डायटरी गाइडलाइन्स फॉर अमेरिकन्स के अनुसार एक दिन में पर्याप्त फल और सब्जियों की कम से कम पांच सर्विंग्स एक हेल्दी डायट का बेस है और यदि आप डायबिटीज (Diabetes) मैनेज कर रहे हैं, तो सब्जियों का सेवन और भी जरूरी हो जाता है। डायबिटीज में मटर का सेवन फायदेमंद होता है। बता दें कि पोषक तत्वों से भरपूर, हाय फाइबर वाली सब्जियों (High fiber vegetables) का सेवन करने से ब्लड शुगर (Blood sugar) मैनेजमेंट में मदद मिल सकती है। डायबिटीज हेल्दी फूड की लिस्ट में आप हरी मटर (Green peas) को भी शामिल कर सकते हैं। हरी मटर एक ऐसी सब्जी है जिसे अपनी डायट में शामिल करने से डायबिटीज पेशेंट को लाभ हो सकता है। डायबिटीज में मटर (Peas in diabetes) कैसे फायदेमंद है? आइए जानते हैं, इस आर्टिकल में।
डायबिटीज में मटर: जानिए मटर में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrition Facts of Peas)
मटर में बहुत कम अनुमानित ग्लाइसेमिक लोड 3 (Glycemic load) होता है। इसमें सैचुरेटेड फैट (Saturated fat) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) भी कम मात्रा में होता हैं। 1 कप (98 ग्राम) मटर में 41 कैलोरी, 4 ग्राम टोटल शुगर और 3 ग्राम डायटरी फायबर होता है। मटर में कुल कैलोरी का 73% प्रोटीन से कुल कैलोरी का 23% कार्बोहायड्रेट से आता है – मटर में केवल 4% कैलोरी फैट से प्राप्त होती है (मुख्य रूप से ओमेगा-3 फैटी ऐसिड और कुछ ओमेगा-6 फैटी ऐसिड के साथ)। मटर विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, विटामिन बी और कोलीन (Choline) का भी एक अच्छा सोर्स है। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, ज़िंक, कॉपर, मैंगनीज और सेलेनियम सहित कई मिनरल्स पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व डायबिटीज में मटर (Peas in diabetes) को एक अच्छा विकल्प बनाते हैं।
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डायबिटीज में मटर के फायदे (Benefits of peas in diabetes)
डायबिटीज में मटर (Peas in diabetes) के फायदेमंद होने के कई कारण हैं जो कि निम्न हैं।
डायबिटीज में मटर (Peas in diabetes) है फायदेमंद क्योंकि इसमें होती है लो कैलोरी (Low calorie)
100 ग्राम हरी मटर में केवल 80 कैलोरी होती है (यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के आंकड़ों के अनुसार)। डायबिटीज रोगियों के लिए कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ का डायट में होना जरूरी है क्योंकि अधिक वजन होना टाइप -2 डायबिटीज के लिए एक रिस्क फैक्टर है। इसके अतिरिक्त, मधुमेह रोगियों में वजन बढ़ने से रोगियों के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना और भी कठिन हो जाता है।
डायबिटीज में मटर: एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी (Antioxidant and anti inflammatory)
हरी मटर में एंटीऑक्सिडेंट पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जिसमें कैटेकिन (catechin) और एपिकैटेकिन (Epicatechin), हार्ट डिजीज और स्किन कैंसर से प्रोटेक्ट करने के लिए जाने जाते हैं। मटर में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (Alpha-linolenic acid) के रूप में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो इंफ्लामेशन को कम कर सकता है। इंफ्लामेशन को कम करना डिजीज प्रिवेंशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, विशेष रूप से हार्ट डिजीज और टाइप 2 डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों के लिए।
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पोटैशियम से भरपूर (Rich in potassium)
पोटैशियम की कमी से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है और इसलिए यह मिनरल उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जिनके शरीर में पोटैशियम की कमी है। यूएसडीए के अनुसार प्रति 100 ग्राम हरी मटर में 244 मिलीग्राम पोटैशियम होता है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छा साबित हो सकता है। इसके अलावा, ब्लड प्रेशर के लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए भी पोटैशियम जरूरी है।
प्रोटीन से भरपूर (Rich in protein)
