अनाज जिसे किसान साल भर मेहनत करके उगाते हैं और फसल तैयार होने पर अनाज को साल भर के लिए स्टोर करते हैं, लेकिन अनाज में कीड़े लगने से वह अनाज साल भर नहीं चला पाता। ऐसे में किसान अनाज में कीड़े की दवा रखते हैं। इससे कीड़े तो मर जाते हैं, लेकिन किसान जाने अनजाने अपने परिवार को दे देता है कई बीमारियां। जी हां, अनाज में कीड़े की दवा या कीटनाशक का शरीर पर नकारात्मक असर होता है। इससे हमारी जान तक जा सकती है। आइए अनाज में कीड़े की दवा से जुड़े हर पहलू के बारे में जानते हैं।
अनाज में कीड़े की दवा का स्वास्थ्य पर क्या असर होता है?
अनाज में कीड़े की दवा का हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिससे हमारे शरीर में एक्यूट और क्रॉनिक दोनों तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं। अनाज में कीड़े की दवा से त्वचा और आंखों में जलन हो सकती है, सिरदर्द, चक्कर आना और मितली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही कमजोरी, सांस लेने में परेशानी, मानसिक भ्रम, दौरे, कोमा और मृत्यु तक हो सकती है। वहीं, क्रॉनिक परेशानियों में लक्षण तुरंत तो नहीं, लेकिन कुछ महीनों या सालों में नजर आने लगते हैं। जिसमें नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर, कैंसर और इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर हो सकता है।
बच्चों की सेहत पर दवा के केमिकल का ज्यादा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि बच्चे का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं रहता है, जिस कारण केमिकल उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इससे बच्चे के शरीर का विकास भी बाधित होता है। इसलिए डॉक्टर हमेशा यही सलाह देते हैं कि बच्चे, गर्भवती महिलाओं, कीमोथेरिपी से गुजर रहे मरीज और बुजुर्गों को दवा के केमिकल से बचाना चाहिए।
इसके अलावा आप जब भी अनाज के कीड़े की दवा खरीदने जाएं, तब जरूर देखें कि दवा एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) में रजिस्टर्ड हो, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) में रजिस्टर्ड दवा आपके लिए सेफ हो। बस/ इतना होता है कि अगर आपको कोई नुकसान होता है तो आप एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) के द्वारा दवा बनाने वाली कंपनी को क्लेम कर सकते हैं कि उनके केमिकल से आपको स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
इसके अलावा सल्फास जैसी दवाएं अनाज में रखने से आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। गलती से सल्फास का सेवन करने से आपकी मृत्यु तक हो सकती है। क्योंकि सल्फास को सामान्य भाषा में ह्यूमन बॉम्ब भी कहा जाता है।
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अनाज में कीड़े की दवा रखने के अलावा करें ये काम
अनाज में कीड़े की दवा रखना ही परेशानी का हल नहीं है। अनाज रखने से पहले हमें उसके स्टोरेज का बर्तन पहले साफ करना होगा। इसके लिए आप निम्न कदम उठा सकते हैं :
- अनाज के लिए किसी इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल करने से पहले उसकी सफाई जरूरी है। जैसे कम्बाइन्स, ट्रक्स, ग्रेन ड्रायर आदि की सफाई कर दें। क्योंकि अगर आप ने पिछले साल इन्हीं इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल किया है तो उसमें अनाज में कीड़े होने की संभावना बढ़ जाती है।
- पुराने बर्तन में किसी भी नए अनाज को न रखें। इसलिए पहले बर्तन से पुराने अनाजों को दूसरे बर्तन में निकाल लें। इसके बाद बर्तन को साफ कर के झाड़ू आदि से बर्तन में से धूल को झाड़ लें। इसके बाद आप उसे दो दिनों के लिए तेज धूप में रख दें। धूप में रखने से उसमें मौजूद कीड़े और उसके अंडे खत्म हो जाएंगे। फिर सफाई कर के उसमें नए अनाज को रख दें।
- जहां पर अनाज का बर्तन रखें, उस जगह के आसपास सफाई करें। इसके लिए आपको उस जगह पर इन्सेक्ट और रॉडेंट पेस्ट से बचाव के लिए दवा का छिड़काव करें। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि जहां पर आप अनाज का बर्तन रखने जा रहे हैं, वहां पर नमी बिलकुल न हो।
- जब आप अनाज को स्टोर करें तो इस बात को सुनिश्चित कर लें कि अनाज साफ हो और वह सूखा हुआ हो। यूं तो 12-13 प्रतिशत तक नमी अनाज में होना ठीक है, लेकिन 13-15 प्रतिशत नमी अनाज में होना अनाज में कीड़े पनपने के लिए काफी होता है। इसके साथ ही यह नमी उनके प्रजनन के लिए काफी होती है।
- जब अनाज को बर्तन में रखें तो उसे पूरी तरह से मुंह तक रख लें। जिससे बर्तन के अंदर हवा न जा सके। अगर अनाज को हवा लगेगी तो अनाज में नमी बढ़ेगी। जिससे उसमें कीड़े लगेंगे।
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अनाज में कीड़े की दवा को कहें ‘बाय’ नैचुरल तरीकों को कहें ‘हाय’
आपने जान लिया है कि अनाज में कीड़े की दवा डालने से हमारी सेहत को नुकसान पहुंचता है। तो अब जानते हैं कि कौन से प्राकृतिक तरीके हैं, जिसकी मदद से हम अनाज और सेहत दोनों को सुरक्षित रख सकते है :
लहसुन
लहसुन की तीक्ष्ण महक कीड़ों को अनाज में फैलने से रोकती है। एक क्विंटल अनाज में 10 से 15 लहसुन की कलियों को खोल कर पूरे अनाज में मिला दें। इसके बाद अनाज को स्टोर करें। इससे लहसुन अनाज की नमी को भी सोखता है, जिसके कारण अनाज में कीड़े नहीं लगते हैं।
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लौंग
लौंग में महक और अवशोषण शक्ति दोनों होती है। लौंग की महक से जहां एक तरफ अनाज में घुन नहीं लगता, वहीं दूसरी तरफ लौंग अनाज की नमी को भी अवशोषित कर लेती है। इसलिए आप एक क्विंटल अनाज में लगभग 250 ग्राम लौंग को मिला लें और फिर अनाज को स्टोर करें।
नीम की पत्तियां
नीम की पत्तियां हमारे सेहत के लिए एंटीसेप्टिक का काम करती हैं। ठीक उसी तरह से नीम की पत्तियां अनाज के लिए भी एंटीसेप्टिक का काम करती हैं। नीम की पत्तियां तोड़ लें और उसे हवा में थोड़ा सूखने दें। इसके बाद अनाज में नीम की पत्तियों को मिला कर स्टोर कर लें।
साबूत नमक
साबूत नमक का मतलब यह है कि नमक का पाउडर फॉर्म न हो कर के वह खड़े-खड़े टुकड़ों के रूप में होता है। साबूत नमक को अनाज में मिला कर रखने से अनाज से नमी गायब हो जाती है और कीड़ों के पनपने की संभावना कम हो जाती है।
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