सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित कई महिलाओं में ट्रीटमेंट के जरिए कैंसर को निकाल दिया जाता है या इसे खत्म कर दिया जाता है। ट्रीटमेंट का कम्प्लीट होना तनाव पूर्ण और परेशान करना वाला हो सकता है। ट्रीटमेंट के खत्म होने पर मरीज एक तरफ तो राहत का अनुभव करते हैं वही दूसरी तरफ उन्हें इस बात की चिंता होती है कि कैंसर फिर से वापस ना आ जाए। ऐसा अनुभव सामान्य है। सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना (Living with Cervical Cancer) एक चुनौतिपूर्ण अनुभव हो सकता है क्योंकि कुछ महिलाओं में यह कैंसर पूरी तरह ठीक नहीं होता।
उन्हें इसके चलते रेगुलर ट्रीटमेंट लेना पड़ता है जिसमें कीमोथेरिपी, रेडिएशन थेरिपी या अन्य थेरिपीज लेनी पड़ सकती हैं ताकि जितना हो सके उतने लंबे समय तक कैंसर को नियंत्रित किया जा सके। सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना (Living with Cervical Cancer) जो पूरी तरह से ठीक नहीं हो रहा है मुश्किल और तनावपूर्ण हो सकता है।
सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना: फॉलो अप केयर है जरूरी
अगर मरीज का ट्रीटमेंट पूरा हो गया है तो भी डॉक्टर्स उसे करीब से मॉनिटर करेंगे। यह बहुत जरूरी हो जाता है सभी फॉलो अप अपॉइंटमेंट्स को अटैंड करें। डॉक्टर विजिट एक अच्छा समय होता है जब आप अपने बॉडी में आने वाले किसी प्रकार परिवर्तन या परेशानियों की चर्चा कर सकते हैं। वे मरीज से भी पूछते हैं कि उन्हें किसी प्रकार की कोई तकलीफ तो नहीं हो रही। ऐसा होने पर वे लैब टेस्ट्स या इमेजिंग टेस्ट्स कराने की सलाह दे सकते हैं। जिससे कैंसर के संकेत और ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट्स के बारे में जानकारी मिल सकती है।
सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना (Living with Cervical Cancer) कैंसर ट्रीटमेंट से होने वाले साइड इफेक्ट्स के कारण मुश्किल लग सकता है। कुछ दुष्परिणाम कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं तो कुछ को ठीक होने में लंबा समय लग सकता है। इसलिए जरूरी है कि डॉक्टर को नए लक्षण या परेशानियों के बारे में बताएं क्योंकि वे कैंसर के वापस आने के कारण हो सकते हैं या किसी नई बीमारी या सेकेंड कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
और पढ़ें: स्टेज 3 सर्वाइकल कैंसर: कैंसर के लक्षणों और इलाज को समझें यहां!
सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना (Living with Cervical Cancer) और डॉक्टर विजिट्स
कई महिलाओं में जिनमें सर्वाइकल कैंसर के कोई लक्षण नहीं बचे हैं उनके लिए डॉक्टर्स शुरुआत के कुछ सालों में 3-6 महीने में फॉलो अप विजिट रिकमंड करते हैं। जिसमें इमेजिंग टेस्ट के साथ ही ब्लड टेस्ट और फिजिकल एग्जाम शामिल होता है। इसके बाद हर अगले कुछ सालों तक 6 महीने में यह टेस्ट करने को कहा जाता है। जिन महिलाओं का इलाज अर्ली स्टेज कैंसर के लिए किया गया हो उनका फिजिकल एग्जाम कम होता है।
कुछ डॉक्टर अलग फॉलो अप शेड्यूल की सलाह दे सकते हैं। ज्यादातर डॉक्टर्स उन महिलाओं के लिए सर्वाइकल कैंसर का इलाज किया है उनके लिए पेप टेस्ट रिकमंड करते हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि इलाज के लिए सर्जरी की गई थी या रेडिएशन थेरपी। पेप टेस्ट के लिए कोशिकाएं सर्विक्स से ली जाती है। अगर सर्जरी के चलते सर्विक्स हटा दिया गया है तो कोशिकाएं वजायना के ऊपरी हिस्से से ली जाती हैं।
सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना (Living with Cervical Cancer) और सर्वाइवरशिप केयर प्लान