100 ग्राम हरी मटर में 5 ग्राम प्रोटीन होता है (यूएसडीए डेटा के अनुसार)। प्रोटीन एक पेट भरने वाला पोषक तत्व (Satiating nutrient) है, जो भूख को कम कर सकता है। साथ ही वेट मैनेजमेंट के लिए भी प्रोटीन जरूरी होता है और वजन को कंट्रोल में रखना मधुमेह रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है।
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डायबिटीज में मटर के फायदे: फायबर से भरपूर (Rich in fiber)
फायबर से भरपूर होने की वजह से डायबिटीज में मटर (Peas in diabetes) को आहार में शामिल करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। यूएसडीए डेटा के अनुसार 100 ग्राम हरी मटर में 14 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, जिसमें 5 ग्राम फायबर होता है। मधुमेह रोगियों के लिए फायबर शायद सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यह न्यूट्रिएंट ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह शरीर में धीरे-धीरे डायजेस्ट होता है, शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करता है और किसी भी स्पाइक को रोकता है।
डायबिटीज में मटर (Peas in diabetes) के अलावा इन सब्जियों को भी करें डायट में शमिल
डायबिटीज में मटर के अलावा लौकी, फूलगोभी, पालक, शकरकंद, कॉर्न, हरी बीन्स, ब्रोकली, सरसों का साग, गाजर जैसी सब्जियों का सेवन भी किया जा सकता है। डायटीशियन की सलाह से इन्हें आहार में शामिल करें। डायबिटीज में मटर (Peas in diabetes) और दूसरी सब्जियों के फायदों के बाद जान लीजिए कि इस बीमारी में किन चीजों से दूरी रखनी चाहिए।
डायबिटीज में इनसे रहें दूर (Stay away from these food items in diabetes)
- डायबिटीज पेशेंट्स के लिए शुगर स्वीटेंड बेवरेज सबसे खराब ड्रिंक चॉइस है। इनसे दूर रहना ही बेहतर है। इन ड्रिंक्स में फ्रक्टोज भरपूर पाया जाता है जिसका सीधा संबंध इंसुलिन रेजिस्टेंस से और डायबिटीज से है।
- ट्रांस फैट पीनट बटर, स्प्रेड, बेक्ड गुड्स और फ्रोजन फूड्स आदि में पाए जाते हैं। हालांकि, ट्रांस फैट डायरेक्ट ब्लड शुगर के लेवल को नहीं बढ़ाते हैं, लेकिन ये बढ़े हुए इंफ्लामेशन, इंसुलिन रेजिस्टेंस और बेली फैट के साथ-साथ लो एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल लेवल से संबंधित है।
- वाइट ब्रेड, चावल और पास्ता हाय कार्ब, प्रोसेस्ड फूड्स हैं। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इन खाद्य पदार्थों के सेवन से ब्लड शुगर के लेवल में बढ़ोत्तरी देखी गई है। इन फूड प्रोडक्ट्स के सेवन से बचें।
- पैक्ड फूड्स स्नैक के अच्छे ऑप्शन नहीं हैं। आम तौर ये रिफाइंड आटे से बने होते हैं। इनमें फास्ट-डायजेस्टिंग कार्ब्स होते हैं जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकते हैं।
- हालांकि फ्रूट जूस को अक्सर एक हेल्दी बेवरेज माना जाता है, ब्लड शुगर पर इसका प्रभाव सोडा और अन्य शुगरी ड्रिंक्स के बराबर ही होता है। फलों का रस फ्रक्टोज से भरा होता है। यह ओबेसिटी और हार्ट डिजीज का कारण बनता है।
- डायबिटीज वाले लोग अक्सर वाइट टेबल शुगर का सेवन कम करने की कोशिश करते हैं। हालांकि, शुगर के दूसरे फॉर्म्स भी ब्लड शुगर के स्पाइक्स का कारण बन सकते हैं। इनमें ब्राउन शुगर और “नैचुरल” शुगर जैसे शहद और मेपल सिरप शामिल हैं।
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डायबिटीज में मटर: अन्य टिप्स
डायबिटीज में मटर (Peas in diabetes) का लाभ लेने के लिए इसे कई तरीकों से डायट में शामिल कर सकते हैं। डायबेटिक्स मटर को अपने सलाद, आमलेट, उपमा और यहां तक कि पास्ता में भी शामिल कर सकते हैं।अधिकांश फल जीआई स्केल पर कम होते हैं, हालांकि खरबूजे और अनानास हाई जीआई फ्रूट्स हैं। इसका मतलब है कि ये ब्लड शुगर को और अधिक बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इनका सेवन कम से कम करें। अपनी डायबिटीज डायट में किसी भी फूड को शामिल करने से पहले अपने डायटीशियन से सलाह लेना न भूलें। यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी एक्सपर्ट या अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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