योग मुद्रा और आसन करके हम तनाव से राहत पा सकते हैं। इसके लिए हमें कोई बड़ा काम या फिर हार्ड वर्कआउट करने की जरूरत नहीं होती है बल्कि सिर्फ फिंगरटिप्स की मदद से हम इसे आसानी से करके तनाव से मुक्त हो सकते हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra) की। बता दें कि मुद्रा संस्कृत शब्द है, जिसे अंग्रेजी में जेस्चर भी कहा जाता है। इस आर्टिकल में जानें अपान वायु मुद्रा के बारे में जानने के साथ इसे कैसे करें और इसके फायदों के साथ इस मुद्रा के नुकसान के बारे में जानते हैं।
क्या है अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra)?
अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra) आसन हस्त मुद्रा के अंर्तगत आने वाला आसन है, जिसमें हाथों की पोजिशन को नियम के अनुसार पालन कर हम विभिन्न प्रकार की समस्याओं से निपट सकते हैं। वहीं शरीर में ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। हजारों साल से भारत में मुद्राओं को कर लोग उसके जरिए फिट रह रहे हैं। अपान वायु मुद्रा के साथ करीब सौ से भी अधिक मुद्राएं हैं जिन्हें कर हम शारिरिक स्वास्थ्य लाभ हासिल कर सकते हैं। वहीं तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसे हालात से निपट सकते हैं। तो आइए
अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra) से तनाव होगा कम
यदि आप तनाव, चिंता महसूस कर रहे हैं तो हाथों के जरिए इस मुद्रा को कर आप रिलीफ पा सकते हैं। इसके लिए बेहतर यही है कि आप आसन मुद्रा में बैठ प्रैक्टिस करें। करीब 5 से 15 मिनटों तक अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra) आसन को प्रैक्टिस करने से आप निश्चित तौर पर रिलीफ पाएंगे। हस्त मुद्रा को शरीर से आत्मा का मिलन भी कहा जाता है। वहीं इस दौरान नियमित तौर पर सांस लेने व छोड़ने की प्रकिया को अपनाकर हम शांति पाने के साथ तनाव से मुक्ति पा सकते हैं।
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अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra) कैसे करें?
अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra) आसन को करने के लिए आप हाथ की उंगलियों में इंडेक्स फिंगर को नीचे की ओर बंद करते हुए अंगूठे के छोर में ले जाएं। फिर दूसरे स्टेप के तहत सेकेंड व थर्ड फिंगर को अंगूठे के इनर टिप को छूएं। ऐसा कर श्वास लें, श्वास लेने के लिए धीरे धीरे श्वास को लें और छोड़ें। ऐसा करने से आपको निश्चित तौर पर फायदा होगा।
अपान मुद्रा (Apaan mudra) को मृष्टासंजीवनी मुद्रा भी कहा जाता है। यह काफी पावरफुल मुद्रा होती है। कई एक्सपर्ट का मानना है कि इस मुद्रा में इतनी ताकत होती है कि सालों पहले वैध इसका इस्तेमाल हार्ट अटैक से बचाने के लिए किया जाता था।
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स्टेपवाइज जानें कैसे अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra)?
निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करते हुए करें अपान वायु मुद्रा। जैसे:
- सबसे पहले आप अपनी जरूरत के हिसाब से आसन ग्रहण कर लें, वहीं हाथों को ऊपर की ओर कर घुटनों पर रख दें
- आप चाहें तो मेडिटेशन पॉश्चर जैसे पद्मासन, सिंहासन, स्वास्तिकासन, वज्रासन जैसे आसन मुद्रा में बैठकर इसको कर सकते हैं।
- फिर अपनी आंखों को बंद कर कुछ गहरी सांसे लें, जितना आप रोक सकें रोकें फिर नाक से छोड़ दें, इस प्रक्रिया को आसन करने के दौरान दोहराते रहें।
- फिर अपने इंडेक्स फिंगर को बेंड कर अंगूठे के छोर पर लगाएं और मीडिल और रिंग फिंगर पहले टिप पर लगाकर प्रेस करें।
- वहीं इस मुद्रा को करने के दौरान कोशिश करें कि लिटिल फिंगर जितनी अधिक फैला सकते हैं फैलाएं।
- इस पोज को रोजाना कम से कम 15 मिनटों तक करें।
- अगर आप अपान वायु मुद्रा को योग मैट पर बैठकर किसी कारण नहीं कर पा रहें हैं, तो आप इस योगासन को कुर्सी पर भी बैठकर कर सकते हैं।
- अपान वायु मुद्रा की शुरुआत पांच मिनट से लेकर पंद्रह मिनट तक करें और धीरे-धीरे इसे 40 से 45 मिनट भी कर सकते हैं।
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यह जरूरी नहीं है कि (Apaan mudra) को आप खाली पेट ही करें, आप चाहे तो इसे खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं। अपान वायु मुद्रा और हृदय मुद्रा को आप चाहें तो खड़े होकर-बैठकर या फिर लेटकर भी कर सकते हैं।
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अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra) और इसके फायदे क्या हैं?
