राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की सन् 2017 की रिपोर्ट के अनुसार 21 लाख भारतीय एचआईवी संक्रमित हैं। दुनिया भर की बात की जाए तो भारत एचआईवी संक्रमित लोगों में तीसरा स्थान रखता है। यदि पिछले दस सालों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो एचआईवी संक्रमण को समाप्त करने के लिए सरकार ने काफी ठोस कदम उठाए हैं और यह कदम कारगर साबित हुए हैं। सरकार के कदमों के साथ ही आम लोगों का भी यह कर्तव्य बनता है कि वह एचआईवी की रोकथाम के प्रति जागरुक रहे। इसके लिए जरूरी है एचआईवी क्या है और एचआईवी के लक्षण क्या हैं और एचआईवी से बचाव का रास्ता क्या है? इन सभी की जानकारी प्राप्त की जाए।
पहले यह समझ लें कि एड्स(AIDs) और एचआईवी (HIV) में क्या अंतर होता है?
एचआईवी (HIV) यानी ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस। यह कोई बीमारी नहीं होती। यह एक प्रकार का वायरस होता है जो शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता चला जाता है। इम्युन सिस्टम के कमजोर होने पर शरीर किसी भी प्रकार की बीमारी और संक्रमण को रोक पाने में नाकामयाब साबित होता है। एचआईवी वायरस टी सेल्स को नष्ट कर देता है। यह सेल्स ही इम्यून सिस्टम बनाए रखते हैं इन्हें सीडी4+ सेल्स भी कहा जाता है। यदि समय रहते एचआईवी वायरस का उपचार न किया जाए तो शरीर में इंफेक्शन बढ़ने लगता है। यह इंफेक्शन ही एड्स को जन्म देता है। एड्स (AIDS) का अर्थ है एक्वायर्ड इम्यूनो-डिफिशिएंसी सिंड्रोम। यह एक विकार है। एचआईवी या एड्स के लिए अभी तक कोई पूर्ण इलाज नहीं है लेकिन एचआईवी में दवा आदि लेकर एक व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। यह भी जरूरी नहीं है कि जिसे एचआईवी है उसे एड्स होगा। यदि एचआईवी का उपचार किया जाए तो एड्स की स्टेज ना पहुंचे ऐसा भी हो सकता है।
एचआईवी के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of HIV?)
एचआईवी संक्रमण वाले लोग संक्रमण के शुरुआती और देर के चरणों में विभिन्न लक्षणों का अनुभव करते हैं। अधिकतर लक्षण महिलाओं और पुरुषों में समान होते हैं लेकिन कुछ विशिष्ट लक्षण महिलाओं में अलग से देखे जा सकते हैं।
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महिलाओं और पुरुषों में एक समान देखे जाने वाले एचआईवी के लक्षण
एक्यूट एचआईवी संक्रमण (Acute HIV Infection)
यह एचआईवी संक्रमण के दो या चार सप्ताह का चरण होता है। एक्यूट एचआईवी संक्रमण को एक्यूट रेट्रोवायरल सिंड्रोम (Acute Retroviral Syndrome (ARS)) भी कहा जाता है। इसमें बुखार होना, जुकाम होना, बदन दर्द होना, चक्कर आना, ग्लैंड्स में सूजन होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार कई मामलों में यह भी संभव है कि कोई भी लक्षण ना नजर आएं।
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क्रॉनिक एचआईवी (Chronic HIV)
- एक्यूट के बाद क्रॉनिक एचआईवी स्टेज आती है।
- कुछ सप्ताह के बाद कई लोगों में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जो कुछ समय बाद समाप्त भी हो सकते हैं। एचआईवी के लक्षण में बुखार, सिर दर्द, थकान आदि हो सकते हैं। एचआईवी से संक्रमित कई लोगों में एचआईवी के लक्षण बिल्कुल भी ना दिखाई दें ऐसा भी हो सकता है।
- एचआईवी के संक्रमण के बाद भी लोग स्वस्थ महसूस करते हैं। वह भले ही स्वस्थ महसूस कर रहे हों लेकिन एचआईवी उनके शरीर को प्रभावित कर रहा होता है। एचआईवी बड़ी संख्या में सीडी4+ कोशिकाओं को संक्रमित करता है। यह पूरे शरीर में तेजी से फैल जाता है। इस शुरुआती अवधि में असुरक्षित यौन संबंध या अन्य स्थितियों में अन्य व्यक्तियों को भी संक्रमण होने का खतरा रहता है। चूंकि एचआईवी बड़ी मात्रा में जननांग के तरल पदार्थ और रक्त में मौजूद होता है।
