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कार्डियो योगा: कार्डियो वर्कआउट और योगा के इस कॉब्निनेशन के फायदे नहीं जानना चाहेंगे आप

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Nikhil deore


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    कार्डियो योगा: कार्डियो वर्कआउट और योगा के इस कॉब्निनेशन के फायदे नहीं जानना चाहेंगे आप

    पिछले कुछ सालों में योगा को एक बेहतरीन वर्कआउट के रूप में नयी पहचान मिली है। फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए यह एक बेहतरीन उपाय है। शरीर के साथ-साथ दिमाग के लिए भी योगा बेहद लाभदायक है। वहीं, दूसरी तरफ कार्डियो भी एक प्रचलित वर्कआउट है। आजकल इन दोनों को कम्बाइन करके किया जाने वाला वर्कआउट पॉपुलर हो रहा है, जिसे कार्डियो योगा (Cardio yoga) कहा जाता है। वजन कम करने और फिट रहने के लिए इस वर्कआउट को भी फायदेमंद माना जाता है। आज हम आपको वॉकआउट के इसी प्रकार के बारे में जानकारी देने वाले हैं। जानिए कार्डियो योगा (Cardio yoga) क्या है और क्या हैं इसके फायदे?

    कार्डियो योगा क्या है? (Cardio yoga)

    नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंटरी और इंटीग्रेटिव हेल्थ (National center for complementary and  integrative health) के अनुसार योगा एक पुरानी और काम्प्लेक्स प्रैक्टिस है, जिसमें पोज, ब्रीदिंग टेक्निक्स और मेडिटेशन प्रैक्टिसेज पर फोकस किया जाता है। ताकि, कॉन्शियसनेस को बढ़ाया जा सके और तनाव से छुटकारा मिले। यह प्रैक्टिस दिनों-दिन लोकप्रिय होती जा रही है। इससे न केवल तनाव से छुटकारा मिलता है बल्कि मेंटल और इमोशनल हेल्थ भी सुधरती है। यही नहीं, इसे करने से पीठ या गले में दर्द से भी आराम मिलता है। योगा के कई प्रकार हैं, जिनमें से हठ योगा सबसे सामान्य है। हालांकि, हर योगासन योगा मूवमेंट, फिजिकल पॉश्चर आदि में अलग होता है, ऐसे ट्रेडिशनल योगा को आम तौर पर कार्डियो या एरोबिक व्यायाम के रूप में नहीं माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें डायनामिक मूवमेंट की जगह ब्रीदिंग टेक्निक, बॉडी फ्लो और पॉश्चर आदि पर फोकस किया जाता है।

    जिससे इंटेंसिटी बढ़ती है हार्ट रेट में भी बढ़ोतरी होती है। इसके विपरीत, कार्डियो योगा (Cardio yoga) वर्कआउट में तेज गति, लगातार फ्लो और लगातार योगा इंस्पायर्ड मूवमेंट्स किये जाते हैं ताकि अधिक मसल्स को एंगेज किया जा सके। संक्षिप्त में कहा जाए तो कार्डियो योगा (Cardio yoga) व्यायाम का एक लोकप्रिय स्टाइल है, जिसमें योगा को कार्डियोवैस्कुलर या कार्डियो व्यायाम के साथ कम्बाइन किया जाता है। यह प्रॅक्टिव उन लोगों में बेहद लोकप्रिय होती जा रही है जो योगा के रिलैक्सेशन बेनिफिट्स को एन्जॉय करते हैं लेकिन साथ ही जिन्हें अधिक इंटेंसिटी की भी जरूरत होती है। अब जानिए क्या हैं कार्डियो योगा (Cardio yoga के फायदे?

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    कार्डियो योगा के फायदे (Benefits of Cardio yoga)

    व्यायाम का यह प्रकार उन लोगों में बहुत अधिक लोकप्रिय है, जो योगा की पावर को समझते हैं और फिटनेस को लेकर जागरूक हैं। कार्डियो योगा एंड्यूरेंस और इनर सेल्फ को सुधाने में बेहद लाभदायक है। यही नहीं, इसके अन्य कई लाभ भी हैं। जैसे यह वर्कआउट स्ट्रेस को कम करने, स्लीपिंग सायकल को सुधारने, मेंटल और इमोशनल हेल्थ को बढ़ाने के बेहतर तरीका है। इसके साथ ही इससे पीठ और गर्दन में दर्द से भी छुटकारा मिलता है। जानिए इनके फायदों के बारे में विस्तार से:

