यदि हम पौष्टिक भोजन नहीं करेंगे तो स्वस्थ्य कैसे रहेंगे। स्वस्थ्य रहने के लिए हमारा खानपान सबसे अहम भूमिका अदा करता है। बच्चों से लेकर बड़ों के स्वस्थ्य रहने के लिए पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है। ताकि अपने रोजमर्रा की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकें। इसके लिए जरूरी है कि हर उम्र के व्यक्ति अपने लिए किसी एक्सपर्ट की मदद से या न्यूट्रिशनिस्ट की मदद से हेल्दी डाइट चार्ट बनवाएं और उसे फॉलो करें। ऐसा कर स्वस्थ रहा जा सकता है, उन हेल्दी फूड को खाकर विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन सहित अन्य जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
हेल्दी डाइट चार्ट की मदद से हम कुपोषण जैसी बीमारी का सामना कर सकते हैं, वहीं इससे संबंधित होने वाली बीमारियों को मात दे सकते हैं। अन हेल्दी डाइट के कारण हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि कम उम्र में ही हेल्दी डाइट चार्ट को अपनाते हैं तो उससे कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। हम जितनी मात्रा में एनर्जी खर्च करते हैं उतनी ही मात्रा में हमें एनर्जी लेनी चाहिए, इस बैलेंस को बनाए रखना काफी अहम होता है। वजन को नियंत्रण में रखना भी जरूरी है।
क्या है हेल्दी डाइट चार्ट, इसे अपनाना क्यों है जरूरी
हेल्दी डाइट चार्ट को अपनाकर हम कुपोषण से लड़ने के साथ नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (noncommunicable diseases (NCDs) इस बीमारी में वैसी बीमारियाँ आती हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है,जैसे- हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर आदि। इसके अलावा यह जेनेटिकल, साइकोलॉजिकल, प्राकृतिक कारणों की वजह से हो सकता है, और अनहेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, स्मोकिंग और ज्यादा शराब पीने के कारण भी हो सकता है। मौजूदा समय में हम प्रोसेस्ड फूड का तेजी से सेवन कर रहे हैं, गांव से लोग शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, इस कारण लोगों की लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है। यही वजह है कि लोगों का खानपान भी बदल रहा है। अब लोग ज्यादा से ज्यादा खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं जिनमें एनर्जी होने के साथ, फैट, शुगर और सॉल्ट के साथ सोडियम की मात्रा होती है। वहीं मौजूदा समय में ज्यादातर लोग फल व सब्जियों के साथ अनाज और वैसे खाद्य पदार्थ जिसमें फाइबर होते हैं उनका सेवन ही नहीं करते हैं।
इस कारण उन्हें हेल्दी डाइट चार्ट की सख्त जरूरत है। लेकिन हेल्दी डाइट विभिन्न मापदंडों पर निर्भर करता है। जैसे लिंग, लाइफस्टाइल, फिजिकल एक्टिविटी, उम्र, सभ्यता और खानपान से जुड़ी संस्कृति पर निर्भर करता है। लेकिन इन सबमें एक चीज सामान्य है कि सबको ही हेल्दी डाइट की जरूरत पड़ती है। इसलिए जरूरी है कि हम सबको अपने स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार होना होगा और हेल्दी डाइट चार्ट को अपनाना होगा। यहां तक कि शिशु को भी हेल्दी डाइट की जरूरत होती है।
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हेल्दी डाइट चार्ट के खाद्य पदार्थों को इन कैटेगरी में किया है विभाजित-
एनर्जी रिच फूड : इसमें कार्बोहाइड्रेड व फैट्स आते हैं। अनाज व दाल, वेजीटेबल ऑयल, घी, नट्स, ऑयल सीड्स व शूगर।
बॉडी बिल्डिंग फूड्स : इसमें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ आते हैं, जैसे दाल, नट्स व ऑयल सीड्स, दूध व दूध के प्रोडक्ट, मीट, मछली, मुर्गा।
प्रोटेक्टिव फूड्स : इसमें विटामिन और मिनरल्स युक्त खाद्य पदार्थ आते हैं, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, अन्य सब्जियां व फल, अंडे, दूध व मिल्क प्रोडक्ट।
वयस्कों के लिए हेल्दी डाइट चार्ट पर एक नजर
वयस्कों के हेल्दी डाइट चार्ट में इन खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है, जैसे-
