आपको यह तो पता ही होगा कि डायबिटीज यानी मधुमेह शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है। उन्हीं में से एक है हमारी स्किन। स्किन संबंधी समस्याएं सामान्य है, लेकिन जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें यह बीमारियां अधिक जल्दी होती है। इनमें बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection), फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) आदि शामिल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज स्किन की समस्याओं को बदतर बना सकती है? आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं टाइप 2 डायबिटीज और स्किन (Type 2 Diabetes and Skin) के बारे में। आइए जानते हैं सबसे पहले क्या है टाइप 2 डायबिटीज और इसके कारण कौन सी स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
पाएं जानकारी टाइप 2 डायबिटीज और स्किन सम्बंधी तकलीफों के बारे में (Type 2 Diabetes and Skin issues)
U.S. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (U.S. National Library of Medicine) के अनुसार त्वचा टाइप 1 डायबिटीज से रोगियों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज के रोगों में त्वचा संबंधी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। त्वचा के रोग डायबिटीज का पहला संकेत भी हो सकते हैं। यानी, जब डायबिटीज के कारण हमारी स्किन प्रभावित होती है, तो यह सबसे पहला इस बात का संकेत होता है कि हमारे शरीर में ब्लड शुगर बढ़ गया है। लेकिन अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है तो आपको खास ध्यान रखना चाहिए। टाइप 2 डायबिटीज क्रॉनिक मेटाबोलिक कंडीशन (Chronic Metabolic Conditions) है, जो हमारा शरीर कैसे ग्लूकोज का प्रयोग करता है, इसे प्रभावित करती है।
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यह समस्या तब होती है जब हमारा शरीर इंसुलिन का सही से प्रयोग नहीं कर पाता या पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है। ऐसी स्थिति में अगर आप अपने स्किन में कोई भी बदलाव या संकेत देखें तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। अधिकतर डायबिटीज से संबंधित स्किन कॉम्प्लीकेशन्स हानिरहित होती हैं। लेकिन, इनके कारण कई दर्दभरे लक्षण नजर आ सकते हैं, जिनमें मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। जानिए कौन सी सामान्य स्किन कंडीशंस हैं जो टाइप 2 डायबिटीज से जुड़ी हुई हैं।
टाइप 2 डायबिटीज और स्किन संबंधी समस्याओं के कारण (Causes of Type 2 Diabetes and Skin Conditions)
टाइप 2 डायबिटीज के कारण होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण है शरीर में ब्लड ग्लूकोज या ग्लूकोज लेवल का बढ़ना। डायबिटीज शरीर की उन छोटी ब्लड वेसल्स को भी प्रभावित करती है, जो त्वचा को रक्त की आपूर्ति करती हैं। डायबिटीज के कारण ब्लड वेसल्स में परिवर्तन भी गंभीर त्वचा की स्थिति पैदा कर सकता है। यही नहीं, डायबिटीज के कारण, वो ब्लड वेसल्स जो त्वचा को खून की सप्लाई करते हैं वो ऑक्सीजन की कमी की वजह से तंग हो जाते हैं। इसके कारण भी कई त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं। ब्लड सर्कुलेशन के कम होने से त्वचा के कोलेजन लेवल में बदलाव आता है। इस बदलाव के कारण त्वचा के टेक्सचर और दिखावट भी बदल सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज और स्किन संबंधी रोगों के क्या हैं लक्षण? (Symptoms of Type 2 Diabetes and Skin Conditions)
ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज से पीड़ित अधिकतर मरीज त्वचा संबंधी समस्याओं का अनुभव करते हैं। ऐसे में टाइप 2 डायबिटीज में यह खतरा और भी बढ़ जाता है। टाइप 2 डायबिटीज और स्किन (Type 2 Diabetes and Skin) संबंधी समस्याओं के लक्षण हो सकते हैं:
