हेल्दी डाइट चार्ट की मदद से हम कुपोषण जैसी बीमारी का सामना कर सकते हैं, वहीं इससे संबंधित होने वाली बीमारियों को मात दे सकते हैं। अन हेल्दी डाइट के कारण हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि कम उम्र में ही हेल्दी डाइट चार्ट को अपनाते हैं तो उससे कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। हम जितनी मात्रा में एनर्जी खर्च करते हैं उतनी ही मात्रा में हमें एनर्जी लेनी चाहिए, इस बैलेंस को बनाए रखना काफी अहम होता है। वजन को नियंत्रण में रखना भी जरूरी है।
क्या है हेल्दी डाइट चार्ट, इसे अपनाना क्यों है जरूरी
हेल्दी डाइट चार्ट को अपनाकर हम कुपोषण से लड़ने के साथ नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (noncommunicable diseases (NCDs) इस बीमारी में वैसी बीमारियाँ आती हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है,जैसे- हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर आदि। इसके अलावा यह जेनेटिकल, साइकोलॉजिकल, प्राकृतिक कारणों की वजह से हो सकता है, और अनहेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, स्मोकिंग और ज्यादा शराब पीने के कारण भी हो सकता है। मौजूदा समय में हम प्रोसेस्ड फूड का तेजी से सेवन कर रहे हैं, गांव से लोग शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, इस कारण लोगों की लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है। यही वजह है कि लोगों का खानपान भी बदल रहा है। अब लोग ज्यादा से ज्यादा खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं जिनमें एनर्जी होने के साथ, फैट, शुगर और सॉल्ट के साथ सोडियम की मात्रा होती है। वहीं मौजूदा समय में ज्यादातर लोग फल व सब्जियों के साथ अनाज और वैसे खाद्य पदार्थ जिसमें फाइबर होते हैं उनका सेवन ही नहीं करते हैं।
इस कारण उन्हें हेल्दी डाइट चार्ट की सख्त जरूरत है। लेकिन हेल्दी डाइट विभिन्न मापदंडों पर निर्भर करता है। जैसे लिंग, लाइफस्टाइल, फिजिकल एक्टिविटी, उम्र, सभ्यता और खानपान से जुड़ी संस्कृति पर निर्भर करता है। लेकिन इन सबमें एक चीज सामान्य है कि सबको ही हेल्दी डाइट की जरूरत पड़ती है। इसलिए जरूरी है कि हम सबको अपने स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार होना होगा और हेल्दी डाइट चार्ट को अपनाना होगा। यहां तक कि शिशु को भी हेल्दी डाइट की जरूरत होती है।