मोटापा एक वैश्विक समस्या बन गई है और यह किसी एक खास एज ग्रुप तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों से लेकर व्यस्कों तक हर कोई इसकी चपेट में आता जा रहा है। हाल ही में मुंबई के स्कूली बच्चों पर हुए सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं कि बच्चों में मोटापा तेजी से फैलता जा रहा है। जिससे अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
मोटापा आज की जीवनशैली की एक गंभीर समस्या है जिस पर अक्सर आपने भी लोगों को बातें करतें और मोटापा कम करनी की फ्री एडवाइस भी देते सुना होगा। कुछ लोग मोटापे को लेकर शुरुआत में गंभीर नहीं होते जिससे आगे चलकर समस्या खतरनाक रूप ले लेती है और इंसान को चलने-फिरने तक में दिक्कत धीरे-धीरे शुरू हो जाती है। मोटापे से बचने के लिए हेल्दी डायट और एक्टिव लाइफस्टाइल बहुत जरूरी है। चलिए आज हम आपको बताते हैं मोटापे से जुड़े तथ्य क्या-क्या हैं?
मोटापा दर्जनों बीमारियों की संभावना बढ़ा देता है
यदि आप ओवरवेट हैं तो आपको टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और कैंसर समेत दर्जनों अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। यह मोटापे से जुड़े तथ्य हैं। इन्हें इग्नोर नहीं किया जा सकता है।
मोटे बच्चे व्यस्क होने पर भी मोटे ही रहते हैं
मोटापे से जुड़े तथ्य यह भी हैं कि जो लोग बचपन में अपनी उम्र के सामान्य बच्चों से बहुत अधिक मोटे होते हैं। वैसे बच्चे व्यस्क होने पर भी उनके अपनी उम्र के लोगों से अधिक मोटे होने की संभावना रहती है। जिससे कई क्रॉनिक डिजीज और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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कमर का बढ़ता साइज डायबिटीज का खतरा बढ़ा देता है
शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिन पुरुषों के कमर का साइज नॉर्मल से 10 प्रतिशत अधिक है उन्हें टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है। इसके अलावा कमर की साइज से यह भी पता लगाया जा सकता है कि कम और सामान्य वजन वाले किन लोगों में डायबिटीज होने की संभावना है।
कम वजन की बजाय मोटापे से अधिक मौतें होती हैं
मोटापे से जुड़े तथ्य यह भी है की वैश्विक रूप से मोटापा मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। आंकड़ों के मुताबिक, यह हर साल 2.8 प्रतिशत लोगों के मौत का कारण मोटापा ही बनता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, तंबाकू का सेवन, हाई ग्लूकोज लेवल और शारीरिक रूप से सक्रिय न होने के कारण भी जान जाती है।
मेडिकल खर्च बढ़ जाता है
मोटापे से जुड़े तथ्य में यह भी शामिल है कि सामान्य लोगों की तुलना में मोटे लोगों को कई तरह की बीमारियों होती रहती हैं जिससे उनका मेडिकल खर्च बढ़ जाता है।
मिडिल एज में मोटापा अधिक होता है
मोटापे से जुड़े तथ्य यह भी बताते हैं कि 40 से 59 साल की उम्र के लोगों में मोटापा अधिक होता है। इस एज ग्रुप के करीब 40 प्रतिशत व्यस्क मोटापे का शिकार होते हैं। वैसे शहरी क्षेत्रों खासतौर पर मेट्रो सिटीज में चाइल्ड ओबेसिटी भी मुख्य समस्या बनती जा रही है।
बुजुर्ग पुरुषों की तुलना में बुजुर्ग महिलाओं में मोटे होने की संभावना अधिक होती है
एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका में 40.4 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाएं मोटापे का शिकार हैं जबकि पुरुषों की संख्या 35 फीसदी है।
कैलोरी का सेवन और उसके खर्च के बीच असंतुलन का परिणाम है मोटापा