    वजन हो कम (Reduce weight)

    कार्डियो योगा (Cardio yoga) करने से आप प्रभावी रूप से वजन कम कर सकते हैं। योगा के इस इंटेंसिव प्रकार से आप आसानी से कैलोरीज बर्न कर सकते हैं और वजन कम हो सकता है। लेकिन, इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि सिर्फ व्यायाम से ही वजन कम नहीं हो सकता है। इसके साथ ही आपका कैलोरीज का कम सेवन करना भी जरुरी है।

    स्ट्रेस को दूर करे (Stress relief)

    योगा में डीप ब्रीदिंग और मैडिटेशन का सहारा लिया जाता है, जिससे स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद मिलती है। ऐसे में कार्डियो योगा (Cardio yoga) करने से आपको स्ट्रेस फ्री जीवन जीने में मदद मिलती है। रोजाना कार्डियो योगा करने से आपका दिमाग भी शांत होता है और आप चिंताओं से भी छुटकारा पाने में सक्षम रहते हैं। ऐसे कई कार्डियो योगा (Cardio yoga) व्यायाम हैं, जो स्ट्रेस से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकते हैं। यह वर्कआउट करने से आपके शरीर के कार्यों को करने में भी आसानी होती है।

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    स्ट्रेंथ को सुधारे (Improves strength)

    एक बैलेंस्ड पोज में अपने शरीर को होल्ड करने से बहुत स्ट्रेंथ की जरूरत होते हैं। इसके साथ अन्य कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइजेज को करने से भी आपकी स्ट्रेंथ बढ़ती है। इसके साथ ही नियमित रूप से इसे करने से आपकी बाजू, पीठ, टांग और कोर मजबूत होते हैं। आप कोर स्ट्रेंथ को सुधारने के लिए रोजाना कई कार्डियो योगासन कर सकते हैं। इसके अलावा भी इसके कई लाभ हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह लेना अवश्य है। यही नहीं, किसी भी व्यायाम या योगासन की शुरुआत से पहले प्रशिक्षित ट्रेनर का मार्गदर्शन के बिना नहीं करनी चाहिए। अब जानें कि कार्डियो योगा (Cardio yoga) को कैसे किया जाता है?

    कार्डियो योग कैसे करें?

    योगा में अधिकतर मैडिटेशन और ब्रीदिंग टेक्निक्स पर फोकस किया जाता है। जबकि कार्डियो में इंटेंस मूवमेंट के साथ अधिक पसीना निकालना शामिल है। इसलिए, कार्डियो योगा वर्कआउट में अधिक पेस और लगातार फ्लो में योगासन को करने की जरूरत होती है। ताकि मसल्स की स्ट्रेंथ या कार्डियोवैस्कुलर से सुधार हो सके। हालांकि कार्डियो योगा (Cardio yoga) को पारिभाषित करने के लिए कोई खास टर्म नहीं है। क्योंकि इसमें एक्सपर्ट अपने तरीके से मूवमेंट सीक्वेंसेस को मिक्स और मैच करते हैं। आप बॉडी मूविंग और हार्ट रेट एलिवेट करने के लिए इसमें कई योगा मूवमेंट जैसे उत्तानासन (Uttanasana), समस्थिति (Samasthiti) आदि के साथ तीस सेकंड कार्डियो एक्टिविटीज जैसे जंपिंग जैक्स (Jumping jacks), एयर स्क्वाट्स (Air squats) आदि को शामिल कर सकते हैं।

    यह तो थे कार्डियो योगा के फायदे और यह जानकारी कि इन्हें आप कैसे कर सकते हैं? बेसिकली यह ट्रेडिशनल योगा का इंटेंस वर्जन है। जिसे आमतौर पर कार्डियो नहीं माना जाता है। कार्डियो योगा (Cardio yoga) को मॉडरेट पेस से वाकिंग करने से बेहतर माना जाता है लेकिन रनिंग से अधिक बेहतर नहीं माना जाता। अब जानिए कार्डियो योगा (Cardio yoga) के उदाहरण के बारे में।

    कार्डियो योगा

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    कार्डियो योगा के उदाहरण (Cardio yoga)

