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भद्रासन करने का तरीका और जानिए इसके फायदे

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/11/2020

    भद्रासन करने का तरीका और जानिए इसके फायदे

    भद्रासन दो अक्षरों से बना है भद्र और आसन, जिसमें भद्र का अर्थ है शुभ या अच्छा यानि यह आसान करने वाले के लिए अच्छे परिणाम लाता है। यह आसन हठ योग है, जिसका वर्णन हठ योग प्रदीपिका में जीवन की मूलधारा या रुट चक्र के रूप में किया गया है। इस आसन को बैठ कर किया जाता है और तब तक किया जाता है जब तक की करने वाला इसे करने में आराम महसूस करे। भद्रासन योग को अंग्रेजी में ‘ग्रेसिऑस पोज’ (Gracious Pose) भी कहा जाता हैं। इसका एक अन्य नाम  गोरक्षासन भी है। यह आसन कई बीमारियों को दूर करने, थकान मिटाने या प्रजनन अंगों के लिए लाभदायक है। 

    भद्रासन (Bhadrasana) को करने का तरीका

    शुरुआती पुजिशन 

    भद्रासन को कैसे करना है? इसे करने से पहले आपको इस बात की सही जानकारी होना बेहद आवश्यक है। जानिए, स्टेप बाई स्टेप की इस आसान को कैसे किया जाता है।

  • एक मैट या दरी लें और किसी शांत जगह पर इसे बिछा कर उस पर बैठ जाएं। 
  • आप अपनी टांगों को आगे की तरफ फैलाएं। 
  • इसके बाद पैर की उंगलियों को जोड़ें और इस दौरान यह ऊपर की तरफ होनी चाहिए यह ध्यान रखें। 
  • अपने हाथों को अपने शरीर के दोनों तरफ रखें और अपनी हथेलियों को आराम से मैट पर रख दें। 
  • अपनी गर्दन को बिलकुल सीधा रखें। 
  • इस दौरान ठोड़ी को नीचे गर्दन की तरफ रखें। अपनी आंखों को सीधा एक जगह पर केंद्रित करें।
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    भद्रासन को निम्नलिखित चरणों में किया जाता है:

    • सांस अंदर लें और अपनी दोनों टांगों को शरीर के पास ले कर आएं। 
    • पैरों को फर्श के संपर्क में रखें, घुटनों को बाहर की ओर झुकाएं और पैरों के तलवों को एक साथ जोड़े।
    • अपने पैर की उंगलियों को बाहर की ओर करें और अपने पैरों को अपने जननांगों के पास लाएं, इस पोसिशन मे एड़ी गुदा और अंडकोष को बहुत नजदीक से छूती है। 
    • यदि आवश्यक हो, तो एड़ी को यथासंभव शरीर के करीब लाने के लिए पैरों को पकड़ें।
    • जब आप इस स्थिति में आराम महसूस करने लगे, तो अपने हाथों को संबंधित घुटनों पर रखें जिससे वे नीचे की ओर दबें। 
    • शरीर के ऊपरी भाग और गर्दन को सीधा रखें।
    • लगभग 5 से 6 सेकंड तक इसी मुद्रा में सांस रोक कर रहें। 
    • अब शुरुआती स्थिति पर आएं और तीन सेकंड में सांस बाहर छोड़े।
    • शुरुआती स्थिति में आने के लिए धीरे से टांगों को फैलाएं।
    • इस आसन के तीन से चार राउंड करें, बीच-बीच में ब्रेक लें। अगर आपने अभी योग की शुरुआत की है तो भद्रासन की स्थिति में एक सेकंड तक रहें। अगर आप अपनी टांगों में सुन्नता या आप इसमें असुविधा महसूस करें, तो इस पोस्चर को तुरंत छोड़ दें।

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    स्थिर पोज

    • अंतिम स्थिति में आएं और इसे 2 मिनट तक बनाए रखें, क्योंकि व्यक्तिगत सुविधा के अनुसार- सांस सामान्य-धीमी और लयबद्ध होनी चाहिए।
    • जब तक आप कर सकते हैं, तब तक इस मुद्रा में रहने का प्रयास करे।

    दूसरा तरीका 

    • भद्रासन को करने से पहले। वज्रासन में बैठे और जितना हो सके अपने घुटनों को एक दूसरे से दूर फैलाए।
    • एड़ी को अंडकोश या योनि के किनारों के नीचे रखें।
    • दोनों एड़ियां एक साथ होनी चाहिए और एड़ी के पीछे का हिस्सा आपके कूल्हों के नीचे होना चाहिए
    • फिर शरीर को स्थिर बनाने के लिए पैर की उंगलियों को पकड़े।
    • आंखें बंद करें और सांस पर पर ध्यान दें
    • 4-5 गहरी सांस या जब तक आप सहज हों, इस स्थिति में बने रहें।

