योग हजारों साल से भारतीयों की जीवन-शैली का हिस्सा रहा है और अब पूरे संसार में यह प्रसिद्ध है। योग एक ऐसी तकनीक है जिससे मन को शांति मिलती है और शरीर को कई लाभ होते हैं। योग के हर आसन के अपने अलग-अलग लाभ हैं। उन्हीं आसनों में से एक है “ऊर्ध्व मुख श्वानासन’ जिसे अपवार्ड फेसिंग डॉग डोज या योग बैकबेंड पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन भुजंगासना के समान होता है लेकिन बेहद आसान पोज है। अगर आपने अभी योगा करना शुरू किया है तो भी यह आसन करना आपके लिए बेहद सरल है। जानिए ऊर्ध्व मुख श्वानासन को कैसे किया जाता है और क्या हैं इसके अनेक फायदे।
ऊर्ध्व मुख श्वानासन कैसे करें
ऊर्ध्व मुख श्वानासन को करने से पहले इसे अच्छे से करना किसी योग विशेषज्ञ से सीख लें। ताकि, आपको इसके पूरे लाभ प्राप्त हों और आपको इससे कोई नुकसान न हो। जानिए, कैसे करें इस योगासन को:
- ऊर्ध्व मुख श्वानासन को करने के लिए सबसे पहले एक साफ और शांत जगह पर दरी या मैट बिछा लें।
- अब अपने पेट के बल मैट पर लेट जाएं। ध्यान रखें, कि इस समय पैरों के ऊपर का हिस्सा नीचे जमीन की तरफ और सीधा हो। अपनी बाजूओं को शरीर के दोनों तरफ आराम से रख लें।
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- अपनी कोहनी को मोड़ें और अपनी हथेलियों को अपने निचली पसली के बगल में रखें।
- अब अपने सांस को अंदर की तरफ खींचें। जैसे ही आप अपने घुटनों, कूल्हों और धड़ के निचले भाग को मैट से धीरे से ऊपर उठाएंगे, तो अपने हाथों अपनी हथलियों को चटाई पर दबाएं। इस दौरान आपके शरीर का वजन आपके पैरों और आपकी हथेलियों पर होना चाहिए।
- अब आगे की तरफ देखें लेकिन अपने सिर को थोड़ा पीछे की ओर झुकाएं।
- ध्यान रहें कि, आपकी कलाईयां आपके कंधें के साथ एक सीध में होनी चाहिए और आपकी गर्दन भी अधिक खींची हुई नहीं होनी चाहिए।
- इस पोज में कुछ सेकेंड तक रहें और उसके बाद धीरे-धीरे सांस को छोड़ दें।
- साथ ही अपने घुटनों, कूल्हों और धड़ को शुरुआती पोजीशन में ले आएं।
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ऊर्ध्व मुख श्वानासन के लाभ
ऊर्ध्व मुख श्वानासन को करने से आपको निम्नलिखित शारीरिक और मानसिक लाभ हो सकते हैं:
स्वस्थ फेफड़े
ऊर्ध्व मुख श्वानासन में रहने से फेफड़ों की ऑक्सीजन को लंबे समय तक होल्ड करने की क्षमता को सुधारने में मदद मिलती है। इस आसन को करते हुए जब आप ऊपरी छाती को एक्सपेंड करते हैं और इसे थोड़ा पीछे की ओर ले जाते हैं। इससे छाती की मांसपेशियों में काफी खिंचाव होता है, जिससे फेफड़ों को फायदा मिलता है। अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा या सांस लेने में समस्या है, तो वो भी इस आसन को कर सकते हैं। उन्हें इस आसन को करने से लाभ होगा।
पीठ की समस्या को ठीक करे
इस पोज को करने से पीठ के निचले हिस्से को जमीन की सतह के पास ले जाया जाता है। फर्श को छूने के इस प्रभावी तरीके से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां टाइट होती हैं। इसके अलावा, इससे पीठ में किसी भी प्रकार की अकड़न और दर्द भी कम होती है।
कंधे मजबूत होते है
ऊर्ध्व मुख श्वानासन को करने से शरीर का वजन कंधों और बाजुओं पर पड़ता है। जिससे कंधे टाइट होते हैं। इस पोज में आपको कंधों को जितना अधिक हो सके खींचना होता है। जिससे कंधे मजबूत होते हैं। यानी, कंधें के लिए भी यह आसन लाभदायक है।