- फल और सब्जियों के साथ फलियां जैसे मसूर की दाल व अन्य दाल, नट्स और अनाज (अनप्रोसेस्ड मक्के का आटा, बाजरा, ओट्स, गेहूं और ब्राउन राइस)
- कम से कम दिन में 400 ग्राम फलों व सब्जियों का सेवन करना, इसमें आलू, शकरकंद और स्टार्च रूट्स जैसे गाजर व बीट आदि को हेल्दी डाइट चार्ट में शामिल करना चाहिए
- दिनभर में हम जो एनर्जी हासिल कर रहे हैं उसका दस फीसदी ही हमें फ्री शूगर लेना चाहिए, जो 50 ग्राम या दस से 12 चम्मच चीनी की मात्रा होती है। कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति जो रोजाना करीब दो हजार कैलोरी का सेवन करता है और कम से कम चीनी का सेवन करता है तो वैसे लोग ज्यादा से ज्यादा हेल्थ बेनीफिट्स उठा सकते हैं। फ्री शूगर वो शूगर होते हैं जो किसी निर्माता द्वारा अलग से खाद्य सामग्री में डाली जाती है। वहीं प्राकृतिक तौर पर चीनी, शहद, सिरप, फ्रूट्स जूस में मौजूद होता है।
- 30 फीसदी से भी कम एनर्जी हमें फैट से मिलती है। अनसैचुरेटेड फैट हमें मछली, नट्स, सनफ्लावर, सोयाबीन, सरसो व ऑलिव ऑयल से मिलता है। वहीं सैच्यूरेटेड फैट्स मीट, बटर, नारियल तेल, क्रीम, चीज, घी और चर्बी में पाया जाता है। वहीं ट्रांस फैट बेक्ड व फ्राइड फूड में पाया जाता है, पहले से पैक किए गए स्नैक्स में मिलने के साथ फ्रोजन पिज्जा, कुकीज, बिस्किट, वेफर्स, कुकिंग ऑयल में मिलता है। वहीं रुमिनेंट ट्रांस फैट मीट में होने के साथ गाय, शीप, बकरी के डेयरी फूड में पाया जाता है। हेल्दी डाइट चार्ट के तहत सुझाव दिया जाता है कि आप जितनी एनर्जी हासिल कर रहे हैं उसके अनुपात में सैच्युरेटेड फैट 10 फीसदी कम सेवन करें, वहीं ट्रांसफैट कुल एनर्जी का एक फीसदी कम सेवन करें। वैसे ट्रांस फैट जिन्हें इंडस्ट्री में तैयार किया जाता है वो हेल्दी डाइट चार्ट का हिस्सा नहीं है, जितना संभव हो उनका सेवन न ही करें तो बेहतर है।
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बच्चों और किशोरों के लिए हेल्दी डाइट चार्ट
बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए उसके जन्म के शुरुआती दिनों से ही उसे हेल्दी डाइट देनी चाहिए। बचपन में दी जाने वाले पौष्टिक आहार का सेवन करने से वो जीवन भर स्वस्थ्य रहते हैं। आगे चलकर संभावनाएं कम रहती है कि बच्चा ओवरवेट होगा या फिर उसमें नॉन कम्युनिकेबल डिजीज होने के चांसेस भी कम होते हैं।
सुझाव दिया जाता है कि हेल्दी डायट चार्ट के तहत वयस्कों को जिन खाद्य पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी गई है, ठीक वही बच्चों और किशोरों को भी सेवन करना चाहिए। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे
- नवजात को जन्म के छह महीनों तक सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए
- जन्म के दो साल व उससे अधिक तक नवजात को मां का दूध पिलाना चाहिए
- शिशु का छह महीना पूरा होने के बाद उसे मां के दूध के अलावा नियमित मात्रा में पौष्टिक भोजन देना चाहिए। बच्चों के खानपान में चीनी व नमक को नहीं देना चाहिए।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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फल व सब्जियां
यदि कोई व्यक्ति रोजाना 400 ग्राम फ्रूट्स व हरी सब्जियों का सेवन करता है तो उन लोगों में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज होने की संभावनाएं भी कम होती है। हेल्दी डाइट चार्ट में शामिल कर आप चाहे यह तरकीब अपना सकते हैं। जैसे-
- खाने में सब्जियों को शामिल करें
- खाने में फ्रेश फ्रूट्स और ताजी सब्जियों का ही सेवन करें
- हमेशा वैसे फलों व सब्जियों को सेवन करें जो सीजन में उपलब्ध हो
- हमेशा अलग-अलग प्रकार के फ्रूट्स व सब्जियों का सेवन करें
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हेल्दी डाइट चार्ट में फैट है सबसे अहम
कुल एनर्जी का 30 फीसदी फैट इनटेक को कम कर हेल्दी वेट हासिल किया जा सकता है। वहीं नॉन कम्युनिकेबल डिजीज से भी बचा जा सकता है।
- कुल एनर्जी का 10 फीसदी सैच्युरेटेड फैट का सेवन कम करें
- कुल एनर्जी का एक फीसदी ट्रांस फैट का सेवन कम करें
