- यह मुद्रा आपके ध्यान और मन की शक्ति को बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है। अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है और आपका मन किसी कार्य में नहीं लगता है, तो इस मुद्रा को नियमित करें। इससे जल्द लाभ होगा।
- प्राण मुद्रा से पेट में जलन की समस्या से भी राहत मिलती है। इस मुद्रा में किए जाने वाले आसन आपके शरीर की सभी नसों से जुड़े होते हैं। तो पेट की समस्या वाले लोगों को प्राण मुद्रा नियमित रूप से करने से बहुत फायदा मिल सकता है।
- प्राण मुद्रा से कब्ज और एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है।
- यदि आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है, आप बहुत जल्दी घबरा जाते हैं। तो प्राण मुद्रा आपकी घबराहट को कम करता है, जिससे आत्मविश्वास में सुधार होता है।
- इस मुद्रा से नसों में रक्त प्रवाह बेहतर बना रहता है। रक्त प्रवाह बेहतर होने से शरीर स्वस्थ्य रहता है।
- यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने की शक्ति भी रखता है। ध्यान दें की अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो इसका अर्थ है की आपकी इम्यून पावर कमजोर है। इसलिए हेल्दी डायट के साथ-साथ प्राण मुद्रा का सहारा लेना आपको किसी भी बीमारियों से बचा कर रख सकता है।
- यह मुद्रा आंखों के लिए बहुत लाभदायक होता है। यदि आपकी आंखों में जलन हो रही है। तो यह आंखों की जलन को कम करने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।
और पढ़ें : नॉर्मल डिलिवरी में मदद कर सकते हैं ये 4 आसान प्रेग्नेंसी योगा
- प्राण मुद्रा आंखों से संबंधित बीमारी मोतियाबिंद और ड्राई आई का उपचार करने में मदद कर सकती है।
- इस मुद्रा से पृथ्वी, जल, और अग्नि ये तत्व जुड़े होते हैं, इसलिए यह रक्त में मौजूद समस्याओं और अशुद्धियों को दूर करने में मदद करती है, जिससे रक्त में वृद्धि होती है।
- इस बीमारी से पैरों और मांसपेशियों में किसी भी तरह का ऐंठन ठीक हो जाता है।
- आंखों से जुड़ी समस्याओं के लिए प्राण योग मुद्रा बेहद उपयोगी है। कम दृष्टि वाले लोगों को हमेशा 15 से 30 मिनट के लिए हर मुद्रा में प्राण मुद्रा करनी चाहिए।
- प्राण आसन आंखों से संबंधित किसी भी तरह की समस्या के लिए बेहद मददगार है। यह आंखों की शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है,जिन लोगों को आंखों की समस्या के कारण चश्मा लगा होता है, इसको नियमित रूप से करने पर इस समस्या से निजात मिल सकता है।
- यह मुद्रा त्वचा संबंधी रोगों को भी ठीक करने में भी माहिर होती है। यदि आपकी त्वचा में किसी प्रकार के त्वचा पर चकत्ते, पित्ती आदि है तो इस मुद्रा से यह रोग ठीक होते है।
- प्राण मुद्रा करने से मूत्र मार्ग में जलन होने की समस्या से भी आराम मिल सकता है। मूत्र मार्ग में जलन की समस्या वाले लोगों को प्राण मुद्रा नियमित रूप से करने से बहुत फायदा मिल सकता है।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी योग, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
- कुछ लोगों के शरीर से बहुत दुर्गंधयुक्त पसीना निकलता है। जिससे उनको बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है। लेकिन प्राण मुद्रा करने से उन लोगों को इस समस्या से बहुत राहत महसूस हो सकता है।
- प्राण मुद्रा उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए भी यह एक बेहतर आसन माना जाता है।
- यदि आपको छोटी छोटी बात पर बहुत अधिक क्रोध आता है साथ ही चिड़चिड़ापन महसूस होता है तो इस मुद्रा को करने से आपको इन समस्याओं से भी राहत मिल जाती है।
- प्राण मुद्रा थायराइड के रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता है। इसको नियमित रूप से करने से आपका थॉयराइड कंट्रोल रहता है।
- प्राण मुद्रा को नियमित रूप से करने से जोड़ों में अस्थिरता बनी रहती है।
- यदि आपको किसी प्रकार से भूलने की बीमारी है तो, प्राण मुद्रा का प्रतिदिन अभ्यास करने से आपकी भूलने की आदत में बदलाव आ सकता है।
- बहुत से लोगों को अनिद्रा की समस्या होती है। ऐसे में यदि आपको भी नींद न आने की दिक्कत है, तो आपके लिए प्राण मुद्रा बहुत फायदेमंद हो सकता है। अनिद्रा की समस्या वाले लोगों को प्राण मुद्रा नियमित रूप से करनी चाहिए। कुछ ही दिनों में आपको बदलाव महसूस होने लगेगा।
- जो लोग पीलिया से ग्रसित है, वो प्राण आसन करके इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- आपने अपने आस-पास ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा, जिनको समय से पहले बुढ़ापा आ जाता है। तो आपको बता दें, कि प्राण मुद्रा करने से आप लंबे समय तक खुद को यंग रख सकते हैं। यह आपको बहुत जल्दी बुढ़ापे के करीब जाने से रोकता है।
और पढ़ें :रोज करेंगे योग तो दूर होंगे ये रोग, जानिए किस बीमारी के लिए कौन-सा योगासन है बेस्ट
प्राण मुद्रा करते समय किस तरह की सावधानियां बरतें?
प्राण मुद्रा के दौरान निम्नलिखित सावधानियां बरतें। जैसे:
- जिन लोगों को सर्दी या जुकाम हुआ है,उन लोगों को प्राण मुद्रा करने से बचना चाहिए।
- यदि आपको पीठ की समस्या है, तो इस मुद्रा को न करें।
- प्राण मुद्रा करते समय सावधान रहें। इसे करने से पहले अच्छी तरह से सीख लें।
- अपनी उंगलियों को बहुत तेजी से न दबाएं, बहुत आराम से प्रेस करें।
- पद्मासन मुद्रा में प्राण मुद्रा करने से अधिकतम लाभ मिल सकते हैं।
- किसी भी समय यह आसन को करने के बजाये एक समय निर्धारित कर लें और उसी वक्त पर रोजाना करें।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी योग विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस मुद्रा का अभ्यास करनी चाहिए।
प्राण मुद्रा रोजाना 15 से 20 मिनट दो बार करें या एक ही बार 30 से 40 मिनट तक किया जा सकता है। शुरुआती दिनों में दस मिनट से शुरुआत कर धीरे-धीरे टाइम पीरियड को बढ़ाया जा सकता है। प्राण मुद्रा की सबसे खास बात और अच्छी बात यह है की इसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। गर्भवती महिला भी प्राण मुद्रा नियमित रूप से कर सकती हैं। अगर आप किसी डिजीज से भी पीड़ित हैं, तो भी प्राण मुद्रा कर सकते हैं। इससे शारीरिक नुकसान नहीं होगा।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आप प्राण मुद्रा से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। इसके साथ ही किसी भी योग, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपने दिनचर्या में योग शामिल करें। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और जानें योग करने का तरीका।