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सीने में दर्द, पैरों में सूजन और थकावट कहीं आपको दिल से बीमार न बना दे!

सीने में दर्द, पैरों में सूजन और थकावट कहीं आपको दिल से बीमार न बना दे!

दिल का हाल सुने दिलवाला! ये गाना तो आपने सुना ही होगा? आज जब हम दिल की ही बातें आपसे करने आए हैं, तो ऐसा कौन सा विषय है, जिससे शुरुआत करनी चाहिए? हम बताएं? दिल की सेहत! क्योंकि अगर आपका दिल हेल्दी है, तो आपकी लाइफ में परेशानियों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। अब जब बात छिड़ ही गई है दिल की, तो आपको ये बताने से हम पीछे नहीं हटेंगे कि दिल की तकलीफ या दिल के रोग कभी अकेले नहीं आते। ये अपने साथ लाते हैं बीमारियों पूरी की पूरी पलटन को, जो आपकी एक-एक सांस पर भारी पड़ने के लिए काफी होती है। आज हम कुछ ऐसी ही तकलीफों के बारे में बातें करने जा रहे हैं, जो हमारे दिल पर बुरी नजर लगाए बैठी रहती हैं।

अगर दिल की बात करें, तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में में हर साल 17.9 मिलियन लोगों की जान कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज की वजह से जा रही है। दरअसल ये आंकड़ें आपको डराने के लिए नहीं है और न ही इसका ये अर्थ है कि आप दिल की बीमारी को हरा नहीं सकते। हार्ट डिजीज (Heart disease) को रिवर्स करके इससे छुटकारा पाया जा सकता है। अब आप सोच रहें होंगे कि हार्ट डिजीज को रिवर्स करने के सीक्रेट क्या हैं? इसका जवाब बेहद आसान है, जिससे आप हेल्दी हार्ट की मंजिल तक पहुंच सकते हैं। लेकिन सबसे पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि हार्ट डिजीज की तकलीफ क्यों होती है?

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

हार्ट डिजीज- दिल है कोई शीशा तो नहीं…

बात प्यार की हो या इमोशन की सबसे पहले टूटता दिल ही है, लेकिन खुद को तो संभालना पड़ता है। अब हार्ट डिजीज ने अगर आपसे दो-दो हाथ करने की तैयारी कर ली है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो नहीं करना, हेल्दी डायट ना लेना या फिजिकली खुद को एक्टिव नहीं रखना, ये सभी आपको हार्ट डिजीज (Heart disease) की तकलीफ की और ले जाते हैं। और फिर दिल की इन तकलीफों के साथ आती हैं और भी परेशानियां, जैसे सीने में दर्द, पैरों में सूजन और थकावट । फिर ये सभी आपस में दोस्त बन जाते हैं और ठान लेते हैं आपसे दुश्मनी। लेकिन इन तकलीफों में आपके लिए आयुर्वेद बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर से कम नहीं है, क्योंकि कहते हैं ना एक दोस्त ही मुसीबत में काम आता है। यहां आयुर्वेद भी अच्छे दोस्त की तरह आपका साथ निभाता है हार्ट डिजीज को रिवर्स करने में आपकी मदद करता है। अब ये समझना बेहद जरूरी है कि हार्ट डिजीज के साथ कौन-कौन से हेल्थ इशू हैं, जो आपके शरीर में दस्तक देते हैं।

अगर आप नोटिस करें, तो हृदय रोग अपने साथ लाता है सीने में दर्द, पैरों में सूजन और थकावट की तकलीफ। लेकिन हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार कर इन सभी तकलीफों को दूर किया जा सकता है।

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सीने में दर्द- आपके लिए है बड़ा चैलेंज

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

हार्ट प्रॉब्लम की वजह से ब्लड फ्लो ठीक नहीं होने के कारण सीने में दर्द की तकलीफ शुरू हो जाती है, जिसे मेडिकल टर्म में एनजाइना (Angina) कहा जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हृदय रोग का इलाज ना हो। वो कहते हैं ना ओल्ड इज गोल्ड! तो यहां आयुर्वेद भी गोल्ड यानि सोने से कम नहीं। आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से सीने में दर्द की तकलीफ को दूर किया जा सकता है। अब, जब हम आयुर्वेद से चेस्ट पेन के ट्रीटमेंट की बात कर रहें हैं, तो जान लेते हैं की आखिर क्या कहता है आयुर्वेदिक विज्ञान।