- ट्रांस फैट और सैच्युरेटेड फैट को छोड़कर अन सैचुरेटेड फैट का सेवन करना चाहिए
फैट युक्त खाद्य पदार्थों का ऐसे करें सेवन, खासतौर पर सैच्युरेटेड फैट और इंडस्ट्री से तैयार किए ट्रांस फैट के मामलों में
- तलने-भूनने के बजाय उसे स्टीम या उबाल कर पकाएं
- बटर-घी के बजाय पॉलीअनसैच्युरेटेड फैट तेल जैसे सोयाबीन, कॉर्न, सनफ्लावर तेल का सेवन करें
- फैट व डेयरी प्रोडक्ट का कम से कम सेवन करें
- बेक्ड और फ्राइ किए हुए खाद्य पदार्थों का कम से कम सेवन करें, पैक्ड फूड का सेवन भी कम करें
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सॉल्ट, सोडियम और पोटेशियम के सेवन पर दें ध्यान
ज्यादातर लोग नमक के रूप में सोडियम का सेवन करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि प्रति व्यक्ति को दिन में कम से कम 9 से 12 ग्राम नमक का ही सेवन करना चाहिए और 3.5 ग्राम से कम पोटेशियम का सेवन नहीं करना चाहिए। हाई सोडियम और पोटेशियम की कम मात्रा होने से ब्लड प्रेशर पर असर पड़ सकता है। इसके कारण हार्ट डिजीज और स्ट्रोक होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि दिन में यदि कोई पांच ग्राम नमक का सेवन करें तो अर्ली डेथ से बच सकता है। फ्रेश फ्रूट्स व सब्जियों का सेवन कर शरीर में पोटेशियम की मात्रा को पूरा किया जा सकता है।
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इस तकनीक को अपनाकर नमक का सेवन कर सकते हैं कम
- नमक व सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों का कम से कम सेवन कर
- डाइनिंग टेबल पर नमक और हाई सोडियम सॉस को न रखें
- नमक युक्त स्नैक्स का सेवन कम से कम करें
- खाद्य पदार्थ के वैसे प्रोडक्ट का चयन करें जिसमें कम से कम सोडियम होता है
हेल्दी डाइट चार्ट संबंधी सामान्य टिप्स
- हमेशा अच्छी क्वालिटी के खाद्य पदार्थ ही खरीदें, जो लंबे समय तक टिक सके
- फ्रेश मीट का ही सेवन करें
- फ्रिज में रखे खाद्य पदार्थ को अच्छे से पकाकर सेवन करें
- एक बार खाना पकाने के बाद उसे फिर से पकाने से परहेज करें
- वैसे खाद्य पदार्थ जिनसे बदबू आए उसका सेवन न करें
- खाद्य पदार्थ की एक्सपायरी के पूर्व ही उसका सेवन करें
डेयरी प्रोडक्ट
- फ्रेश दूध, क्रीम और सॉफ्ट चीज लंबे समय तक नहीं टिकती हैं, इसलिए खराब होने के पूर्व ही इसका सेवन करें। इसे गर्म करने के बाद ठंडा करके ही फ्रिज में डालें।
फल व सब्जियों को लेकर
- फलों व सब्जियों को काफी सावधानीपूर्वक छूना चाहिए, ताकि उसे नुकसान न हो
- हमेशा फ्रेश फ्रूट्स का ही सेवन करें
- अनानास और केला को फ्रिज में न रखें
- गाजर, बीट व अन्य कंद मूल के पत्तों को निकालकर फ्रिज में रखें
- आलू को ठंडे व अंधेरे कमरे में रखें, फ्रिज में न रखें
- टमामटर को रूम टेम्प्रेचर पर रख सकते हैं, सूर्य की रोशनी से बचाकर रखें, गर्मी है तो फ्रिज में रखें
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अंडे को ऐसे करें स्टोर
- कई लोग सोचते हैं कि अंडे को फ्रिज में रखना सुरक्षित होता है लेकिन उसकी क्वालिटी को बनाए रखने के लिए मॉश्चर से बचाए रखने के लिए कार्टून में रखें तो और बेहतर होता है।
हेल्दी डाइट चार्ट के साथ यह भी है जरूरी
स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी डाइट जितना जरूरी है वहीं उतनी ही जरूरी हमारी आदतें भी होनी चाहिए। यानि जरूरी है कि हम इन हेल्दी डाइट को फॉलों करें। खानपान को लेकर स्वच्छता का ख्याल रखें। यदि आप गर्भवती हैं या फिर बुजुर्ग हैं या फिर किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह लेकर हेल्दी डाइट चार्ट को अपनाएं। डाइट के साथ वेट मैनेजमेंट कर स्वस्थ्य रहा जा सकता है। वहीं कुकिंग के तरीके में भी सुधार लाना चाहिए, इसके लिए जरूरी है कि खाने में उतना ही तेल डालें जितना जरूरी है, वहीं खाने को अच्छे से पकाएं, बासी खाना न खाएं व खाने को बार बार गर्म न करें। इन तरीकों को अपनाकर भी हेल्दी रहा जा सकता है।
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