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    भद्रासन के फायदे

    भद्रासन हमारे शरीर के लिए बेहद लाभदायक है। जानिए इसके कुछ फायदों के बारे मे।

    शरीर के अंगों में खिंचाव

    इस योगासन को करने के लिए टांग, जांघ, घुटने और पैरों का पूरी तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इस आसान को करने से मांसपेशियां मजबूत और स्वस्थ बनती हैं। इस आसन में शरीर के अंगों के फैलने से कारण शरीर के अंगों की गतिशीलता बढ़ती है और उन्हें नुकसान नहीं होता।

    सक्रिय मूलधारा चक्र

    मूलधारा चक्र को सक्रिय करने के लिए यह आसन बेहतरीन है। मूलधारा चक्र हमारे शरीर का मुख्य चक्र है। पेरिनेम और कोक्सीक्स के बीच स्थित यह चक्र गुदा से जुड़ा हुआ होता है। इसे तीन मानसिक नाड़ियों  का आधार भी माना जाता है जो इस प्रकार हैं : इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना। मूलाधार चक्र मे उत्तेजना कुंडलिनी के जागरण, जीवन शक्ति और विकास के लिए महत्वपूर्ण है

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    दिमाग को शांत करता है

    योग को दिमाग और नसों को शांत करने के लिए जाना जाता है। भद्रासन भी इसके लिए लाभदायक है। इस योगआसन की मुद्रा में बैठने से पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है  और कोर्टिसोल उत्पादन कम होता है। जिससे दिमाग में अच्छी और प्रसन्नता की भावनाएं आती हैं। 

    टांगों में वैरिकोज नसों को राहत

    वैरिकोज नसों के होने का अर्थ है दिल को सही से खून न मिलना।  इससे जीवन भर स्वास्थ्य समस्याओं से गुजरना पड सकता है।  यह नसें लंबे समय तक बैठे रहने या अत्यधिक ऊंची एड़ी के जूते पहन कर चलने के बाद शरीर के निचले अंगों में दिखाई देने लगती हैं। वैरिकोज नसों के कारण मोटापा और हार्मोन्स मे उतार-चढ़ाव भी हो सकते हैं। आमतौर पर यह नीले रंग की सूजन और खरोंच की तरह दिखाई देती हैं। कुछ लोग इसमे दर्द महसूस करते हैं तो कुछ लोगों को दर्द नहीं होती। भद्रासन पैर की ऊंचाई को नियोजित करता है। इससे खून दिल तक सही से पहुंचने में मदद मिलती है। जिससे वैरिकाज़ नसों को राहत मिलती है।

    पाचन क्रिया को सही रखें 

    भद्रासन को करने से आंतरिक पेट के अंगों की मालिश होती है  इस आसन में पेट और आंतों में दबाव बनाने के लिए घुटनों पर मोड़ना और उन्हें खींचना पड़ता है, जो पाचन क्रिया को सही बनाने में सहयोगी है। इस आसन को रोजाना करने से कब्ज, गैस्ट्र्रिटिस और अम्लता से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी

    रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाए 

    भद्रासन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर का दर्द भी दूर होता है।

    आसान डिलीवरी के लिए बेहतरीन पोस्चर 

    पेल्विक एरिया को मजबूत बनाने में भद्रासन सहायक है। इसे करने के लिए घुटनों को एक दूसरे से अलग करना होता है। जिससे पेल्विक यानी नीचे का हिस्सा फैलता है और बच्चे को जन्म देने के लिए मांसपेशियां कोमल होती हैं। 

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    थकावट हो दूर 

    दिन की भागदौड़ के कारण थकावट होना सामान्य है। लेकिन, भद्रासन को करने से खून का प्रवाह बढ़ता है और ऊर्जा भी मिलती है। जिससे थकावट दूर होती हैं

    दिमाग के लिए महत्वपूर्ण

    भद्रासन दिमाग की शक्ति को बढ़ाने मे सहायक है। इसे नियमित रूप से करने से याददाश्त और एकाग्रता भी बढ़ती है और आप बेहतर तरीके और लगन से काम कर पाते हैं। 

    किन लोगों को भद्रासन नहीं करना चाहिए?

    • अगर आपके जोड़ों, पेट या घुटनों में दर्द है तो इस आसन को न करें
    • अगर आप गर्भवती हैं, तो आपको इस आसन को हमेशा योग इंस्ट्रक्टर की निगरानी और डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए
    • अगर आपको कोई चोट लगी है या कोई बीमारी है, तो आप इस आसन का अभ्यास न करें
    • हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट्स को भद्रासन नहीं करना चाहिए। 
    • डायरिया की तकलीफ होने पर इस आसन को न करें।
    • नेक पेन (गर्दन से जुड़ी परेशानी) होने पर भद्रासन न करें। 
    • भद्रासन करने के दौरान कोई परेशानी महसूस होती है, तो आसन न करें।  