हार्ट डिजीज रिवर्स करना हो या डायबिटीज से पाना हो छुटकारा, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट इन सबके इलाज के लिए वन एंड ओनली ऑप्शन अपनाते हैं हेल्दी फूड का। जी हां, हेल्दी फूड हैबिट से सीने में दर्द की तकलीफ को दूर किया जा सकता है। दरअसल आयुर्वेद के कुछ ऐसे डॉक्टर्स हैं, जो सालों से इस विषय पर कड़ी रिसर्च कर इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि इस तकलीफ को कैसे दूर किया जा सकता है। सिर्फ ऑनलाइन कंसल्टेशन (E-consultation) और एक्सपर्ट द्वारा दिए गए सजेशन को फॉलो कर आप पा सकते हैं चेस्ट पेन से छुटकारा। वैसे ये तकलीफ यहीं खत्म हो जाती तो बेहतर होता, लेकिन बीमारियां तो अपना पांव फैलाए बिना कहां मानती हैं।     

पैरों में सूजन- एक नहीं, कई बीमारियों के लक्षण 

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

पैरों में सूजन किडनी से जुड़ी बीमारी की वजह से हो सकती है, लेकिन इसका एक कारण हार्ट डिजीज भी है। दरअसल ब्लड सर्क्युलेशन ठीक तरह से ना हो पाने के कारण पैरों में सूजन की तकलीफ शुरू हो जाती है, जिस वजह से चलने में तकलीफ होने लगती है। अब जरा सोचिए पैरों में सूजन कहीं आपके वॉकिंग पर ब्रेक न लगा दे? खैर ऐसी तकलीफों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए आयुर्वेद है बेस्ट ऑप्शन।

थकान- जिंदगी में थकना मना है!

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

बड़ी थकान है जिंदगी में … ये लाइंस अक्सर हम अपने आस पास रह रहे लोगों से सुनते रहते हैं। लेकिन अगर आपको थकावट ज्यादा महसूस होती है, तो ये थकान किसी बीमारी की ओर इशारा भी कर सकती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के मुताबिक कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary heart disease) की वजह से ऐसा होता है। ऐसी स्थिति होने पर हार्ट में ब्लड और ऑक्सिजन सप्लाय दोनों कम होने लगती है और थकावट ज्यादा महसूस होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि आप अपने हार्ट को हेल्दी नहीं रख सकते। आपको जरूरत है एक बेहतर आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की, जिनकी मदद से आप अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं और हार्ट की तकलीफ (Heart disease) को रिवर्स भी कर सकते हैं।

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जब खाना ही है, तो ये खाओ! 

ये तो हम सभी जानते हैं दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरता है, तो चलिए जान लेते हैं उन खाने-पीने की चीजों के बारे में, जिससे आप अपने हार्ट को हर्ट होने से बचा सकते हैं। ये ऐसे फूड आयटम्स है, जो हार्ट डिजीज रिवर्स करने के साथ-साथ सीने में दर्द की भी परेशानी दूर कर सकते हैं।

लहसुन (Garlic cloves)- ये हैं फायदे की कलियां

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

लहसुन बेहद गुणकारी माना जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक कच्चा लहसुन खाने से हार्ट डिजीज या सीने में दर्द की तकलीफ को दूर किया जा सकता है। लहसुन खाने से कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) लेवल को बैलेंस किया जा सकता है और बैड कोलेस्ट्रॉल दूर करने में मदद मिलती है। रोजाना कच्चा लहसुन खाने से ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर होता है, जिससे सीने के दर्द से राहत मिलती है।

कैसे करें इस्तेमाल: 2 से 3 कच्चे लहसुन की कलियां या 1 चम्मच लहसुन के रस को पीया जा सकता है।

अदरक (Ginger)– चाय का सच्चा साथी 

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

अदरक अपने घरेलू उपायों के लिए जग जाहिर है। तभी तो सर्दी हो … थकावट हो या खांसी हो, अदरक खाने की सलाह सालों से दी जा रही हैं। वहीं आयुर्वेदिक डॉक्टर दिल को स्वस्थ रखने के लिए अदरक खाने की सलाह देते हैं। अदरक में जिंजरोल केमिकल कंपाउंड होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस रखने में आपकी सहायता करता है। वहीं अदरक में एंटी ऑक्सिडेंट होने की वजह से ब्लड वेसल्स हेल्दी रहती है।

कैसे करें इस्तेमाल: अदरक वाली चाय या अदरक के टुकड़ों को पानी में उबालकर लें और फिर इस हेल्दी ड्रिंक को आराम से पीएं।

