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बच्चों को नूडल्स को क्यों कहना चाहिए 'बाय'

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Govind Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/01/2020

    बच्चों को नूडल्स को क्यों कहना चाहिए 'बाय'

    नूडल्स युवाओं और बच्चों को खासा पसंद होते हैं। एशिया के देशों में लोग दिन में एक बार तो नूडल्स खाते ही हैं। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि ये आपकी भूख को तो मिटाता है लेकिन, इनमें जरूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं होते। इस कारण लाखों बच्चों को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता और वे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। इसी का नतीजा है कि यहां युवाओं का वजन या तो कम है या फिर बहुत ज्यादा जो कि बिगड़े स्वास्थ्य का  संकेत हैं। इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों की इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही है। इस कारण यहां के लोगों के जीवन का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। इसके बावजूद काम करने वाले दंपति समय की कमी के कारण बच्चों को यह अनहेल्दी खाना खिला रहे हैं। यूनिसेफ (UNICEF) की रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों में पांच और इससे कम उम्र के लगभग 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।

    बच्चों को हो रही आयरन की कमी

    यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया कि लगातार नूडल्स खाने से बच्चों में आयरन की कमी हो रही है। इसके कारण उन्हें नई चीजें सीखने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही ऐसी बच्चियां जिनमें आयरन की कमी है, उन्हें भविष्य में बच्चे को जन्म देने के दौरान मौत का खतरा भी बना रहता है। इतना ही नहीं डिलीवरी के दौरान उनकी खुद की जान जाने का जोखिम रहता है। आंकड़ों की बात करें तो इंडोनेशिया में 24.4 मिलियन पांच साल से कम उम्र के बच्चे और फिलिपीन्स में 11 मिलियन और मलेशिया में 2.6 मिलियन कुपोषण का शिकार हैं।

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    नूडल्स में हाई फैट और सॉल्ट कंटेंट भी होता ज्यादा

    यूनिसेफ की एशिया न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट मुएनी मुटुंगा ने ऐसे परिवारों की समीक्षा की जो पारंपरिक खाने को छोड़ कर इस तरह के सस्ते, आसानी से बनने वाले और मॉडर्न फूड को चुन रहे हैं। उन्होंने इस बारे में कहा कि नूडल्स सस्ते होते हैं और इन्हें आसानी से बनाया जा सकता है लेकिन, इनकी जगह बैलेंसड डायट लेना ज्यादा जरूरी है। नूडल्स में जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी होती है, वहीं माइक्रो न्यूट्रिएंट्स जैसे कि आयरन की भी जरूरी मात्रा इनसे नहीं मिलती। इसके उलट बच्चे इनसे हाई फैट और सॉल्ट कंटेंट ले रहे हैं।

    हेल्दी चीजें डायट से हो रही गायब

    नूडल्स की खपत के मामले में चीन दुनिया में पहले स्थान पर है, जहां 2018 में 12.5 बिलियन सर्विंग्स नूडल्स खाए गए। वहीं इंडोनेशिया इस मामले में दूसरे स्थान पर है। चीन में एक साल में भारत ओर जापान दोनों की कुल खपत से ज्यादा नूडल्स खाए जाते हैं। यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया कि फल, सब्जियां अंडें, डेयरी, फिश और मीट जैसे हेल्दी फूड्स लोगों की प्लेट से गायब होते जा रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि लोग काम की तलाश में शहरों का रुख कर रहे हैं।

    गरीब परिवार सस्ते खाने को चुनते हैं

    वर्ल्ड बैंक के अनुसार, फिलिपीन्स, इंडोनेशिया और मलेशिया मीडिल इनकम वाले देश हैं। लाखों लोग यहां बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए ही संघर्ष करते हैं। ऐसे में कम इनकम वाले परिवार नूडल्स, आलू और सोया से बने प्रोडक्ट्स पर निर्भर रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार बिस्किट, बाजार में मिलने वाले ड्रिंक्स और फास्ट फूड भी इन देशों के लिए एक बड़ी समस्या हैं।

    नूडल्स में होता है ट्रांस फैट

    नूडल्स को पहले ही ट्रांस फैट में फ्राई किया जाता है। इन्हें इसके बाद सिर्फ पानी में उबालना रहता है। ट्रांस फैट शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।

    नूडल्स में कमजोर होता है पाचन

    नूडल्स को आटे और मैदा से बनाया जाता है। कई मामलों में देखा जाता है कि ये पूरी तरह से न पच कर आंतों में चिपक जाती हैं। ऐसे में ये पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाती हैं। जान लीजिए कि इसका सेवन लंबे समय तक लगातार नहीं करना चाहिए।

    प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है नूड्ल्स का असर

    नूडल्स में पाए जाने वाले सीसा कै शरीर पर बुरा असर पड़ता है। सीसा शरीर की प्रजनन क्षमता को कम करता है। अगर लगातार नूडल्स का सेवन किया जाए, तो यह आपकी प्रजनन क्षमता को काफी कम कर देता है।

    कैंसर का कारण बन सकती हैं नूडल्स

    नूडल्स में मौजूद सीसा कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। लगातार खाने में लेड यानि सीसा का सेवन करने से कैंसर की आशंका भी काफी हद तक बढ़ जाती है।

    नूडल्स बन सकती हैं किडनी की समस्या का कारण

    नूडल्स में पाए जाने वाले लेड के कारण किडनी भी डैमेज होती है। साथ ही यह किडनी के सुचारू रूप से काम करने में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है।

    बच्चों के विकास में बाधक बन सकती हैं नूडल्स

    आमतौर पर देखा जाता है कि बच्चों को नूडल्स काफी पसंद होती हैं। लेकिन यह किडनी, पेट और सिर से जुड़ी कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं। ऐसे में ये बच्चों के विकास में भी बाधा पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा लगातार लंबे समय तक नूडल्स खाने से बच्चों को पाचन की समस्या तो होती ही है और साथ ही उनकी भूख में कमी देखने को मिलती है।

    बच्चों को नहीं मिलते जरूरी पोषक तत्व

    बच्चों को नूडल्स बहुत पसंद होती हैं। ऐसे में नूडल्स खाते हैं। नूडल्स मैदा से बनाई जाती हैं। वहीं इसमें पोषक तत्व बहुत कम मात्रा होते हैं। इस कारण जब बच्चे ज्यादा नूडल्स खाते हैं, तो उनके शरीर में जरूरी पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं।

    दिमाग के विकाम में बाधा डालती है नूडल्स

    नूडल्स दिमाग पर भी बुरा असर डालती हैं। साथ ही अगर प्रेग्नेंट महिलाएं ज्यादा मात्रा में नूडल्स का सेवन करें, तो इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे के आईक्यू पर पड़ सकता है। वहीं अगर छोटे बच्चे भी इसका अधिक सेवन करते हैं, तो उनका भी आईक्यू कम होता है।

    लिवर में हो सकती है सूजन

    नूडल्स को मैदा से बनाया जाता है। साथ ही इसमें कई तरह के प्रिजरवेटिव्स का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से लिवर में सूजन बढ़ जाती है और साथ ही लोगों को दर्द की शिकायत होने लगती है।

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    नूडल्स के लोगों के स्वास्थ्य पर हो रहे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए सरकारों को जरूरत है कि वे इसके खिलाफ सख्त कदम उठाएं।

    डिस्क्लेमर

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