सबसे पहले पुश-अप्स लगाने की पुजिशन में आ जाएं और शरीर का पूरा वजन हाथ और पंजों पर रखें। फिर एक पैर आगे की तरफ मोड़ते हुए अपनी कोहनी को छुएं या छूने की कोशिश करें। एक के बाद एक दोनों पैरों से यह एक्सरसाइज करें।
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साइड क्रंच करने के लिए भी कमर के बल आराम से लेट जाएं। एक हाथ को कान के पास रखें। अब एक पैर का घुटना मोड़ते हुए दूसरे साइड के शोल्डर को उठाते हुए अपनी कोहनी को अपने घुटने से छुएं।
ऐसा माना जाता है कि शरीर को स्वस्थ और एक्टिव रखने के लिए दौड़ने से बेहतर कुछ नहीं होता। दौड़ने से आपका हार्ट ठीक से काम करने लगता है और इससे कैलोरीज भी बर्न होती हैं। कैलोरी बर्न होने से बेली फैट में कमी आती है। दौड़ना शुरू करने के लिए देखें कि आप अपनी क्षमता के अनुसार पहले कम दूरी तक और धीरे-घीरे दौड़ें और इसके बाद जब आपका शरीर इसके लिए तैयार हो जाए, तो आप दौड़ने की दूरी और अपनी स्पीड दोनों बढ़ा सकते हैं।
स्वीमिंग करने से भी बॉडी में जमा अतिरिक्त फैट कम होना शुरू हो जाता है। स्वीमिंग को बॉडी के साथ-साथ हार्ट के लिए भी अच्छा माना जाता है। तैरने से बेली फैट कम होने के साथ-साथ पूरा शरीर भी शेप में आता है। आप इसे हफ्ते में तीन से चार दिन तक रेगुलर तौर पर कर सकते हैं। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर आपको स्वीमिंग नहीं आती है, तो पहले ट्रेनर के साथ ही इसे शुरू करें।
इसे सबसे बेहतर व आसान कार्डियो एक्सरसाइज (ह्रदय के लिए) माना गया है। इससे जहां पैरों, टांगों और जांघों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है, वहीं शरीर की अतिरिक्त चर्बी भी कम करने में मदद मिलती है और साथ ही इसे बेली फैट को कम करने के लिए एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है।
अगर आप कुछ नया या कोई वर्कआउट नहीं करना चाहते हैं, तो ऐसे में आपके लिए पैदल चलना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। रोज सुबह-शाम आधा घंटा पैदल जरूर चले। इससे भी शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है। संभव हो, तो तेज कदमों से चलना चाहिए। पेट कम करने के उपाय में इसे आसान और सुरक्षित माना गया है।
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अगर जिम जाने का वक्त आप निकाल पाते हैं, तो वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। भार उठाने वाले व्यायाम करने से न सिर्फ शरीर को आकर्षक शेप मिलेगी, बल्कि पाचन क्रिया भी मजबूत होगी। ध्यान रहे कि जिम में वेट ट्रेनिंग सिर्फ पेशेवर ट्रेनर की देखरेख में ही करें।
किसी भी फूड या ड्रिंक में अलग से शुगर एड करना कभी भी अच्छा नहीं माना जाता है। कई अध्ययनों में सामने आया है कि शुगर मेटाबॉलिज्म के लिए काफी हानिकारक साबित होती है। शुगर में आधा ग्लूकोज और आधा फ्रक्टोज पाया जाता है। फ्रक्टोज का असर लिवर पर पड़ता है। जब आप बहुत अधिक चीनी खाते हैं, तो जिगर में बहुत अधिक फ्रक्टोज इकट्ठा हो जाता है और इसे वसा में बदलने के लिए मजबूर किया जाता है। कई अध्ययनों में सामने आया है कि बहुत फ्रक्टोज का शरीर में इकट्ठा होने से लिवर और बेली फैट (Belly fat) बढ़ता है। कुछ का मानना है कि स्वास्थ्य पर चीनी के हानिकारक प्रभावों के पीछे यह प्राथमिक तंत्र है। यह बेली फैट और लिवर की चर्बी को बढ़ाता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध होता है और इंसुलिन संबंधी समस्याओं की मेजबानी होती है।
ध्यान रहे कि सभी एक्सरसाइज को घर पर ही कम से कम वक्त में नियमित रूप से किया जाए, तो धीरे-धीरे बेली फैट कम होने लगेगी और एब्स बनने लगेंगे। लेकिन इन सभी एक्सरसाइज के साथ-साथ डायट का भी ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। इसलिए बेहतर होगा की डायट एक्सपर्ट्स और फिटनेस एक्सपर्ट से सलाह लेकर सही आहार भी लें, जिससे ज्यादा फायदा मिल सकता है।
बेली फैट से आजादी पाना चाहते हैं, तो खान-पान का कैसे ध्यान रखें यह इस वीडियो लिंक से आसानी से समझा जा सकता है।
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कई बार लाख कोशिशों के बाद भी टमी फैट (Belly fat) कम होने का नाम ही लेते है। अगर आपके साथ भी ऐसी ही कुछ स्थिति है, तो इसके कुछ विशेष कारण हो सकते हैं। इन कारणों में शामिल हो सकते हैं:
इन कारणों के अलावा पेट की चर्बी बढ़ने के अन्य कारण भी हो सकते हैं। अगर आप बेली फैट से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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