- एचआईवी संक्रमण कई चिकित्सा स्थितियों से जुड़ा होता है जिसमें हृदय रोग, किडनी की बीमारी, लिवर की बीमारी, कैंसर आदि शामिल हैं। सही समय पर उपचार नहीं करने पर भयानक स्थिति पैदा हो सकती है। कई लोगों में दस वर्ष तक भी एचआईवी के लक्षण नजर नहीं आते। इसलिए भी यह गंभीर समस्या बन सकती है और अन्य लोगों को भी संक्रमित हो सकती है।
अंतिम चरण में एचआईवी के लक्षण (Symptoms of HIV in final stages)
एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। एड्स में किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है। ऐसे में किसी भी संक्रमण या कैंसर से लड़ने में शरीर कमजोर हो जाता है। इस अंतिम चरण में एचआईवी के लक्षण जैसे तेजी से वजन घटना, गंभीर संक्रमण, निमोनिया, बुखार, लिम्फ ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर धब्बे, लंबे समय तक दस्त होना, मुंह, गुदा या जननांगों में छाले, याद्दाश्त में कमी, डिप्रेशन और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार हो सकते हैं।
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महिलाओं में दिखने वाले विशिष्ट एचआईवी के लक्षण
वजानयल यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal yeast infection)
अन्य महिलाओं के मुकाबले एचआईवी संक्रमित महिलाओं में वजायनल यीस्ट इंफेक्शन को ठीक करना मुश्किल होता है। एचआईवी के साथ महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन या तो ठीक ही नहीं होता या बार-बार होता रहता है।
पेल्विक इंफ्लेमेंटरी डिजिज(Pelvic Inflammatory Disease)
पेल्विक इंफ्लेमेंटरी डिजिज एचआईवी के लक्षण में गिना जा सकता है। महिला प्रजनन अंगों का यह संक्रमण एचआईवी संक्रमण वाली महिलाओं में अधिक लगातार और गंभीर हो सकता है।
ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण (Human Papillomavirus (HPV) Infections)
एचपीवी जननांग मस्सा का कारण बनता है और इनमें से कुछ कैंसर को जन्म दे सकते हैं। विशेष रूप से गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर यानी कैंसर ऑफ सर्विक्स। एचपीवी संक्रमण एचआईवी से प्रभावित नहीं होने वाली महिलाओं की तुलना में एचआईवी संक्रमित महिलाओं दिखाई देता है।
बच्चों में एचआईवी के लक्षण (Symptoms of hiv in children)
- एचआईवी संक्रमण की पहचान करना छोटे बच्चों में मुश्किल होती है। कई बच्चों में एचआईवी के लक्षण बिल्कुल भी नहीं दिखाई देते हैं। वहीं कई बच्चों में बहुत सारे एचआईवी के लक्षण एक साथ दिखाई देते हैं।
- एचआईवी संक्रमण की वजह से कई बच्चों में वजन नहीं बढ़ता है उनका विकास भी अन्य बच्चों की तुलना में कम ही होता है। यदि ठीक समय पर एचआईवी का पता ना चले और इसका उपचार ना किया जाए तो बच्चे के मानसिक व शारीरिक विकास में बाधा आती है। ऐसे बच्चे जल्दी बोलना, चलना नहीं सीख पाते हैं। बीमार के बढ़ने के साथ ही खराब स्कूल प्रदर्शन, दौरे और एचआईवी मस्तिष्क एन्सेफैलोपैथी(HIV brain encephalopathy) की समस्या पैदा हो सकती है।
- सामान्य बचपन के संक्रमण एचआईवी वाले बच्चों पर ज्यादा असर डालते हैं। इन संक्रमणों से दौरे, बुखार, निमोनिया, जुकाम, डायरिया आदि की समस्याएं हो सकती हैं। इसका सीधा सा कारण यह है कि एचआईवी इम्युन सिस्टम को नष्ट कर रहा होता है। एचआईवी संक्रमण बच्चों के जीवन के लिए घातक हो सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को न्यूमोसिस्टिस निमोनिया (Pneumocystis pneumonia (PCP)पीसीपी) भी प्रभावित करता है। यह एक गंभीर प्रकार का न्यूमोनिया होता है।
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एचआईवी से बचाव के उपाय क्या हैं? (What are the HIV prevention measures?)