    भद्रासन (Gracious Pose) शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मन को शांत और खुश रहने में मददगार है। भद्रासन से मेटाबॉलिज्म को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता और ब्रेन को एक्टिव रखने में मदद मिलती है। जिस तरह से जीवन में हर एक चीज को बैलेंस बनाकर रखने की कोशिश में हमसब जुटे रहते हैं ठीक वैसे ही भद्रासन से बॉडी को बैलेंस बनाये रखने में मदद मिलती है। भद्रासन के बेहतर लाभ के लिए पैर और क्वा​ड्रीसेप्स का स्ट्रॉन्ग होना बेहद जरूरी है, क्योंकि पैर और क्वा​ड्रीसेप्स स्ट्रॉन्ग होने पर ही पूरे बॉडी को लिफ्ट कर सकते हैं। डीप ब्रीदिंग कर इस आसन को करने में सहयता मिलती है। पहली बार या शुरुआती वक्त में आपको भद्रासन करने में कठिनाई महसूस हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे इस आसन को आसानी से किया जा सकता है। 

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    भद्रासन (Gracious Pose) के बेहतर लाभ के लिए इस आसन के करने से पहले और बाद में भी कुछ आवश्यक योगासन करना जरूरी है। 

    भद्रासन (Bhadrasana) के पहले किये जाने वाले आसन-

    1. वीरासन (Virasana)

    वीरासन का अर्थ है बहादुर। दरअसल योग गुरुओं की मानें तो यह आसन योद्धा की वीरता को दर्शाता है और इसी वजह से इसे वीरासन कहा जाता है। इस आसन से शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलता है। इस आसन को हॉर्स पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को नियमित करने से शरीर में ऊर्जा के संचार के साथ-साथ मूड अच्छा होता है और ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है। यह आसन विद्यार्थियों के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है।

    2. वृक्षासन (Vrikshasana)

    वृक्षासन (Tree pose) योग का सबसे आसान पोज माना जाता है और इस पोज को भद्रासन के पहले जरूर करना चाहिए। इस आसन को आसानी से किया भी जा सकता है। सिर्फ बॉडी को बैलेंस बनाते हुए वृक्ष की खड़े रहना है। इस आसन को नियमित करने से बॉडी को बैलेंस बनाये रखने के साथ-साथ ध्यान केंद्रित करने, पैरों और जोइंट्स को भी स्ट्रॉन्ग बनाये रखा जा सकता है।

    3. सुप्त पादांगुष्ठासन (Supta Padangusthasana)

    दोनों पैरों के पंजों पर बॉडी को बैलेंस कर सुप्त पादांगुष्ठासन किया जाता है। इस दौरान बॉडी पुजिशन बैठी हुई होती है और बॉडी का पूरा वेट पैरों के पंजों पर होता है। इस योगासन से टखने और पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायता मिलती है। इस आसन को भी भद्रासन से पहले करना चाहिए।

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    भद्रासन (Bhadrasana) के बाद किये जाने वाले आसन-

    1. उत्तानासन (Uttanasana)

    उत्तानासन भी योगमुद्रा है। उत्तानासन को कई अलग-अलग नामों (Intense Forward-Bending Pose, Intense Stretch Pose, Standing Forward Bend, Standing Forward Fold Poseया Standing Head to Knees Pose) से भी जाना जाता है। इस आसन की मदद से पूरे शरीर को स्ट्रेच करने में सहायता मिलती है ब्रेन को भी बेहतर ऑक्सिजन सप्लाई में मदद मिलती है। भद्रासन के बाद नियमित उत्तानासन करें।

    2. अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)

    अधोमुख श्वानासन के दौरान सामने की ओर झुकने यानि बॉडी को बेंड किया जाता है। भद्रासन के बाद रेग्युलर इस आसन को करें। इस आसन से जॉइंट्स और बॉडी मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद मिलती है।

    3. भुजंगासन (Bhujangasana)

    भुजंगासन (Cobra Pose) योग महत्वपूर्ण योगासन में से एक है। भुजंगासन से डायजेशन, मेमोरी, बैक पेन या पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को दूर किया जा सकता है। इस आसन को भद्रासन के बाद करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं।

    4. शवासन (Shavasana)

    ज्यादतर लोगों का सबसे पसंदीदा आसनों में से एक है शवासन।  इस आसन को किसी भी योग के अंत में किया जाता है। इस योगासन से बॉडी को रिलैक्स करने में सहायता मिलती है। अगर आप भी भद्रासन करते हैं या प्लानिंग कर रहें हैं, तो शवासन को अंत में जरूर करें।

    भद्रासन के पहले और बाद में किये जाने वाले योगासन के साथ-साथ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें। जैसे:

    • भद्रासन करने का समय तय रखें और सुबह के वक्त ही इस आसन को करें।
    • बिना कुछ खाये इस आसन को करें।
    • अगर सुबह के वक्त आसन नहीं कर पाते हैं, तो शाम के वक्त इस आसन को किया जा सकता है। सिर्फ खाना खाने से 4 से 5 घंटे पहले करें।

    अगर आप भद्रासन (Gracious Pose) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो इससे जुड़े विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    अगर आप बिगिनर्स हैं, तो योगासन की शुरुआत करने से पहले इस 👇  वीडियो से जानकारी लें।

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