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- त्वचा में बदलाव (Changes in Skin)
- इंसुलिन इंजेक्शन की जगह के आसपास घाव या परेशानी (Injuries or Irritation to the Skin surrounding Insulin Injection Sites)
- घाव या चोट को ठीक होने में समय लगना (Cuts or Wounds that are Slow to Heal)
- घाव या चोट में इंफेक्शन (Cuts or Wounds that Appear Infected)
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टाइप 2 डायबिटीज के कारण होने वाली स्किन कंडीशंस कौन सी हैं? (Type 2 Diabetes and Skin conditions)
टाइप 2 डायबिटीज और स्किन (Type 2 Diabetes and Skin) कंडिशंस दोनों रोगी के लिए असहज स्थितियां हो सकती हैं। इन स्थितियों में सबसे प्रभावी उपचार का विकल्प है, ब्लड शुगर को मैनेज करना। हालांकि गंभीर मामलों में डॉक्टर ओरल स्टेरॉइड्स, मेडिकेटेड क्रीम और अन्य उपचार की सलाह भी दे सकते हैं। जानिए, टाइप 2 डायबिटीज और स्किन (Type 2 Diabetes and Skin) कंडिशंस के कारणों के बारे में विस्तार से:
स्किन इंफेक्शन (Skin Infections)
टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति अन्य लोगों की तुलना में अधिक और गंभीर बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन को अनुभव करते हैं। यही नहीं, उन्हें अधिक गंभीर एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकते हैं, यह इंफेक्शंस इस प्रकार हैं:
बैक्टीरियल इंफेक्शंस (Bacterial Infections)
टाइप 2 डायबिटीज और स्किन (Type 2 Diabetes and Skin) कंडीशंस में पहली है। यह इंफेक्शन देखने में पस से भरा हुआ हो सकता है और इसमें जलन, दर्द और लालिमा होती है। यह इंफेक्शन स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया (Staphylococcus Bacteria) के कारण होता है। एंटीबायोटिक्स और प्रभावी ब्लड शुगर मैनेजमेंट से इस बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) को जीवन के लिए खतरा बनने से रोका जा सकता है। कुछ दिनों के बाद यह बैक्टीरियल फोड़ों में से पस निकलने लगती है और यह ठीक होने लगते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो डॉक्टर भी इस पस को निकाल सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में यह कुछ बैक्टीरियल इंफेक्शंस सामान्य हैं:
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- फोड़े (Boils), जो गले में खराश के रूप में शुरू होते हैं और फिर 1 इंच तक सूजन वाले नोड्यूल बन जाते हैं
- फुंसी (Styes), जो आईलिड ग्रंथि का संक्रमण है।
- नाखून में संक्रमण (Nail Infections)
- बालों के रोम का संक्रमण (infection of the Hair Follicles)
- कार्बकलस (Carbuncles)
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फंगल इंफेक्शंस (Fungal Infections)
यह इंफेक्शन आमतौर पर पपड़ीदार त्वचा और कभी-कभी छोटे फफोले द्वारा लाल रैशेज का कारण बनता है। कवक को विकसित होने के लिए नमी की जरूरत होती है, इसलिए यह इंफेक्शन गर्म और नमी वाली जगह पर अधिक होता है। इसके सामान्य प्रकार इस तरह से हैं।
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- यीस्ट इंफेक्शन जैसे थ्रश (Yeast Infections, such as Thrush)
- एथलिट’स फुट (Athlete’s Foot)
- बार-बार होने वाले फफोले (Recurring Blisters)
- रिंगवर्म (Ringworm)
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डायबिटिक डर्मोपैथी (Diabetic Dermopathy)
इस स्थिति में त्वचा पर सर्कुलर, लाल या हल्के भूरे रंग के पैच ,होते हैं, जो आमतौर पर काल्फ यानी हमारे पैरों का घुटनों से पंजों के बीच का भाग या शरीर के अन्य हड्डियों वाले हिस्सों पर दिखाई देते हैं। ऐसा माना जाता है कि टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित 33 प्रतिशत और टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित 39 प्रतिशत लोगों को डायबिटिक डर्मोपैथी (Diabetic Dermopathy) होने की संभावना होती है। यह स्थिति नर्व और ब्लड वेसल डैमेज के कारण होती है। डायबिटिक डर्मोपैथी (Diabetic Dermopathy) के घाव राउंड और ओवल शेप के होते हैं। हालांकि यह घाव हानिरहित होते हैं और उन्हें किसी उपचार की जरूरत नहीं होती। अपने शरीर के ब्लड ग्लूकोज लेवल को सही रखने पर यह खुद ही ठीक हो जाते हैं।