कॉन्डम का इस्तेमाल करें
जब भी सेक्स करें, एक नए कॉन्डम का उपयोग करना न भूलें। इसके साथ ही कॉन्डम का उपयोग कैसे करना है? और फीमेल और मेल कॉन्डम दोनों का इस्तेमाल करने का सही तरीका ही अपनाएं। यही एचआईवी से बचाव का सबसे जरूरी कदम है।
कम लोगों को बनाएं सेक्स पार्टनर
अपने सेक्स पार्टनर को कम से कम संख्या में रखें। जितना कम लोगों के साथ सेक्स करेंगे, एचआईवी से बचाव बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस बात का ख्याल रखें कि अंजान लोगों के साथ शारीरिक संबंध न बनाएं। यदि ऐसी परिस्थिति आए तो कॉन्डम का उपयोग करें।
प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) का उपयोग
प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) का अर्थ है एचआईवी से बचाव के लिए पहले से ली जाने वाली दवा। प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस एचआईवी नेगेटिव व्यक्ति की मदद एचआईवी के संक्रमण से प्रभावित होने में करता है। प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस एचआईवी से बचाव में 99 प्रतिशत मददगार साबित हो सकता है। यदि आप एचआईवी पॉजिटिव पार्टनर के साथ संबंध में हैं तो प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(PrEP) का उपयोग कर एचआईवी से बचाव कर सकते हैं। यदि आप एचआईवी पॉजिटिव हैं तो अपने और अपने पार्टनर के स्वास्थ्य के लिए दवा लेना ना भूलें। इसके साथ ही यदि आप समलैंगिक या बायसेक्शुअल पुरुष व विषमलैंगिक पुरुष हैं तो आपके लिए PrEP का उपयोग जरूरी हो जाता है। ऐसे पुरुष या महिला जो गुदा सेक्स करते हैं या सेक्स के दौरान कॉन्डम नापसंद करते हैं और कई समय से एसटीडी की समस्या से पीड़ित हों उनको एचआईवी होने का जोखिम ज्यादा हो जाता है।
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पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(पीईपी) Post-exposure prophylaxis (PEP)
पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(पीईपी) का उपयोग एचआईवी के संपर्क में आने के बाद ली जाने वाली दवा लेना होता है। यदि आप एचआईवी नेगेटिव व्यक्ति हैं लेकिन आपको आशंका है कि आप एचआईवी के संपर्क में आए हैं और आपको एचआईवी हो सकता है तो पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) आपके लिए उपयोगी हो सकता है। कॉन्डम के फटने, जबरन यौन संबंध बनाने आदि के कारण एचआईवी के संपर्क में आने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। याद रखें कि यदि आपको आशंका है कि आप एचआईवी के संपर्क में आए हैं तो 72 घंटों के भीतर पीईपी कारगर साबित हो सकता है।
एचआईवी के लक्षण कुछ शुरुआत में सामने आते हैं और कुछ काफी समय बीत जाने के बाद। यदि आपको कोई भी शंका हो कि आपको एचआईवी हो सकता है तो तुरंत एचआईवी का टेस्ट करना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और एचआईवी के लक्षण से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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