दिल को होता है फायदा
अपान मुद्रा (Apaan mudra) को नियमित तौर पर किया जाए तो इससे काफी फायदा होता है, हमारे ओवरहेल्थ के विकास के साथ इम्यून सिस्टम भी बेहतर होता है। वहीं हमारा शरीर रोगों से आसानी से लड़ पाता है।अपान वायु मुद्रा का हमारे दिल पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से हमारा दिल अच्छे से काम करता है वहीं लोगों को हार्ट अटैक होने की संभावनाएं भी कम होती है। इसे सिर्फ दो से तीन सेकेंड करने भर से ही इसका फायदा मिलना शुरू हो जाता है। लेकिन जरूरी है कि आप इसे सबसे पहले योग प्रशिक्षक की निगरानी में सीखें, फिर करें।
ब्लड प्रेशर और सर्कुलेशन में लाभकारी
अपान वायु मुद्रा को करने से दोनों ही हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को आराम मिलता है।शरीर में वायु की अधिकता के कारण हार्ट के ब्लड वैसल्स ड्राई हो जाते हैं, कई मामलों में देखा गया है कि उनमें सिकुड़न आ जाती है। लेकिन श्वास को लेने व छोड़ने की क्रिया को कर हार्ट ट्यूब में सिकुड़न को ठीक किया जा सकता है, वहीं हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक किया जा सकता है। अपान वायु मुद्रा से वात, पित और कल्प जैसी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। वहीं शरीर की डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी परेशानी को भी ठीक किया जा सकता है।
नर्वस सिस्टम व गैस की समस्या में लाभकारी
नियमित तौर पर अपान वायु मुद्रा को करने से नर्वस सिस्टम को सुचारू रूप से काम करने में मदद की जा सकती है। गाउट संबंधी परेशानियों से भी आराम मिलता है। वहीं शरीर में एब्नॉर्मल एयर, गैस, स्टमक पेन, एनल डिजीज, एसिडिटी सहित हार्ट बर्न और गैस संबंधी परेशानियों से निजात मिलती है।
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जानें अपान वायु मुद्रा (Apaan vayu mudra) को करने से क्या हो सकते हैं नुकसान?
वैसे तो सभी प्रकार के मुद्रा हमारी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी ही होते हैं। वहीं उनका कोई खास साइड इफेक्ट नहीं होता है। इस मुद्रा को करने के दौरान ध्यान देना चाहिए कि उंगलियों में किसी प्रकार का प्रेशर नहीं लगाना चाहिए, इसे आराम से करना चाहिए। कुल मिलाकर कहा जाए तो आप बिना किसी चिंता के इस मुद्रा को कर सकते हैं।
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एक्सपर्ट की सलाह है जरूरी
वैसे तो अपान वायु मुद्रा के कई फायदें हैं वहीं इसे बच्चों से लेकर बड़े कर सकते हैं, लेकिन बेहतर यही होगा कि इसे करने के दौरान आप किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें। इसके लिए आप चाहें तो योग प्रशिक्षक या फिर योगा ट्रेनर से ट्रेनिंग ले सकते हैं। उसी के अनुसार यानि एक्सपर्ट के बताए टिप्स के अनुसार इसे परफॉर्म कर इसके फायदों को हासिल कर सकते हैं।
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