जब भी बात होती है डायबिटीज की, तो डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए हम लाइफस्टाइल चेंजेस की बात करते हैं। लाइफस्टाइल चेंजेस के अंतर्गत उचित खानपान और आपकी डायट पर कंट्रोल की बात हमेशा एक्सपर्ट द्वारा की जाती है। जहां एक ओर एक्सपर्ट डायबिटीज में फलों के सेवन की सलाह देते हैं, वहीं कुछ फल ऐसे होते हैं, जो डायबिटीज (Diabetes) में आपकी स्थिति को बिगाड़ सकते हैं। आज हम एक ऐसे ही फल की बात करने जा रहे हैं, जो डायबिटीज में आपकी मदद करने की बजाय आपका नुकसान कर सकता है। हम बात कर रहे हैं डायबिटीज में पाइनएप्पल की।
डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple and diabetes) यानी कि अनानास का सेवन आपको फायदा कम और नुकसान ज्यादा दे सकता है। ज़ाहिर है इसका कारण भी होगा। तो चलिए जानते हैं क्यों आपको डायबिटीज में पाइनएप्पल से दूरी बनानी चाहिए। लेकिन उससे पहले यह जान लेते हैं कि डायबिटीज की समस्या आपको कैसे होती है।
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डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होती है ऐसे!
डायबिटीज (Diabetes) की तकलीफ का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। आमतौर पर जब व्यक्ति खाना खाता है, तो शरीर भोजन से मिले शुगर को तोड़कर उसका इस्तेमाल कोशिका में उर्जा बनाने के लिए करता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। इंसुलिन हॉर्मोन शरीर में एनर्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब आप डायबिटीज की गिरफ्त में होते हैं, तो यही पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा नहीं कर पाती। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बढ़ता चला जाता है। जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाता है, तो शरीर के कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ता है और शरीर की कार्यप्रणाली कमजोर होती चली जाती है।
यदि समय पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल ना किया जाए, तो डायबिटीज (Diabetes) अपने साथ-साथ कई अन्य जटिलताओं को भी साथ ले आता है। आपके साथ ऐसी स्थिति ना हो, इसलिए जरूरत है आपको डायबिटीज के लक्षण पहचानने की। आइए जानते हैं डायबिटीज के लक्षणों के बारे में।
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पहचानें डायबिटीज के लक्षणों को! (Symptoms of Diabetes)
यह तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज के दो प्रमुख प्रकार होते हैं, टाइप वन डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes)। टाइप वन डायबिटीज में पैंक्रियाज (Pancreas) इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जिसकी वजह से बीमार व्यक्ति को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। वहीं टाइप टू डायबिटीज में पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने की रफ्तार कम हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। लेकिन जब आपको डायबिटीज की समस्या रहती है, तब आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
- बार-बार प्यास लगना जिसे पॉलीडिप्सिया (Polydipsia) कहते हैं
- ज्यादा पेशाब होना, इस स्तिथि को पॉल्यूरिया कहते हैं
- बिना किसी कारण के वजन घटना
- जल्दी थकावट महसूस होना
ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:
- मतली और उलटी (Nausea and vomiting)
- धुंधला दिखाई देना
- महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण।
- मुंह सूखना
- जख्म या कट्स भरने में ज्यादा समय लगना
- त्वचा में खुजली होना, खासतौर पर कमर और जेनिटल एरिया के आस-पास।
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जब आपको यह लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप डॉक्टर से संपर्क करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी माना जाता है। जैसा कि आपने जाना डायबिटीज की समस्या आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है, इसलिए डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple and diabetes) का सेवन आपको सोच समझकर और डॉक्टर की सलाह के बाद करना चाहिए। आइए जानते हैं डायबिटीज में पाइनएप्पल क्यों नहीं खाना चाहिए।
डायबिटीज में पाइनएप्पल : क्यों ज़रूरी है परहेज? (Pineapple and diabetes)
डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में आपको उन खाद्य पदार्थों का चयन करना पड़ता है, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक ना बढ़े। इसका मतलब है कि डायबिटीज में पाइनएप्पल खाना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple) के सेवन से आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है, इसलिए डायबिटीज में पाइनएप्पल का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के करना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार व्यक्ति को हमेशा फ्रेश फूड और फलों का सेवन करना चाहिए, लेकिन जब बात आती है ऐसे फलों की जो आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा देते हैं, तो ऐसे फलों के सेवन से पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेकर इसकी सीमित मात्रा तय कर लेनी चाहिए। इस स्थिति में डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple and diabetes) खाया जा सकता है।
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डायबिटीज में पाइनएप्पल : सेवन से पहले रखें इन बातों का ख्याल
डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple) जैसे खाद्य पदार्थ 3 तरीकों से खा सकते हैं –
- कार्ब काउंटिंग करके (Carb counting)
- प्लेट मेथड अपनाकर (Plate method)
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स को जांच कर (Glycemic index)
आइए जानते हैं इन तीन तरीकों से डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple and diabetes) का सेवन किस तरह किया जा सकता है।
डायबिटीज में पाइनएप्पल की कार्ब काउंटिंग (Pineapple and diabetes)
जैसा कि आप जानते हैं कार्बोहाइड्रेट आपका ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) अचानक बढ़ा सकता है। इसलिए डायबिटीज (Diabetes) में कार्ब काउंटिंग टेक्निक (Carb counting) आपके बेहद काम आ सकती है। आपको रोजाना कार्ब के इनटेक का ध्यान रखना पड़ता है, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहे। जब बात आती है कार्ब काउंटिंग की, तो आमतौर पर 45 से 60 ग्राम कार्ब एक मील में लिया जा सकती है, लेकिन यह अमाउंट व्यक्ति दर व्यक्ति बदल सकता है। इसलिए आपको कार्ब को पचाने के लिए एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है। इसलिए जब आप हाय कार्ब इनग्रेडिएंट, जैसे कि पाइनएप्पल का सेवन करते हैं, तो आपको इसे अन्य कार्ब युक्त चीजों के साथ जैसे कि ब्रेड और आलू (Bread and potatoes) के साथ नहीं खाना चाहिए। वहीं आप डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple and diabetes) अलग-अलग तरह से खा सकते हैं। यदि आप पाइनएप्पल की एक पतली स्लाइस खाते हैं, तो इसमें आपको 7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मिलता है। वहीं यदि आप एक मोटी स्लाइस खाते हैं तो 11 ग्राम कार्ब आपके शरीर में जाता है। वहीं यदि आप आधा कप पाइनएप्पल (Pineapple) का सेवन करते हैं, तो 15 ग्राम कार्ब आपके शरीर में पहुंच जाता है। इसलिए आपको रोजाना के कार्ब इंटेक पर ध्यान रखते हुए डायबिटीज में पाइनएप्पल का सेवन करना चाहिए।
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डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple) का सेवन प्लेट मेथड से
कुछ लोग प्लेट मेथड (Plate method) का इस्तेमाल करके अपने डायट को बैलेंस करने की कोशिश करते हैं। यदि आप 9 इंच की प्लेट का इस्तेमाल खाने के लिए करते हैं, तो आपको नॉन स्टार्च वेजिटेबल (Non starch vegetable), लीन प्रोटीन और अनाज के साथ-साथ फलों का हिस्सा भी इस प्लेट में रखना चाहिए। आप 1 मीडियम स्लाइज़ पाइनएप्पल (Pineapple) का सेवन प्लेट मेथड के अनुसार कर सकते हैं।
डायबिटीज में पाइनएप्पल का सेवन ग्लाइसेमिक इंडेक्स की जांच करके
जैसे आप डायबिटीज (Diabetes) में कार्ब के इंटेक का ध्यान रखते हैं, उसी तरह खाद्य पदार्थों के ग्लाइसेमिक इंडेक्स का भी ध्यान रखें। इससे आप डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रख सकते हैं। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 50 से नीचे माना जाता है। 40 या 50 के नीचे मौजूद ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) वाले फल डायबिटीज में फायदा कर सकते हैं, लेकिन यदि डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple and diabetes) की बात करें, तो पाइनएप्पल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 51 से 73 के बीच आता है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को अचानक बढ़ा सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद बिल्कुल सीमित मात्रा में इसका सेवन कभी-कभी किया जाना चाहिए। वहीं पाइनएप्पल को अलग-अलग तरह से खाने पर इसका सीधा असर आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है। आइए जानते हैं कैसे!
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डायबिटीज में पाइनएप्पल : खाने के तरीके का भी रखें ध्यान!
यदि आप डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple and diabetes) का सेवन करते हैं, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होता है। लेकिन यदि आप शुगर कोटेड और कैन्ड पाइनएप्पल खाते हैं, तो इसमें शुगर कंटेंट ज्यादा होने के कारण यह आपका ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) तेजी से बढ़ा सकता है। साथ ही यदि आप एक ग्लास पाइनएप्पल का जूस लेते हैं, तो आपका ब्लड शुगर लेवल आसानी से बढ़ सकता है। जो आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए डायबिटीज में पाइनएप्पल का जूस पीना खतरे से खाली नहीं होगा। हालांकि पाइनएप्पल (Pineapple) में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन ए (Vitamin A) , फॉलेट और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपके शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद एक सीमित मात्रा में कभी-कभी डायबिटीज में पाइनएप्पल का सेवन किया जा सकता है।
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यदि आप डायबिटीज (Diabetes) में एक हेल्दी और बैलेंस डायट अपनाना चाहते हैं, तो आपको सभी फलों का सेवन करना चाहिए। लेकिन जो फल आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं, उनकी मात्रा सीमित रखकर और कभी-कभी उनका सेवन करके आप डायबिटीज में डायट (Diabetes diet) से संबंधित बातों का ध्यान रख सकते हैं। इसलिए डायबिटीज में पाइनएप्पल (Pineapple and diabetes) का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए, जिससे आपको पाइनएप्पल (Pineapple) का स्वाद और इसके पोषक तत्व प्राप्त हो, लेकिन आपका ब्लड शुगर लेवल ना बढ़े।
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