आमतौर पर शरीर को एनर्जी के लिए कैलोरी की जरूरत होती है, लेकिन जब हम कैलोरी का सेवन करते जाते हैं तो फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते जिससे कैलोरी खर्च नहीं होती है और शरीर मे जमा होते-होते यह फैट का रूप ले लेती है।
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बच्चों के डायट और फिजिकल एक्टिविटी पर आसपास के माहौल का असर पड़ता है
मोटापे से जुड़े तथ्य यह भी है की आपके घर और आसपास का सामाजिक, आर्थिक माहौल कैसा है, अर्बन प्लानिंग, वातावरण, खाने की आदत, उपब्धता आदि कैसी है? इन सबका बच्चे की फिजिकल एक्टिविटी और डायट पर असर पड़ता है। यदि यह सब ठीक नहीं है तो बच्चा मोटापे का शिकार हो जाता है।
हेल्दी डायट से मोटापे पर काबू पाया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक हेल्दी डायट अपनाकर लोग अपना वजन कंट्रोल में रख सकते हैं। डायट में सैच्युरेटेड फैट की बजाय अनसैच्युरेटेड फैट को शामिल करना चाहिए। फास्ट फूड की बजाय सब्जियां, फल, नट्स और साबूत अनाज का सेवन करना लाभकारी होता है। खाने में नमक और शक्कर की मात्रा सीमित करके आप बढ़ते वजन को रोक सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की 1.9 बिलियन एडल्ट मोटापे के शिकार हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2.8 बिलियन लोगों की मौत की वजह बढ़ता वजन है। इसलिए भले ही आप कितने भी व्यस्त क्यों न हों लेकिन, इन सबके बीच वक्त निकाल कर अपनी सेहत पर ध्यान अवश्य दें।
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मोटापे से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं
मोटापा अपने आप में एक गंभीर समस्या है, लेकिन यह अपने साथ कई अन्य बीमारियों का जोखिम भी बढ़ा देता है जिसमें शामिल है टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज, ऑस्टियोअर्थराइटिस, स्लीप एपनिया और रेस्पाइट्री प्रॉब्लम्स, इंफर्टिलिटी, डिप्रेशन, यूरिनरी स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस और अनियमित मासिक धर्म आदि। इसलिए समय रहते अपने वजन पर कंट्रोल करें।
ऊपर बताए गए मोटापे से जुड़े तथ्य जानने के साथ ही यह अवश्य समझना चाहिए की अगर शरीर का वजन सामान्य से ज्यादा है, तो ऐसी स्थिति में 60 से ज्यादा क्रोनिक डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए कंट्रोल करना बेहद आवश्यक है।
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मोटापे से जुड़े तथ्य समझने के बाद यह जानना बेहद जरूरी की वजन संतुलित रखने के उपाय क्या हैं?
वजन संतुलित रखने के उपाय निम्नलिखित हैं। जैसे:-
- रोजाना एक्सरसाइज करें। यह जरूरी नहीं कि वर्कआउट जिम जाकर ही करें। आप घर पर रहकर भी एक्सरसाइज कर सकते हैं। सप्ताह में कम से कम 5 दिन एक्सरसाइज जरूर करें। वहीं स्विमिंग या वॉकिंग भी बेस्ट एक्सरसाइज मानी जाती है।
- पौष्टिक आहार का सेवन करें। हरी सब्जियों का सेवन करें। मौसमी फलों का सेवन करें। ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें।
- तेल-मसाले वाले खाद्य पदार्थ और जंक फूड का सेवन न करें।
- बच्चों को मोटापा से बचाने के लिए आउटडोर एक्टिविटी में शामिल करें। रोजाना साईकिल चलवाएं या स्विमिंग करवाएं।
- थायरॉइड की वजह से वजन बढ़ सकता है या कम हो सकता है। इसलिए अगर आप बढ़ते या घाटे वजन से परेशान हैं तो थायरॉइड की जांच करवाएं।
अगर आप मोटापे या बढ़ते वजन से परेशान हैं और इससे जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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