हल्दी (Turmeric)– बड़े काम की चुटकीभर हल्दी

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

हल्दी चेहरे की खूबसूरती, खाने का रंग और जायका बढ़ाने के साथ-साथ आपके दिल के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) ब्लड क्लॉट नहीं होने देता और सूजन की तकलीफ भी दूर करने में आपकी हेल्प करता है। चुटकी भर हल्दी के इस्तेमाल से सूजन, सीने में दर्द और थकावट चुटकियों में दूर हो जाती है। 

कैसे करें इस्तेमाल: गुनगुने या गर्म दूध में चुटकी भर हल्दी मिलाएं और डेली पीने की आदत डालें।

तुलसी (Basil leaves)- सौ रोगों की एक दवा 

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

तुलसी में मौजूद विटामिन और मैग्नीशियम हार्ट में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाये रखने में साथ निभाता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट्स तुलसी की पत्तियों को खाने की सलाह देते हैं, जिससे चेस्ट पेन को कम करने में मदद मिलती है।

कैसे करें इस्तेमाल: रोजाना 6 से 8 तुलसी की पत्तियों को खाएं। वहीं अगर आपको शहद पसंद है, तो तुलसी के एक चम्मच जूस में थोड़ी सी शहद मिलाएं और फिर खाएं।

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बादाम (Almonds)- दिल का रखता है ख्याल 

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

हार्ट डिजीज (Heart disease) से बचना चाहते हों या सीने में दर्द, पैरों में सूजन और थकावट की तकलीफ दूर करना चाहते हों। ये इन सभी तकलीफों को दूर कर आपके दिल का ख्याल रखता है। दरअसल इसमें मौजूद पॉली नैचुरल फैटी एसिड और मैग्नीशियम बेहद गुणकारी माना जाता है। 

कैसे करें इस्तेमाल: आप रोजाना 4 से 5 बादाम खा सकते हैं और चेस्ट पेन रहता है, तो आप गुलाब के तेल और बादाम के तेल को मिलाकर सीने पर धीरे-धीरे मसाज कर सकते हैं।

एलोवेरा (Aloe Vera)– दूर रहती है दिल की बीमारी 

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

एलोवेरा जूस के फायदों के बारे में तो हम सभी डिस्कस करते हैं कि इससे स्किन पर ग्लो आ जाता है, बाल घने हो जाते हैं। लेकिन अब अपनी जनरल नॉलेज को थोड़ा और बढ़ा लीजिए, क्योंकि एलोवेरा दिल को भी हेल्दी रखने का काम बड़ी आसानी से करता है। एलोवेरा जूस पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बैलेंस रहता है और सीने में दर्द की तकलीफ भी दूर होती है।

और पढ़ें : एलोवेरा जूस पीने के 12 अनोखे फायदे 

कैसे करें इस्तेमाल: 1/4 कप एलोवेरा जूस रोज पीने की आदत डालें।

अनार (Pomegranate)– एक अनार सौ बीमार 

हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार- Ayurvedic treatment for Heart disease

इस कहावत से तो आप परिचित होंगे एक अनार सौ बीमार… लेकिन रिसर्च के अनुसार अनार खाने से बीमारियों को जड़ से मिटा सकते हैं। दरअसल अनार के एंटी ऑक्सिडेंट और एंटी इफ्लेमेंटरी गुण आर्ट्रीज को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। 

कैसे करें इस्तेमाल: अनार के दाने खाने या जूस रोजाना पीने से लाभ मिलता है।

वैसे अब तो आप समझ ही गए होंगे कि इन खाने-पीने की चीजों से हार्ट डिजीज रिवर्स किया जा सकता है और साथ ही सीने में दर्द, पैरों में सूजन और थकावट की तकलीफ भी दूर होती है। लेकिन इन खाने-पीने की चीजों को दवा के तौर पर खाने से पहले आपको आयुर्वेद के एक्सपर्ट से ऑनलाइन कंसल्टेशन (e-consultation) ले लेना चाहिए, जिससे आप अपनी हेल्थ से जुड़ी सभी बातें एक्सपर्ट के साथ शेयर कर सकें। ऐसा करने से साइड इफेक्ट्स से भी बचा जा सकता है। 

हार्ट डिजीज (Heart disease) से जुड़े कुछ सवालों का जवाब जानने के लिए हैलो स्वास्थ्य की टीम ने प्लानेट आयुर्वेदा के फाउंडर डॉ. विक्रम चौहान से खास बात की, जो कुछ इस तरह हैं!   

सवाल: लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर हार्ट डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है?