मरीज अपने डॉक्टर से सर्वाइवरशिप केयर प्लान को डेवलप करने के बारे में बात कर सकते हैं। इस प्लान में निम्न चीजें शामिल हो सकती हैं:
- फॉलो अप एग्जाम और टेस्ट के लिए दिया गया शेड्यूल।
- ऐसी दूसरी बीमारियों का पता करने के लिए टेस्ट जो कैंसर ट्रीटमेंट या कैंसर के लॉन्ग टर्म इफेक्ट के हो सकती हैं।
- एक लिस्ट जिसमें ट्रीटमेंट के लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स की जानकारी हो। जिसमें ये भी बताया गया हो कि आपको किन चीजों पर नजर रखनी है और कब डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
- स्वास्थ्य में सुधार लाने वाली और कैंसर के वापस आने की आशंका को कम करने वाली सलाहें।
इस प्रकार के सर्वाइवरशिप प्लान के साथ सर्वाइकल कैंसर के जीना थोड़ा सा आसान हो सकता है। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि भले ही ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है हेल्थ इंश्योरेंस को जारी रखें। टेस्ट्स और डॉक्टर विजिट में काफी खर्चा होता है। साथ ही कोई ऐसा नहीं सोचता कि कैंसर वापस आ सकता है, लेकिन ऐसा हो सकता है।
और पढ़ें: स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर: कैंसर के लक्षणों और इलाज को समझें यहां!
क्या मैं कैंसर (Cancer) के प्रोग्रेस और इसके वापस आने के खतरे को कम कर सकती हूं?
अगर आपको पहले या अभी सर्वाइकल कैंसर है तो हम यह जानना चाहेंगी कि क्या ऐसा कोई तरीका है जिससे आप कैंसर के विकसित होने और इसके वापस आने के खतरे को कम कर सकती हैं? जैसे कि कोई व्यायाम, किसी प्रकार की डायट या फिर न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स का उपयोग, लेकिन इस समय तक यह स्पष्ट नहीं है कि चीजें मदद करेंगी।
ऐसा माना जाता है कि स्मोकिंग और सर्वाइकल कैंसर के रिस्क को बढ़ाने से संबंधित है, लेकिन यह क्लियर नहीं है कि स्मोकिंग सर्वाइकल कैंसर की ग्रोथ और उसके वापस आने को प्रभावित कर सकती है। स्मोकिंग को बंद करना स्मोकिंग से रिलेटेड दूसरे किसी कैंसर के रिस्क को कम करने में मददगार है। स्मोकिंग ना करना कीमोथेरिपी (Chemotherapy) और रेडिएशन (Radiation) थेरिपी को सहन करने ओर सर्विक्स या सर्वाइकल एरिया (Cervix or cervical area) के डैमेज को रोकने में मदद कर सकता है।
कैंसर के साथ रहना और अन्य हेल्दी हैबिट्स को अपनाना जैसे कि अच्छा खाना, नियमित शारीरिक गतिविधि करना और स्वस्थ वजन को मेंटेन करना मदद कर सकता है, लेकिन कोई भी निश्चित रूप से इसके बारे में नहीं जानता है। हालांकि, हम जानते हैं कि इस प्रकार के परिवर्तनों का आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जो सर्वाइकल कैंसर रिस्क risk of cervical cancer या अन्य कैंसर के जोखिम से परे हो सकता है।
डायट्री सप्लिमेंट्स (Dietary supplements)
अभी तक कोई भी डायट्री सप्लिमेंट्स (जिसमें विटामिन, मिनरल्स और हर्बल प्रोडक्ट्स शामिल हैं) सर्वाइकल कैंसर के प्रोग्रेस के रिस्क और उसके वापस आने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं ऐसा स्पष्ट नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि कोई सप्लिमेंट्स मदद नहीं करते, लेकिन यह जानना जरूरी है कि यह प्रूव नहीं हुआ है।
सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना: अगर कैंसर वापस आ जाता है? (If the cancer comes back)