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सक्रिय ग्रंथियां (Activated Glands)
इस आसन को करते हुए गर्दन, छाती और सिर में अच्छे से खिंचाव आता है। जिससे शरीर की ग्रंथिओं को सक्रिय होने में मदद मिलती है। शरीर में जरूरी ग्रंथियों में सही खून के प्रवाह के होने से दिमाग को भी लाभ होता है।
शरीर का निचला भाग सही आकार में आए
ऊर्ध्व मुख श्वानासन को करते हुए आपको अपने शरीर के निचले भाग को जमीन से थोड़ा ऊपर रखने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि, इस आसन को करते हुए कूल्हों, हैमस्ट्रिंग, और टांगों को जमीन से नहीं छूने से मांसपेशियों में खिंचाव महसूस किया जा सकता है। यह खिंचाव शरीर के निचले हिस्से को मजबूत और टोंड बनाता है।
ब्लड सर्कुलेशन
इस मुद्रा को करने के लिए सिर से पैर तक खिंचाव की आवश्यकता होती है। इस हद तक स्ट्रेचिंग करने से पूरे शरीर के रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। जिससे शरीर के सभी अंग सही से काम करते हैं।
पॉश्चर में सुधार
ऊर्ध्व मुख श्वानासन को करने से आपके शरीर के पॉश्चर में सुधार होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसे करने से सिर, रीढ़ की हड्डी, कंधों, पीठ के निचले हिस्से, टांग, बाजुओं और पैर का सही एलाइनमेंट होता है।
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तनाव से छुटकारा
रोजाना इस योगासन को करने से आप शरीर में एक नयी ऊर्जा को महसूस करेंगे। इसके साथ ही आपके शरीर की सुस्ती भी दूर होगी। यह आसन करने से थकावट और तनाव दूर होती है। इसे करने से नींद आने में मदद मिलती है। चिंता, तनाव, मूड के बदलने और हल्के अवसाद जैसी मानसिक स्थितियों में भी ऊर्ध्व मुख श्वानासन करने से लाभ होता है।
बरते कुछ सावधानियां
- ऊर्ध्व मुख श्वानासन को हमेशा खाली पेट करें। किसी भी योगासन को तभी करें, जब आपको भोजन किये हुए 4 से 6 घंटे हो गए हों। इसके साथ ही योग को करते हुए आपका पेट भी साफ होना चाहिए।
- सुबह के समय योग करना अधिक लाभदायक होता है। क्योंकि इस समय आपका दिमाग, मन शांत होता है। लेकिन अगर आपके पास सुबह समय न हो तो आप इसे शाम को भी कर सकते हैं।
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ऊर्ध्व मुख श्वानासन को किन स्थितियों में न करें
निम्नलिखित स्थितियों में आपको यह आसन नहीं करना चाहिए,जैसे:
- अगर आपको कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome) है तो इस आसन को न करें।
- अगर आपकी पीठ में चोट लगी है, तो भी इस आसन को करने से बचे।
- अगर आप गर्भवती हैं, तो ऊर्ध्व मुख श्वानासन को न करने की सलाह दी जाती है।
- अगर आपको गंभीर पीठ में दर्द है, आपको स्लिप डिस्क की समस्या है, तो भी आप इसे न करें।
- अगर आपके सिर में दर्द है तो आपको ऊर्ध्व मुख श्वानासन नहीं करना चाहिए।
इस पोज को रोजाना करने से आप अपने फेफड़ों की क्षमता में बढ़ोतरी महसूस करेंगे और इससे आपका स्टैमिना भी बढ़ेगा। इस आसन के फायदों को देखते हुए इस आसन को एथलीटों और खिलाड़ियों को भी करने की सलाह दी जाती है। लेकिन, अपनी मर्जी से इस आसन को न करें। पहले डॉक्टर की सलाह लें, किसी योग विशेषज्ञ से इसे सीख कर उसके बाद उनके मार्गदर्शन में इसे करने से आप योग के इस आसन के पूरे लाभ पा सकेंगे।
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