जवाब: हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने के लिए लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन बेहद जरूरी है। एक्सरसाइज, फिजिकल एक्टिविटी, प्राणायाम और योग से लाइफस्टाइल को बैलेंस और हेल्दी बनाने में मदद मिलती है। हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने से जठराग्नि (Jatharagni) और धात्वाग्नि (Dhatavgni) दोनों स्वस्थ रहते हैं। यहां अग्नि का अर्थ है स्वस्थ्य शरीर। 

सवाल: हार्ट डिजीज के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक मेडिसिन कौन सी हैं और उन दवाओं को कैसे लेना चाहिए?

जवाब: हार्ट डिजीज की तकलीफ को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं इस प्रकार हैं।

  • टोटल हार्ट सपोर्ट (Total heart Support)- टोटल हार्ट सपोर्ट मेडिसिन ब्रेकफास्ट और डिनर के बाद लेना चाहिए। 
  • अर्जुना कैप (Arjuna cap)- अर्जुना कैप मेडिसिन ब्रेकफास्ट और डिनर के बाद लेना चाहिए। 
  • हृदयार्णव रस (Hridyarnav ras)- हृदयार्णव रस मेडिसिन ब्रेकफास्ट और डिनर के बाद लेना चाहिए।
  • अर्जुन टी (Arjun tea)- एक कप डेली लेना चाहिए। 

सवाल: हार्ट ब्लॉकेज होने पर कौन-कौन से फ्रूट्स खाने चाहिए?

जवाब: हार्ट ब्लॉकेज की तकलीफ होने पर अनार, काले अंगूर और आंवले को अपने डेली डायट में शामिल करना चाहिए।  

सवाल: हार्ट पेशेंट्स को कौन-कौन से फूड अवॉयड करने चाहिए? 

जवाब: हार्ट पेशेंट्स को नीचे बताई गई खाने की चीजों से दूरी बनानी चाहिए। जैसे: 

  • सैचुरेटेड फैट्स (ऑयल)
  • फुल फैट मिल्क
  • चीज 
  • जंक फूड 
  • फ्राइड फूड्स 

डॉ. विक्रम चौहान का ये भी कहना है कि आप अपनी मर्जी से किसी भी डायट या मेडिसिन्स को स्टार्ट न करें। अगर आपको कोई भी तकलीफ नजर आ रही है या आप महसूस कर रहें हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।  

आयुर्वेदिक डॉक्टर से कब मिलना है जरूरी?

कहते हैं हर दर्द का मर्ज डॉक्टर के पास होता है, इसलिए दिल के दर्द को नजरअंदाज न करें और नीचे बताये हेल्थ इशू होने पर आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से मिलें, क्योंकि हृदय रोग का आयुर्वेदिक उपचार और रिवर्सल पॉसिबल जो है!

  1. दिल का नॉर्मल से ज्यादा तेजी से धड़कना।
  2. हमेशा थका-थका महसूस करना।
  3. सांस लेने में परेशानी होना
  4. खांसने या छींकने के दौरान वाइट या पिंक थिक लिक्विड आना।
  5. भूख नहीं लगना

शरीर से जुड़ी इन तकलीफों को टाले नहीं, क्योंकि अभी की छोटी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत को इन्वाइट करने के लिए काफी है। वैसे अब तो आप समझ ही गए होंगे कि ह्रदय रोग (Heart disease) का आयुर्वेदिक उपचार कैसे किया जाता है। लेकिन बातों को समझने के साथ-साथ उन्हें अपने जीवन में अपनाने की भी जरूरत है। इसलिए आप ऑनलाइन कंसल्टेशन (e-consultation) का ऑप्शन भी अपना सकते हैं। एक्सपर्ट आपकी तकलीफों को सुनकर और आपके बॉडी स्ट्रक्चर, एज और हेल्थ कंडिशन को समझ कर बेहतर तरीके से आपको स्वस्थ होने में मदद करते हैं, जिससे आप आसानी से हार्ट डिजीज और उनके साथ आने वाली तकलीफों से भी छुटकारा पा सकते हैं। 

आयुर्वेद में मौजूद इलाज से ऐसा भी पॉसिबल है कि आप शायद ये भूल जाएं कि कभी आप दिल के मरीज भी थे! तो बस अब देर न करें और जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लें और हमेशा के लिए अपनी जिंदगी से इन तकलीफों को दूर करें।  

किसी भी बीमारी से लड़ना आसान होता है अगर आपकी विल पवार स्ट्रॉन्ग हो। नीचे दिए इस वीडियो लिंक में मिलिए मिसेज पुष्पा तिवारी रहेजा से। मिसेज रहेजा ने कभी न ठीक होने वाली बीमारियों की लिस्ट में शामिल डायबिटीज को मात दी है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

03/12/2020

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/12/2020

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