    जैसा की पहले ही बताया गया है कि कार्डियो योगा (Cardio yoga) की कोई परिभाषा नहीं है। इसमें एक्सपर्ट या इंस्ट्रक्टर्स अपने पसंदीदा मूवमेंट्स और मूवमेंट सीक्वेंसेस को मिक्स कर सकते हैं। हालांकि, योगा करना आमतौर पर सुरक्षित होता है और इसे करते हुए कुछ चीजों का खास ध्यान रखना पड़ता है। कुछ मॉडरेट इंटेंसिटी कार्डियो योगा वर्कआउट्स आपके सभी मेजर मसल ग्रुप्स जैसे बाजू, छाती, पीठ और टांगों के लिए लाभदायक है। जानिए इसके उदाहरणों के बारे में:

    सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar)

    सूर्य नमस्कार को योगासनों में से सबसे श्रेष्ट माना जाता है। क्योंकि, इससे पूरे शरीर का सही से व्यायाम हो जाता है। यह योगासन न केवल शरीर बल्कि दिमाग के लिए भी बेहद लाभदायक है। कार्डियों योगा (Cardio yoga) में इसे शामिल किया जाता है क्योंकि इसमें बेहद इंटेंसिटी की जरूरत होती है। इसके बारह चरण होते हैं जिन्हें इस क्रम में किया जाता है:

    समस्थिति (Samasthiti)

    इस योगासन को शुरू करने के लिए पहले चरण को समस्थिति कहा जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले किसी साफ जगह पर योगा मैट बिछा लें और उस पर सीधे इस तरह से खड़े हो जाएं कि आपके पैर एक दूसरे से जुड़े हों और आपका वजन दोनों पैरों पर हों। इसमें आपके कंधे सीधे होने चाहिए और अपने दोनों हाथों को नमस्कार की स्थिति में जुड़े हुए होने चाहिए।

    हस्ता उत्तानासन (Hasta Uttanasana)

    इसके दूसरे चरण को हस्ता उत्तानासन (Hasta Uttanasana) का नाम दिया गया है। कार्डियो योगा (Cardio yoga) में इस वर्कआउट को करने के लिए एक गहरी सांस लें और अपनी बाजुओं को नमस्कार की स्थिति में ही सिर के ऊपर से ले जाते हुए पीछे की तरफ ले जाएं। इस दौरान आपका सिर भी पीछे की तरफ होना चाहिए और आपको अपने हाथों की तरफ देखना है।

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    हस्ता पदासना ( Hasta Padasana )

    सूर्य नमस्कार का तीसरा चरण है हस्ता पदासना ( Hasta Padasana )। इसमें आप अपनी सांस को बाहर छोड़ें और अपने पैरों को सीधा करें। कूल्हों से आगे की ओर झुकाएं और हाथों को नीचे लाएं। अपनी गर्दन को आराम दें। अपने घुटनों को सीधा रखते हुए अपने पैरों को छूने की कोशिश करें।

    अश्व संचलनसाना (Ashwa Sanchalanasana)

    अब कार्डियों योगा (Cardio yoga) में सूर्य नमस्कार का अलग चरण है अश्व संचलनसाना (Ashwa Sanchalanasana)। इसमें आप अपनी सांस अंदर लें और अपने दाहिने पैर को पीछे की तरफ ले जाएं। इस दौरान आप अपनी अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और आगे की तरफ देखें। इस पोजीशन में आपके दाहिनें पैर का घुटना जमीन से टच होना चाहिए। अब बाएं  पैर के घुटने को मोड़ दें और हथेलियों को जमीन से टच करें। अपने सिर को ऊपर की तरफ ले जा कर आसमान की तरफ देखें।

    चतुरंगा दण्डासना (Chaturanga Dandasana)

    इसके अगले चरण चतुरंगा दण्डासना (Chaturanga Dandasana) में सांस को अंदर लें और अपने बाएं पैर (जिसे आपने मोड़ा था) को सीधा कर लें। अपनी हथेलियों को जमीन के साथ टच करें और अपने शरीर को जमीन के पैरेलल बिलकुल सीधा रखें। इस दौरान आपका पूरा शरीर एक ही सीधी लाइन में होना चाहिए। अब सांस लें और शरीर को बैलेंस करें।

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    अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskar)

    अब अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskar) को करते हुए अपनी सांस को बाहर छोड़ें और अपने घुटनों को मोड़ते हुए जमीन से टच करें। अब अपने चेहरे को जमीन की तरफ ले जाते हुए अपनी ठोड़ी को जमीन से छुएं और अपने हिप्स को थोड़ा जमीन से ऊपर उठा लें। आपके दोनों पैर, घुटने, ठोड़ी और छाती इस दौरान जमीन को छूने चाहिए। जबकि आपके हिप्स ऊपर होने चाहिए। जितनी देर हो सके इस पोजीशन में रहें।