डायबिटिक अल्सर (Diabetic Ulcers)
टाइप 2 डायबिटीज और त्वचा से संबंधित अगली समस्या है डायबिटिक अल्सर (Diabetic Ulcers)। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को पैरों से संबंधित समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। कभी-कभी, यह मामूली जख्म बड़े घाव बन सकते हैं, जिसे डायबिटिक अल्सर कहा जाता है। ये त्वचा पर कहीं भी हो सकते हैं लेकिन पैरों पर सबसे आम हैं। डायबिटीज ब्लड सर्कुलेशन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। अगर आपके पैरों में कोई चोट लगी है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। हालांकि, बिना किसी उपचार के भी यह अल्सर ठीक हो सकता है। लेकिन अगर यह संक्रमित हो गया है तो टिश्यू के डेड होने का खतरा रहता है।
नेक्रोबायोसिस लिपिडिका डायबिटिकोरम (Necrobiosis Lipoidica Diabeticorum)
नेक्रोबायोसिस लिपिडिका डायबिटिकोरम (Necrobiosis Lipoidica Diabeticorum) एक क्रॉनिक स्थिति है जो टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा पर रैशेस का कारण बनती है। यह घाव आमतौर पर छोटे, उभरे हुए बम्प्स के रूप में शुरू होते हैं और कठोर, पीले से लाल-भूरे रंग रंग से लेकर बड़े घाव तक बन सकते हैं। यह घाव आमतौर पर दर्दभरे होते हैं। इस समस्या में इंफेक्शन होने की संभावना अधिक हो सकती है। इसके लक्षणों को बदतर होने से रोकने के लिए डायबिटीज को कंट्रोल करने जरूरी है। हालांकि, इसके उपचार के लिए टोपिकल और ओरल दवाईयां दी जा सकती है। संक्रमण के जोखिम के कारण व्यक्ति को चोट के कारण त्वचा को और अधिक नुकसान से बचाना चाहिए।
जैंथिलास्मा (Xanthelasma)
जैंथिलास्मा से पीड़ित व्यक्ति की पलकों पर और इसके आसपास पपड़ीदार, पीला वसा जम जाती है। यही नहीं उनके गर्दन, कंधे और अंडरआर्म्स के आसपास भी यह समस्या दिखाई दी जा सकती है। टाइप 2 डायबिटीज और स्किन (Type 2 Diabetes and Skin) संबंधित समस्याओं में जैंथिलास्मा (Xanthelasma) भी हाय ब्लड अगर और शरीर में वसा के लेवल के बढ़ाने पर हो सकती है, हालांकि यह समस्या अन्य कारकों से भी हो सकती हैं। कुछ मामलों में यह समस्या जेनेटिक भी होती है। इस परेशानी से कोई स्वास्थ्य जटिलता नहीं होती। लेकिन, यह रोग व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। इसके उपचार के लिए लिपिड कम करने वाली दवाईयां प्रयोग की जा सकती हैं। कुछ रोगियों में एस्थेटिक उपचार जैसे लेजर थेरेपी (Laser Therapy) या केमिकल पील (Chemical Peel) का उपयोग भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज और स्किन संबंधी समस्याओं के लक्षण का कैसे होता है निदान और उपचार? (Treatment of Type 2 Diabetes and Skin Conditions)
अगर टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं तो स्किन संबंधी समस्याओं का निदान डॉक्टर इन समस्याओं को देख के कर सकते हैं। हालांकि, डायबिटीज का इलाज संभव नहीं है लेकिन कुछ उपचार के विकल्पों जैसे ओवर-द-काउंटर या डॉक्टर की सलाह के अनुसार दी दवाईयों, इंसुलिन और जीवनशैली में बदलाव से भी आप स्थिति को मैनेज कर सकते हैं। इनके उपचार इस तरह से किए जा सकते हैं।
ओवर-द-काउंटर रेमेडीज (Over the Counter Remedies)
कुछ टाइप 2 डायबिटीज से जुड़े स्किन डिसऑर्डर्स का उपचार ओवर-द-काउंटर रेमेडीज से किया जा सकता है, जैसे:
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- एंटीफंगल जैसे क्लोट्रिमजोल (Antifungals, such as Clotrimazole)
- टोपिकल स्टेरॉयड मेडिकेशन्स (Topical Steroid Medications)