अगर कैंसर वापस आ जाता है तो ट्रीटमेंट कैंसर कहां पर है, पहले क्या ट्रीटमेंट लिया था और मरीज की ओवरऑल हेल्थ पर निर्भर करेगा। सर्जरी, रेडिएशन थेरिपी, कीमोथेरिपी, टार्गेटेड थेरिपी, इम्यूनोथेरिपी और दूसरे कॉम्नबिनेशन ऑप्शन हो सकते हैं। कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए दूसरे ट्रीटमेंट भी दिए जा सकते हैं। सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना (Living with Cervical Cancer) डिप्रेशन, चिंता और परेशानी का कारण बन सकता है। कुछ लोग दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में परिवार, दोस्त, धार्मिक ग्रुप्स, प्रोफेशनल काउंसलर्स से मदद ली जा सकती है।
और पढ़ें: सर्वाइकल कैंसर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस में न हो कंफ्यूज, ये दोनों हैं अलग बीमारी
सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना: ट्रीटमेंट के बाद सेकेंड कैंसर (Second cancer)
कैंसर सर्वाइवर्स कई प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करते हैं, लेकिन सबसे बड़ी चिंता कैंसर का फिर से सामना करना है। कैंसर जो ट्रीटमेंट के बाद फिर से वापस आ जाता है उसे पुनरावृत्ति (Recurrence) कहते हैं, लेकिन कुछ कैंसर सर्वाइवर्स में नया कैंसर भी डेवलप हो जाता है जो पहले के कैंसर से संबंधित नहीं होता। इसे सेकेंड कैंसर कहा जाता है। दुर्भाग्य से सर्वाइकल कैंसर का इलाज कराने का मतलब यह नहीं होता कि मरीज को कोई दूसरा कैंसर नहीं हो सकता। जिन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर हुआ है, उन्हें अभी भी उसी तरह के कैंसर हो सकते हैं जो अन्य महिलाओं को होते हैं। वास्तव में, कुछ प्रकार के कैंसर के लिए उच्च जोखिम हो सकता है, जिनमें शामिल हैं
- मुंह और गले के कैंसर
- स्वरयंत्र का कैंसर (वॉयस बॉक्स)
- गुदा कैंसर
- वुल्वर कैंसर
- योनि का कैंसर
- फेफड़े का कैंसर
- मूत्राशय और मूत्रवाहिनी के कैंसर
- आमाशय का कैंसर
- कोलोरेक्टल कैंसर
- अग्न्याशय कैंसर
इनमें से कई कैंसर धूम्रपान और/या ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण से जुड़े हैं, जिसका सर्वाइकल कैंसर से भी मजबूती लिंक है।
क्या दूसरा कैंसर (Second cancer) होने का खतरा कम हो सकता है?
अपने जोखिम को कम करने और यथासंभव स्वस्थ रहने के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए, जिन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर हुआ है, उन्हें तंबाकू उत्पादों से दूर रहने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। धूम्रपान कुछ दूसरे कैंसर के जोखिम को और बढ़ा सकता है जो सर्वाइकल कैंसर के बाद अधिक आम हैं।
अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद के लिए, सर्वाइकल कैंसर से बचे लोगों को यह भी करना चाहिए:
- स्वस्थ वजन को मेंटेन करें।
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और बैठने या लेटने के समय को सीमित करें।
- एक स्वस्थ खाने के पैटर्न का पालन करें जिसमें बहुत सारे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों, और मीठा पेय, और प्रोसेस्ड फूड्स को सीमित करें या इससे बचें।
- शराब न पीना ही सबसे अच्छा है। यदि आप पीते हैं, तो प्रति दिन 1 से अधिक पेय न लें।
और पढ़ें: एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर में क्या संबंध है?
उम्मीद करते हैं कि आपको सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना (Living with Cervical Cancer) कितना चुनौतिपूर्ण हो सकता है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। वे सर्वाइकल कैंसर के साथ जीना आसान कैसे बनाएं इसके बारे में उचित सलाह देंगे।