    भुजंगासना (Bhujangasana)

    इसके बाद बारी आती है भुजंगासना (Bhujangasana) की। जिसे करने के लिए अष्टांग नमस्कार की पोजीशन से अपने शरीर को धीरे से आगे की तरफ स्लाइड करें और अपने पेट और टांगों को आराम से जमीन से टच करें। इस दौरान आपकी हथेलियां छाती के पास होनी चाहिए। अब सांस अंदर लेते हुए आपके हाथों पर प्रेशर अप्लाई करें और अपनी अपर बॉडी को ऊपर की तरफ उठाएं। कार्डियो योगा (Cardio yoga) की इस पोजीशन में आपका पेल्विक रीजन जमीन के साथ टच करना चाहिए और पैर जुड़े हुए होने चाहिए। अब सीधा आगे की तरफ देखें। इस आसान को भुजंगासन कहा जाता है क्योंकि इसमें व्यक्ति की पोजीशन कोबरा की तरह लगती है।

    अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)

    अगले चरण को अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana) कहा जाता है। जिसमें आपको सांस को बाहर छोड़ना होता है और हिप्स को ऊपर की तरफ ले जाना होगा। इस दौरान आपकी बाजुएं और टांगे बिलकुल सीधी होनी चाहिए। ताकि, आपके शरीर वी शेप बनाए। इस आसन को करते हुए आपको अपनी नाभि की तरफ देखना है।

    अश्व संचलनसाना (Ashwa Sanchalanasana)

    इसके बाद आपको अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana) से वापस अश्व संचलनसाना (Ashwa Sanchalanasana) की स्थिति में आना है। इसके लिए आपको अपने दाएं पैर को आगे ले आना है। इस दौरान आपका बायां पैर पूरी तरह से पीछे की तरफ स्ट्रेच्ड होना चाहिए। इस स्थिति में आपको ऊपर की तरफ देखना।

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    हस्त पदासना

    इस पोजीशन में आने के लिए आपको अपने बाएं पैर को अपने दाएं पैर के पास लाना होता है और अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को पूरी तरह से नीचे झुकाना होता है। इस दौरान धीरे-धीरे सांस छोड़ें और टांगों को सीधा रखते हुए जमीन को चुनें की कोशिश करें।

    हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana)

    हस्त उत्तानासन के लिए हस्त पदासना की पोजीशन से बाहर निकलते हुए अपनी अपर बॉडी को ऊपर की तरफ लिफ्ट करें और अपनी हथेलियों को आपस में नमस्कार की मुद्रा में जोड़ लें। अब अपनी हथेलियों को सिर के ऊपर से पीछे की तरफ ले जानें। आप भी पीछे की तरफ झुकें और इस दौरान अपनी हथेलियों को देखते रहें।

    समस्थिति

    कार्डियो योगा (Cardio yoga) में सूर्य नमस्कार के आखिरी चरण को समस्थिति के नाम से जाना जाता है। यह वही पोजीशन है जिससे हमने शुरुआत की थी। यानी, सांस को बाहर छोड़ते हुए सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को नमस्कार की मुद्रा में जोड़ लें। इन बारह चरणों को तेज गति में आपको करना है और कम से कम बीस मिनटों तक इसे करना है। इस बीच आपको कोई आराम नहीं करना है ताकि आपकी हार्ट रेट बढ़ी रहे। आप इन मूवमेंट्स के बीच में तीस सेकंड की एक्टिविटीज़ जैसे जंपिंग जैक, एयर स्क्वाट्स आदि को भी कर सकते हैं ताकि आपका शरीर मूव रहता रहे और हार्ट रेट बढ़ी रहे।

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    यह तो थी कार्डियो योगा (Cardio yoga) के बारे में जानकारी। यह तो आप जान ही गए होंगे कि कार्डियो योगा (Cardio yoga) ट्रेडिशनल योगा का इंटेंस वर्जन है। दिन में दस से बीस मिनट कार्डियो योगा को करने से आप कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं जैसे वजन कम करना, मसल्स को मजबूत बनाना, दिमागी रूप से स्वस्थ रहना आदि। इस प्रभावी वर्कआउट को करने के लिए आपको किसी भी तरह के इक्विपमेंट की जरूरत नहीं होती है। लेकिन, किसी भी तरह के वर्कआउट को करने से पहले किसी एक्सपर्ट और डॉक्टर की सलाह अवश्य लें खासतौर पर अगर आपको कोई मेडिकल प्रॉब्लम हो या आप कोई दवा ले रहे हों।

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