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डॉक्टर की सलाह के अनुसार दी जाने वाली दवाईयां (Prescription Medications)
कुछ स्किन कंडीशंस गंभीर होती हैं और उनके लिए मेडिकल अटेंशन और प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन्स की जरूरत होती है। यह दवाइयां और उपचार इस प्रकार हैं:
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- स्किन इंफेक्शन के लिए एंटीबायोटिक्स (Antibiotics to Treat Skin Infections)
- स्ट्रांगर एंटी फंगल दवाईयां (Stronger Antifungal Medications)
- इंसुलिन थेरेपी (Insulin Therapy)
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अन्य दवाईयां (Alternative Remedies)
कुछ स्थितियों में अन्य दवाइयां भी दी जा सकती हैं जो इस प्रकार हैं:
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- ड्राई स्किन की खुजली दूर करने के लिए लोशन (Lotion Formulated for Dry Skin, which can reduce Itching)
- टोपिक्ली प्रयोग के लिए एलोवेरा (Aloe Vera used topically)
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किसी भी नेचुरल और अन्य दवाइयां या रेमेडीज का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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जीवन में कौन से बदलाव दे सकते हैं राहत?
टाइप 2 डायबिटीज और स्किन (Type 2 Diabetes and Skin) की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी डायबिटीज को मैनेज करने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं।
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- डायबिटीज को मैनेज करने के लिए जरूरी है सही आहार खाना। इसलिए अपने आहार में फल, सब्जियों और साबुत अनाज को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही अपने आहार के बारे में डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।
- रोजाना व्यायाम करें। शारीरिक रूप से एक्टिव रहने से आप अपने ब्लड ग्लूकोज (Blood Glucose) को नियंत्रित कर सकते हैं।
- नियमित रूप से अपनी डायबिटीज को जांचते रहे।
- तनाव से बचें और अपने वजन को नियंत्रित रखें। इसलिए आप योगा या मैडिटेशन करें। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह लें।
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लाइफस्टाइल में बदलाव से आप टाइप 2 डायबिटीज रिलेटेड स्किन प्रॉब्लम्स (Skin Problems) को भी दूर कर सकते हैं, जानिए क्या कर सकते हैं स्किन प्रॉब्लम्स को दूर:
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- रूखी त्वचा से बचें (Prevent Dry Skin)
- ड्राई स्किन को स्क्रैच करने से बचें (Avoid Scratching Dry Skin)
- किसी भी कट का तुरंत उपचार कराएं (Treatment of Cuts Immediately)
- हॉट बाथ और शावर से बचे (Avoid Hot Baths or Showers)
- अपने पैरों को नियमित रूप से जांचें, ताकि अगर आपको कोई समस्या हो तो आपको पता चल सके (Check your Feet regularly for any Problem)
- लगातार त्वचा की समस्याओं के बारे में त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करना (Talk to Skin Experts for More Details )
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यह तो थी टाइप 2 डायबिटीज और स्किन (Type 2 Diabetes and Skin) के बारे में जानकारी। अगर आपको डायबिटीज है तो हो सकता है कि आप इस बीमारी के कारण होने वाली त्वचा से संबंधित समस्याओं के बारे में ना जानते हों। सबसे सामान्य डायबिटीज स्किन समस्याओं के लक्षण हैं त्वचा के रूखे होने पर खुजली होना, पुअर सर्कुलेशन, त्वचा पर स्केली पैचेज और त्वचा पर ऐसे घाव होना जो ठीक न हों। अगर आपको कोई भी ऐसा लक्षण नजर आता है तो डॉक्टर की सलाह लें और डायबिटीज को नियंत्रित रखना भी बेहद जरूरी है।
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