डायबिटीज में खानपान को लेकर खास ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है। आपका खाना आपकी लाइफस्टाइल का एक अंश माना जाता है, इसलिए खानपान को लेकर सचेत रहना आपके लिए जरूरी हो जाता है। जब हम बात करते हैं सही डायट की, तो उसे पकाने की भी कई तरीके हो सकते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques) के बारे में। डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) यदि सही हो, तो खाना आपको 100% फायदा पहुंचा सकता है। इसलिए डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। लेकिन इसके बारे में अधिक जानकारी लेने से पहले जानते हैं डायबिटीज की समस्या आखिर कैसे होती है।
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क्या है डायबिटीज की समस्या?
डायबिटीज (Diabetes) की दिक्कत तब होती है, जब आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जब भी आप भोजन करते हैं, तो शरीर उसे शुगर में तोड़ देता है और शरीर की कोशिकाएं ऊर्जा के लिए इसका उपयोग करती हैं। इस उपयोग के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करने की जरूरत पड़ती है। जब आप मधुमेह के शिकार होते हैं, तो पैंक्रियाज या तो बेहद कम मात्रा में इंसुलिन पैदा करती है, या इंसुलिन (Insulin) पैदा करना बंद कर देती है। क्योंकि शरीर इसका प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाता, इसलिए व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाता है। लेकिन डायबटीज की आहट उसके लक्षणों से पहचानी जा सकती है। इसका इसके लिए आपको कुछ लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है।
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क्या हैं डायबिटीज के लक्षण? (Symptoms of Diabetes)
डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में शरीर आपको कुछ सिम्टम्स देता है। यह सिम्टम्स यानी कि लक्षण आप को समझने होते हैं। डायबिटीज के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं –
- बार-बार यूरिनेशन होना
- बार-बार प्यास लगना
- बहुत भूख लगना
- अत्यधिक थकान
- धुंधला दिखना
- किसी चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लगना
- लगातार घटता वजन (टाइप1)
- हाथ / पैर में झुनझुनी या दर्द (टाइप 2)
यदि आप इन लक्षणों को महसूस करते हैं, तो आपको जल्द से जल्द अपना ब्लड शुगर लेवल मापने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा कुछ ऐसे लक्षण भी हैं, जो जिसके चलते आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन लक्षणों में हैं –
- बहुत ज्यादा उल्टी, मतली, चक्कर या कमजोरी महसूस होना
- बहुत ज्यादा प्यास लगना या बार-बार पेट दर्द के साथ पेशाब होना
- सांस तेज होना या सांस फूलना
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ऐसे लक्षण दिखाई देने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर जरूरी टेस्ट करने के बाद आपको डायबिटीज के लिए आवश्यक मेडिसिन प्रिसक्राइब कर सकते हैं। इन दवाइयों की मदद से आप जल्द से जल्द डायबिटीज (Diabetes) को कंट्रोल में ला सकते हैं। इस जानकारी से जाहिर होता है कि डायबिटीज की समस्या बड़ी आसानी से आपको अपनी गिरफ्त में ले लेती है। इसलिए डायबिटीज से जुड़े खानपान में आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। आइए अब जानते हैं डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) के बारे में।
डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक : क्यों पड़ती है इसकी जरूरत? (Cooking techniques for diabetes)
आप सभी जानते हैं खाना बनाना अपने आप में एक कला मानी जाती है, लेकिन खाने को टेस्टी के साथ हेल्दी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि खाने के सारे न्यूट्रिएंट्स खाना पकाते वक्त सही सलामत रहे। यही वजह है कि डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) की जरूरत पड़ती है। डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक के अंतर्गत आपको तीन चीजों का ध्यान रखना पड़ता है।
- खाना बनाते वक्त पानी का कम इस्तेमाल
- कुकिंग टाइम घटाना
- खाने को कम से कम पकाना
इन तीन चीजों का ध्यान रखकर आप डायबिटीज (Diabetes) में खाए जाने वाले खाने के न्यूट्रिएंट्स बचा सकते हैं।
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डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक : ध्यान दें इन बातों पर भी! (Cooking techniques for diabetes)
खाना बनाते वक्त पानी का कम इस्तेमाल करना हो, तो आपको प्रेशर कुकिंग, स्टीम, स्टर फ्राय और माइक्रोवेव तकनीक इत्यादि का सहारा लेना पड़ सकता है। डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques) के अंतर्गत ये ऐसे तरीके हैं, जिससे खाना ओवरहीटिंग (Overheating) का शिकार नहीं होता। जिसकी वजह से उसके न्यूट्रिएंट्स बने रहते हैं। वहीं यदि आप खाने को फ्राय कर रहे हैं या तल रहे हैं, तो खाना ओवरहीट होकर अपने न्यूट्रिएंट्स खो देता है, जिससे खाने में सिर्फ कैलोरीज बच जाती है। जो आपकी सेहत बनाती नहीं, बल्कि बिगड़ती है। इसलिए आपको कुछ बातों का ख्याल रखने की जरूरत पड़ सकती है।
- हमेशा सब्जियों को काटने से पहले धोएं
- फ्रोजन सब्जियों को फ्राय करने के बजाय स्टीम में पकाएं
इन दोनों तरीकों से आप सब्जियों में मौजूद न्यूट्रिएंट्स को बरकरार रख सकते हैं। आइए अब बात करते हैं डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) से जुड़े और भी तरीकों के बारे में।
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डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक : किन तकनीकों का लिया जा सकता है सहारा?
डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques) में कई उपायों का सहारा लिया जा सकता है, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जो कम समय में आपको हेल्दी और टेस्टी खाना दे सकते हैं। डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) में आप इन उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं –
प्रेशर कुकिंग चुनें (Pressure cooking)
जैसा कि हम पहले बता चुके हैं खाने में मौजूद न्यूट्रिएंट्स (Nutrients) को बरकरार रखने के लिए आप को कम तापमान में जल्दी खाना बनाने की जरूरत पड़ती है। यदि खाना ज्यादा देर तक पकता रहे, तो इसके पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। इसलिए डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) के अंतर्गत प्रेशर कुकिंग एक अच्छा और आसान तरीका हो सकता है। जब आप खाना बनाने के लिए प्रेशर कुकिंग का इस्तेमाल करते हैं, तो खाना जल्दी पकता है और यह ज्यादा देर तक गर्म नहीं होता। इस तकनीक से आप आसानी से दाल, चावल, वेजिटेबल स्ट्यू (Vegetable Stew) और अलग – अलग तरह की करी बना सकते हैं। प्रेशर कुकर को पानी डालकर प्रीहिट करके भी खाना पकाया जा सकता है, जिससे खाने के पोषक तत्व बर्बाद ना हों।
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डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक : स्टिर फ्राय भी है अच्छा तरीक़ा (Stir fry)
डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) की बात करें, तो स्टिर फ्राय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके लिए आपको बेहद कम तेल की जरूरत पड़ती है। क्योंकि स्टिर फ्राय किए हुए खाने को आप तेज आंच पर पकाते हैं, इसलिए खाना जल्दी पकता है, लेकिन यह ज्यादा देर तक गर्म नहीं होता। इस तरह खाने के पोषक तत्व बने रहते हैं। स्टिर फ्राय तकनीक से आप सब्जियां, मीट और टोफू (Tofu) जैसी चीजें आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए आपको बहुत कम मात्रा में नमक और सीजनिंग की जरूरत पड़ती है, जो डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।
स्टीम का करें इस्तेमाल (Steam)
डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) के अंतर्गत स्टीमिंग एक बेहतरीन तरीका साबित हो सकता है। स्टीम में सब्जियों को बेहद कम गर्मी की जरूरत पड़ती है, साथ ही खाना जलने का डर नहीं रहता। इसलिए खाना बनाने के लिए आप आसानी से स्टीम का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे खाने के पोषक तत्व बरकरार रह सकते हैं। स्टीमिंग के जरिए आप इडली, सब्जियां, अप्पम, ढोकला इत्यादि खाना बना सकते हैं, जो जल्दी बन जाता है और इसके पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। वही फ्रायिंग के बदले स्टीमिंग का इस्तेमाल करने से में खाने में पोषक तत्व कम नहीं होते, साथ ही स्टीमिंग के लिए के जरिए आपको तेल या घी का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ती, जो डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में आपके काम आ सकती है। स्टीमिंग के जरिए आप कई तरह की सब्जियां बना सकते हैं, जिसमें ब्रॉक्ली, गोभी, पत्ता गोभी इत्यादि आसानी से बनाई जा सकती है।
ड्राय रोस्टिंग करें ट्राय (Dry roasting)
डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक में ड्राय रोस्टिंग एक अच्छा उपाय साबित होता है। इस तकनीक में बिना किस तेल (Oil) या घी (Ghee) के इस्तेमाल के ड्राय हीट के जरिए खाने को पकाने की कोशिश की जाती है। ड्राय रोस्टिंग (Dry roasting) का इस्तेमाल आप बीज, नट्स, पनीर, ग्रेवी, चिकन इत्यादि बनाने के लिए कर सकते हैं। ड्राय रोस्टिंग के जरिए फ्लेवर और फैट आसानी से अब्ज़ॉर्ब हो जाते हैं, जिससे आपको तेल या घी के ज्यादा इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती। वहीं आप ड्राय रोस्टिंग का इस्तेमाल ओपन फ्राइंग पैन के जरिए या ओवन माइक्रोवेव के जरिए भी कर सकते हैं।
ब्रौलिंग भी हो सकता है एक तरीक़ा (Brawling)
ब्रौलिंग (Brawling) का इस्तेमाल आप खाने को सीधे आग में डालकर भी कर सकते हैं, इसके लिए आप ग्रिल या कोयले का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही आप इलेक्ट्रिक कॉइल के साथ गैस बर्नर का इस्तेमाल भी इस तरह खाना बनाने के लिए कर सकते हैं। यह ग्रिलिंग से अलग तकनीक मानी जाती है, जो आमतौर पर अवन में खाना बनाने के काम आती है। इससे खाना एक बार में एक साइड से पकता है और आप अपनी मर्जी के अनुसार खाने को पका सकते हैं। इससे कम समय में खाना आसानी से पक जाता है और खाने के पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। आप चाहे तो अवन को प्रीहीट करके भी ब्रौलिंग तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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डायबिटीज में खाना बनाने की तकनीक (Cooking techniques for diabetes) के अंतर्गत यह सारी तकनीकें आपके काम आ सकती हैं। इससे आपको पोषक तत्वों से भरपूर खाना मिल सकता है, जिससे आप खाना बनाने के लिए कम तेल या घी का इस्तेमाल करते हैं और यह आपकी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन डायबिटीज की समस्या में सिर्फ खानपान पर ध्यान देकर ही कंट्रोल नहीं की जा सकती है, इसलिए आपको अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है। साथ हाई आपको डॉक्टर द्वारा दी गई मेडिसिन के सेवन की भी जरूरत पड़ती है। जब आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो आपको डायबिटीज (Diabetes)की समस्या में आराम मिल सकता है।
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